क्या शुगर में पोहा खा सकते हैं ? पोहा शुगर के मरीजों के लिए अच्छा है

Reviewed By Dietitian Dt. SEEMA GOEL (Senior Dietitian) दिसम्बर 11, 2023

परिचय

पोहा चावल से बना एक प्रिय भारतीय नाश्ता है जिसने देश भर के लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। अपने स्वाद के कारण पोहा कई लोगों का सुबह का पसंदीदा नाश्ता है। शुगर के मरीजों के लिए पोहा अच्छा है या नहीं और पोहा खाने से ब्लड ग्लूकोज लेवल पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बारे में काफी सावधानी से विचार करना चाहिए। इसे शुगर के मरीजों को खाना चाहिए या नहीं इसको जानने के लिए इसके सभी पहलू पर ध्यान देना काफी जरूरी है। यह मुख्य रूप से चावल से बना एक कार्ब वाला व्यंजन है जिस वजह से शुगर के मरीजों के बीच इसकी ज्यादा डिमांड नही है। 

पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

क्या पोहा शुगर के मरीजों के लिए अच्छा है? इसे जानने के लिए हमें इसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) को समझना होगा। जीआई एक ऐसा माप है जो यह बताता है कि खाया गया खाना कितनी तेजी से ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ाता है। हाई-जीआई वाला खाना तेजी से पचता है इस कारण ब्लड ग्लूकोज लेवल तेजी से बढ़ता है। जो शुगर के मरीजों के लिए सही नहीं है। वहीं लो-जीआई वाला खाना धीरे-धीरे पचता है जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल बहुत तेजी से भी बढ़ता। 

पोहा में मुख्य रूप से चावल होता है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम लेवल का होता है। जीआई मान चावल प्रकार, बनाने के तरीके और इसमें मिलाए जाने वाली और चीजों के आधार पर अलग हो सकती है। पोहा का जीआई मान 38 से 64 के बीच होता है जो चावल के कई अन्य प्रकार से कम है, इसलिए पोहा शुगर के लिए अच्छा है क्योंकि इसमें सफेद चावल या ब्राउन राइस की तुलना में कम स्टार्च होता है। कम रिफाइन स्टार्च पचने में काफी ज्यादा समय लगता है।

यहां 100 ग्राम सूखे पोहा के लिए सामान्य पोषण प्रोफ़ाइल दी गई है-
पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम) मात्रा
कैलोरी

लगभग 350-400 कैलोरी

कार्बोहाइड्रेट लगभग 70-75 ग्राम
प्रोटीन लगभग 7-8 ग्राम
फ़ाइबर लगभग 0.5-1.5 ग्राम
फैट 1 ग्राम से कम

विटामिन और खनिज- पोहा में विटामिन बी होते हैं, जिनमें थायमिन (बी1), राइबोफ्लेविन (बी2), नियासिन (बी3), और फोलेट (बी9) शामिल हैं। यह आयरन (1.2 मिलीग्राम), मैग्नीशियम, सोडियम(67 मिलीग्राम), फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे खनिज भी प्रदान करता है।

कृपया ध्यान दें कि न्यूट्रिशन वैल्यू चावल के प्रकार, बनाने के तरीके और इसमें मिलाए जाने वाली और चीजों के आधार पर अलग हो सकती है। यदि आप इसमें कुछ सब्जियां भी मिलते हैं, तो न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल उन से भी प्रभावित होगी।

पोहा का न्यूट्रिशन वैल्यू (पोषण मूल्य) इसे कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा सोर्स बनाता है खासकर ऊर्जा प्रदान करने के लिए। इसमें फैट की मात्रा कम होती है और इसमें कुछ प्रोटीन भी पाया जाता है, जो इसके मैक्रोन्यूट्रिएंट को बैलेंस करने में मदद करता है। पोहा में मौजूद विटामिन बी और खनिज फिजिकल स्ट्रेंथ और हेल्थ के लिए जरूरी है। 

और पढ़े : जानिये डायबिटीज में  ब्राउन शुगर के फायदे और नुकसान।

शुगर के मरीजों के लिए पोहा के फायदे

शुगर के मरीजों के लिए पोहा के फायदे

शुगर के मरीज पोहा खा सकते हैं क्योंकि इसके निम्नलिखित फायदे हैं-

  1. फाइबर सामग्री– पोहा डाइट फाइबर का एक अच्छा सोर्स है, जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को स्थिर बनाए रखने में सहायता कर सकता है। फाइबर कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है, जिससे ग्लूकोज लेवल को अचानक बढ़ने से रोका जा सकता है।
  2. न्यूट्रिएंट प्रोफ़ाइल– पोहा विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं और शुगर के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
  3. कम फैट – पोहा में स्वाभाविक रूप से फैट कम होती है, जो हार्ट के लिए बहुत लाभकारी है। शुगर के मरीजों के लिए हार्ट का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है क्योंकि शुगर के मरीजों में हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
  4. खाने पर कंट्रोल– पोहा आपको भूख का अहसास कम होने देता है, जो पोर्शन साइज कंट्रोल करने और ज्यादा खाने को कम करने में मदद करता है और यह शुगर मैनेजमेंट के लिए बहुत जरूरी है।

और पढ़े : डायबिटीज में कौन से ड्राई फ्रूट्स खा सकते है ?

