क्या डायबिटीज में बटर खा सकते हैं?

Last updated on अगस्त 26th, 2023

मक्खन या बटर वह डेयरी उत्पाद है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद होता है। यह मलाईदार डेयरी उत्पाद क्रीम या दूध को मथने के बाद मिलता है। मक्खन को ब्रेकफ़ास्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है लेकिन क्या डायबिटीज में बटर खा सकते हैं? मक्खन में संतृप्त वसा या सेचुरेटेड फैट होता है जो मधुमेह रोगियों द्वारा इसके उपयोग पर कई सवाल पैदा करता है जैसे क्या शुगर में मक्खन खा सकते हैं या यह आपकी शुगर के लिए सुरक्षित है।

आइए इस ब्लॉग में जानें मधुमेह और मक्खन के बारे में।

Table of Contents

मक्खन क्या है?

मक्खन या बटर एक डेयरी उत्पाद है जो मथी हुई क्रीम के वसा और प्रोटीन भागों से बनाया जाता है। इसमें लगभग 80% बटरफैट होता है और रूम टेम्परेचर पर यह आधे ठोस इमल्शन रूप में या गाढ़ा रहता है। इसे पिघला कर भी उपयोग में लिया जा सकता है। यह बेकिंग से लेकर सॉसिंग, फ्राइंग, रोस्टिंग आदि कई तरह के खाना बनाने के तरीकों में उपयोग लिया जाता है जिनमें फैट की ज़रूरत होती है।

आम तौर पर, सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मक्खन गाय के दूध से प्राप्त होता है, लेकिन इसके अलावा भी कई तरह के मक्खन बाजार में उपलब्ध हैं जो भैंस, भेड़, याक और बकरी के दूध से तैयार होता है। लेकिन सबसे ज़्यादा हम अपने खाने में गाय के मक्खन का ही उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या डायबिटीज में बटर खा सकते हैं यह समझने के लिए पढ़ते हैं मधुमेह और मक्खन के बारे में।

मक्खन का पोषण मूल्य

मक्खन का पोषण मूल्य

चूंकि मक्खन एक उच्च संतृप्त वसा या हाई सेचुरेटेड फैट वाला भोजन है, इसलिए बड़ी मात्रा में सेवन करने पर इसका आपकी हेल्थ पर गलत असर पड़ सकता है। यह कैलोरी में भी ज्यादा होता है जिससे यह आपका वज़न बढ़ा सकता है जो जो टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क फेक्टर में से एक बड़ा कारण होता है। इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आप शुगर में कितना मक्खन खा सकते हैं जो आपके शुगर लेवल पर अधिक प्रभाव ना डाले। इसके अलावा मक्खन कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा सकता है, इसलिए बहुत अधिक मक्खन या बटर खाने से बचें और कोशिश करें कि इसे सीमित मात्रा में ही खाएं।

यह एक उच्च कैलोरी, उच्च वसा वाला भोजन है जिसमें थोड़ी मात्रा में ही खनिज होते हैं। यूएसडीए के अनुसार, एक चम्मच अनसाल्टेड मक्खन में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

मक्खन का पोषण मूल्य
पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम ) मात्रा 
कैलोरी 102 कैलोरी
प्रोटीन 0.121 ग्राम
वसा 11.5 ग्राम
कैल्शियम 3.41 मिलीग्राम
सोडियम 1.56 मिलीग्राम
विटामिन ए 97.1 एमसीजी
फास्फोरस 3.41 मिलीग्राम
पोटैशियम 3.41 मिलीग्राम
कोलेस्ट्रॉल 30.5 मिलीग्राम
कोलीन 18.8 मिलीग्राम

मक्खन के पोषण मूल्य के आधार पर आप मधुमेह और मक्खन के बीच के संबंध को समझ सकते हैं कि यह शुगर मरीजों के लिए कितना सुरक्षित है और कितना नहीं।

और पढ़े : एचबीए1सी (HbA1c )स्तर की जांच कराने की क्यों आवश्यकता है?

