मधुमेह (शुगर) के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार और देसी दवा | Home Remedies for Sugar Control in Hindi

Last updated on अक्टूबर 23rd, 2023

पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ी है। हर दस वयस्कों (Adults) में से एक में डायबिटीज के लक्षण पाए जाते हैं। यही कारण है कि भारत दुनिया की डायबिटीज राजधानी के रूप में उभरा है। तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब डाइट कंट्रोल डायबिटीज होने के प्रमुख कारण हैं। कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार डायबिटीज को कंट्रोल करने और ठीक करने में अत्यधिक फायदेमंद साबित हुए हैं। टाइप 1 या 2 डायबिटीज के लिए बेस्ट घरेलू उपचार जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।

Table of Contents

शुगर कम करने के घरेलू उपाय | Home Remedies for Diabetes in Hindi

प्रकृति में ऐसी वस्तुओं का मिश्रण है, जिनका उपयोग सदियों से चिकित्सा उपचार के लिए किया जाता रहा है। कई पौधे औषधीय महत्व के हैं और उनका उपयोग विभिन्न चिकित्सीय स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।

विज्ञान ने प्रकृति के उपहारों का उपयोग ऐसी दवाएं बनाने में किया है जिनका उपयोग सीधे उपचार के लिए किया जा सकता है। जहां तक प्राकृतिक उत्पादों की बात है तो इनका उपयोग करने से पहले उचित जानकारी होना जरूरी है। डायबिटीज से पीड़ित बहुत से लोग डायबिटीज के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार की तलाश में रहते हैं, जो पहले से ही उनकी रसोई में मौजूद होते हैं।

ब्रीथ वेल-बीइंग (Breathe Well-being) में शामिल होने वाले लोगों को यह जानकर खुशी हुई कि उन्हें डायबिटीज को ठीक करने के साथ-साथ अपने शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सप्लीमेंट्स और प्रोटीन पाउडर खरीदने पर अतिरिक्त खर्च करने की जरूरत नहीं है।

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डायबिटीज के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार के बारे में |Overview of Home Remedies For Diabetes in Hindi

डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का लेवल, नॉर्मल शुगर लेवल से ऊपर होता है।इसे कुछ इस तरह कंट्रोल किया जा सकता है, यदि आप जो भोजन खाते हैं वह ब्लड शुगर के लेवल कंट्रोल करने में मदद कर रहा है।

घर पर प्राकृतिक रूप से डायबिटीज का इलाज कैसे करें, इसका उत्तर खोजने से पहले हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं। ये हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ होते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीमी गति से ग्लूकोज रिलीज करने के लिए जाने जाते हैं। ये कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ (डायबिटीज के लिए संभावित प्राकृतिक उपचार) हैं। इस प्रकार, कम और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन शुगर के लेवल को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है।

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संक्षेप में जानकारी

हाई और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का संतुलन, प्राकृतिक रूप से डायबिटीज को कंट्रोल करने में सबसे अधिक मददगार साबित होता है। हममें से अधिकांश लोग विभिन्न खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक वैल्यू से अनजान होते हैं और कई लोगों के पास यह ध्यान रखने का समय नहीं होता है कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इसलिए लंबे समय तक स्वस्थ खान-पान की आदतों को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। कंसल्ट कॉल पर हमसे सुश्री शानू ने भी अपना कुछ ऐसा ही अनुभव साझा किया। उन्होंने हेल्दी डाइट लेना शुरू किया और रूटीन के साथ टहलना भी शुरू कर दिया, लेकिन एक बार किसी कारण (ट्रैवल आदि के कारण) लय टूट गई, तो वह वापस उसी स्थिति में आ गई। डाइट कोच की यहां एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नियमित रूप से फॉलो-अप के साथ पर्सनल डाइट प्लान फॉलो करने से हमें ब्‍लड शुगर के लेवल की मॉनिटरिंग करने में मदद मिलती है है। चाहे आप ट्रैवल कर रहे हों या घर पर कोई शादी हो, डाइट कोच आपकी सभी समस्याओं और बातों को समझता है और उसी के अनुसार आपका डाइट प्लान बनाता है।

घरेलू उपचार से शुगर लेवल कैसे कम करें | Sugar Control Kaise Kare

हाई शुगर या लो शुगर के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार तब महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जब डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दवाओं या वैकल्पिक थेरेपी जैसे डायबिटीज रिवर्सल की उपलब्धता कम होती है। इसके अलावा डायबिटीज को कंट्रोल करने में डाइट मैनेजमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब कोई सोचता है कि बिना दवा के शुगर को कैसे कंट्रोल किया जाए, तो डायबिटीज के लिए प्राकृतिक उपचार सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