पोहा को शुगर डाइट में शामिल करें

पोहा को शुगर डाइट में शामिल करें

शुगर के मरीज इन सुझावों का पालन करके बैलेंस डाइट के रूप में पोहा खा सकते हैं-

  1. पोर्शन कंट्रोल– किसी भी खाने की चीज की तरह पोहा के लिए भी मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाने से बचने के लिए पोहा को ज्यादा खाने से बचें। 
  2. सामग्री का चयन सोच-समझकर करें– पोहा बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप किस सामग्री का उपयोग कर रहे हैं। जीआई को प्रभावित किए बिना पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए मटर और गाजर जैसी ताजी सब्जियां शामिल करें।
  3. पतले चावल चुनें– मोटे चावल की तुलना में पोहा बनाने के लिए पतले चावल चुनें, क्योंकि पतले चावल का जीआई कम होता है और ये शुगर के मरीजों के लिए बेहतर होता है।
  4. संतुलित खाना– पोहा को प्रोटीन सोर्स जैसे अंकुरित अनाज, दही या उबले अंडे के साथ मिलाएं। इससे ब्लड ग्लूकोज लेवल को स्थिर करने और भूख को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।

और पढ़े : जानिए  शुगर फ्री बिस्किट्स के फायदे ? 

पोहा खाने का सही समय

सही समय पर पोहा का सेवन ब्लड ग्लूकोज लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद कर सकता है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं-

  1. नाश्ता– पोहा कई घरों का एक लोकप्रिय नाश्ता है। सुबह इसे खाने से आपका शरीर पूरे दिन कार्बोहाइड्रेट का प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाता है जिससे ब्लड ग्लूकोज को तेजी से बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। 
  2. एक्सरसाइज से पहले– यदि आप एक्सरसाइज करने की सोच रहे हैं, तो लगभग 1-2 घंटे पहले पोहा खाने से ब्लड ग्लूकोज में अचानक उतार-चढ़ाव के बिना शरीर से जरूरी ऊर्जा मिल सकती है।
  3. संतुलित खाना–  आप सुबह के नाश्ते में, दोपहर के खाने में, या स्नैक्स में पोहा ले रहे हैं, तो तय करें कि ब्लड ग्लूकोज लेवल को मैनेज करने में मदद के लिए आप अपने खाने में पर्याप्त प्रोटीन और सब्जियां ले रहे हैं।

पोहा और शुगर के बारे में आम धारणा या गलतफहमी

पोहा और शुगर के संबंध को समझने के लिए कुछ सामान्य गलतफहमियों को दूर करना जरूरी है-

  1. सभी कार्बोहाइड्रेट खराब हैं– शुगर के बारे में सबसे ज्यादा गलत धारणाओं में से एक यह है कि सभी कार्बोहाइड्रेट खराब होते हैं। यह सच है कि ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल करने के लिए कार्बोहाइड्रेट का कम इस्तेमाल जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शुगर के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह बचना चाहिए। अगर कम मात्रा में सेवन किया जाए तो पोहा बैलेंस कार्ब एक अहम हिस्सा हो सकता है।
  2. पोहा हेल्दी होता है– पोहा को एक पारंपरिक और पौष्टिक भारतीय नाश्ता माना जाता है इसका मतलब यह नहीं है कि इसकी सभी सामग्री शुगर फ्रैंडली हैं। कुछ व्यंजनों में तले हुए एलिमेंट या अनहेल्दी टॉपिंग शामिल हो सकते हैं। शुगर के मरीजों को सतर्क रहना चाहिए और हेल्दी पोहा ही चुनना चाहिए। उदाहरण के लिए चूड़ा भाजा एक बंगाली पोहा है जो कुरकुरा और स्वादिष्ट होता है। इसे डीप फ्राई किया जाता है, इसलिए एक्स्ट्रा तेल और कैलोरी के कारण इसको कम मात्रा में खाना चाहिए।
  3. पोहा किसी भी समय खाया जा सकता है– शुगर के मरीजों के लिए समय जरूरी है। देर रात या गलत चीजों के साथ खाने से ब्लड ग्लूकोज बढ़ सकता है। जब आप पोहा खा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यह आपके शुगर मैनेजमेंट प्लान के हिसाब से सही है। 

और पढ़े: क्या डायबिटीज में कॉफ़ी पी सकते है?