मक्खन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

मक्खन का ग्ल्य्समिक इंडेक्स

हालांकि मक्खन उच्च कैलोरी, उच्च वसा और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाला भोजन है, लेकिन इसमें शून्य कार्बोहाइड्रेट होता है। जी हाँ! मक्खन वसा से भरपूर होने के साथ कार्ब्स में ज़ीरो होता है। इसलिए यह कहा जा सकता है की यह सीधे शुगर लेवल को ज्यादा प्रभावित नहीं करता है। इसके अलावा, मक्खन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सिर्फ 50 है जो निम्न श्रेणी में आता है।

किसी भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स रक्त में कार्बोहाइड्रेट के प्रभाव और भोजन द्वारा मिलने वाली चीनी में वृद्धि को बताता है। उच्च-जीआई भोजन एक उच्च-कार्बयुक्त भोजन है जो शरीर में आसानी से टूट जाता है और रक्तप्रवाह में तेजी से ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे शुगर लेवल तेजी से बढ़ते हैं। वहीं, कम-जीआई भोजन ब्लड शुगर लेवल को उच्च-जीआई भोजन जितना तेजी से प्रभावित नहीं करता है। हालाँकि, मक्खन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 है, जो इसे कम जीआई भोजन के रूप में वर्गीकृत करता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह डायबिटीज रोगियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।

अगर बात की जाए कि शुगर में कितना मक्खन खा सकते हैं तो इसका जवाब है मॉडरेट या सीमित मात्रा में। इसमें मौजूद वसा या फैट आपका वज़न बढ़ा सकती है जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है जैसे हृदय रोग, मधुमेह, लिवर समस्याएं, जोड़ों के स्वास्थ्य आदि। इसलिए मक्खन के फ़ायदे लेने के लिए इसकी मात्रा पर विशेष रूप से ध्यान रखें और डायबिटीज़ में मक्खन के सेवन को एक हेल्दी रेंज में रखें।

और पढ़े : डायबिटीज में कौन से ड्राई फ्रूट्स खा सकते है ?

क्या मधुमेह में मक्खन खा सकते हैं? 

एक स्वस्थ व्यक्ति में कोशिकाएं अग्न्याशय द्वारा स्रावित इंसुलिन हार्मोन की मदद से चीनी या ग्लूकोज का उपयोग करती हैं। यह ग्लूकोज कोशिकाओं द्वारा ऊर्जा के लिए उपयोग किया जाता है, और बचा हुआ ग्लूकोज ग्लाइकोजन के रूप में लिवर में संग्रहीत या स्टोर हो जाता है। लेकिन मधुमेह या डायबिटीज में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोधी या इंसुलिन रेज़िस्टेंट हो जाती हैं और इस ग्लूकोज का उपयोग करना बंद कर देती हैं। इससे रक्तप्रवाह में रक्त ग्लूकोज या शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस मेटाबोलिक समस्या को मधुमेह या डायबिटीज के नाम से जाना जाता है।

मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के लिए अचानक शुगर बढ़ने को कम करने के ज़रूरी है कि वह एक डाइबीटिक फ़्रेंडली डाइट लें। आप क्या खाते हैं यह आपके शुगर लेवल्स को बहुत प्रभावित करता है। एक स्वस्थ आहार न केवल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है बल्कि कई हेल्थ बेनेफिट भी प्रदान करता है। इसलिए अगर हम मधुमेह और मक्खन के संबंध के बारे में बात करें, तो कुछ बातों का ध्यान रखने की बहुत ज़रूरत है ।

मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन उच्च वसा और उच्च कैलोरी लेकिन शून्य कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन विकल्प है। कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूट जाते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं। लेकिन चूंकि इसमें शून्य कार्ब्स हैं, तो क्या डायबिटीज में बटर खा सकते हैं? इसका जवाब थोड़ा मुश्किल है। मक्खन में कार्ब्स शून्य होता है लेकिन साथ ही इसमें असंतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है, जो हेल्थ को नुकसान पहुँचाती है। अधिक मात्रा में मक्खन लेने पर यह मोटापे का कारण बनता है। मोटापा कई हेल्थ प्रॉब्लम्स को जन्म देता है, जिनमें टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग मुख्य हैं। इसका असर लिवर और ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। ये सभी मधुमेह से संबंधित जटिलताएं हैं, इसलिए डायबिटीज में बटर खाना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। यह भले ही सीधे तौर पर आपकी शुगर नहीं बढ़ा रहा हो लेकिन यह कई डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं को ट्रिगर करता है जो आपके लिए सुरक्षित नहीं है।

