लेखक: Dr. Rashmi GR
डायबिटीज या शुगर को कभी बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था। लेकिन आज ये बीमारी जवानों और बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। यह बीमारी एक बार में अपना लक्षण नहीं दिखाती, बल्कि खराब लाइफस्टाइल और अन्य कारकों के चलते हमारे शरीर में धीरे-धीरे पनपती है और वक्त के साथ घातक हो जाती है। …
Last updated on नवम्बर 1st, 2023शुगर जैसी बीमारी में इस बात का विशेष ध्यान रखना जरूरी है कि इस बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए? 2017 में लगभग 36.6 करोड़ लोग शुगर से प्रभावित थे। अध्ययनों के अनुसार, 2030 तक ये संख्या बढ़कर 55.2 करोड़ होने की उम्मीद है। विभिन्न अध्ययनों से …
Last updated on नवम्बर 1st, 2023परिचय टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करना कठिन हो सकता है लेकिन अपने डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप अपने ओवरऑल हेल्थ(संपूर्ण स्वास्थ) और इंसुलिन लेवल को सही रख सकते हैं। टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे बड़ा विषय है कि वे क्या खाते हैं? जब बात स्नैक्स की आती …
आज के बदलते परिवेश और खानपान के चलते बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में डायबिटीज एक ऐसी मेडिकल प्रॉब्लम बनकर उभरी है, जिसका इलाज संभव नहीं है। हाल ही में यह कई लोगों के लिए खतरा भी बन गया है। डायबिटीज एक आजीवन बीमारी है, जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का …
Last updated on अक्टूबर 23rd, 2023 डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों को संतुलित डाइट की मदद से डायबिटीज को मैनेज करना जरूरी होता है। सावधानीपूर्वक मरीज के हेल्थ कंडीशन के अनुसार बनाया गया पर्सनल डाइट प्लान काफी महत्वपूर्ण होता है। इस डाइट प्लान से शुगर के लेवल को कंट्रोल करने, शरीर के वजन को हेल्दी बनाए …
डायबिटीज को ठीक से मैनेज करना मतलब रेगुलर तरीके से ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग करना है। भोजन के बाद या वर्कआउट के बाद ग्लूकोज लेवल की रेगुलर मॉनिटरिंग से ब्लड ग्लूकोज लेवल पर डाइट या वर्कआउट के इफेक्ट को सही से समझने में मदद मिलती है। इससे सही डाइट प्लान और वर्कआउट प्रोग्राम बनाने में …