क्या डायबिटीज रोगियों के लिए शुगर फ्री बिस्किट का सेवन सुरक्षित है?

मधुमेह एक प्रकार का चयापचय या मेटाबोलिज़्म से संबंधित रोग है। यह शरीर में शर्करा या शुगर के स्तर के बढ़ने के  परिणामस्वरूप होता है। मधुमेह की अवस्था में, या तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या, यह उत्पादित मात्रा का प्रभावी तरीके से उपयोग नहीं कर सकता है। यह तब होता है जब शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली आइलेट्स को प्रभावित करती है। यह अपने आप ही इंसुलिन उत्पादन की दर को प्रभावित करता है। इस स्थिति में कोशिकाएं शरीर में मौजूद शर्करा या चीनी का अवशोषण नहीं कर पाती और वो शरीर में ही बनी रहती है। और, यह स्वस्थ ग्लूकोज-से-ऊर्जा रूपांतरण को रोकता है।

शरीर को ऊर्जा के लिए ग्लुकोज़ की आवश्यकता होती है जो हमें शर्करा व कार्ब से मिलता हैं ऐसे में कई मधुमेह रोगी जानना चाहते हैं कि “क्या शुगर फ्री बिस्कुट मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित हैं?” इस ब्लॉग में हम इसी सवाल के उत्तर जानेंगें।

मधुमेह के दोनों प्रकार टाइप 1 व टाइप 2 डाईबिटीज़ में इंसुलिन रेजिसटेन्स की अवस्था उत्पन्न हो जाती है। इन दोनों ही डाईबिटीज़ के प्रकारों में शुगर फ्री बिस्कुट शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इनमें चीनी नहीं होती है। इसलिए आप अपने डाइट मेन्यू में इन स्वादिष्ट स्नैक को जोड़ सकते हैं पर कुछ सावधानियों के साथ।

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शुगर फ्री बिस्कुट मधुमेह रोगियों के लिए कैसे फायदेमंद हैं?

शुगर फ्री बिस्किट्स

शुगर-फ्री बिस्कुट प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। ये वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। यह कई स्वास्थ्य लाभ या हेल्थ बेनेफिट्स लिए होते हैं। इन डाइबीटिक-फ़्रेंडली उत्पाद को शोध व परीक्षण के बाद सावधानीपूर्वक डाइबीटिक लोगों के लिए तैयार किया गया है। ये हेल्दी, ऑर्गेनिक व डाईबिटीज़-फ्रेंडली बिस्कुट हैं। इन उच्च ग्रेड प्रोटीन बिस्कुट में कई स्वास्थ्यवर्धक घटक मौजूद होते हैं जिनमें महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और कैसिइन प्रोटीन शामिल हैं। यह हेल्दी न्यूट्रीशनल प्रोफ़ाइल मदद करता है:

  • दिल के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में
  • ब्लड शुगर के नियंत्रण में
  • वजन प्रबंधन या वेट मेनेजमेंट में

मधुमेह रोगी इस उत्पाद या प्रोडक्ट को प्रतिदिन नाश्ते के रूप में ले सकते हैं। इससे मिलने वाले लाभों में शामिल है:

  • लंबे समय तक मिलने वाला पोषण
  • मजबूत शरीर
  • बार-बार खाने की इच्छा या फूड क्रेविंग्स से छुटकारा

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मधुमेह होने पर व्यक्ति को शुगर-फ्री बिस्कुट क्यों खाने चाहिए ?

चीनी से पूरी तरह मुक्त या शुगर-फ्री

मधुमेह, मूल रूप से, एक ऐसी कन्डिशन है जिसमें शरीर में  ग्लूकोज की अधिक मात्रा हो जाती है। इसके कारण शरीर में कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं देखने मिलती है। इनमें कई गंभीर स्थितियाँ भी हो सकती है। ऐसे में शुगर फ्री खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है। शुगर-फ्री बिस्कुट रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। शुगर फ्री बिस्कुट में स्टीविया होता है। और, यह एक प्लांट-बेस्ड स्वीटनिंग एजेंट है यानि एक प्राकृतिक शर्करा है। इसके अलावा, यह शरीर के ग्लाइसेमिक स्तरों को नियमित करने के लिए भी उपयोगी है। इस प्रकार, जब मधुमेह के लोग नियमित रूप से इन उत्पादों का सेवन करते हैं, तो उनके ग्लूकोज का स्तर नहीं बढ़ता।