शुगर के मरीजों के लिए पोहा के प्रकार

शुगर के मरीजों के लिए पोहा के प्रकार

पोहा कई प्रकार से बनाया जाता है। शुगर के लिए कौन सा पोहा अच्छा है, इस पर विचार करने और निर्णय लेने के लिए यहां कुछ शुगर-फ्रैंडली पोहा के प्रकार बताए गए हैं-

  1. वेजिटेबल पोहा– कई प्रकार की सब्जियों जैसे शिमला मिर्च, टमाटर और गाजर मिलाकर बनाने से पोहा का न्यूट्रिशन प्रोफाइल बढ़ जाता है। इससे न केवल फाइबर की मात्रा बढ़ती है बल्कि जरूरी विटामिन और खनिज भी मिल जाते हैं।
  2. अंकुरित पोहा– पोहा को अंकुरित(स्प्राउट) करके इसे और भी पौष्टिक बनाया जा सकता है। अंकुरित होने से पोषक तत्वों की क्वालिटी और बढ़ जाती है जिससे ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल करने में आसानी हो सकती है।
  3. हर्बल पोहा– अपने पोहा में ताजा हर्ब्स जैसे सीताफल, पुदीना, या तुलसी मिलाएं। ये जड़ी-बूटियाँ न केवल स्वाद प्रदान करती हैं बल्कि संभावित ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल करने सहित कई हेल्थ बेनिफिट भी प्रदान करती हैं।
  4. मिलेट्स पोहा– चावल की जगह पर फॉक्सटेल मिलेट या बार्नयार्ड मिलेट जैसे मिलेट्स(मोटे अनाज) का उपयोग कर सकते हैं। मिलेट्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह शुगर के मरीजों के लिए काफी बढ़िया हो सकता है।

और पढ़े : डायबिटीज में कोल्ड ड्रिंक पी सकते है ?

प्रोसेस्ड पोहा स्नैक्स

बाज़ार में शुगर के मरीजों के लिए विशेष रूप से ये स्नैक्स मिलते हैं और काफी लोकप्रिय भी हो रहे हैं। ये स्नैक्स शुगर के मरीजों के लिए एक सुविधाजनक और खाने के लिए बिल्कुल तैयार विकल्प प्रदान करते हैं, लेकिन इन्हें लेते समय कुछ बातों का ध्यान जरूरी है। 

लाभ

  1. पोर्शन कंट्रोल (भाग नियंत्रण)– पैकेज्ड पोहा स्नैक्स पहले से ही तय होते हैं, ऐसे शुगर के मरीजों के लिए सहायक हो सकते हैं जिन्हें अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन की निगरानी करने की जरूरत होती है।
  2. सुविधाजनक– ये स्नैक्स सुविधाजनक हैं और इन्हें बहुत कम तैयारी की जरूरत होती है। ये किसी यात्रा के दौरान या जब आपके पास समय की कमी हो तो आप जल्दी से बना सकते हैं। 
  3. लेबलिंग– इनमें से कई उत्पादों में स्पष्ट पोषण से जुड़ी लेबलिंग होती है, जिसमें न्यूट्रिएंट प्रोफ़ाइल की जानकारी होती है। जिससे लोगों को उनके हिसाब से विकल्प चुनना आसान हो जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें-

  1. इंग्रिडेंट्स (सामग्री)– स्नैक संपूर्ण अनप्रोसेस्ड इंग्रिडेंट से बना है। यह जानने के लिए इंग्रिडेंट लिस्ट को ध्यान से पढ़ें। ऐसे स्नैक्स से बचें जिनमें अनहेल्दी तत्व, प्रिजर्वेटिव या काफी ज्यादा फैट हो।
  2. ग्लाइसेमिक इंडेक्स– कुछ पैकेज्ड पोहा स्नैक्स को “शुगर फ्रैंडली” के रूप मे बताया जाता है, लेकिन उत्पाद के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) की जांच करना जरूरी है। यहां तक कि पोहा जब मुख्य इंग्रिडेंट हो फिर भी स्नैक कैसे तैयार किया जाता है और प्रोसेस्ड किया जाता है उसके आधार पर समग्र जीआई अलग हो सकता है।
  3. सर्विंग साइज़– पैकेजिंग पर बताए गए सर्विंग साइज़ पर ध्यान दें। जितनी मात्रा बताई गई है उससे ज्यादा मात्रा में खाने से एक्स्ट्रा कार्बोहाइड्रेट का सेवन हो सकता है, जो संभावित रूप से ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित कर सकता है।
  4. फ्लेवर और मसाले– ज्यादा फ्लेवर या मसालेदार स्नैक्स से सावधान रहें, क्योंकि उनमें एक्स्ट्रा चीनी, नमक या अनहेल्दी फैट हो सकती है।
  5. वैरायटी (विविधता)– यह तय करें कि आपका डाइट विविधता भरा हो जिसमें कई प्रकार के न्यूट्रिएंट शामिल हों। ये स्नैक्स आपके डाइट का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन केवल इन पर निर्भर न रहें।

