इंसुलिन की डोज को स्लाइडिंग स्केल चार्ट पर रखा जाता है। डॉक्टर मरीज की मदद से यह इंसुलिन चार्ट तैयार करता है। एक चार्ट तैयार किया जाता है कि व्यक्ति का शरीर इंसुलिन, रोज की रूटीन और कार्बोहाइड्रेट की कंजंपशन (खपत) पर कैसे रिएक्ट करता है। इंसुलिन की डोज दो फैक्टर्स के बेसिस पर अलग-अलग होती …
हमारे शरीर के वजन का लगभग दो-तिहाई हिस्सा पानी होता है। इसलिए हमें हेल्दी और हाइड्रेटेड रहने के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। चाय, कॉफी, पानी, फलों का जूस, दूध, या स्मूदी यह सभी ड्रिंक्स हमारे शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही लोगों द्वारा खाए जाने वाले भोजन, …
Last updated on सितम्बर 27th, 2023इंसुलिन रेजिस्टेंस तब होता है जब ग्लूकोज की अधिकता ब्लड सेल्स की एनर्जी के लिए ब्लड ग्लूकोज को एब्जॉर्ब करने और इस्तेमाल करने की क्षमता को कम कर देती है। जब आपके शरीर का इंसुलिन रेजिस्टेंस ज्यादा होता है, तो ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने के लिए आपके पैंक्रियाज(अग्न्याशय) पर …
डायबिटीज को ठीक से मैनेज करना मतलब रेगुलर तरीके से ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग करना है। भोजन के बाद या वर्कआउट के बाद ग्लूकोज लेवल की रेगुलर मॉनिटरिंग से ब्लड ग्लूकोज लेवल पर डाइट या वर्कआउट के इफेक्ट को सही से समझने में मदद मिलती है। इससे सही डाइट प्लान और वर्कआउट प्रोग्राम बनाने में …
आज की बदलती दुनिया में जहां मीठी चीजें आसानी से उपलब्ध हैं, उसी आसानी से इसका सेवन भी किया जा रहा है। चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ या मीठा खाने की इच्छा को कंट्रोल करना, एक हेल्दी लाइफस्टाइल को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। हालांकि मीठा खाने से मिलने वाले आनंद को रोकना चुनौतीपूर्ण …