शुगर क्यों बढ़ती है? जानिए शुगर अचानक शुगर बढ़ने का कारण

Medically Reviewed By Dr. Subhanshu Gupta, MBBS, MD, 11 Years of Experience मार्च 11, 2024

मॉडर्न लाइफ में हेल्दी रहने के लिए ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें डायबिटीज है या जिन्हें डायबिटीज़ होने का खतरा है। आज आपको हम ब्लड में शुगर को कंट्रोल रखने के बारे में बताएंगे और साथ ही यह भी जानेंगे की शुगर क्यों बढ़ती है। इस ब्लॉग में हम शुगर बढ़ने के आम कारणों को जानेंगे और उन्हें कम करने के आसान तरीके बताएंगे। खाने में बदलाव करने से लेकर, पानी पीने, तनाव कम करने और दवाइयां सही से खाने तक, हम शुगर को कंट्रोल करने के सभी कारगर तरीकों के बारे में जानेंगे। इन तरीकों को अपनाने से और डॉक्टरों से बातचीत करके, आप खुद अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं और शुगर बढ़ने से होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं।

शुगर बढ़ने के कारण? – Blood Sugar Badhne ke Karan

ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ना “हाइपरग्लाइसीमिया” कहलाता है। शरीर की कोशिकाओं को काम करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, जो ब्लड में मौजूद शुगर (ग्लूकोज) से मिलती है। पैंक्रियास नाम का अंग इंसुलिन नाम का हार्मोन बनाता है, जो शरीर में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखता है। जब ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है, तो ये कई बीमारियों का संकेत हो सकता है।

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आइए जानते हैं ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने के क्या मतलब हो सकते हैं:

  1. प्री-डायबिटीज़: ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड में शुगर का लेवल सामान्य से ज्यादा होता है, लेकिन डायबिटीज़ जितना ज्यादा नहीं होता। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो ये आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ में बदल सकता है।
  2. टाइप 1 डायबिटीज़: इसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पैंक्रियास में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इंसुलिन की कमी के कारण ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
  3. टाइप 2 डायबिटीज़: इसमें शरीर इंसुलिन के असर को कम कर देता है या फिर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। इसकी वजह से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
  4. गर्भावस्था में डायबिटीज़: ये एक ऐसी स्थिति है जो सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान होती है, इसे जेस्टेशनल डायबिटीज भी कहते है। इसमें शरीर गर्भावस्था की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता, जिससे ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
  5. तनाव: तनाव के कारण शरीर में ऐसे हार्मोन निकलते हैं, जो ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ा देते हैं। ये शरीर की तनाव से लड़ने की प्रतिक्रिया का हिस्सा होता है।
  6. बीमारी या इंफेक्शन: बीमार होने या किसी इंफेक्शन के कारण ब्लड में शुगर का लेवल थोड़े समय के लिए बढ़ सकता है। कुछ इंफेक्शन सीधे इंसुलिन उत्पादन या उसके काम को भी प्रभावित कर सकते हैं।
  7. दवाइयां: कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के रूप में ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ सकता है।
  8. खराब खान-पान और जीवनशैली: ज्यादा मीठा, मैदा और अनहेल्दी फैट वाली चीज़ें खाने और कम शारीरिक गतिविधि करने से लंबे समय में ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ सकता है।

ब्लड में लगातार शुगर का लेवल बढ़ा रहना कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे दिल की बीमारी, नसों को नुकसान, किडनी खराब होना, आंखों की समस्याएं आदि। इसलिए, ब्लड में शुगर के लेवल की नियमित जांच कराना और अगर लेवल ज्यादा रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। आमतौर पर, खान-पान और व्यायाम में बदलाव करके और कुछ मामलों में दवाइयों या इंसुलिन से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।

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नॉर्मल शुगर लेवल कितना होता है?

