क्या डायबिटीज में कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन उचित है? जाने एक्सपर्ट की राय

टाइप 2 डायबिटीज़ को मेनेज करने के लिए जितना ज़रूरी खाने का ध्यान रखना है, उतना ही ज़रूरी है ये देखना कि आप क्या पी रहें हैं। यह आपके शुगर लेवल को बहुत जल्दी प्रभावित करता है। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि क्या वो डायबिटीज़ में कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक पी सकते हैं? आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कैसे कोल्ड ड्रिंक आपके शुगर लेवल को कैसे प्रभावित करती है और कौनसी ड्रिंक्स आपकी डायबिटीज़ के लिए हेल्दी है?
कोल्ड ड्रिंक हो या सॉफ्ट ड्रिंक उसमें चीनी व कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है। कार्बोहाईड्रेट युक्त ड्रिंक्स तेज़ी से पचती है जिससे आपके शुगर लेवल जल्दी बढ़ते हैं। इसके स्थान पर आप ज़ीरो-कार्ब, ज़ीरो-चीनी पेय जैसे पानी का सेवन करें।
यदि आपको टाइप 2 डायबिटीज़ है, तो आप मीठे पेय – जैसे रेगुलर सोडा, मीठी चाय, और यहां तक ​​कि जूस से दूरी बना के रखें। इसके स्थान पर आप हेल्दी विकल्प चुनें।
कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक्स आपको डीहाईड्रेट करती है इसलिए अगर आप हाईड्रेटेड रहना चाहते हैं तो बोतलबंद पेय से दूर रहें।
सामान्यतया, डायबिटीज़ मरीज को मीठी कोल्ड ड्रिंक से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क को बढ़ाती है। डॉक्टर के अनुसार आपके रोज़ की ऊर्जा या कार्ब का केवल 10% शुगर से आना चाहिए।  यह पुरुषों के लिए 70 ग्राम या उससे कम चीनी और महिलाओं के लिए 50 ग्राम या उससे कम के बराबर है।
इसके विपरीत यदि आप कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करते हैं तो केवल एक आधा लीटर मीठे कोला से आपको पूरे दिन की चीनी का 60% मिल जाता है।
डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए शुगर की कोई निश्चित मात्रा निर्धारित नहीं होती। यह उनके शुगर लेवल्स और हेल्थ पर निर्भर करती है।

कोल्ड ड्रिंक और डायबिटीज़

2010 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा एक अध्ययन में पाया गया की रोज़ एक या एक से अधिक चीनीयुक्त ड्रिंक की केन पीने से टाइप 2 डायबिटीज़ का रिस्क 26% तक बढ़ जाता है।
मीठे पेय या कोल्ड ड्रिंक डायबिटीज़ या ग्लूकोज असहिष्णुता (प्रीडायबिटीज़ और गर्भकालीन डायबिटीज़ वाले रोगियों में भी) वाले लोगों में ब्लड शुगर लेवल में तेज वृद्धि का कारण बन सकते हैं और इसलिए आमतौर पर शर्करा युक्त पेय पीने से बचना सबसे अच्छा होता है।
इसके अलावा हाई शुगर और हाई कार्ब कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक पीने से शरीर का वज़न भी बढ़ता है। आधा लीटर कोला एक वयस्क के दैनिक कैलोरी सेवन का लगभग 11% योगदान देता है इस तरह यह कैलोरी की मात्रा बढ़ा देता है जिससे वज़न बढ़ जाता है। मोटापा या अधिक वज़न टाइप 2 डायबिटीज़ के मुख्य रिस्क में से एक है।
चीनीयुक्त पेय के साथ एक समस्या यह है कि वे बहुत तेजी से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं और इससे बिना डायबिटीज़ वाले लोगों में भी थकान और भूख बढ़ सकती है। इसके अलावा यह हाई शुगर कोल्ड ड्रिंक ऊर्जा के अलावा किसी भी तरह का न्यूट्रीशन नहीं देती है इसलिए ये हेल्थ के लिए फायदेमंद नहीं है।
आजकल बच्चों में मोटापा बहुत देखा जाता है इसकी वजह है गलत तरह का खान पान जैसे जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स। इस तरह की डाइट से आगे जा कर बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज़ की संभावना बढ़ जाती है।
चाहे आपको डायबिटीज़ हो या नहीं, कोल्ड ड्रिंक किसी भी व्यक्ति के लिए हेल्दी नहीं होती। यह कार्बोनेटेड, हाई शुगर, हाई कार्ब ड्रिंक्स आपके शुगर लेवल्स को बढ़ाता है, मोटापे को बढ़ाता है, डीहाईड्रेट करता है और कई अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए कोल्ड ड्रिंक के बजाय अच्छे हेल्दी ऑप्शन को चुनें।