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कैसिइन प्रोटीन कमजोरी को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है

एक के ऊपर एक बिस्किट्स

विशेष रूप से, प्रोटीन मधुमेह वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी बहुत ज़रूरी है। अलग-अलग प्रकार के प्रोटीन शरीर को विभिन्न लाभ प्रदान करते हैं। इनमें कैसिइन प्रोटीन प्राकृतिक रूप से प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी को बढ़ाने में बहुत मदद करता है यह प्रोटीन शुगर-फ्री बिस्कुट का एक महत्वपूर्ण भाग है जो शुगर लेवल नियंत्रित रखने के साथ- साथ इम्यूनिटी बढ़ाता है।

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हेल्दी घटकों की अधिक मात्रा

ध्यान दें, चीनी मुक्त बिस्कुट में प्रोटीन एक उत्कृष्ट मात्रा में होता है। इसके अलावा, बिस्कुट में अघुलनशील और घुलनशील फाइबर दोनों शामिल हैं जो शरीर में शुगर के अवशोषण की धीमे करके शुगर लेवल को कंट्रोल या नियंत्रित रखते हैं। साथ ही, इनमें विटामिन बी, और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये सभी आवश्यक पोषक तत्व कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, वे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी सहायता करते हैं। बी-विटामिन होमोसिस्टीन के स्तर को कम करते हैं। यह मधुमेह के लोगों के लिए बहुत मददगार है। और, उन लोगों के लिए भी जो कई वजहों से अपनी डाइट में प्रोटीन शामिल नहीं कर पाते।

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प्राकृतिक स्वीटनर या मिठास

शुगर-फ्री बिस्कुट का एक और फायदा इनका स्वाद है। इन बिस्कुटों में स्टेविया होता है, जो पौधे पर आधारित स्वीटनर या प्लांट-बेस्ड स्वीटनर है। इसलिए, यह मीठा होने के साथ-साथ मधुमेह के रोगियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।

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संक्रमण से शरीर का बचाव

शुगर फ्री बिस्किट में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। वे कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं जैसे हृदय की समस्याएं, कुछ कैंसर आदि। इसके अलावा कैसिइन प्रोटीन इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। मधुमेह रोगियों और सामान्य लोगों दोनों को कैसिइन प्रोटीन से समान रूप से लाभ होता है। यह बीमारियों से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी प्रदान करते हैं। कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शुगर-फ्री बिस्कुट का सेवन एक अच्छा विकल्प रहा है। एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को कई तरह के बैक्टीरीया व वायरस से लड़ने के लिए तैयार करती है और व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखती है।

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बेहतर पाचन प्रदान करने के साथ ग्लूटेन-फ्री

मधुमेह कुछ रोगियों की पाचन क्रिया पर प्रभाव डालता है। साथ ही यह नर्वस सिस्टम को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने से पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं जैसे कब्ज और दस्त। शुगर फ्री बिस्कुट खाने से मधुमेह रोगी के पाचन तंत्र में काफी सुधार होता है। इसके अलावा इसे नाश्ते के रूप में खाने से आपको बार-बार भूख नहीं लगती।  सभी जानते हैं कि भोजन में बहुत अधिक ग्लूटेन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को ऐसी चीजों से बचना चाहिए। शुगर फ्री बिस्किट में ग्लूटेन नहीं होता जो ऐसे मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

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यह हृदय स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है

मधुमेह के रोगियों को ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि होने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह हृदय के स्वस्थ कामकाज को प्रभावित कर सकता है और रक्त संचार को भी बाधित करता है। इन स्थितियों से बचने के लिए मधुमेह रोगियों को ऐसे खाद्य उत्पादों से बचना चाहिए जिनमें उच्च स्तर का कोलेस्ट्रॉल या ट्रांस-वसा होती है। आमतौर पर, ट्रांस-फैट और कोलेस्ट्रॉल में उच्च खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं। खाने के बाद यह अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैटी एसिड धमनियों की दीवारों को सख्त और संकरा कर सकते हैं जिससे रक्त प्रवाह में परेशानी होती है जो कई हार्ट प्रॉब्लम्स को जन्म देता है। इन्हीं वजहों से मधुमेह रोगियों को संक्रमण पकड़ने का खतरा काफ़ी बढ़ जाता है। इससे कई कार्डियोवेसकुलर समस्याएं जैसे दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक आदि हो सकता है। शुगर-फ्री बिस्कुट में ट्रांस-फैट या कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शून्य होती है जो डाइबीटिक लोगों के लिए एक सेफ चॉइस है। यह मधुमेह रोगियों और उनके हृदय स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है।