ब्लड शुगर का सामान्य लेवल अलग-अलग स्थितियों के हिसाब से थोड़ा बहुत बदल सकता है। उदाहरण के लिए, खाली पेट (सुबह सो कर उठने के बाद) मापा गया शुगर और खाना खाने के 2 घंटे बाद मापा गया शुगर अलग-अलग होता है। साथ ही, अलग-अलग लोगों की सेहत के आधार पर भी ये लेवल थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है, खासकर शुगर जैसी बीमारी वालों के लिए।

आम तौर पर, स्वस्थ लोगों के लिए ब्लड शुगर का सामान्य लेवल इस प्रकार है:

  • खाली पेट (Fasting Blood Sugar, FBS): ये कम से कम 8 घंटे (आमतौर पर रात भर) सोने के बाद मापा जाता है। स्वस्थ लोगों के लिए इसका सामान्य लेवल 70 mg/dL से 100 mg/dL (5.6 मिलीमोल/लीटर) के बीच होता है।
  • खाना खाने के 2 घंटे बाद (Postprandial Blood Sugar, PPBS): ये खाना खाने के 2 घंटे बाद मापा जाता है। स्वस्थ लोगों के लिए इसका सामान्य लेवल 140 mg/dL से कम होना चाहिए।
  • कभी भी मापा गया शुगर (Random Blood Sugar, RBS): ये दिन में किसी भी समय, चाहे खाना खाने के कितने समय बाद भी मापा जा सकता है। स्वस्थ लोगों के लिए इसका सामान्य लेवल 125 mg/dL से कम होना चाहिए।

हालांकि ये सिर्फ सामान्य दिशा-निर्देश हैं और हर व्यक्ति के लिए थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है। खासकर शुगर वाले लोगों के लिए शुगर का लक्ष्य अलग हो सकता है। उन्हें अपने डॉक्टर के साथ मिलकर अपनी सेहत, उम्र और अन्य कारकों के आधार पर अपना लक्ष्य तय करना चाहिए।

ब्लड में शुगर का लेवल लगातार ज्यादा रहना (hyperglycemia) या बहुत कम हो जाना (हाइपोग्लाइसीमिया) किसी बीमारी का संकेत हो सकता है और इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इसलिए, खासकर शुगर वाले या शुगर का खतरा रखने वाले लोगों के लिए नियमित रूप से ब्लड में शुगर का लेवल जांचना जरूरी है। अगर आपको अपने शुगर लेवल को लेकर कोई चिंता है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं और उनसे सही सलाह लें।

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शुगर क्यों बढ़ती है? – Sugar Kyu Badhti Hai

शरीर में शुगर का लेवल कई कारणों से बढ़ सकता है, खासकर खाने, मेटाबॉलिज्म (पाचन क्रिया) और स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों से। आइए जानते हैं कुछ आम कारण:

  1. खान-पान: मिठाई, मीठे पेय और प्रोसेस्ड फूड जैसी चीज़ें खाने से शुगर का लेवल जल्दी बढ़ सकता है। ये चीजें जल्दी ग्लूकोज में बदल जाती हैं, जिससे शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
  2. इंसुलिन रेसिस्टेंस: इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में शुगर को कंट्रोल करता है। इंसुलिन रेसिस्टेंस में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे शुगर का लेवल बढ़ जाता है। ये मोटापा, कम शारीरिक गतिविधि, जेनेटिक्स और कुछ बीमारियों के कारण हो सकता है।
  3. डायबिटीज़: डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में शुगर का लेवल लगातार ऊंचा रहता है। डायबिटीज़ दो तरह की होती है – टाइप 1 और टाइप 2। टाइप 1 में शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता, जबकि टाइप 2 में या तो शरीर कम इंसुलिन बनाता है या फिर इंसुलिन काम नहीं करता। दोनों ही तरह की डायबिटीज़ में अगर सही से इलाज न लिया जाए तो शुगर का लेवल बढ़ सकता है।
  4. तनाव: तनाव के कारण शरीर में कार्टिसोल और एड्रिनलिन जैसे हार्मोन निकलते हैं, जो शुगर का लेवल बढ़ा देते हैं।
  5. दवाइयां: कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के रूप में शुगर का लेवल बढ़ सकता है। ये दवाइयां या तो इंसुलिन उत्पादन को रोकती हैं या फिर इंसुलिन रेसिस्टेंस पैदा करती हैं।
  6. बीमारी या इंफेक्शन: बीमार होने या किसी इंफेक्शन के कारण शरीर में सूजन हो सकती है, जिससे शुगर का लेवल थोड़े समय के लिए बढ़ सकता है। कुछ इंफेक्शन सीधे इंसुलिन उत्पादन या उसके काम को भी प्रभावित कर सकते हैं।
  7. हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव शुगर के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं।
  8. लिवर फंक्शन: लिवर शरीर में शुगर को संतुलित रखने का काम करता है। लेकिन लिवर से जुड़ी कुछ बीमारियां, जैसे फैटी लिवर डिजीज, शुगर का लेवल बढ़ा सकती हैं।