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कोल्ड ड्रिंक का स्वस्थ विकल्पशुगर मरीजों के लिए कोल्ड ड्रिंक का स्वस्थ विकल्प

अपनी प्यास बुझाने के लिए हमेशा ज़ीरो या लो कैलोरी ड्रिंक्स चुनें। इनको हेल्दी और टेस्टी बनाने के लिए उसमें ताज़ा नींबू का रस निचोड़ें।
हालांकि कम चीनी वाले विकल्पों जैसे सब्जियों का रस या वेजीटेबल जूस को भी सीमित मात्रा में सेवन करें।
कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट में भी दूध की चीनी, लैक्टोज होती है, इसलिए इसे अपने रोज़ के कार्ब काउन्ट के हिसाब से ही अपनी डाइट में शामिल करें जिससे आपके शुगर लेवल नहीं बढ़ें।  इसलिए डायबिटीज़ में हमेशा डाईबिटीज़-फ़्रेंडली ड्रिंक्स ही पियें। ऐसी ही कुछ हेल्दी ड्रिंक्स जिन्हें आप कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक की जगह पी सकते हैं, वो हैं:

पानी

पानी उन कुछ पेय पदार्थों में से एक है जिसे आप पूरे दिन बिना किसी चिंता के पी सकते हैं। इसका मतलब है कि पानी न तो आपके ब्लड शुगर को बढ़ाता है और न ही घटाता है।
पानी हाइड्रेटेड रहने का एक शानदार तरीका है और हाइड्रेटेड रहने से आपको अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। पानी आपके रक्त को पतला करने में मदद करता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।
रोज़ पानी की मात्रा वज़न के प्रत्येक पाउंड के लिए ½ औंस (oz) से 1 औंस पानी पीने की सलाह दी जाती है। आप अच्छे से हाईड्रेटेड है यह पता करने के लिए अपने मूत्र के रंग पर ध्यान रखें। यदि यह गाढ़ा और ज्यादा पीला हो तो इसका मतलब हैं आप डीहाईड्रेटेड हैं।
यदि आप अक्सर जितना पानी पीना चाहिए उतना पानी पीना भूल जाते हैं, तो हर चीनीयुक्त ड्रिंक्स या कैफीन ड्रिंक के बाद 8 औंस गिलास पानी पिएं। यह आपको डीहाइड्रेशन और इसके बुरे प्रभाव से बचाने में मदद करता है। स्पार्कलिंग पानी के साथ या अपने गिलास में नींबू या नींबू का रस निचोड़ कर पानी पियें।
यदि सादा पानी आपको पसंद नहीं आता है, तो इसे निम्न तरह से पियें:

  • नींबू, या नारंगी के स्लाइस मिला कर पियें।
  • पुदीना, तुलसी, या नींबू मिला कर पानी पियें।
  • अपने पेय में कुछ ताज़ा रसभरी को मिला कर पियें।

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गाय का लो-फैट दूध

स्किम या कम वसा वाला दूध भी एक अच्छा पेय विकल्प है, लेकिन इसके कार्ब काउन्ट का ध्यान रखें।
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, 1 प्रतिशत लो फैट दूध का एक कप 305 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करता है, जो दैनिक ज़रूरत का लगभग 23 प्रतिशत है। इस प्रकार यह आपको न्यूट्रीशन देता है।
कई गैर डेयरी दूध के विकल्प, जैसे कि बादाम का दूध, में चीनी हो सकती है इनके सेवन के पहले ध्यान रखें।

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ग्रीन टी 

सभी जानते हैं कि ग्रीन टी का आपके सामान्य स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ग्रीन टी के रोजाना सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। हालाँकि, इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
चाहे आप ग्रीन, ब्लैक, सफ़ेद या ऊलोंग चाय पियें ध्यान रखें कि उसमें कोई अतिरिक्त शक्कर ना मिलाएं। ताज़गी भरे स्वाद के लिए, आइस टी बनाएं और उसमें नींबू के कुछ स्लाइस डालें।