डायबिटीज की स्थिति को रिवर्स करने या डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए, ब्रीथ वेल-बीइंग (Breathe Well-being) सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है, जिसे कोई भी व्यक्ति चुन सकता है। ब्रीद वेल-बीइंग अच्छे तरीके से रिसर्च के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज रिवर्सल और इसके मैनेजमेंट के लिए चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित प्लेटफॉर्म है। इस प्रोग्राम ने 10,000 से अधिक डायबिटीज के मरीजों को स्वस्थ जीवन शैली (हेल्दी लाइफस्टाइल) जीने, ब्लड शुगर कम करने, वजन कम करने के साथ-साथ डायबिटीज से जुड़ी अन्य जटिल समस्याओं को रोकने में मदद की है। इसका फोकस डाइट, फिटनेस और सचेतनता (Mindfulness) के उचित वितरण की सुविधा प्रदान करता है। लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव, वजन कंट्रोल करके और दवाओं के साथ, ब्लड शुगर के लेवल को वापस नॉर्मल करना संभव हो सकता है। 95% से अधिक मरीजों में  HbA1c लेवल में 10% से अधिक की कमी देखी गई और 90% से अधिक मरीजों ने अपनी दवाओं की खुराक बंद कर दी या कम कर दी। फिर इंतजार कैसा? अभी ब्रीथ वेल-बीइंग के डायबिटीज एक्सपर्ट के साथ अपना परामर्श (consultation) बुक करें और डायबिटीज से संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा पाएं।

खाने के 2 घंटे बाद 180 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर ब्लड शुगर का लेवल हाई ब्लड शुगर माना जाता है। कम चीनी वाले खाद्य पदार्थ, कम कार्ब वाला डाइट और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ हाई शुगर की स्थिति के लिए अच्छा माना जाता है।

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शुगर कम करने के लिए 10 प्राकृतिक घरेलु उपचार एवम उपाय | Home Remedies For High Blood Sugar in Hindi

यहां डायबिटीज के लिए टॉप 10 प्राकृतिक उपचार दिए गए हैं (हाई ब्लड शुगर):

 1. जामुन के बीज (जामुन बीज पाउडर)

जामुन के बीज (ब्लैकबेरी) को डायबिटीज के लिए प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है। ये बीज जंबोलिन और जंबोसिन के मुख्य स्रोत होते हैं। ये दोनों तत्व ब्लड में ग्लूकोज के रिलीज को धीमा करने में मदद करते हैं। यह बार-बार पेशाब आने और प्यास लगने के लक्षणों को भी कम करता है। डायबिटीज के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक जामुन है, इसे बनाने का तरीका जानें:

आवश्यक सामग्री

  • जामुन के बीज

बनाने का तरीका

  • जामुन के 20/25 बीज लें और उन्हें पूरी तरह सुखा लें।
  • बीज का चूर्ण बना लें।
  • अच्छी तरह बीज का पाउडर बनाकर एक जार में रख लें।
  • पाउडर का एक बड़ा चम्मच दिन में दो बार लें।

