डायबिटीज में चावल खाना चाहिए या नही? Rice For Diabetes in Hindi

Last updated on नवम्बर 8th, 2023

मधुमेह (डायबिटीज) होने पर आपको अपने आहार और व्यायाम की आदतों के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपको यह देखना होगा कि आप हर दिन क्या खाते हैं ताकि आपका ब्लड शुगर (Blood Sugar) अस्वस्थ स्तर तक न बढ़े और स्वास्थ्य के लिए जटिलताएं पैदा न करें। यदि आप अपने आहार पर नज़र नहीं रखते हैं, तो मधुमेह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसमें हृदय रोग, गुर्दे की क्षति, या पैर में संक्रमण शामिल हैं।  इस लेख में आपको “डायबिटीज में चावल खाना चाहिए या नहीं ?” के बारे में बताया गया है।

डायबिटीज में चावल

आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के कार्बोहाइड्रेट काउंट (Carbohydrate count) और ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई- Glycemic Index ) स्कोर की निगरानी करने से आपको अपने मधुमेह को आसान तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसलिए खान-पान की निगरानी बेहद जरूरी है।

अक्सर कहा जाता है कि अगर आपको डायबिटीज (Diabetes) है तो चावल खाने से परहेज करें। चावल में उच्च कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) सामग्री होती है और और इसका उच्च जीआई स्कोर (GI score) होता है | यदि आपको मधुमेह (Diabetes) है, तो आप सोच सकते हैं कि आपको इसे रात के खाने में छोड़ देना चाहिए, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। हाँ चावल खाने से रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर बढ़ा सकता है। लेकिन अगर आप चावल के प्रेमी हैं और आपको मधुमेह है, तो आप चावल को नियंत्रित मात्रा में खा सकते हैं ताकि यह आपके रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को प्रभावित न करे।

कई प्रकार के चावल मौजूद हैं, और इनमें से कुछ प्रकार अन्य प्रकार की तुलना में स्वस्थ हैं। डायबिटीज होने के बावजूद कितना चावल खाना चाहिए और कौन सा चावल खाना चाहिए, यह जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

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डायबिटीज में आहार की भूमिका

डायबिटीज को नियंत्रित और प्रबंधित करने में आहार (diet) की प्रमुख भूमिका होती है। डायबिटीज तब होता है जब शरीर में इंसुलिन (Insulin) का उत्पादन कम हो जाता है या जब शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी (insulin resistance) हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा (blood sugar) को शरीर की कोशिकाओं (cells) में प्रवेश करने में मदद करता है।

जब पर्याप्त इंसुलिन (Insulin) नहीं होता है तो शरीर की कोशिकाओं द्वारा ब्लड शुगर(blood sugar)  का अवशोषण (absorption) कम हो जाता है और इस प्रकार उच्च ब्लड शुगर (high blood sugar)  का स्तर होता है। इससे डायबिटीज हो जाता है।

जब हम खाना खाते हैं तो भोजन ग्लूकोज (Glucose) में परिवर्तित हो जाता है और रक्त प्रवाह (Blood Stream) में प्रवेश करता है। कुछ खाद्य पदार्थ तेजी से ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं जबकि कुछ को ग्लूकोज़ बनने में समय लगता है। वे खाद्य उत्पाद जो रक्त में ग्लूकोज को तेजी से छोड़ते हैं, उनका उच्च जीआई स्कोर (GI score) होता है। ऐसे खाद्य उत्पाद उच्च ब्लड शुगर (high blood sugar)   के स्तर का कारण बन सकते हैं और ये डायबिटीज संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। जीआई स्कोर पर उच्च खाद्य पदार्थ, जैसे कि सफेद ब्रेड और शर्करा युक्त पेय, जल्दी से ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं और रक्त शर्करा के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को उच्च जीआई स्कोर वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इस प्रकार डायबिटीज रोगियों को डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए आहार विशेषज्ञ (Dietecian) के निर्देशों के आधार पर संतुलित आहार लेना चाहिए।