शुगर का लेवल संतुलित रखना बहुत जरूरी है। ये आपकी डाइट, शारीरिक गतिविधि और डॉक्टरी सलाह से किया जा सकता है। अगर आपको अपने शुगर के लेवल को लेकर कोई शंका है, तो डॉक्टर से जरूर बात करें।

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शुगर बढ़ने पर क्या करें? – Sugar Badhne Par Kya Karen

ब्लड शुगर बढ़ जाने पर इसे वापस सामान्य करने के लिए कुछ कदम उठाना जरूरी है। अब ये चाहे खान, तनाव, बीमारी या फिर डायबिटीज़ जैसी किसी बीमारी के कारण बढ़ी हो। शुगर बढ़ने पर इन बातों का ध्यान रखें-

शुगर लेवल चेक करें

अगर आपके पास ग्लूकोज मीटर है, तो शुगर लेवल की जांच करके देखें कि वाकई बढ़ा हुआ है या नहीं। नियमित रूप से शुगर जांचने से आपको अपने लेवल का पता चलता रहेगा और आप सही फैसले ले पाएंगे।

पानी पिएं

ज्यादा पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त शुगर बाहर निकल जाता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती। मीठे पेय पीने से बचें और सिर्फ पानी या शुगर-रहित पेय पिएं।

कसरत करें

एक्सरसाइज करने से इंसुलिन ठीक से काम करता है और शरीर की मांसपेशियां शुगर का इस्तेमाल कर पाती हैं, जिससे शुगर लेवल कम होता है। थोड़ा चलना या हल्की कसरत भी फायदेमंद हो सकती है। लेकिन अगर आपको डायबिटीज़ है, तो कसरत के दौरान शुगर लेवल जरूर जांचते रहें ताकि शुगर बहुत कम न हो जाए।

संतुलित आहार लें

अगर खाने के कारण शुगर बढ़ा है, तो ऐसी चीजें खाएं जिनमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर हों। ज्यादा मीठी और मैदे वाली चीजें खाने से बचें, क्योंकि ये शुगर को और बढ़ा सकती हैं।

दवा या इंसुलिन लें

अगर आपको डायबिटीज़ है और आपकी दवाइयां या इंसुलिन की मात्रा कम पड़ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयों या इंसुलिन की मात्रा को एडजस्ट करवाएं।

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तनाव कम करें

तनाव भी शुगर बढ़ा सकता है। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, ध्यान लगाना, योग करना या अपने मनपसंद शौक पूरे करने से तनाव कम हो सकता है।

डायबिटीज़ मैनेजमेंट प्लान फॉलो करें

अगर आपको डायबिटीज़ है, तो डॉक्टर द्वारा बताए गए डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान को फॉलो करें। इसमें नियमित रूप से शुगर जांचना, दवा या इंसुलिन लेना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और डॉक्टर से मिलना शामिल हो सकता है।