डायबिटीज के लिए जामुन के बीज के फायदे

  • प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर रेगुलेट करना: जामुन के बीज में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर और ग्लूकोज के उपयोग में सुधार करके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
  • ग्लाइसेमिक लोड को कम करना: जामुन के बीज के पाउडर का सेवन भोजन के ग्लाइसेमिक लोड को कम कर सकता है, जिससे धीमी और स्थिर ग्लूकोज रिलीज होती है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद है।
  • इंसुलिन उत्पाद को बढ़ाना: माना जाता है कि जामुन के बीज में कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड्स अग्न्याशय कोशिकाओं (Pancreatic cells) से इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जो ब्लड शुगर रेगुलेशन के लिए आवश्यक है।
  • एंटीऑक्सीडेंट पॉवर: जामुन के बीज पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करते हैं, जिससे डायबिटीज से जुड़ी जटिल समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
  • पाचन में मददगार: जामुन के बीज का पाउडर पाचन में सुधार कर सकता है और कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर सकता है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर पर बेहतर कंट्रोल हो सकता है।
  • लिपिड मैनेजमेंट: यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मैनेज करने में मदद कर सकता है, हार्ट को भी स्वस्थ रखता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • इन्फ्लेमेशन-रोधी गुण: जामुन के बीज के इन्फ्लेमेशन-रोधी प्रभाव ओवरऑल हेल्थ को लाभ पहुंचा सकते हैं, विशेष रूप से डायबिटीज में इन्फ्लेमेशन संबंधी जटिल समस्याओं को मैनेज करने में मदद करता है।
  • प्राकृतिक मूत्रवर्धक (Natural Diuretic): जामुन के बीज के मूत्रवर्धक (Diuretic) गुण पानी की कमी को कम करने में मददगार साबित होते हैं, जो कभी-कभी डायबिटीज वाले कुछ व्यक्तियों के लिए एक समस्या होती है। मूत्रवर्धक यानी कोई ऐसी दवा का सेवन जो मूत्र के प्रवाह को बढ़ाती है।
  • वजन कंट्रोल करना: मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट और भूख को कंट्रोल करके, जामुन के बीज का पाउडर वजन मैनेजमेंट में भी मददगार साबित होता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए एक जरूरी पहलू है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर: जामुन के बीज में फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो डायबिटीक लोगों के लिए संतुलित डाइट में योगदान कर सकते हैं।

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2. मेथी के बीज

मेथी के बीज (Fenugreek seeds) ग्लूकोमानन फाइबर से भरपूर या प्रमुख स्रोत होता है। यह फाइबर आंतों में चीनी के अवशोषण में देरी करने में मदद करता है। बीज में मौजूद फेडनुग्रेसिन और अमीनो एसिड 4 हाइड्रॉक्सी आइसोल्यूसिन जैसे अल्कलॉइड अग्न्याशय पर इंसुलिन जारी करने का कार्य करते हैं, जिससे हाई शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो और डायबिटीज के लिए सबसे प्रभावी और सामान्य प्राकृतिक उपचारों में से एक का लाभ उठाएं।

आवश्यक सामग्री

  • मेथी के बीज
  • पानी

तैयारी के तरीके 

  • 1 बड़ा चम्मच मेथी दाना लें।
  • 2 गिलास पानी लें और मेथी के बीजों को पानी में उबालें।
  • उबले हुए पानी को रात भर कमरे के तापमान पर रखें और इसे अगली सुबह खाली पेट पियें।

डायबिटीज में मेथी के बीज के फायदे

डायबिटीज में मेथी के बीज के फायदे

मेथी के बीज अपने गुणों से डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए मददगार साबित होते हैं:

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार: मेथी के बीज इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर को ग्लूकोज का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • भोजन के बाद ग्लूकोज के लेवल में कमी: मेथी कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर सकती है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर में वृद्धि कम हो जाती है, जिससे बेहतर ग्लूकोज रेगुलेशन को बढ़ावा मिलता है।
  • कम HbA1c लेवल: मेथी के बीज का नियमित सेवन करने से HbA1c लेवल को कम करने में मदद मिलती है, जो लंबे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल में सुधार का संकेत देता है, जो हाई शुगर के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।
  • इंसुलिन उत्पादन में वृद्धि: मेथी अग्न्याशय कोशिकाओं (Pancreatic cells) से इंसुलिन स्राव को बढ़ा सकती है, जो बेहतर ब्लड शुगर मैनेजमेंट में मददगार साबित होती है।
  • फाइबर से भरपूर: मेथी के बीज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को धीमा करके और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा: मेथी के बीज फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, जिससे डायबिटीज से जुड़ी जटिल समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
  • स्वस्थ आंत (Gut Health): मेथी के बीज में पाई जाने वाली फाइबर सामग्री पाचन को बेहतर करती है, और डायबिटीज में पोषक तत्वों के अवशोषण और ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने के लिए आंत का स्वस्थ होना जरूरी होता है।
  • वजन कंट्रोल करना: मेथी के बीज भूख को कंट्रोल करने, मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने और भोजन की लालसा को कम करने में मददगार साबित होती है, ये सभी लक्षण डायबिटीज में वजन मैनेजमेंट के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल रेगुलेशन: मेथी के बीज LDL कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है, जो लगभग सभी डायबिटीक लोगों के लिए एक चिंता का विषय होता है।
  • किडनी की सुरक्षा: मेथी के बीज से किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है, और यह उन डायबिटीक लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें किडनी संबंधी जटिल समस्याओं का खतरा होता है।