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डायबिटीज आहार में चावल

चावल (Rice) दुनिया भर में कई लोगों की आहार योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चावल कई प्रकार के होते हैं जैसे सफेद चावल, भूरा चावल, बासमती चावल, चमेली चावल, आदि। चावल में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं।

चावल में शामिल है :-

उच्च कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) सामग्री,  फाइबर (Fiber)  की समृद्ध मात्रा, कैल्शियम (Calcium), मैग्नीशियम(Magnesium) , फास्फोरस (Phosphorus), पोटेशियम (Potasium), जिंक (Zinc) और आयरन(Iron) । इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन (Vitamin) भी होते हैं और प्रोटीन (protein) भी होते हैं। अपने पौष्टिक मूल्य के कारण यह दुनिया भर के कई लोगों का मुख्य भोजन है।

चावल (Rice) में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) , उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (high glycemic index) और उच्च ग्लाइसेमिक लोड (high glycemic load) होता है। चावल की जी आई स्कोर (GI score)  ज़ायदा है और कार्बोहायड्रेट की मात्रा भी ज़ायदा है | इस वजह से ज़ायदा चावल का सेवन डायबिटीज के मरीज़ को हानि पहुंचा सकता है | इसलिए डायबिटीज के मारी को चावल को नियंत्रित मात्रा मे खाना चाहिए |

डायबिटीज में चावल खाने के बारे में क्या कहते हैं शोध?

सफेद चावल (White rice) बढ़ाता है डायबिटीज का खतरा

अध्ययनों से पता चला है कि सफेद चावल (white rice) का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज  का खतरा 11% तक बढ़ जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) (British medical journal) (BMJ) के अनुसार अगर आप चावल का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन कर रहे हैं, तो ये डायबिटीज के मरीज़ के लिए बहुत ही ज़्यादा नुक्सानदायक है।

आपके आहार में बहुत अधिक चावल होने के जोखिम हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग ज़ायदा मात्रा मे सफेद चावल खाते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज  (Type- 2 Diabetes) विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। लग बैग 10 % टाइप २ डायबिटीज (Type- 2 Diabetes)  होने का रिस्क बढ़ जाता है |  इसका मतलब है कि अगर आपको प्रीडायबिटीज है, तो आपको अपने चावल के सेवन के बारे में विशेष रूप से ईमानदार होना चाहिए | ज़रा सी भी लापरवाही आपको डायबिटीज की ओर ले जायेगा |

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डायबिटीज में सफेद चावल या ब्राउन राइस?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं (researcher at Howard university) के मुताबिक दुनिया भर के काफी सारे देशो में डायबिटीज को लेकर सर्वे किया गया। जिसमे ये पाया गया के सफेद चावल मरीज़ के लिए बहुत ज़्यादा नुक्सानदे हैं। इससे  बेहतर है की मरीज़ ब्राउन राइस या उसके अलावा दूसरे विकल्प का चयन कर सकता है क्यूंकि सफेद चावल मरीज़ के लिए बहुत ज़्यादा नुकसानदायक होते हैं। और उनके मुक़ाबले में ब्राउन राइस ज़्यादा नुक्सान नहीं पहुंचाते हैं।

एक अन्य अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि जिन व्यक्तियों ने सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस (brown rice) और साबुत अनाज का विकल्प चुना, उनमें टाइप 2 डायबिटीज (Type- 2 Diabetes) का जोखिम कम हो सकता है।

सारांश:

इन सभी शोधों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सफेद चावल उच्च कार्ब्स सामग्री और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स मूल्यों के कारण डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं। प्रीडायबिटीज  (Prediabetes) के लोगों को सफेद चावल ज्यादा मात्रा में खाने से बचना चाहिए। अगर आपको डायबिटीज है तो सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस (brown rice) खाना ज्यादा बेहतर होता है |

डायबिटीज में इस्तेमाल करने वाले चावल कौन से हैं?