जरूरत पड़े तो डॉक्टर से सलाह लें

अगर आपने ये सब करने के बाद भी शुगर कम नहीं हो रहा है, या फिर आपको बहुत प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना या धुंधला दिखना जैसे हाइपरग्लाइसीमिया के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

हालांकि सामान्य सुझाव हैं और हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। अगर आपको अपने शुगर लेवल को लेकर कोई परेशानी है या फिर डायबिटीज़ को मैनेज करने में मदद चाहिए, तो डॉक्टर से सलाह लें। वो आपको आपकी स्थिति के हिसाब से सलाह और इलाज देंगे।

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शुगर बढ़ने पर क्या ना करें? – Sugar Badhne Par Kya nhi Karen

ब्लड में शुगर बढ़ जाने पर कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, नहीं तो ये स्थिति और खराब हो सकती है:

लक्षणों को नजरअंदाज न करें:

अगर आपको बहुत प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना या धुंधला दिखना जैसे हाई ब्लड शुगर के लक्षण हों, तो उन्हें नजरअंदाज न करें। ये किसी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं और डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

मीठी चीजें ज्यादा न खाएं:

मीठे खाने-पीने से शुगर और बढ़ सकता है। इसलिए ज्यादा मीठी, मैदे वाली चीजें और अनहेल्दी फैट वाली चीजें खाने से बचें।

खाना न छोड़ें:

खासकर अगर आपको डायबिटीज़ है, तो खाना छोड़ना ना चाहिए। इससे शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है। दिनभर में नियमित रूप से संतुलित आहार लेना जरूरी है ताकि शुगर लेवल स्थिर रहे।

पानी पीना कम न करें:

डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी से शुगर का लेवल और बढ़ सकता है। इसलिए, खूब पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें। इससे शरीर से अतिरिक्त शुगर बाहर निकलने में भी मदद मिलेगी।

तनाव से बचें:

तनाव भी शुगर बढ़ा सकता है। इसलिए, जब आपका शुगर लेवल ऊंचा हो, तो कोशिश करें कि तनाव से बचें या कम से कम लें। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, ध्यान लगाना या योगा करके तनाव कम किया जा सकता है।

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दवाइयां खुद से कम या बंद न करें:

अगर आपको डायबिटीज़ या कोई और ऐसी बीमारी है, जिसके लिए डॉक्टर ने दवाइयां दी हैं, तो बिना पूछे दवाइयां कम या बंद न करें। ऐसा करने से शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है और परेशानी बढ़ सकती है।

जरूरत से ज्यादा व्यायाम न करें:

भले ही व्यायाम से शुगर कम होता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा जोर लगाकर व्यायाम करने से शुगर बहुत कम हो सकता है (हाइपोग्लाइसीमिया)। इसलिए, व्यायाम करते समय अपने शुगर लेवल की जांच करते रहें और जरूरत के हिसाब से इसकी तीव्रता या अवधि कम-ज्यादा करें।

डॉक्टर से सलाह लेने में देरी न करें:

अगर आपने ये सब करने के बाद भी शुगर कम नहीं हो रहा है, या फिर आपको बहुत ज्यादा प्यास लगना, सांस लेने में तकलीफ होना या बेहोशी जैसी गंभीर परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इलाज न कराने से डायबिटिक कीटोअसिडोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है।

शुगर को कंट्रोल करने के लिए खुद से पहल करनी बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई परेशानी है या हाइपरग्लाइसीमिया के लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर के साथ मिलकर आप अपने लिए एक ऐसा प्लान बना सकते हैं, जिससे आप अपना शुगर लेवल अच्छे से मैनेज कर सकें और परेशानियों से बच सकें।