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3. करी पत्ता

करी पत्ता सबसे अच्छा प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है। वे हाई ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए जाने जाते हैं। जब इसे दालचीनी और मेथी के बीज के साथ मिलाया जाता है, तो वे कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज अवशोषण को बढ़ाते हैं। डायबिटीज रिवर्सल डाइट में स्मूदी और पेय शामिल होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं, इस प्रकार ये ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करते हैं। यहां हाई शुगर के घरेलू उपचारों में से एक का नुस्खा दिया गया है, और हमें भरोसा है कि आपकी रसोई में ये सभी सामग्रियां जरूर उपलब्ध होंगी।

आवश्यक सामग्री

  • करी पत्ते
  • दालचीनी
  • अदरक
  • कसूरी मेथी
  • पानी

तैयारी के तरीके:

  • 2 से 3 गिलास पानी लें।
  • इसमें 8/9 करी पत्ते डालें।
  • दालचीनी की 1 छड़ी लें और इसमें डालें।
  • इसमें थोड़ा सा अदरक डालें और सभी सामग्री को मध्यम आंच पर तब तक उबालें जब तक कि यह आधा न हो जाए।
  • फिर इसे दो बराबर भाग में बांट दें और फिर इसका सेवन करें।

पहले भाग का सेवन करने के बाद अपने शुगर का लेवल मापें।

डायबिटीज के लिए करी पत्ते के फायदे

डायबिटीज के लिए करी पत्ते के फायदे

  • ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है: डायबिटीज के लिए करी पत्ते में ऐसे कंपाउड्स होते हैं जो इंसुलिन गतिविधि और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
  • इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार: करी की पत्तियां इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाती हैं, ये कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाती हैं, जिससे ग्लूकोज के बेहतर उपयोग में मदद मिलती है।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: करी पत्ता एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो डायबिटीज में अक्सर देखे जाने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से कोशिकाओं को बचाने में मदद करता है।
  • पाचन में सहायता: करी के पत्ते में पाचन के गुण होते हैं जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने वाले भोजन के बाद ब्लड शुगर में वृद्धि को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल कम करता है: करी पत्ता खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है, जो डायबिटीज में ओवरऑल हार्ट हेल्थ या हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होता है।
  • वजन कंट्रोल करना: इन पत्तियों में कैलोरी कम होती है और ये वजन को कंट्रोल या मैनेज करने में मदद कर सकते हैं, जो डायबिटीज की देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • इन्फ्लेमेशन-रोधी: करी की पत्तियों में इन्फ्लेमेशन-रोधी गुण होते हैं, जो डायबिटीज संबंधी जटिल समस्याओं को मैनेज करने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
  • आंखों के स्वास्थ्य के लिए मददगार: करी पत्ते A और C जैसे विटामिन से भरपूर होते हैं, जो अक्सर डायबिटीज के जोखिम में आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
  • जटिल समस्याओं को कंट्रोल करने में मददगार: ब्लड शुगर को कंट्रोल करने सहित अपने विभिन्न लाभकारी गुणों के कारण, करी पत्ता डायबिटीज संबंधी जटिल समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

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4. आंवला जूस

भारतीय करोंदा या आंवला पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट हैं। जब हाई शुगर के लिए सबसे बेस्ट घरेलू उपचार के बारे में बात की जाती है, तो आंवला एक बेस्ट ऑप्शन होता है। चूंकि यह विटामिन C का एक मुख्य स्रोत है, इसीलिए इसका उपयोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। आंवला अग्नाशय (Pancreatitis) को कंट्रोल कर सकता है, जिससे इंसुलिन के उचित उत्पादन में मदद मिलती है। यह इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को बढ़ाता है और कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, जो हाई ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। जब आप केवल 2 मिनट में बिना किसी प्रिजर्वेटिव फल के ताजा जूस बना सकते हैं तो पैक्ड आंवले के जूस का सेवन क्यों करें? नीचे दी गई रेसिपी को देखें और डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं:

आवश्यक सामग्री

  • आंवला
  • पानी

बनाने का तरीका

  • 2 आंवला लें और उसे अच्छे तरीके से पीस लें।
  • आंवले के मिश्रण में एक गिलास पानी मिलाएं।
  • स्वाद के लिए नमक डालें और जूस की तरह पी लें।

डायबिटीज के लिए आंवला जूस के फायदे:

आंवला जूस, जो भारतीय करौंदे की श्रेणी में आता है, हाई ब्लड शुगर के लिए सबसे भरोसेमंद घरेलू उपचारों में से एक है और इसका परिणाम सबसे बेहतर है।

  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI): आंवले के जूस में कम GI होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर के लेवल में धीरे-धीरे वृद्धि करता है, जिससे यह डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।
  • विटामिन C से भरपूर: आंवला विटामिन C का एक पॉवरफुल स्रोत है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे डायबिटीज कंट्रोल करना काफी आसान हो जाता है।
  • इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार: आंवला इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है, जिससे कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जो ग्लूकोज के उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
  • ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म: आंवला ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने और ब्लड शुगर के लेवल में अचानक वृद्धि को रोकने में मदद कर सकता है।
  • हार्ट हेल्थ: आंवले का जूस कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे अक्सर डायबिटीज के साथ होने वाली हृदय संबंधी जटिल समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
  • अग्नाशय फंक्शन (Pancreatic Function): कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आंवला अग्न्याशय की कार्यक्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है, साथ ही इंसुलिन स्राव में सहायता करने और ब्लड शुगर लेवल को संतुलित बनाए रख सकता है।
  • इन्फ्लेमेशन-रोधी गुण: आंवला में इन्फ्लेमेशन रोधी गुण होते हैं जो डायबिटीक लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, क्योंकि क्रोनिक इन्फ्लेमेशन इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी होती है।
  • पाचन को बेहतर करना: आंवला पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखता है, साथ ही पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है और पाचन संबंधी समस्याओं को रोकता है, जो ब्लड शुगर मैनेजमेंट को प्रभावित कर सकते हैं।
  • प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स: आंवले का जूस शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन करने, बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए आवश्यक है।
  • इम्यून सिस्टम को बढ़ाना: आंवले में पाई जाने वाली हाई विटामिन C सामग्री इम्यून सिस्टम को बेहतर या बूस्ट करती है, साथ ही शरीर को संक्रमणों से बचाने में मदद करती है, जो डायबिटीज से निपटने के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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5. भिंडी (ओकरा)

ओकरा जिसे भिंडी या लेडीफिंगर के नाम से जाना जाता है। यह फाइबर, विटामिन और मिनिरल्स का एक बड़ा स्रोत है। यह कम कैलोरी और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला आहार है। जो लोग लगातार “हाई ब्लड शुगर के लिए घरेलू उपचार” के बारे में सोचते हैं, उनके लिए भिंडी एक बेस्ट खाद्य पदार्थ है।

भिंडी में मौजूद मायरिकेटिन ब्लड ग्लूकोज के सेलुलर अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है। पौधे के हरे छिलके और बीज आंतों से चीनी अवशोषण को धीमा करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। जिसके चलते यह ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। अपना भिंडी पेय बनाएं और अपने ब्लड शुगर के लेवल में सुधार करें।

आवश्यक सामग्री

  • भिंडी
  • पानी

बनाने का तरीका

  • भिंडी को पट करके काट लें और उसमें से बीज निकाल लें।
  • बीजों को धूप में या कमरे के तापमान पर सूखने के लिए रख दें।
  • सूखे बीजों का चूर्ण यानी पाउडर बना लें।
  • सूखे बीजों के पाउडर को 2 गिलास पानी में मिलाएं।
  • अच्छी तरह मिलाएं और पी लें।
  • सब्जी बनाने के लिए भिंडी के छिलके का उपयोग करें।

डायबिटीज के लिए भिंडी के फायदे:

डायबिटीज के लिए भिंडी के फायदे:

लेडीफिंगर, जिसे ओकरा या भिंडी के नाम से भी जाना जाता है, डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है:

  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI): भिंडी में कम GI होता है, जिसका मतलब है कि यह तेजी से ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ने को रोककर कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
  • आहारीय फाइबर से भरपूर: भिंडी आहारीय फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन तंत्र में चीनी के अवशोषण को धीमा करने, बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • प्राकृतिक इंसुलिन जैसे गुण: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि भिंडी में कुछ कंपाउंड्स में इंसुलिन जैसे गुण हो सकते हैं, जो संभावित रूप से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार कर सकते हैं।
  • पाचन को बेहतर करना: भिंडी में फाइबर सामग्री पाचन स्वास्थ्य को बेहतर करती है। यह कब्ज को रोकती और आंत को स्वस्थ भी बनाए रखती है, जो ओवरऑल डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए आवश्यक है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर: भिंडी विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर होती है, जैसे कि विटामिन C, विटामिन K, फोलेट और मैग्नीशियम, जो ओवरऑल हेल्थ को बेहतर करते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज कंट्रोल के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: भिंडी में फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं, डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं के बेहतर मैनेजमेंट में मददगार साबित होते हैं।
  • स्थिर ब्लड शुगर को स्थिर करना: भिंडी में कम GI और फाइबर सामग्री के होने से ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद मिलती है, जिससे शुगर के लेवल में अचानक से वृद्धि और कमी का खतरा कम हो जाता है।
  • वजन कंट्रोल करना: भिंडी की कम कैलोरी और हाई फाइबर प्रकृति वजन को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • हार्ट हेल्थ: भिंडी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करके हार्ट के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे अक्सर डायबिटीज से जुड़े हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
  • प्राकृतिक उपचार: पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों ने डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए भिंडी की क्वालिटी का उपयोग किया है, हालांकि इसके तंत्र को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

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6. मोरिंगा या ड्रम स्टिक (सहजन)

मोरिंगा मेडिकल बेनिफ्ट्स से युक्त है, जो ब्लड ग्लूकोज के लेवल को रेगुलेट करने में सहायता करता है और साथ ही हाई शुगर के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C पाया जाता है।

आवश्यक सामग्री

  • मोरिंगा (सहजन)
  • पानी

बनाने की तैयारी

  • मोरिंगा के कुछ टुकड़ों को काटकर पानी से भरे जग में डाल दें, और जब भी आपको प्यास लगे तो इसे पीते रहें।
  • मोरिंगा को अपने दाल में भी मिलाएं और इसका भरपूर लाभ लें।

डायबिटीज के लिए मोरिंगा के फायदे:

मोरिंगा, जिसे आमतौर पर ड्रमस्टिक (लंबी खाने योग्य फली सहजन) के रूप में जाना जाता है, डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए यह बहुत ही कारगर साबित होता है:

  • ब्लड शुगर रेगुलेशन: मोरिंगा (सहजन) की पत्तियों और फली में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार और आंतों में ग्लूकोज अवशोषण को कम करके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
  • पोषक तत्वों से भरपूर: मोरिंगा पोषण (Nutrition) से भरपूर होता है, जिसमें आवश्यक विटामिन (A, C, E, K), मिनिरल्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम) और प्रोटीन होता है। ये पोषक तत्व हेल्दी स्वास्थ्य को बनाएं रखते हैं, जो डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • हाई फाइबर सामग्री: सहजन की फली डाइट फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो धीमी पाचन और बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल को बढ़ावा देती है।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: मोरिंगा (सहजन) फ्लेवोनोइड्स, क्वेरसेटिन और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ये कंपाउंड्स डायबिटीज से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल कम करना: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मोरिंगा में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले प्रभाव हो सकते हैं, जो हृदय संबंधी जटिल समस्याओं के जोखिम वाले डायबिटीक लोगों के लिए फायदेमंद है।
  • ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना: मोरिंगा (सहजन) की पोटेशियम सामग्री, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ मिलकर हेल्दी ब्लड प्रेशर के लेवल को बनाए रखने में मदद कर सकती है।
  • इन्फ्लेमेशन रोधी प्रभाव: मोरिंगा (सहजन) में इन्फ्लेमेशन रोधी गुण होते हैं, जो डायबिटीज से संबंधित इन्फ्लेमेशन को मैनेज करने में फायदेमंद हो सकते हैं।
  • संभावित इंसुलिन जैसे प्रभाव: मोरिंगा (सहजन) में कुछ कंपाउंड्स में इंसुलिन जैसे गुण हो सकते हैं, हालांकि इस पहलू को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।
  • वजन को कंट्रोल करना: मोरिंगा (सहजन) में फाइबर, पोषक तत्व और कम कैलोरी सामग्री के कॉम्बिनेशन होने से वजन को मैनेज करने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए एक जरूरी पहलू है।
  • पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखना: मोरिंगा (सहजन) में मौजूद फाइबर पाचन स्वास्थ्य को बेहतर करता है, कब्ज को रोकता है और आंत को स्वस्थ रखता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए मददगार साबित होता है।

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सेब के सिरके से डायबिटीज में फायदा

