शुगर के मरीजों के लिए सबसे अच्छी शराब कौन सी है? Which Alcohol Is Good for Diabetes in Hindi

Medically Reviewed By DR. SIDHARTH BAWA, MBBS, CCEBDM (Dip. in Diabetes Management) नवम्बर 27, 2023

शराब का सेवन मधुमेह मैनेजमेंट के उन पहलुओं में से एक है जो अक्सर विवाद का कारण बनता है। ऐसे व्यक्ति जो ड्रिंक करते हैं और उन्हें मधुमेह की समस्या है, वे इस बात पर अक्सर विचार करते हैं कि क्या कभी-कभी शराब के सेवन से उनके ब्लड शुगर लेवल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस ब्लॉग में हम इन सब पहलुओं पर बात करेंगें और देखेंगे कि शराब कैसे ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। क्या शराब मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है या नहीं?

Table of Contents

मधुमेह और शराब के बीच संबंध

हम शराब और मधुमेह के बीच संबंधों की बात करें इससे पहले हमें मधुमेह के बारे में एक बुनियादी समझ होना ज़रूरी है। मधुमेह एक लॉन्ग-टर्म मेडिकल कंडीशन है जो ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं- टाइप 1 और टाइप 2। दोनों प्रकार की अपनी अनूठी विशेषताएं और मैनेजमेंट स्ट्रेटजी है।

मधुमेह के मरीजों के लिए जटिलताओं को रोकने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखना जरूरी है। 

क्या शराब के सेवन से ब्लड शुगर बढ़ती है?

मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय यह है कि क्या शराब के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इस प्रश्न का उत्तर सीधा-सीधा “हां” या “नहीं” नहीं है।

यह कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें शराब के सेवन का प्रकार, मात्रा, व्यक्तिगत सहनशीलता, डाइट और दवाएं शामिल हैं। इस ब्लॉग में हम आगे मधुमेह के मरीजों के लिए पीने के लिए सबसे अच्छी शराब पर चर्चा करेंगे।

ब्लड शुगर को प्रभावित करने वाले कारक – मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छी शराब

अल्कोहल का प्रकार

अलग-अलग शराब में अलग-अलग मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और शुगर होती है, जो ब्लड शुगर को अलग तरह से प्रभावित कर सकती है, जैसे उदाहरण के लिए एक गिलास वाइन में शुगर की मात्रा बीयर की बोतल या कॉकटेल में मौजूद शुगर की मात्रा से अलग होती है।

अल्कोहल लेवल

किसी ड्रिंक में अल्कोहल की मात्रा ब्लड शुगर को भी प्रभावित कर सकती है। व्हिस्की या वोदका में आमतौर पर बीयर या वाइन की तुलना में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है। जिसका मतलब है कि कम मात्रा में सेवन करने पर इनका ब्लड शुगर पर कम प्रभाव पड़ता है। मधुमेह के मरीजों के लिए इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है।

मिक्सर और शुगर वाले ड्रिंक

कई अल्कोहल बेवरेज को शुगर जूस, सोडा या सिरप के साथ मिलाया जाता है, जो उनके कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी को काफी बढ़ा सकता है। ये मिक्सर ब्लड शुगर लेवल पर ज्यादा प्रभाव डाल सकते हैं।

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया

मधुमेह के मरीजों की शराब के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया हो सकती है। कुछ व्यक्तियों को शराब पीने के बाद ब्लड शुगर लेवल में गिरावट का अनुभव हो सकता है, जबकि कुछ में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अपने शरीर के रिएक्शन की निगरानी करना और उसके अनुसार अपने डायबिटीज मैनेजमेंट को एडजस्ट करना जरूरी है।

और पढ़े : जानिए  प्री डायबिटीज़ डाइट चार्ट।

मधुमेह के मरीजों के  लिए पीने के लिए सबसे अच्छी शराब

मधुमेह के मरीजों के  लिए पीने के लिए सबसे अच्छी शराब

शराब मधुमेह मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को कैसे प्रभावित करती है इस बात को ध्यान में रखकर सबसे बेहतर शराब का चयन किया जा सकता है। प्रमुख बात यह है कि ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखकर ड्रिंक का आनंद लेना है, जिससे मधुमेह के मरीजों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। यहां हम कार्बोहाइड्रेट सामग्री, अल्कोहल की मात्रा और मिक्सर जैसे कारकों पर विचार करते हुए मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे सही अल्कोहल विकल्पों का पता लगाएंगे।