यदि फ़िर भी अगर आप जानना चाहते हैं कि आप शुगर में मक्खन खा सकते हैं या नहीं तो इसका जवाब है थोड़ी या मध्यम मात्रा (मॉडरेट) में। मॉडरेट या सीमित मात्रा में मक्खन के सेवन से आपको कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहें यह सिर्फ उन्हों लोगों के लिए हैं जिनका बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल है। आपको पूरी तरह से इस स्वादिष्ट भोजन से दूर रहने की मनाही नहीं है लेकिन हाँ इसकी मात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन डायबिटीज रिवर्सल या मधुमेह को नियंत्रित करने की चाह रखने वाले मधुमेह रोगियों को इससे बचना चाहिए।

मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन का उपयोग करते समय यह ध्यान देने की ज़रूरत है की वह लेक्टोज़ इंटोलेरेंट तो नहीं हैं। हालांकि लेक्टोज़ इंटोलेरेन्स या लेक्टोज़ असहिष्णुता वाले लोगों को डेयरी प्रोडक्ट से पूरी तरह बचना चाहिए। लेकिन मक्खन उन डेयरी उत्पाद में से हैं जिसमें प्रोसेसिंग के दौरान लेक्टोज़ की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इसलिए यह लैक्टोज-असहिष्णु लोगों के लिए एक विकल्प बन सकता है  और साथ ही ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। लेकिन फ़िर से यह जरूर याद रखें कि शुगर में मक्खन के उपयोग से बचें क्योंकि इसमें फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है जो आपका वज़न व कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती है। साथ ही यह लेक्टोज़युक्त तो है ही।

 और पढ़े : अपने अग्न्याशय को स्वाभाविक रूप से उत्तेजित करें।

शुगर में कितना मक्खन खा सकते है?

अधिकतर मधुमेह रोगियों के मन में यह सवाल रहता है कि वह शुगर में कितना मक्खन खा सकते हैं। अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए एक सही मात्रा के बारे में जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। प्रतिदिन एक शुगर पेशेंट कितना मक्खन खा सकता है इसका जवाब आपको अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा सुझाई गई वसा की मात्रा से मिल सकता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि संतृप्त वसा आपके कुल कैलोरी सेवन का 5-6% होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 2000-कैलोरी डाइट पर हैं, तो आपके संतृप्त वसा जैसे मक्खन का सेवन सिर्फ 12-14 ग्राम या एक बड़ा चम्मच होना चाहिए। लेकिन अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तो जितना संभव हो आपको मक्खन के सेवन से बचना चाहिए और इसे बहुत ही सीमित मात्रा में लेना चाहिए।

मक्खन खाने के फायदे

मक्खन खाने के फायदे

आमतौर पर मधुमेह रोगियों को मक्खन खाने की सलाह नहीं दी जाती। यदि इसका सेवन मध्यम या उचित मात्रा में किया जाए तो मक्खन खाने के कई फायदे हैं । मक्खन विभिन्न विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और ब्यूटायरेट और लिनोलिक एसिड जैसे अच्छे रसायनों से समृद्ध है। लेकिन अगर आप डायबिटीज रिवर्सल के बारे में सोच रहें हैं तो शुरुआत में मक्खन को अपने खाने में बिल्कुल भी शामिल ना करें। बाद में, जब आप ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट पास कर लेते हैं, तब आप मध्यम मात्रा में मक्खन का सेवन शुरू कर सकते हैं।

मधुमेह में मक्खन से जुड़े कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:

विटामिन से भरपूर

मक्खन खाने के फ़ायदे में से एक बड़ा फायदा यह है कि यह विटामिन ए, ई और के का अच्छा स्रोत है जो समग्र स्वास्थ्य बनाने में मदद करता है। विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, यह थायराइड और एड्रेनालाईन के उत्पादन को रेगुलेट करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, विटामिन ई स्वस्थ त्वचा पाने और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। मक्खन विटामिन K का भी एक अच्छा स्रोत है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करता है और रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक विभिन्न प्रोटीनों के उत्पादन को भी प्रेरित करता है। ये विटामिन वसा में घुलनशील होते हैं जो शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं जिससे मक्खन खाने के तुरंत बाद ही इसके लाभ मिलने लगते हैं।

और पढ़े : क्या डायबिटीज में चावल खा सकते है ?

सूजन (इंफ़्लेमेशन) और फंगल संक्रमण को कम करता है

मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन सूजन या इंफ़्लेमेशन को कम करने में भी मदद करता है जो मक्खन खाने के फ़ायदे में से एक महत्वपूर्ण लाभ है। इसमें लॉरिक एसिड नामक एक महत्वपूर्ण यौगिक होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। यह कई तरह के फंगल और अन्य संक्रमणों से लड़ने के लिए भी सहायता करता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

मक्खन में कुछ एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों या फ्री रेडिकल को नष्ट करने में मदद करते हैं। मुक्त कण शरीर की कोशिकाओं पर हमला करते हैं और सूजन (इंफ़्लेमेशन), हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर आदि जैसी विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बनते हैं। आइल मक्खन के फ़ायदे प्राप्त करने के लिए उसे अपनी डाइट में हेल्दी तरीके से सही मात्रा में शामिल करें।

एंटीकैंसर गुण

मक्खन संतृप्त वसा का अच्छा स्रोत है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास और सूजन दर्द को रोकने में मदद करता है। यह अंततः कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण भी कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।

वसा से भरपूर

अगर सही मात्रा में सेवन किया जाए तो वसा हमेशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होती है। यह सम्पूर्ण विकास के लिए कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तरह ही एक आवश्यक भोजन का भाग है। इसलिए आपके संतुलित आहार में आवश्यक वसा की मात्रा का 5% होनी चाहिए। मधुमेह रोगी अपनी दैनिक वसा की आवश्यकता को पूरा करने व अन्य स्वास्थ्य लाभों के लिए मक्खन खा सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा व आपके ग्लाइसेमिक कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए। संतृप्त वसा में कुछ स्वस्थ या हेल्दी गुण होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होते हैं, जैसे रोगाणुरोधी, एंटीट्यूमर और प्रतिरक्षा बूस्टर। इसलिए वसा को अपने आहार से पूरी तरह से कम नहीं करना चाहिए बल्कि इसे स्वस्थ मात्रा में अपने खाने में रखना चाहिए।

ऊपर दिए गए मक्खन के फ़ायदे आपकी हेल्दी डाइट में योगदान दे सकते हैं। इसमें मौजूद कम कार्ब, स्वास्थ्य-लाभकारी गुण और अच्छी पोषण प्रोफ़ाइल के वजह से डायबिटीज में मक्खन खा सकते हैं और अपने खाने को एक टेस्टी टच दे सकते हैं।

अस्वीकरण: ऊपर उल्लिखित ये लाभ केवल उन मधुमेह रोगियों के लिए अनुशंसित व सुरक्षित हैं जिन्होंने ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (जीटीटी) पास कर लिया है। सामान्य शर्करा स्तर वाले मधुमेह रोगी भी आहार में मध्यम मात्रा में मक्खन का सेवन कर सकते हैं।

और पढ़े : डायबिटीज में कौन सा आटा खाना चाहिए ?

नमकीन मक्खन या अनसाल्टेड मक्खन में से क्या चुनें

मधुमेह रोगियों के लिए अनसाल्टेड मक्खन को अपने आहार में शामिल करना सबसे अच्छा है। नमकीन मक्खन में सोडियम की मात्रा होती है जो आपके रक्तचाप या ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है। एक चम्मच नमकीन मक्खन में 91.3 मिलीग्राम सोडियम होता है, जो आपके रक्तचाप पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। रक्तचाप डायबिटीज़ से जुड़ी एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो शुगर रोगी हमेशा अनसाल्टेड मक्खन का ही उपयोग करें।

अपने आहार में मक्खन कैसे शामिल करें?