एप्पल साइडर विनेगर यानी सेब के सिरके को अक्सर डायबिटीज टाइप 2 के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार माना जाता है, हालांकि इसके प्रभाव व्यक्ति की स्थिति के ऊपर निर्भर करता है। सेब के सिरके में प्राथमिक कंपाउंड एसिटिक एसिड होता है, और इसी एसिटिक एसिड को इसके अधिकांश स्वास्थ्य लाभों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सेब के सिरके (ACV) का उपयोग करने के लिए बहुत सारे साक्ष्य मौजूद हैं।

  • सोने से पहले दो बड़े चम्मच सेब के सिरके को लें। इससे सुबह की फास्टिंग में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद मिलती है।
  • इससे भी बेहतर परिणाम के लिए, भोजन के साथ एक से दो चम्मच सेब के सिरके का सेवन किया जा सकता है। यह कार्ब युक्त भोजन के ग्लाइसेमिक लोड को कम करने में मदद करता है।

7. सेब के सिरका 

डायबिटीज के लिए सेब के सिरके के फायदे:

सेब के सिरके (एसीवी) ने अपने संभावित स्वास्थ्य लाभों के लिए हमेशा लोगों की जुबान पर रहा है, जिनमें इसके गुण के चलते कुछ ऐसे भी फायदे शामिल हैं, जो इसे टाइप 2 डायबिटीज के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार बनाता है। यहां डायबिटीज के लिए सेब के सिरके के कुछ अनूठे लाभ बताए गए हैं:

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर करना: सेब का सिरका इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर को इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद मिलती है, जो ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने के लिए फायदेमंद है।
  • भोजन के बाद ग्लूकोज वृद्धि में कमी: भोजन से पहले सेब के सिरके का सेवन करने से, खाने के बाद ब्लड शुगर के लेवल में धीमी वृद्धि हो सकती है, जिससे भोजन के बाद ग्लूकोज बढ़ने में संभावित रूप से कमी आ सकती है।
  • बेहतर कार्बोहाइड्रेट पाचन: सेब का सिरका कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर सकता है, जिसके चलते ब्लड फ्लो में ग्लूकोज धीरे-धीरे जाता है, यही कारण है कि इससे बेहतर तरीके से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
  • वजन कंट्रोल करना: सेब के सिरका के सेवन से भूख कम और वजन घटाने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि स्वस्थ वजन बनाए रखने से ब्लड शुगर के लेवल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • फास्टिंग ब्लड शुगर को स्थिर करना: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सोने से पहले सेब के सिरके का सेवन करने से फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिलती है।
  • HbA1c के लेवल को कम करना: कुछ रिसर्च बताते हैं कि सेब का सिरका डायबिटीक लोगों में HbA1c के लेवल को कम करने में मददगार साबित होता है।
  • इंसुलिन और ग्लूकोज प्रतिक्रिया में कमी: सेब के सिरके से कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन में इंसुलिन और ग्लूकोज प्रतिक्रिया कम हो सकती है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: सेब के सिरके में पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन से निपटने में मदद करते हैं, ये दोनों चीजें डायबिटीज से जुड़ी होती हैं।
  • स्वस्थ आंत: सेब के सिरके के संभावित प्रीबायोटिक गुण स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करता है।
  • हार्ट के हेल्थ में सुधार: सेब के सिरके का हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो डायबिटीक लोगों के लिए आवश्यक है, क्योंकि उनमें हार्ट संबंधी जटिल समस्याओं का खतरा अधिक होता है।

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8. दालचीनी

दालचीनी एक समृद्ध इतिहास वाला एक सुगंधित मसाला है, जो डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए संभावित लाभ रखता है। इसके अनूठे गुण इसे प्राकृतिक उपचारों में बेस्ट बनाते हैं। यहां जानें कि कैसे दालचीनी ब्लड शुगर के लेवल पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है:

जरूरी सामग्री

  • दालचीनी/दालचीनी पाउडर
  • गरम/गुनगुना पानी या चाय
  • नींबू या शहद (यदि जरूरत हो)

बनाने का तरीका

  • दालचीनी का पानी:
  • एक कप पानी उबालें।
  • उबलते पानी में 1-2 दालचीनी की छड़ें डालें।
  • इसे लगभग 10-15 मिनट तक उबलने दें।
  • दालचीनी की छड़ें हटा दें और दालचीनी युक्त पानी को ठंडा होने दें।
  • दालचीनी का पानी, या तो गर्म या कमरे के तापमान पर रखकर दिन में एक या दो बार पियें।