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हानिकारक स्नैक्स खाने से कैसे बचें 

हवा में उड़ते हुए बिस्किट्स

अनहेल्दी या अस्वास्थकर खाने व स्नैक्स से बचने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स अपना सकते हैं:

  • अपने खाने में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, बीन्स और दालों को शामिल करें।
  • भूख को मिटाने के लिए इन्हें मुख्य भोजन में शामिल किया जाता है।
  • कोशिश करें कि हेल्दी स्नैक्स को अपनी डाइट में जोड़ें। ये हैं मेवे, बीज, लो-फैट ह्यूमस वेज स्टिक्स, फल और होलग्रेन क्रैकर्स।
  • साथ ही एक गिलास पानी या एक कप चाय या कॉफी इन स्नेक्स के साथ पी सकते है।
  • शरीर के लिए हानिकारक स्नेक्स से अपना ध्यान हटाने के लिए टहलने जाने की कोशिश करें।

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बिस्कुट में मौजूद चीनी की मात्रा

mariegold biscuits for sugar

मधुमेह रोगियों को अपने फ्री-शुगर इनटेक को कम करना चाहिए। फ्री-शुगर वह शुगर है जिसे व्यक्ति किसी भी खाने या पेय पदार्थ में लेता है। यह कई चीजों में शामिल हो सकती है और निम्न रूप में पाई जाती है:

  • ग्लूकोज, सुक्रोज, माल्टोज
  • शहद, गुड़
  • मेपल सिरप, ग्लूकोज सिरप, कॉर्न सिरप
  • हाइड्रोलाइज्ड स्टार्च
  • वनकन्या बूटी का रस
  • नारियल पाल्म चीनी
  • गुड़

इनमें शहद, सिरप और फलों का रस भी शामिल है। फलों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फ्रुक्टोज और दूध में लैक्टोज ऐसे प्रकार हैं जिन्हें अपने खाने में से कम करने की ज़रूरत है। कुछ बिस्कुट में थोड़ी मात्रा में सूखे मेवे भी होते हैं। इस प्रकार की फ्री-शुगर दांतों की सड़न, मोटापे और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को बढ़ाती है।

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बिस्कुट में मौजूद वसा की मात्रा

बिस्कुट में मध्यम मात्रा में वसा छिपी होती है। कई बिस्कुट में बटर या पाल्म ऑइल का उपयोग किया जाता है जो दोनों ही संतृप्त वसा है। यह संतृप्त वसा कई तरह के हृदय समस्याओं का कारण बनती है। जबकि रिच टी बिस्कुट सूरजमुखी के तेल से तैयार किए जाते हैं जिनमें सैचुरेटेड फेट कम मात्रा में होता है। ऐसे ही कई अन्य असंतृप्त वसा या अनसेचुरेटेड फेट वाले वनस्पति तेलों में शामिल है सूरजमुखी, रेपसीड और जैतून के तेल। वे अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसी के साथ सभी वसा में उच्च कैलोरी होती है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति अपने वज़न को नियंत्रित रखना चाहता है तो अपने खाने में वसा की मात्रा कम करें। यह वास्तव में मदद कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने आहार में कुछ वसा की आवश्यकता होती है जो ऊर्जा और महत्वपूर्ण फैटी एसिड प्रदान करने में मदद करती हैं। इसलिए ये जानना ज़रूरी हो जाता है की कोई व्यक्ति कितनी और किस प्रकार की वसा का उपभोग कर रहा है।

टाइप 1 मधुमेह और बिस्कुट

digestive biscuits

टाइप 1 मधुमेह वाले लोग एक निश्चित मात्रा में इंसुलिन का उपयोग करते हैं इसलिए उन्हें एक नियंत्रित कार्ब की मात्रा लेने की सलाह दी जाती है और डाइबीटिक बिस्कुट इस डाइट में शामिल करने का एक अच्छा विकल्प है। टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों के लिए नए इंसुलिन और कार्ब काउंटिंग का बेलेन्स बहुत ज़रूरी है इसलिए उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार इंसुलिन व कार्ब का उपयोग करना चाहिए। शुगर-फ्री बिस्किट में मधुमेह होने के बावजूद अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की क्षमता होती है। अच्छे परिणामों के लिए किसी भी मधुमेह रोगी को सुझाव की गई एक निश्चित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए। ये प्रतिदिन 4 से 5 शुगर-फ्री बिस्किट हो सकते हैं। समय के साथ, ये बिस्कुट सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति को काफी हद तक सुधार सकते हैं।