1- स्ट्रेट स्पिरिट

व्हिस्की, वोदका, जिन और रम जैसी स्ट्रेट स्पिरिट का जब कम मात्रा में सेवन किया जाता है तो यह मधुमेह मरीजों के लिए पसंदीदा विकल्प होते हैं। यहां बताया गया है कि ये  उपयुक्त विकल्प क्यों हो सकते हैं-

कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर- स्ट्रेट स्पिरिट में कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना कम होती है। कुछ कॉकटेल से अलग इन स्पिरिट में एक्स्ट्रा शुगर या हाई-कार्ब मिक्सर नहीं होते हैं।

  • हाई-अल्कोहल- बीयर या वाइन जैसे अन्य अल्कोहल की तुलना में स्पिरिट में अल्कोहल की मात्रा (एबीवी) ज्यादा होती है। कम मात्रा में सेवन करने पर हाई-अल्कोहल ब्लड शुगर लेवल में धीमी और ज्यादा क्रमिक वृद्धि का कारण बन सकती है। मधुमेह के मरीजों के लिए पीने के लिए सबसे अच्छी शराब में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा नहीं होती है।
  • वर्सेटाइल मिश्रण – यदि आप कॉकटेल के रूप में अपनी शराब लेना पसंद करते हैं, तो आप बिना शुगर या नींबू के साथ सीधे स्पिरिट का उपयोग करके डायबिटीज-फ्रैंडली कॉकटेल बना सकते हैं। शुगर की मात्रा को कम करने के लिए मिक्सर के रूप में सोडा या स्पार्कलिंग वॉटर का विकल्प चुन सकते हैं।

2- ड्राई वाइन(Dry Wine) 

ड्राई वाइन, जैसे लाल या सफेद वाइन कुछ मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा विकल्प हो सकती है। यहां बताया गया है कि मीठी किस्मों की तुलना में ड्राई वाइन को क्यों प्राथमिकता दी जाती है-

  • कम कार्बोहाइड्रेट- ड्राई वाइन में मीठी वाइन की तुलना में कम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। किण्वन प्रक्रिया में अधिकांश अंगूर की शुगर खत्म हो जाती है जिस कारण लो-शुगर ड्रिंक प्राप्त होता है। 
  • मीडियम अल्कोहल- वाइन में आमतौर पर स्पिरिट की तुलना में अल्कोहल की मात्रा कम होती है, जो उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो स्पिरिट के हाई-अल्कोहल के बिना वाइन का आनंद लेना चाहते हैं।
  • हार्ट के लिए लाभदायक- कुछ शोध सुझाव देते हैं कि शराब का सेवन सीमित मात्रा में करें तो हार्ट के लिए फायदेमंद होता है जो मधुमेह के मरीजों के लिए जरूरी है, जिन्हें हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ड्राई वाइन मधुमेह मरीजों के लिए बेहतर विकल्प है लेकिन ब्लड शुगर लेवल को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है।

3- हल्की बियर

बीयर पसंद करने वालों के लिए सामान्य बीयर की तुलना में हल्की(लाइट) बीयर बेहतर विकल्प है। यहां बताया गया है कि अक्सर हल्की बीयर क्यों बेहतर है-

  • लो-कार्बोहाइड्रेट और लो-कैलोरी- हल्की बियर को विशेष रूप से इसलिए बनाया जाता है ताकि इसमें नियमित बियर की तुलना में कम कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी हो। यह डायबिटीज-फ्रेंडली विकल्प बन जाता है, क्योंकि इसका ब्लड शुगर लेवल पर कम प्रभाव पड़ता है।
  • मीडियम अल्कोहल- हल्की बीयर में स्पिरिट की तुलना में अल्कोहल की मात्रा कम होती है, मात्रा का ध्यान रखते हुए सेवन करने पर ब्लड शुगर में तेजी से बदलाव होने की संभावना को कम किया जा सकता है।
  • उपलब्ध विकल्प- हल्की बियर के विकल्प व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, और आप अपनी पसंद के हिसाब से इनका चयन कर सकते हैं। 

याद रखें कि हल्की बीयर के साथ भी मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। ज्यादा मात्रा में पीने की वजह से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। 

4- शुगर फ्री मिक्सर

यदि आप कॉकटेल या मिक्स ड्रिंक पसंद करते हैं तो आप  शुगर फ्री मिक्सर का उपयोग करें। शुगर फ्री मिक्सर के लिए यहां कुछ विकल्प दिए गए हैं-