यदि आपको पहले से ही मधुमेह का पता चला है, तो आम तौर पर आपके लिए कम मात्रा में चावल खाना सुरक्षित है। सुनिश्चित करें कि आप जिस प्रकार के चावल खाना चाहते हैं, उसके लिए आप कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और जीआई स्कोर से अवगत हैं। आपको प्रति भोजन 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाने का लक्ष्य रखना चाहिए। चावल की कुछ किस्मों का जीआई स्कोर अन्य की तुलना में कम होता है।

छोटे अनाज वाले सफेद चावल (Short white rice) में उच्च जीआई होता है (High GI score), जिसका अर्थ है कि यह 70 या अधिक है, इसलिए आपको इसे खाने से बचना चाहिए। छोटे सफेद चावल में चावल और स्टार्च के अन्य रूपों की तुलना में बहुत कम पोषण मूल्य होता है। इसलिए डायबिटिक होने पर इसे खाने से बचें।

डायबिटीज (Diabetes) के मरीज़ के लिए तीन तरह के चावल जो की वो खा सकते है। और इनसे मरीज़ो को नुक्सान भी नहीं होगा वो इस प्रकार हैं वे हैं:

  1. ब्राउन राइस (Brown Rice)
  2. वाइल्ड राइस (Wild rice)
  3. लंबे दाने वाला बासमती चावल (Basmati rice)

यह तीनो ही चावल का जीआई (GI Score) 56 से 69 तक होता है। डायबिटीज होने पर इन्हें सामान्य रूप से कम मात्रा में खाना ठीक है। यह तीनो ही चावल एक मरीज़ अपनी सेहत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। इन तीनो तरह के चावलों में अपनी अपनी तरह की खूबियां  होती हैं।  जिससे डायबिटीज (Diabetes) के मरीज़ को ज़्यादा नुक्सान भी नहीं होता और वो चावल भी खा सकता है |

ब्राउन या वाइल्ड राइस (brown rice or wild rice) चुनना सबसे अच्छा है क्योंकि इस प्रकार के चावल में सफेद चावल की तुलना में अधिक फाइबर सामग्री होती है, इसलिए शरीर को उन्हें पचाने में अधिक समय लगता है। जिससे ग्लूकोज धीरे-धीरे रक्त प्रवाह में चला जाता है और इस तरह ब्राउन राइस खाने के बाद ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता है।

पर इन तीनो में से किसी भी तरह के चावल का इस्तेमाल करने से पहले मरीज़ को अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए क्यों की अगर आपने सलाह नहीं ली तो आपको इससे ज़्यादा नुक्सान भी हो सकता है।

ब्राउन राइस डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए क्यों अच्छा है?

अगर किसी मरीज़ को चावल ज़्यादा पसंद हैं तो वह सफेद चावल (white rice) की जगह ब्राउन राइस (borwn rice) का इस्तेमाल कर  सकता है। क्योंकी सफेद चावल के मुकबले ब्राउन राइस में विटामिन्स मिनरल्स (vitmains and minerals) और ‎फोलेट (folate) आदि की मात्रा काफी होती है। जिससे इंसान को काफी फायदा होता है।

ब्राउन राइस (brown rice) डायबिटीज मरीज़ के साथ आम इंसान के लिए भी बहुत फायदेमंद है साथ साथ यह आपके ब्लड शुगर लेवल को भी कण्ट्रोल रखते हैं। ब्राउन राइस फाइबर (Fiber) , एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) और कई विटामिन (Vitamin) और खनिजों (minerals) का एक अच्छा स्रोत है | विशेष रूप से, ब्राउन राइस में फ्लेवोनोइड्स (Flavanoids) होते हैं जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidnat) प्रभाव वाले पौधे के यौगिक होते हैं। फ्लेवोनोइड युक्त खाद्य पदार्थ खाने से हृदय रोग, कैंसर और अल्जाइमर रोग सहित पुरानी बीमारियों का खतरा कम होता है।