शुगर में आप मक्खन खा सकते हैं लेकिन कैसे उसे अपनी डाइट में शामिल करें, इसके बारे में जानते हैं।

  • मक्खन को आप रेशेदार भोजन, सब्जियों और फलों में मिलाकर इसे एक हेल्दी फूड में बदल सकते हैं और इसके ज़्यादा से ज़्यादा हेल्थ बेनेफिट्स प्राप्त कर सकते हैं।
  • इसके अलावा इसे आप होल ग्रेन ब्रेड से बने सैंडविच में सब्जियों की स्टफिंग के साथ लगा कर खा सकते हैं। इससे आप इसके नुकसान को कम कर सकते हैं।
  • इसके अलावा इसे कुछ भारतीय सब्जियों, दालों या सूप में मिला कर उनका स्वाद बढ़ाया जा सकता है।

ध्यान रहे कि इसे हमेशा स्वस्थ खाद्य पदार्थों या हेल्दी फूड के साथ प्रयोग करें। इसे अन्य अनहेल्दी या वसायुक्त खाद्य पदार्थों, विशेषकर जंक फूड के साथ मिला कर बिल्कुल भी ना खाएं।

और पढ़े : डायबिटीज में केले खा सकते है ?

मधुमेह में मक्खन के दुष्प्रभाव

मक्खन के दुष्प्रभाव

मधुमेह और मक्खन के बारे में पढ़ने के बाद यह जानना ज़रूरी है कि क्या मक्खन के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते यहीं। मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन तब तक स्वास्थ्यवर्धक है जब तक इसे कम मात्रा में लिया जाए। लेकिन फ़िर भी यह ना भूलें कि यह एक संतृप्त वसा है जिसके विभिन्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आइए जाने मक्खन या बटर के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स:

वज़न बढ़ना

मक्खन में उच्च वसा और उच्च कैलोरी होती है जो आपका वज़न बढ़ा कर मोटापे का कारण बन सकता है। वज़न बढ़ने से मक्खन खाने के कई फायदे खत्म हो जाते हैं और इसके दुष्प्रभाव अधिक होने लगते हैं जैसे हृदय रोग, हाई कॉलेस्ट्रॉल, टाइप 2 डायबिटीज़ आदि।

दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ना

मधुमेह के रोगियों के लिए मक्खन सीमित मात्रा में ही अच्छा होता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने के कारण हृदय और धमनी रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

और पढ़े : मेथी के पानी से कैसे करे शुगर कण्ट्रोल ?

आईजीएफ (इंसुलिन लाइक ग्रोथ फैक्टर)

दूध और डेयरी उत्पादों में आईजीएफ नामक खतरनाक यौगिक होता है। ये IGF अणु इंसुलिन की तरह दिखाई देते हैं और व्यवहार करते हैं लेकिन उसकी तरह काम नहीं करते हैं। यह अणु इंसुलिन की कार्यक्षमता को बाधित करते हैं जिससे ग्लुकोज़ ब्लडस्ट्रीम में पहुँच जाता है और शुगर लेवल को बढ़ा देता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को शुगर लेवल और एचबीए1सी (HbA1C) को नियंत्रित रखने के लिए मक्खन से परहेज करना चाहिए।

लिपिड प्रोफाइल स्तर बढ़ाता है

मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन रक्त में लिपिड प्रोफाइल को भी बढ़ा सकता है।

लैक्टोज असहिष्णु लोगों के हानिकारक 

आखिरकार मक्खन एक डेयरी उत्पाद है, इसलिए लैक्टिक एसिड से एलर्जी वाले लोगों को मक्खन से भी वही एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है। इसलिए कोशिश करें इसके सेवन से बचें या नियंत्रित सेवन करें।