  • डाइट सोडा- जैसे डाइट कोला या डाइट पानी का उपयोग आप अपनी पसंदीदा स्पिरिट के लिए मिक्सर के रूप में कर सकते हैं। ये बिना एक्स्ट्रा शुगर के भी अच्छा स्वाद देते हैं।
  • क्लब सोडा- क्लब सोडा या स्पार्कलिंग वॉटर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे नींबू के साथ मिलाकर लो-कार्ब वाला ड्रिंक बनाया जा सकता है।
  • नैचुरल स्पार्कलिंग वॉटर- कई ब्रांड बिना एक्स्ट्रा  शुगर के नैचुरल स्वाद वाला स्पार्कलिंग वॉटर बनाते हैं। इनका उपयोग शुगर फ्री कॉकटेल के रूप में किया जा सकता है।

ड्रिंक को शुगर सिरप, फलों के रस, या नियमित सोडा में मिलाते समय सावधान रहें, क्योंकि ये आपके ड्रिंक में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी को काफी बढ़ा सकते हैं।

5- भाग नियंत्रण(पोर्शन कंट्रोल)

चाहे आप किसी भी प्रकार का अल्कोहल चुनें ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए भाग नियंत्रण बहुत ही जरूरी पहलू है। 

यहां मधुमेह के मरीजों के लिए शराब पीने के कुछ सुझाव दिए गए हैं-

  • अपनी लिमिट जानें- यह समझना जरूरी है कि शराब आपके शरीर और आपके ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करती है। अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया को समझने के लिए शराब पीने से पहले, पीने के दौरान और बाद में अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।
  • एक सीमा निर्धारित करें- आपके द्वारा लिए जाने वाले अल्कोहल ड्रिंक के लिए एक सीमा निर्धारित करें। इससे आप ज्यादा सेवन से खुद को बचाकर रख सकते हैं।
  • हाइड्रेटेड रहें- हाइड्रेटेड रहने के लिए और शराब के डीहाईड्रेशन प्रभाव को कम करने के लिए ड्रिंक के बीच खूब पानी पिएं।
  • खाली पेट न पियें-  पीने से पहले संतुलित भोजन या नाश्ता करने से ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने और हाइपोग्लाइसीमिया के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • मधुमेह से जुड़े सामान अपने साथ रखें-  ड्रिंक के लिए बाहर जाते समय यदि आपको ब्लड शुगर के किसी भी उतार-चढ़ाव से जुड़ी कोई समस्या है तो हमेशा मधुमेह से जुड़े जरूरी सामान जैसे ग्लूकोज मीटर और ग्लूकोज की गोलियाँ या स्नैक्स अपने साथ रखें।

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मधुमेह के लिए शराब- पूरी जानकारी के बाद सही विकल्प का चयन करना

मधुमेह के मरीज सही प्रकार का अल्कोहल चुन कर और मात्रा का ध्यान रखकर कम मात्रा में शराब का आनंद ले सकते हैं। स्ट्रेट स्पिरिट, ड्राई वाइन, हल्की बीयर और शुगर फ्री मिक्सर से बने कॉकटेल मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से हैं। यह तय करने के लिए कि शराब आपके शुगर मैनेजमेंट प्लान में सुरक्षित रूप से फिट हो, आपको अपने ब्लड शुगर लेवल का बारीकी से ध्यान रखना होगा और अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से परामर्श करना जरूरी होगा। सही और पूरी जानकारी के साथ सही विकल्प चुनकर आप ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखकर शराब का आनंद ले सकते हैं।

व्हिस्की- यह जानना जरूरी है

व्हिस्की कई वयस्कों(एडल्ट) के बीच काफी लोकप्रिय है, जिनमें मधुमेह के मरीज भी शामिल हैं। यह अपने तेज़ स्वाद और लो-कार्बोहाइड्रेट के लिए जाना जाता है, लेकिन इसको  चुनने से पहले व्हिस्की में शुगर की मात्रा को जानना जरूरी है।

1- एक्स्ट्रा शुगर नहीं मिलाई जाती

व्हिस्की को पसंद करने वालों के लिए अच्छी खबर यह है कि व्हिस्की में कोई एक्स्ट्रा शुगर नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि व्हिस्की में मिठास का कारण है उसमें इस्तेमाल किए गए अनाज और बनाने की प्रक्रिया।

2- कार्बोहाइड्रेट

व्हिस्की में शुगर तो कम होती है लेकिन अनाज से बनाए जाने के कारण इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है। औसतन मानक के हिसाब से 1.5-औंस (44 मिली) व्हिस्की में लगभग 0.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए यह मात्रा बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है लेकिन यह उन लोगों के लिए विचार करने योग्य है जो अपने कार्ब सेवन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