ब्राउन राइस में फाइबर (Fiber) की मात्रा अधिक होती है। जिसके कारण ब्राउन राइस अधिक वजन वाले लोगों के साथ-साथ टाइप 2 मधुमेह (Type-2 Diabetes) वाले लोगों में भोजन के बाद रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को काफी कम कर देता है। ब्राउन राइस में मॅगनिशियम (Magnesium) की मात्रा भरपूर होती है। इस वजह से ये सफेद चावल के मुकाबले डायबिटीज के मरीज़ के लिए कम नुक्सान देह होते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes)  वाले कुछ जवानो  में एक अध्ययन में, ब्राउन राइस की 2 सर्विंग खाने के बाद, रक्त शर्करा के स्तर और हीमोग्लोबिन A1c के स्तर में समान मात्रा में सफेद चावल खाने की तुलना में उल्लेखनीय कमी आई। इससे पता चलता है की ब्राउन राइस वाइट राइस से बेहतर है डायबिटीज के मरीज़ो के लिए | ब्राउन राइस (brown rice) आपके टाइप 2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) के विकास के जोखिम को भी कम कर सकता है।

पर मरीज़ को इस बात का ख्याल हमेशा रखना चाहिए की सफेद हो या ब्राउन राइस ज़रूरत से ज़्यादा सेवन दोनों का ही नुक्सान देह होता है। इसलिए इसका भी सेवन आपको अपनी बिमारी के हिसाब से करना चाहिए सबसे पहले तो डॉक्टर आपको अपना वज़न कम करने की सलाह देगा। उसके बाद वो आपकी बिमारी के हिसाब से आपको डाइट चार्ट बना कर देगा नार्मल लोग जिनको किसी भी  प्रकार की डायबिटीज नहीं है। वो भी अगर चाहे तो ब्राउन राइस (brown rice)का सेवन कर सकते हैं। क्युकी यह उनके लिए भी बहुत ज़्यादा फायदेमंद हैं।

डायबिटीज में चावल खाने का सबसे अच्छा तरीका

चावल पकने के क्या तरीके होते है?

यह पाया गया है कि खाना पकाने का समय भोजन के जीआई स्कोर (GI Score) को बदल सकता है। इसलिए आपको चावल पकाते समय सावधान रहना चाहिए और अपने चावलों को ज्यादा नहीं पकाना चाहिए।

चावल को बनाने का सबसे सही तरीका यह है। की उसको किसी खुले बर्तन में बनाना चाहिए सबसे पहले चावल लेकर खुले बर्तन में डाल दें उसके बाद उसमे पानी डालें याद रखें की पानी की मात्रा थोड़ी ज़्यादा होनी चाहिए चावल जब आधे पक जाएँ तो उसमे से एक्स्ट्रा पानी निकाल कर फेक दें और फिर हलकी आंच पर दम दे। चावल खाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं अब।

डायबिटीज में चावल का कितना भाग खाना चाहिए

आपको कितने कार्ब्स खाने चाहिए, इसके लिए कोई सटीक नियम नहीं है, आपको अपने ब्लड शुगर के लक्ष्यों के सेवन और कार्ब्स के प्रति आपके शरीर की प्रतिक्रिया के अनुसार अपना डाइट प्लान बनाना चाहिए। डायटीशियन की मदद लें।

उदाहरण के लिए, यदि आपका लक्ष्य प्रति भोजन 30 ग्राम कार्ब्स का सेवन करना है, तो अपने ब्राउन राइस का सेवन 1/2 कप (100 ग्राम) तक सीमित करें, जिसमें 26 कार्ब्स हों। आपका शेष भोजन तब चिकन और भुनी हुई सब्जियों जैसे कम कार्ब विकल्पों से बना हो सकता है।

ब्राउन राइस और ब्राउन राइस नूडल्स (Brown rice noodles), ब्राउन राइस केक (brown rice cake) और ब्राउन राइस क्रैकर्स (brown rice crackers) जैसे उत्पाद चुनें।

चाहे आप किसी भी प्रकार का चावल चुनें, भाग के आकार को ध्यान में रखें। चावल के एक साइड ऑर्डर में 150 ग्राम से अधिक कार्बोहाइड्रेट हो सकते हैं, जो कुछ लोगों के लिए पूरे दिन के लिए पर्याप्त से अधिक है। एक अच्छा लक्ष्य ½ से 1 कप तक रहना है।