याद रखें कि पोहा शुगर के मरीजों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प है लेकिन यह सिर्फ पूरी तरह से संतुलित और सावधानीपूर्वक मैनेज डाइट का एक अंग होना चाहिए। एक डाइट जिसमें सभी ताजा खाई जाने वाली चीजें शामिल हैं ये शुगर मैनेजमेंट और संपूर्ण स्वास्थ के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। 

और पढ़े : शुगर में कौन सा फल खाये ?

निष्कर्ष

पोहा अपने मॉडरेट(मीडियम) ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कई पोषण संबंधी लाभों के कारण सावधानी से खाए जाने पर शुगर के मरीजों की डाइट का एक हिस्सा हो सकता है। यह याद रखना जरूरी है कि हर व्यक्ति की डाइट और भोजन से जुड़ी प्रतिक्रियाएँ अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए यदि आपको शुगर है तो आपकी जरूरतों के हिसाब से पर्सनल डाइट प्लान के लिए किसी हेल्थ केयर एक्सपर्ट या डाइट एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है। पोषण से जुड़े एक संतुलित और व्यक्तिगत तरीके से शुगर को प्रभावी ढंग से मैनेज करने और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। अपने शुगर को कंट्रोल में रखते हुए इस नाश्ते के स्वादिष्ट स्वाद का आनंद लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या पोहा शुगर के मरीजों के लिए अच्छा है?

अपने मॉडरेट(मध्यम) ग्लाइसेमिक इंडेक्स और न्यूट्रिशन से जुड़े लाभों के कारण पोहा शुगर के मरीजों के लिए एक अच्छा नाश्ता हो सकता है, लेकिन मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है?

पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल के प्रकार और पकाने के तरीकों आदि जैसे कारकों के आधार पर अलग हो सकता है। यह मॉडरेट(मध्यम) ग्लाइसेमिक इंडेक्स सीमा के भीतर आता है।

मैं अपने पोहे को अधिक शुगर-फ्रैंडली कैसे बना सकता हूँ?

आप पतले चावल, फाइबर के लिए सब्जियां, प्रोटीन सोर्स को शामिल करके और ज्यादा नमक से परहेज करके पोहा को ज्यादा शुगर-फ्रैंडली बना सकते हैं।

क्या शुगर के मरीजों के लिए पोहा को सभी तरह के भोजन में शामिल किया जा सकता है?

पोहा का सेवन अलग-अलग तरह के भोजन के साथ भी किया जा सकता है लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे प्रोटीन और सब्जियों के साथ मिलाने पर यह एक बढ़िया नाश्ते का विकल्प हो सकता है।

क्या शुगर के मरीजों द्वारा पोहा की अलग-अलग किस्में खाई जा सकती हैं?

हां, शुगर के मरीज एक्स्ट्रा न्यूट्रिशन और बेहतर ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल के लिए वेजिटेबल पोहा, प्रोटीन-पैक्ड पोहा, अंकुरित पोहा, या मिलेट्स(मोटा अनाज) से बनने वाला पोहा जैसी किस्मों पर विचार कर सकते हैं।

क्या मैं रात के नाश्ते के रूप में पोहा खा सकता हूँ?

देर रात पोहा खाने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इससे सुबह के समय फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। दिन की शुरुआत में इसको खाना जायद अच्छा होता है।

क्या चिवड़ा शुगर के लिए अच्छा है?

चिवड़ा शुगर-फ्रैंडली डाइट का एक हिस्सा हो सकता है जब इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए और इसे हेल्दी चीजों के साथ बनाया जाए।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

Disclaimer

This site provides educational content; however, it is not a substitute for professional medical guidance. Readers should consult their healthcare professional for personalised guidance. We work hard to provide accurate and helpful information. Your well-being is important to us, and we value your feedback. To learn more, visit our editorial policy page for details on our content guidelines and the content creation process.

Leave a Reply

फ्री डायबिटीज डाइट प्लान डाउनलोड करें