और पढ़े : जानिए डायबिटीज के मरीज के  लिए योग।

निष्कर्ष

तो इस ब्लॉग में, हमने मधुमेह और मक्खन के संबंध के बारे में विस्तार से पढ़ा कि क्या डायबिटीज में मक्खन खा सकते हैं? और हमने पाया कि मधुमेह रोगियों के लिए मक्खन खाने के फायदे हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ। सामान्य शुगर लेवल वाले मधुमेह रोगी और जीटीटी क्लियर कर चुके लोग मक्खन खा सकते हैं। इसमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कुछ स्वस्थ वसा भी होती हैं। यह स्वस्थ या संतुलित आहार बनाने में मदद करता है। लेकिन जो लोग डायबिटीज रिवर्सल की इच्छा रखते हैं उन लोगों को शुगर में मक्खन नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही, मक्खन में उच्च वसा (हाई-फैट)और उच्च कैलोरी होती है जो वजन बढ़ने और हृदय रोग की संभावना को बढ़ा सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल और लिपिड स्तर को भी बढ़ा सकता है। इसलिए मक्खन खाने के फायदे तभी तक हैं जब तक इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। यह आंखों और हड्डियों के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। इसलिए क्योंकि इसके फ़ायदे कम और नुकसान थोड़े ज्यादा है तो हम सुझाव देंगे कि अपनी वसा की ज़रूरत को मक्खन जैसे संतृप्त वसा के बजाय किसी हेल्दी फैट या स्वस्थ वसा वाले विकल्पों से पूरा करें। आप मक्खन की जगह जैतून का तेल, एवोकाडो या ग्रीक दही ले सकते हैं जो ना सिर्फ आपकी दैनिक वसा की ज़रूरत को पूरा करेंगें बल्कि कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाएंगे।

और पढ़े : जानिए  शुगर फ्री बिस्किट्स के फायदे ? 

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न

मक्खन के स्वस्थ विकल्प क्या हैं?

मक्खन के बजाय, जैतून का तेल, ग्रीक योगर्ट, एवोकैडो तेल, कद्दू प्यूरी, नट बटर इत्यादि जैसे स्वस्थ वसा विकल्पों का उपयोग करने का प्रयास करें। मक्खन में अस्वास्थ्यकर वसा या अनहेल्दी फैट प्रचुर मात्रा में होता है, जो डायबिटीज  वाले लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। मधुमेह वाले लोगों को मोनो या पॉलीअनसेचुरेटेड वसा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिन्हें स्वस्थ वसा के रूप में जाना जाता है।

 

मक्खन के ये स्वस्थ विकल्प न केवल वसा की दैनिक आवश्यकता को पूरा करते हैं बल्कि कुछ स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं।

क्या मक्खन एक उच्च कार्ब वाला भोजन है?

मक्खन में कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है लेकिन यह उच्च वसा और उच्च कैलोरी वाला भोजन है। यह जीरो-कार्ब फूड है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह शुगर के स्तर को प्रभावित नहीं करता है। चूंकि यह संतृप्त और असंतृप्त वसा से भरपूर है, इसलिए यह हृदय रोग, वजन बढ़ने और लिवर प्रॉबलम के खतरे को बढ़ा सकता है। ये सभी मधुमेह से संबंधित कुछ जटिलताएँ हैं। इसलिए भले ही यह कम या बिना कार्ब वाला भोजन हो, मधुमेह रोगियों के लिए अतिरिक्त मक्खन हानिकारक ही है।

 

 

शुगर में प्रतिदिन कितना मक्खन खा सकते है?

वसा आपके दैनिक आहार का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। लेकिन अपनी दैनिक वसा की ज़रूरत को पूरा करने के लिए शुगर मरीजों को मक्खन के सेवन से परहेज करना चाहिए या कम से कम सेवन करना चाहिए और वह भी कभी-कभार।

 

 

 Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

Disclaimer

This site provides educational content; however, it is not a substitute for professional medical guidance. Readers should consult their healthcare professional for personalised guidance. We work hard to provide accurate and helpful information. Your well-being is important to us, and we value your feedback. To learn more, visit our editorial policy page for details on our content guidelines and the content creation process.

Leave a Reply

फ्री डायबिटीज डाइट प्लान डाउनलोड करें