3- अल्कोहल की मात्रा

व्हिस्की के साथ विचार करने योग्य कारक है इसकी अल्कोहल मात्रा जो लगभग 40% (एबीवी) होती है। यह हाई-अल्कोहल ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है, इसलिए कम मात्रा में व्हिस्की का सेवन करना चाहिए।

भारत में शुगर फ्री व्हिस्की

हाल के समय में शुगर फ्री या “डाइट” वर्जन की मांग बढ़ी है अल्कोहल सहित खाने और पीने की चीजों की कीमतें बढ़ रही हैं। यदि आप भारत में हैं और मधुमेह के मरीज हैं और आप शुगर फ्री व्हिस्की तलाश रहे हैं तो बाजार में कुछ विकल्प उपलब्ध हैं। ये उत्पाद विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए बनाए गए हैं जो बिना एक्स्ट्रा शुगर के व्हिस्की का आनंद लेना चाहते हैं।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यहां “शुगर फ्री” शब्द का मतलब एक्स्ट्रा शुगर से है। इन व्हिस्की में अभी बनाने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने वाले अनाज से प्राकृतिक रूप से प्राप्त शुगर की थोड़ी मात्रा हो सकती है, लेकिन बिल्कुल कम होती है। इस कारण ब्लड शुगर लेवल पर प्रभाव डालने की संभावना नहीं होती है।

भारत में शुगर फ्री व्हिस्की चुनते समय, प्रोडक्ट लेबल और डिस्क्रिप्शन जरूर पढ़ें ताकि यह तय हो सके कि यह आपकी डाइट और शुगर मैनेजमेंट के हिसाब से है।

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क्या शराब मधुमेह के लिए अच्छा है?

शराब और मधुमेह के बीच संबंध जटिल है, और शराब मधुमेह के लिए “अच्छा” है या “बुरा” है, यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य, संयम और लाइफस्टाइल जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। तो क्या शराब मधुमेह के लिए अच्छा है? आइए इसके दोनों पक्षों का पता लगाएं।

मधुमेह के लिए शराब के संभावित लाभ

हार्ट के लिए-

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मॉडरेट शराब के सेवन से हार्ट से जुड़े लाभ हो सकते हैं, जैसे हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करना। यह मधुमेह के मरीजों के लिए विशेष लाभ र हो सकता है, जिन्हें हार्ट से जुड़ी समस्याओं का  खतरा ज्यादा होता है।

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक लाभ-

दोस्तों या परिवार के साथ संयमित रूप से ड्रिंक लेने से सामाजिक लाभ हो सकता है और तनाव कम हो सकता है। शुगर मैनेजमेंट के लिए तनाव मैनेजमेंट जरूरी है क्योंकि तनाव ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है।

मधुमेह के लिए शराब के नुकसान- प्रभाव को समझना

मधुमेह के लिए शराब के नुकसान- प्रभाव को समझना

शराब से होने वाले संभावित जोखिमों और चुनौतियों के बारे में जागरूक होना आवश्यक है। यहां तक कि मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे सही शराब पीने से भी कुछ मात्रा में ये जोखिम जुड़ा हो सकता है।

इन जोखिमों को समझने से मधुमेह के मरीजों को यह निर्णय लेने में मदद मिल सकती है कि क्या और कितना पीना चाहिए। शुगर के मरीजों के लिए शराब के सेवन से जुड़े कुछ प्राथमिक जोखिम यहां दिए गए हैं-

1- ब्लड शुगर नियंत्रण

मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे महत्वपूर्ण चिंताओं में से एक है कि शराब ब्लड शुगर लेवल को कैसे प्रभावित कर सकती है। ब्लड शुगर पर प्रभाव कई कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। जैसे शराब के प्रकार और मात्रा, व्यक्तिगत सहनशीलता और शराब का सेवन भोजन के साथ या उसके बिना किया जाता है।