चावल के हिस्से के आकार को देखने के अलावा, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि चावल संतुलित आहार का सिर्फ एक हिस्सा है। प्रत्येक भोजन में अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें, जैसे प्रोटीन भोजन, स्वस्थ वसा वाले भोजन, फल ​​और कम कार्ब वाली सब्जियां।

आप प्रोटीन और गैर-स्टार्च वाली सब्जियों सहित निम्न-जी आई खाद्य (low GI foods) पदार्थों के साथ अपनी पसंद को संतुलित कर सकते हैं। आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप केवल चावल का एक छोटा सा हिस्सा ही खाएं।

क्रिएट योर प्लेट विधि

क्रिएट योर प्लेट विधि (Create your plate)  यह सुनिश्चित करने का एक अच्छा तरीका है कि आपका भोजन बैलेंस्ड हो । आपकी डिनर प्लेट में 25 प्रतिशत प्रोटीन, 25 प्रतिशत अनाज और स्टार्चयुक्त खाना और 50 प्रतिशत बिना स्टार्च वाली सब्जियां होनी चाहिए। आप फल या डेयरी जैसे खाने की सामग्री भी शामिल कर सकते हैं | इस तरह से आप हर तरह का पोष्टिकह आहार सही मात्रा मे सेवन करेंगे| एक संतुलित आहार बनाए रखना जो संपूर्ण खाद्य पदार्थों से बना हुआ हो और जो प्रोसेस्ड खानो से बचाता हो, डायबिटीज वाले लोगों में रक्त शर्करा (blood sugar) नियंत्रण में सुधार करने में मदद करता है।

डायबिटीज में चावल खाने के लिए डाइट टिप्स

  • अपनी आहार के अनुसार प्रत्येक भोजन में चावल की मात्रा कम करें। चावल सही मात्रा मे सेवन करे| ब्राउन राइस का सेवन 1/2 कप (100 ग्राम) तक सीमित करें | चावल खाने के बाद अपना ग्लूकोज़ (Glucose) का लेवल जांच ले | ज़ायदा ग्लूकोज़ होने पर चावल की मात्रा काम करदे |
  • सही प्रकार का चावल चुने। वरीयता के क्रम में पहले ब्राउन चावल (brown rice) , बासमती चावल (Basamati rice) , अर्ध-पॉलिश (Half-polished rice) और अंत में सफेद पॉलिश (White-polished rice) वाले चावल होंगे।
  • चावल को कम जीआई (low GI) खाद्य पदार्थों जैसे सब्जियां, दालें / फलियां, फाइबर खाद्य पदार्थ और डेयरी उत्पादों के साथ खाएं। यह समग्र भोजन के जीआई को कम करेगा। उदाहरण के लिए, खिचड़ी, सांबर चावल, मोटी दाल वाली इडली, सब्जी पुलाव, सब्जी उपमा, दही चावल, बिस्सी बेला भात, डोसा, पेसारट्टू, आदि।

अतं मै

दुनिया की आधी से अधिक आबादी के लिए दैनिक आहार में चावल का महत्वपूर्ण स्थान है | लेकिन अधिक मात्रा में चावल खाना मधुमेह के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। बहुत अधिक सफेद चावल (White rice) टाइप 2 डायबिटीज (Type- 2 Diabetes) के लिए जोखिम बढ़ा सकते हैं और डायबिटीज होने पर रक्त शर्करा (blood sugar) बढ़ा सकते हैं, लेकिन मध्यम मात्रा में ब्राउन चावल (brown rice) डायबिटीज के लिए अच्छे हो सकते हैं। आपको चाहे  किसी भी तरह की डायबिटीज हो आपको चावल पूरी तरह से छोड़ने की ज़रूरत नहीं है। इसलिए डायबिटीज (Diabetes) में आप चावल खा सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में। | आप चावल खाते वक़्त बस इस बात का ज़रूर ख्याल रखें के आप चावल में कोई न कोई पौष्टिक आहार मिला कर खाएं ऐसा करने से आपको ज़्यादा नुक्सान नहीं होगा और आपकी डायबिटीज भी कण्ट्रोल रहेगी बेहतर है। वो चावल के साथ दाल या सब्ज़ी मिला कर खाये।