हर्बल चाय

डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए कैमोमाइल, हिबिस्कस, अदरक, और पेपरमिंट चाय जैसी हर्बल चाय की किस्में सभी बेहतरीन विकल्प हैं।
हर्बल चाय न केवल कार्ब्स, कैलोरी और चीनी से मुक्त है, बल्कि यह कैरोटेनॉयड्स, फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड सहित रोग से लड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों से भरपूर होती है।

सब्जी का रस

फलों के रस में चीनी होती है ऐसे में आप कुछ वेजीटेबल जूस पी सकते हैं जैसे टमाटर का जूस आदि।
एक हेल्दी ड्रिंक के रूप में विटामिन और खनिजों से भरपूर  मुट्ठी भर जामुन के साथ हरी पत्तेदार सब्जियां, अजवाइन, या खीरे को मिला कर पियें। इसके अलावा इसमें बेरीज़ भी मिला सकते हैं।

हरी स्मूदी

हाइड्रेटेड रहने के साथ हाई फाइबर और पोषक तत्व से भरपूर ग्रीन स्मूदी पीना बहुत फ़ायदेमंद रहता है।
पालक, केल, या अजवाइन जैसी हरी सब्जियों का उपयोग करके स्मूदी बनाएं जिसमें थोड़ा प्रोटीन पाउडर और फल मिला कर इसके न्यूट्रीशन और स्वाद को बढ़ाएं।
ध्यान रखें कि फलों में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, इसलिए उन्हें अपने दैनिक कार्ब सेवन की मात्रा के अनुसार ही शामिल करें।

बिना चीनी वाली कॉफी और चाय पिएं

अगर आप चाय कॉफी के शौकीन है तो उन्हें बिना शक्कर के पियें। इससे आपके शुगर लेवल प्रभावित नहीं होंगें। इसमें कैलोरी और शुगर दोनों कम होती है। यदि आप उसमें दूध, क्रीम या चीनी मिलाते हैं तो यह आपके कार्ब लेवल को बढ़ाता है। इसलिए शुगर-फ्री चाय कॉफी पियें।

लेमन टी में चीनी ना मिलाएं। अगर आपको चाय में कुछ मिठास चाहिए तो इसमें कोई प्राकृतिक चीनी या स्टेविया मिला सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि आपके शुगर लेवल्स नियंत्रित हो केवल तभी आप इसमें कोई भी प्राकृतिक या कृत्रिम शुगर मिलाएं।
शोध से पता चलता है कि कॉफी और चाय – विशेष रूप से ग्रीन टी – टाइप 2 डायबिटीज़ के जोखिम को कम कर सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने प्रति दिन कम से कम 6 कप ग्रीन टी या 3 कप कॉफी का सेवन किया, उनमें टाइप 2 डायबिटीज़ विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 33 प्रतिशत कम थी, जो प्रति सप्ताह 1 कप से कम पेय का सेवन करते थे।

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चीनी मुक्त नींबू पानी

अगर आप एक ताज़ा, लो-कार्ब और टेस्टी ड्रिंक पीना चाहते हैं तो घर में बनाया जाने वाला नींबू पानी एक बेस्ट ड्रिंक है। यह आसानी से घर पर शुगर-फ्री बनाया जा सकता है।
इसे बनाने के लिए सबसे पहले स्पार्कलिंग पानी को थोड़े से ताजे निचोड़े हुए नींबू के रस के साथ मिलाएं। इसके ऊपर कुछ बर्फ और अपनी पसंद का शुगर-फ्री स्वीटनर, जैसे स्टीविया डालें। आप चाहे तो इसे बिना मीठा किये भी पी सकते हैं।

कोम्बुचा

कोम्बुचा एक फरमेंटेड ड्रिंक है जिसे आमतौर पर ब्लैक या ग्रीन टी से बनाया जाता है।
यह प्रोबायोटिक्स का एक बड़ा स्रोत है, जो आंत में पाए जाने वाले एक प्रकार के लाभकारी बैक्टीरिया हैं। यह ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद करते हैं। सामान्यतया कोम्बुचा की 1-कप सर्विंग में आमतौर पर लगभग 7 ग्राम कार्ब्स होते हैं, जो इसे कम कार्ब डाइट के रूप में एक अच्छी ड्रिंक बनाता है जो बिना शुगर लेवल बढ़ाए आपको ड्रिंक्स का एक बेहतर विकल्प देती है। तो अगली बार अपनी प्यास बुझाने के लिए कोला या कोल्डड्रिंक के बजाय कोम्बुचा पियें।

शुगर के मरीजों को किन पेय से बचना चाहिएशुगर मरीजों को किन पेय पदार्थों से बचना चाहिए?