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निष्कर्ष

ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखना हर किसी के लिए जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें डायबिटीज़ है या जिन्हें डायबिटीज़ होने का खतरा है। जब भी शुगर का लेवल बढ़ जाए, तो उसे जल्दी से जल्दी कम करने के लिए कुछ कदम उठाना जरूरी है। इन कदमों में खूब पानी पीना, व्यायाम करना, सही डाइट लेना, नियमित रूप से शुगर लेवल चेक करना, तनाव कम करना और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेना शामिल है। इसके साथ ही, ज्यादा मीठा खाना, खाना छोड़ना, पानी कम पीना और हाई ब्लड शुगर के लक्षणों को नजरअंदाज करना, ये सब चीजें शुगर को और बढ़ा सकती हैं। इसलिए इनसे बचें। ब्लॉग में बताए गए तरीकों को अपनाकर और डॉक्टरों की सलाह से, आप अपने शुगर लेवल को अच्छे से कंट्रोल कर सकते हैं और इससे होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

शुगर कम करने की दवाइयों का क्या काम है? 

डॉक्टर डायबिटीज़ वालों को शुगर कम करने की दवाइयां दे सकते हैं, जैसे गोलियां या इंसुलिन। ये दवाइयां शरीर में इंसुलिन को ज्यादा काम करने में मदद करती हैं, इंसुलिन बनाने में मदद करती हैं या लीवर में शुगर बनने को कम करती हैं। दवाइयां डॉक्टर की बताई मात्रा में ही लेनी चाहिए और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराते रहना चाहिए ताकि शुगर को अच्छे से कंट्रोल में रखा जा सके।

एक दिन में कितनी बार शुगर जांच करानी चाहिए? 

शुगर जांच कितनी बार करनी है, यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग हो सकता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस तरह की डायबिटीज़ है, आप कौनसी दवाइयां ले रहे हैं और आपकी पूरी सेहत कैसी है। डायबिटीज़ वालों को दिन में कई बार शुगर जांच करनी पड़ सकती है, खासकर अगर वो इंसुलिन ले रहे हैं या उनकी दवाइयों या आदतों में बदलाव हुआ है।

क्या ज्यादा शुगर लेवल खतरनाक हो सकता है? 

हां, लगातार शुगर ज्यादा रहने से दिल की बीमारी, नसों को नुकसान, किडनी खराब होना, आंखों की समस्या और डायबिटिक कीटोअसिडोसिस (जानलेवा बीमारी) जैसी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। हालांकि सेहतमंद आदतें अपनाकर शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है और डायबिटीज़ का खतरा कम किया जा सकता है। ये आदतें हैं- सही डाइट लेना, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना, पर्याप्त नींद लेना, खूब पानी पीना, धूम्रपान से दूर रहना और शराब का कम सेवन करना।

बढ़ा शुगर लेवल कम करने के लिए क्या करें? 

शुगर कम करने के लिए खूब पानी पीएं, व्यायाम करें, सही डाइट लें जिसमें कम मीठा और मैदा कम हो, तनाव कम करें, डॉक्टर की बताई दवाइयां खाएं (अगर जरूरी हो) और नियमित रूप से शुगर जांच कराएं। अगर आपको डायबिटीज़ है और आपने कोशिशों के बाद भी शुगर कम नहीं कर पा रहे हैं, या फिर आपको बहुत ज्यादा प्यास लगना, सांस लेने में तकलीफ होना या बेहोशी जैसी गंभीर परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इलाज न कराने से शुगर बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे जान का भी खतरा हो सकता है।

ब्लड में शुगर लेवल किन कारणों से बढ़ जाता है?

कई चीजों से शुगर बढ़ सकता है, जैसे मीठे खाने-पीने से, शरीर में इंसुलिन कम बनने से, तनाव, बीमारी या इंफेक्शन, कुछ दवाइयां, हॉर्मोन में बदलाव और लीवर की समस्या। शुगर ज्यादा होने पर अक्सर कई लक्षण दिखते हैं जैसे, बहुत प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, धुंधला दिखना और घाव देर से भरना। लेकिन, कुछ लोगों में ये लक्षण नजर नहीं भी आते।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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