यदि आपको प्रीडायबिटीज है, तो आपको चावल का सेवन भी देखना चाहिए और स्वस्थ आहार बनाए रखने और नियमित रूप से व्यायाम करने का प्रयास करना चाहिए। एक अच्छे आहार योजना के लिए ब्रीद वेलबीइंग (Breathe Well-Being) के विशेषज्ञ आहार विशेषज्ञ और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श लें, जो न केवल आपको अपने मधुमेह को उचित तरीके से प्रबंधित करने में मदद करता है बल्कि आपको स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

शुगर में चावल खाना चाहिए या नहीं?

शुगर के मरीजों को चावल कम खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सफेद चावल में विटामिन और मिनिरल्स दोनों कम होता है। वहीं इसका जीआई 64 होता है, जिससे वजन और शुगर बढ़ सकता है। हालांकि ब्राउन राइस खाया जा सकता है, इसमें डाइटरी फाइबर होता है। जिससे पाचन और ब्लड शुगर कंट्रोल में रह सकता है।

डायबिटीज वाले लोगों के लिए चावल के कुछ विकल्प क्या हैं?

क्विनोआ, जौ (barley) , या कुट्टू (buckwheat) जैसे साबुत अनाज अच्छे विकल्प हो सकते हैं जो कार्बोहाइड्रेट में कम और फाइबर में अधिक होते हैं | फूलगोभी चावल बनाने की कोशिश करें – कम कार्ब वाली फूलगोभी के साथ – यह एक बढ़िया विकल्प है |

डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए चावल के साथ क्या खाएं?

आपको अपने भोजन के समग्र जीआई को कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए। कम जीआई खाद्य पदार्थ, प्रोटीन स्रोत और स्वस्थ वसा के साथ ब्राउन राइस खाना महत्वपूर्ण है। आप ब्राउन राइस के साथ कम कार्ब वाली सब्जियां जैसे फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, प्रोटीन जैसे बीन्स खा सकते हैं।

क्या ज्यादा सफेद चावल (white rice) खाने से डायबिटीज हो सकता है?

अध्ययन में पाया गया कि एक व्यक्ति प्रतिदिन जितना अधिक सफेद चावल खाता है, उसे टाइप 2 डायबिटीज (type 2 Diabetes) होने का खतरा उतना ही अधिक होता है। नए अध्ययन के अनुसार, सफेद चावल के प्रतिदिन सेवन में वृद्धि के साथ डायबिटीज का जोखिम लगभग 10% बढ़ जाता है।

डायबिटीज के मरीज़ के लिए चावल खाने का सही समय कोन सा है?

डायबिटीज के मरीज़ के लिए चावल खाने का सही समय कोई नहीं है। इसका मतलब मरीज़ अपने हिसाब से कभी भी इसका सेवन कर सकता है। पर ज़्यादातर डॉक्टर्स की सलाह यही रहते है। के मरीज़ इसका सेवन दोपहर के वक़्त करें क्यों के इससे चावल को पचने में भी आसानी होगी और मरीज़ का स्वास्थ भी ठीक रहेगा चावल खा करर सोने को अकसर डॉक्टर मना करते है। क्यों की मरीज़ इसके बाद चलता फिरता नहीं है।

संदर्भ:

  1. https://diatribe.org/rice-and-diabetes-how-great-risk
  2. Boers, H. M., Seijen ten Hoorn, J., & Mela, D. J. (2015, October 14). A systematic review of the influence of rice characteristics and processing methods on postprandial glycaemic and insulinaemic responses. British Journal of Nutrition, 114(7), 1035-1045
  3. Hu, E. A., Pan, A., Malik, V., & Sun, Q. (2012, March 15). White rice consumption and risk of type 2 diabetes: Meta-analysis and systemic review. British Medical Journal, 344

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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