जब भी संभव हो मीठे पेय से बचें। वे न केवल आपके ब्लड शुगर लेवल्स को बढ़ा सकते हैं बल्कि आपकी रोज़ की आवश्यक कैलोरी का एक बड़ा हिस्सा बन सकते हैं।
शक्करयुक्त पेय या ड्रिंक्स बहुत कम पोषक तत्व प्रदान करते हैं। हालांकि फलों के जूस आपको पोषण दे सकते हैं लेकिन इनमें मौजूद शुगर आपके डायबिटीज़ के लिए सुरक्षित नहीं होती। आइए जानें वो कौनसे इसे पेय हैं जिनसे आपको बचना चाहिए।

रेगुलर सोडा

जिन पेय से आपको बचना चाहिए उसमें सबसे ऊपर आता है रेगुलर सोडा। एडीए के अनुसार इसमें औसतन 40 ग्राम चीनी और 150 कैलोरी हो सकती है। इसलिए यह आपके शुगर लेवल्स को बहुत जल्दी स्पाइक कर सकता है।
इसके अलावा यह वज़न बढ़ाने और दांतों की सड़न के लिए भी जिम्मेदार है। इसलिए इनके बजाय, शुगर-फ्री ड्रिंक्स अपनाएं।

एनर्जी ड्रिंक

एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन और कार्बोहाइड्रेट दोनों अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इस प्रकार यह ब्लड शुगर में स्पाइक का कारण बन सकते हैं।
बहुत ज्यादा कैफीन पीने से निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं:

  • घबराहट
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • अनिद्रा या नींद ना आना

ये सभी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

चीनीयुक्त या बिना चीनी का फलों का रस

हालांकि फलों के रस को मोडरेशन में पीना ठीक है लेकिन फ़िर भी इसमें कार्बोहाईड्रेट की उच्च मात्रा होती। साथ ही इसमें नेचुरल शुगर भी पाई जाती है। इस प्रकार यह ना सिर्फ आपकी ब्लड शुगर बढ़ाता है बल्कि वज़न भी बढ़ा सकता है।
कई फल आपको कई तरह के पोषक तत्व प्रदान करते हैं जैसे विटामिन सी ऐसे में उन्हें सीमित मात्रा में और कार्ब काउन्ट के हिसाब से लेने पर यह आपको फ़ायदा पहुँच सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें की 100% शुद्ध फलों का रस ही पियें, इसमें कोई एडेड चीनी ना हो। आप इसके बजाय स्पार्कलिंग पानी में अपने पसंदीदा रस की कुछ बूंदें मिला कर ले सकते हैं।

सावधानी से पीने वाली ड्रिंक्स

डाइट सोडा

कहने के लिए यह डाइट सोडा है लेकिन यह भी आपके शुगर लेवल्स के लिए सही नहीं होता। डाइट सोडा कई प्रकार के मेटाबोलिक सिंड्रोम के रिस्क को बढ़ाता है जैसे

उच्च रक्तचाप

कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर

ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर

बढ़ा हुआ वज़न

उच्च रक्त शर्करा का स्तर

कई बार लोग वज़न कम करने के लिए डाइट सोडा पीते हैं जो की सही विकल्प नहीं है। डाइट सोडा पीने से शुगर लेवल बढ़ने के साथ कमर के हिस्से में भी वृद्धि होती है और बेली फैट बढ़ता है।
हालांकि इस पर और अध्ययन की ज़रूरत है। इसलिए सुरक्षा के रूप में डायबिटिक लोगों को शुगर फ्री सोडा मोडरेशन में पीना चाहिए। साथ ही इसके साथ कोई हाई कैलोरी स्नैक ना लें जैसे कैंडी या कुछ मीठा।