  • हाइपोग्लाइसीमिया (लो-ब्लड शुगर)- शराब से ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आ सकती है जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। यह जोखिम विशेष रूप से उन लोगों के लिए ज्यादा है जो इंसुलिन या मधुमेह की कुछ दवाएं लेते हैं जो ब्लड शुगर को कम करती हैं। हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण में चक्कर आना, भ्रम, कंपकंपी और गंभीर मामलों में बेहोशी शामिल हैं। हाइपोग्लाइसीमिया को रोकने के लिए शराब पीने से पहले, पीने के दौरान और बाद में ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करना जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए अपने लिए सबसे अच्छा अल्कोहल चुनें।
  • हाइपरग्लेसेमिया (हाई-ब्लड शुगर)- शराब भी कुछ व्यक्तियों में हाइपरग्लेसेमिया या हाई-ब्लड शुगर का कारण बन सकती है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि लीवर ब्लड फ्लो में ग्लूकोज छोड़ने के बजाय अल्कोहल के मेटाबॉलिज्म को प्राथमिकता देता है। जिस कारण शराब पीने के बाद ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है खासकर अगर कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम हो।

2-  वजन प्रबंधन (वेट मैनेजमेंट)

कई अल्कोहल ड्रिंक में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है और बहुत कम न्यूट्रिशन प्रदान करते हैं। शराब के ज्यादा सेवन से वजन बढ़ सकता है या वजन घटाने के प्रयासों में रुकावट आ सकती है। यह मधुमेह के मरीजों के लिए एक विशेष समस्या हो सकती है, क्योंकि शुगर मैनेजमेंट के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

  • कैलोरी- अल्कोहल में खुद ही काफी कैलोरी होती है और अक्सर अल्कोहल के साथ शुगर मिक्सर या हाई-कार्ब वाले स्नैक्स होते हैं। ज्यादा सेवन करने पर ये कैलोरी वजन बढ़ाने में योगदान कर सकती हैं।
  • भूख का बढ़ना- शराब भूख को उत्तेजित कर सकती है और अधिक खाने या गलत भोजन चुनने का कारण बन सकती है। इस कारण ज्यादा कैलोरी का सेवन हो सकता है और ब्लड शुगर प्रभावित हो सकता है इसलिए मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छी शराब भी भूख को प्रभावित कर सकती है।

3- दवाओं के साथ परस्पर क्रिया

मधुमेह की कुछ दवाएं शराब के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं। जिससे संभावित रूप से बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इनके बारे में जागरूक रहना और दवाएँ लेते समय शराब पीने के संबंध में हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से सलाह लेना जरूरी है।

  • हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा- मधुमेह की कुछ दवाएं जैसे सल्फोनीलुरिया और मेगालिटिनाइड्स, शराब के साथ मिलाने पर हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ा सकती हैं। ये दवाएं पैंक्रियाज को अधिक इंसुलिन जारी करने के लिए प्रेरित करती हैं, और शराब इस प्रभाव को बढ़ा सकता है।
  • लीवर का कार्य- शराब का असर लीवर पर होता है और लगातार ज्यादा मात्रा में शराब पीने से लीवर पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। मधुमेह के मरीजों के लिए ग्लूकोज रेगुलेशन के लिए लीवर का सही रहना काफी जरूरी है, क्योंकि लीवर ही जरूरत के हिसाब से ग्लूकोज को स्टोर और रिलीज करता है। लीवर में समस्या होने से इस प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है।

4- गलत निर्णय और डिसीजन मेकिंग 

शराब निर्णय लेने और निर्णय लेने की क्षमता को ख़राब कर सकता है, जिससे परेशानी हो सकती है।  इसमें खराब भोजन और अधिक खाना शामिल है। मधुमेह के मरीजों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी विकल्प चुनना जरूरी है।

  • ब्लड शुगर की निगरानी- गलत निर्णय से ब्लड शुगर की निगरानी की उपेक्षा हो सकती है या हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों को तुरंत पहचानने  में परेशानी हो सकती है। भारत में शुगर फ्री व्हिस्की अपनाने का प्रयास करें या पीने से पहले व्हिस्की में शुगर की मात्रा की चेक करें।
  • सही और हेल्दी डाइट का चुनाव करें- शराब के प्रभाव में लोगों द्वारा हाई-कार्बोहाइड्रेट और हाई-फैट वाले खाने के चयन करने की संभावना ज्यादा होती है। जो ब्लड शुगर पर बुरा असर डाल सकता है और परेशानी हो सकती है।

5- दवा पर प्रभाव

शराब कभी-कभी मधुमेह की दवा या मैनेजमेंट प्लान पर बुरा असर डाल सकता है। जैसे शराब पीते समय लोग अपनी दवाएँ लेना भूल सकते हैं या मधुमेह से जुड़ी देखभाल के अन्य पहलुओं की उपेक्षा कर सकते हैं।