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सारांश

क्या आप जानते हैं कि चाय मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है। हालांकि भारतीय दूध वाली चाय मधुमेह रोगियों के लिए एक स्वस्थ पेय नहीं है, खासकर जब बिस्कुट के साथ ली जाती है। मैदा में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो मधुमेह के लोगों के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, बिस्कुट में चीनी भी हो सकती है, जो फिर से मधुमेह रोगियों के ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा सकती है। इसलिए रेगुलर चाय से बचें और उसके स्थान पर स्वास्थ्यवर्धक विकल्प जैसे ग्रीन टी को अपनाएं।

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निष्कर्ष

जैसा की इस ब्लॉग से हमें पता चला कि शुगर-फ्री बिस्कुट मधुमेह या डाइबीटिक लोगों के लिए एक हेल्दी स्नैक चॉइस हो सकते है। इनमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर व अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के साथ ही बार-बार भूख लगने की समस्या से भी निजात दिलाते है। इससे आप अपने वज़न को भी नियंत्रित रख सकते हैं। सिर्फ एक बात ध्यान रखने की है वो है इनकी मात्रा। एक सीमित मात्रा जहां आपको फ़ायदे पहुंचाती है, अधिक मात्रा में सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते है इसलिए इन्हें एक नियंत्रित मात्रा में ही अपनी डाइबीटिक-फ़्रेंडली डाइट में शामिल करें।

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FAQs:

क्या शुगर फ्री बिस्किट से शुगर बढ़ती है?

शुगर फ्री बिस्किट बिना किसी चीनी के बनाए जाते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक को रोकता है। यदि कोई व्यक्ति मधुमेह रोगी है तो चीनी मुक्त या शुगर-फ्री बिस्कुट का सेवन करना उनके लिए ठीक है। फिर भी, सावधान रहें कि कि उन बिस्कुटों को मीठा करने के लिए उनमें शुगर तो नहीं मिलाई गई है।

नो शुगर एडेड और शुगर फ्री में क्या अंतर है?

फ्री शुगर्स: इन्हें एक उत्पाद में मिलाया जाता है।
नो शुगर एडेड: उत्पाद में एक घटक के रूप में कोई चीनी नहीं डाली जाती लेकिन फिर भी इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें प्राकृतिक रूप से कोई चीनी नहीं है।
शुगर-फ्री: उत्पाद में प्रति 100 ग्राम / 100 मिली में 0.5 ग्राम से कम चीनी होती है।

यदि मधुमेह रोगी बहुत अधिक चीनी का सेवन करता है तो क्या होता है?

बहुत अधिक ग्लूकोज रक्त से मूत्र में जाता है। और, यह एक फ़िल्टरिंग प्रक्रिया को ट्रिगर करता है जो शरीर से बहुत ज़्यादा तरल पदार्थ या फ्लूइड को खींच लेता है। अगर इसे रोका ना जाए तो यह डीहाइड्रेशन का कारण बन जाता है जो काफी खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा यह मधुमेह कोमा का कारण भी बन सकता है। मधुमेह हाइपरोस्मोलर सिंड्रोम वाले लगभग 25 से 50% लोग कोमा विकसित करते हैं।

एक मधुमेह रोगी को एक दिन में कितनी चीनी खानी चाहिए?

एक मधुमेह रोगी प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम (12 चम्मच) फ्री-शुगर ले सकता है। यह दैनिक 2000-कैलोरी आहार पर भी निर्भर करती है। चीनी वाले मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करने के साथ ही उनकी जगह पानी पिएं। होल ग्रैन या फूड पर ज्यादा ध्यान दें। और, समग्र स्वास्थ्य के लिए यदि आपको मधुमेह ना भी हो तो भी अपने जीवनकाल में फ्री-शुगर को कम से कम अपने डाइट में शामिल करें।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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