एल्कोहॉल

यदि आपको डायबिटीज़ के कारण हाई ब्लड प्रेशर और नर्व डेमेज की परेशानी है तो एल्कोहॉल या शराब से यह स्थिति और खराब हो सकती है।
इसलिए किसी हेल्थकेयर एक्सपर्ट से अपनी हेल्थ के अनुसार सलाह लें की एल्कोहॉल या शराब आपके लिए कितनी सुरक्षित है।
कई लोगों में यह शुगर लेवल गिरा सकती है। जो लोग इंसुलिन या डायबिटीज़ की दवा लेते हैं उनमें शराब हाइपोग्लाइसिमिया का कारण बन सकती है।
इसके अलावा कुछ डिस्टिल्ड स्पिरिट आमतौर पर चीनी युक्त सोडा या जूस के साथ मिश्रित होते हैं जो शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं।
शराब का सेवन प्रीडायबिटीज के हाई रिस्क से जुड़ा है। हालांकि, शराब के कम से मध्यम सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ होने का रिस्क नहीं।
यदि आप एल्कोहॉल पीना चाहते हैं, तो रेड वाइन एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह कार्बोहाइड्रेट में कम होती हैं। एडीए के अनुसार डायबिटीज़ वाली महिलाओं को प्रतिदिन एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए प्रति दिन 2 ड्रिंक सुरक्षित मानी जाती है। डायबिटीज़ के रिस्क और शराब के सेवन के बीच संभावित संबंध को समझने के लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

जब एक हेल्दी ड्रिंक चुनने की बात आती है तो हमेशा स्वस्थ ऑप्शन को ही चुनें। पानी से अच्छी और सुरक्षित कोई ड्रिंक नहीं है। इसके अलावा आप बिना चीनी की चाय और शुगर फ्री ड्रिंक्स भी पी सकते हैं। प्राकृतिक जूस और लो-फैट दूध आम तौर पर कम मात्रा में पीना ठीक होता है।
यदि आप अपनी ड्रिंक या पेय को मीठा करना चाहते हैं तो उसमें नेचुरल मिठास डालें जैसे कुछ साइट्रस फल के टुकड़े, जड़ी बूटियाँ, जामुन आदि। याद रखें कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक हर व्यक्ति के लिए नुकसानदायक होती है चाहे आपको डायबिटीज़ हो या ना हो। ऐसे में यह डायबिटिक लोगों के लिए और खतरनाक हो सकती है। यह वज़न व शुगर लेवल दोनों बढ़ाती है इसलिए हमेशा हेल्दी ड्रिंक्स जैसे पानी, नींबू पानी, ग्रीन टी, ब्लैक टी, लो-फैट मिल्क, आदि चुनें।

FAQs:

क्या मैं रोज कोल्ड ड्रिंक पी सकता हूँ?

कार्बोनेटेड पेय हड्डियों को कमजोर करते हैं, ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनते है और साथ ही रक्तचाप बढ़ाते हैं। यह कैल्शियम और विटामिन की कमी भी करता है। ऐसे में हेल्दी ड्रिंक्स और लो-फैट दूध पियें। दूध विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और बीमारी को रोकने के लिए आवश्यक होता है।

क्या कोल्ड ड्रिंक ब्लड शुगर बढ़ाती है?

कोल्ड ड्रिंक और सोडा डायबिटीज़ के रिस्क को बढ़ाते हैं। जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज़ हैं उनमें यह शुगर लेवल्स को बढ़ा सकते हैं। शरीर सोडा या कोल्डड्रिंक की चीनी को जल्दी पचा लेता है जिससे यह अचानक शुगर स्पाइक कर देता है। इसके अलावा यह इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस को भी बढ़ाता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए कोल्डड्रिंक के सेवन से बचें।

क्या डायबिटीज़ रोगी कोल्ड ड्रिंक पी सकते हैं?

सामान्यतया, डायबिटीज़ वाले लोगों को चीनीयुक्त पेय से परहेज़ करना चाहिए। यह हाई शुगर लेवल के रिस्क से जुड़ी होती है। कोल्ड ड्रिंक में हाई शुगर और हाई कार्ब होता है जो शुगर लेवल को स्पाइक करता है। साथ ही यह वज़न बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार होता है जो टाइप 2 डायबिटीज़ का एक कारण है। ऐसे में डायबिटीज़ रोगी को कोल्डड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। इसके स्थान पर वह हेल्दी पेय जैसे पानी, ग्रीन टी, नींबू पानी आदि ले सकते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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