  • छूटी हुई दवा की खुराक- शराब आपकी दिनचर्या को बाधित कर सकती है और शुगर की दवाओं या इंसुलिन इंजेक्शन की खुराक छूट सकती है।
  • निगरानी में कमी- शुगर मैनेजमेंट के लिए नियमित ब्लड शुगर की जांच आवश्यक है। शराब के प्रभाव में व्यक्ति अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करने में लापरवाही कर सकते हैं।

6- समस्याओं का खतरा बढ़ जाना

लंबे समय तक या ज्यादा शराब के सेवन से विभिन्न स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें से कुछ मधुमेह के मरीजों के लिए विशेष रूप से हानिकारक हो सकती हैं। इन समस्याओं में लीवर रोग, न्यूरोपैथी(तंत्रिका क्षति), और गुर्दे(किडनी) की समस्याएं शामिल हो सकती हैं, जो मधुमेह से जुड़ी मौजूदा परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं।

7- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

मधुमेह के साथ जीना भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और शराब का उपयोग कभी-कभी तनाव या डिप्रेशन से निपटने के लिए किया जाता है। ज्यादा शराब के सेवन से मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं और शुगर मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है।

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निष्कर्ष

मधुमेह के मरीजों के लिए शराब के सेवन से जुड़े काफी जोखिम हैं। यह जानना जरूरी है कि मॉडरेट टाइप शराब का सेवन करने से शुगर मैनेजमेंट प्लान पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। इन जोखिमों को कम करने के लिए जरूरी है कि-

  • व्यक्तिगत क्षमता को समझें- शराब आपके शरीर और आपके ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करती है इस बात को समझना बहुत जरूरी है। इस बात को  समझने के लिए शराब पीने से पहले, पीने के दौरान और बाद में अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।
  • सीमा निर्धारित करें- आपके द्वारा लिए जाने वाले अल्कोहल के लिए एक लिमिट सेट करें और उसका पालन करें। किसी प्रकार के जोखिम से बचने के लिए जिम्मेदारीपूर्वक शराब पीना महत्वपूर्ण है।
  • बुद्धिमानी से चयन करें- लो-कार्बोहाइड्रेट और लो-शुगर वाले डायबिटीज-फ्रैंडली अल्कोहल का चयन करें। मीठे मिक्सर और स्नैक्स से बचें। पीने से पहले व्हिस्की में शुगर की मात्रा का ध्यान रखें।
  • सजग रहें- यह समझने के लिए अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से सलाह लें कि शराब आपके द्वारा ली जा रही मधुमेह की दवाओं के साथ किस प्रकार का रिएक्शन कर सकता है।
  • ज़िम्मेदार बनें- हमेशा ज़िम्मेदारी से पियें, कभी भी शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, और अल्कोहल लेते समय बीच- बीच में पानी पीते हुए खुद को हाइड्रेटेड रखें।

सजग रहकर और सोच-समझकर चुनाव करके मधुमेह के मरीज कभी-कभार शराब पीने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में संतुलन बना सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

 

मधुमेह के मरीज द्वारा कितनी मात्रा में शराब पीना मध्यम श्रेणी का माना जाता है?

मध्यम श्रेणी का मतलब महिलाओं के लिए प्रति दिन एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए प्रति दिन दो ड्रिंक तक होता है। लेकिन मॉडरेट ग्रुप(मध्यम श्रेणी) व्यक्तिगत स्वास्थ्य और दवा के उपयोग के आधार पर अलग भी हो सकता है। मधुमेह के मरीजों के पीने के लिए सबसे अच्छे अल्कोहल का चयन करें। व्यक्तिगत गाइडेंस के लिए अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से परामर्श करना जरूरी है।

क्या शराब से ब्लड शुगर बढ़ती है?

शराब ब्लड शुगर लेवल पर अलग-अलग प्रभाव डाल सकता है। यह शुरू में ब्लड शुगर को कम कर सकता है। जिससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, और बाद में ब्लड शुगर बढ़ सकता है। शराब के प्रकार, सेवन की गई मात्रा और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया जैसे कारकों पर इसका प्रभाव  निर्भर करता है।

यदि मुझे मधुमेह है तो क्या मैं शराब पी सकता हूँ? या क्या शराब मधुमेह के लिए अच्छी है?

हां, मधुमेह के कुछ मरीज कम मात्रा में शराब का सेवन कर सकते हैं लेकिन शराब के प्रकार तथा मात्रा का ध्यान रखना और ब्लड शुगर लेवल की बारीकी से जांच करना जरूरी है।

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