दालचीनी पाउडर चाय:

  • एक कप पानी उबालें।
  • उबलते पानी में 1/2 से 1 चम्मच पिसी हुई दालचीनी डालें।
  • इसे लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें।
  • पाउडर हटाने के लिए दालचीनी की चाय को छान लें।
  • दालचीनी की चाय का आनंद लें, यदि चाहें तो स्वाद के लिए इसमें थोड़ा शहद या नींबू भी मिला लें।

डायबिटीज के लिए दालचीनी के फायदे:

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार: दालचीनी इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकती है, जिससे कोशिकाओं को ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का अधिक कुशलता से उपयोग करने में सहायता मिलती है।
  • ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म: दालचीनी ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में सहायता कर सकती है, अगर देखा जाय तो संभावित रूप से यह भोजन के बाद ब्लड शुगर में तेजी से होने वाली वृद्धि को रोक सकती है।
  • फास्टिंग ब्लड शुगर को कम करना: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि दालचीनी का सेवन फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
  • HbA1c में कमी: HbA1c लंबे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल करने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। HbA1c के लेवल को कम करने की दालचीनी की क्षमता डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
  • इन्फ्लेमेशन रोधी: दालचीनी में इन्फ्लेमेशन रोधी गुण होते हैं, जो इन्फ्लेमेशन से जुड़े इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव: दालचीनी के एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ सकते हैं, जो डायबिटीज की जटिल समस्याओं से जुड़ा एक कारक है।
  • संभावित कार्बोहाइड्रेट पाचन: दालचीनी कार्बोहाइड्रेट पाचन को धीमा कर सकती है, जिससे ब्लड फ्लो में ग्लूकोज का एक क्रम में बहाव हो सकता है। जो डायबिटीज के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • वजन कंट्रोल करना: भूख कंट्रोल करने में दालचीनी की भूमिका अप्रत्यक्ष रूप से वजन को मैनेज करने में सहायता कर सकती है, जो डायबिटीज की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण है।
  • हार्ट हेल्थ: दालचीनी में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने और हृदय संबंधी स्वास्थ्य को ठीक करने की क्षमता, उन डायबिटीक लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें हृदय संबंधी समस्याओं का अधिक खतरा होता है।
  • प्राकृतिक स्वाद बढ़ाने की छमता: दालचीनी खाद्य पदार्थों के स्वाद को बढ़ा सकती है, जिससे यह अतिरिक्त सुगर के बिना व्यंजनों में स्वाद लाने के लिए बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।
  • पाचन क्रिया को स्वस्थ रखना: दालचीनी स्वस्थ पाचन के लिए कारगर साबित होती है, जिससे बेहतर पोषक तत्व अवशोषण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही उन पाचन संबंधी समस्याओं को रोकती है, जो ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावित कर सकती हैं।
  • इम्यून सिस्टम को बेहतर करना: दालचीनी की इम्यून सिस्टम को बेहतर करने की क्षमता, डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वस्थ रहने में सबसे मूल्यवान साबित होती है।

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9. डायबिटीज के लिए ओट्स

ओट्स जिसे अक्सर पोषण संबंधी पावरहाउस के रूप में जाना जाता है, यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। खासकर डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए, ओट्स को ब्लड शुगर रेगुलेट करने और ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए सबसे कारगर अनाज में से एक माना जाता है। फिर इंतजार कैसा? अपनी डाइट में ओट्स को जोड़ें और जानें कि कैसे यह साधारण लेकिन गुणकारी भोजन डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने में में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सामग्री:

  • ओट्स (कुटा हुआ)
  • पानी या कम फैट वाला दूध
  • ऑप्शनल टॉपिंग, जैसे: जामुन, मेवे, दालचीनी, या शहद की एक बूंद (संयम से उपयोग करें)

बनाने का तरीका:

  • बेसिक ओटमील
  • एक सॉस पैन में पानी या दूध उबालें।
  • उसमें रोल्ड ओट्स (½ से 1 कप) डालें और आंच कम कर दें।
  • ओट्स को मलाईदार और नरम होने तक बीच-बीच में हिलाते हुए 5-7 मिनट तक पकाएं।
  • मनचाही टॉपिंग के साथ गरमागरम परोसें।
  • ओवरनाइट ओट्स
  • एक कंटेनर में, रोल्ड ओट्स और एक तरल पदार्थ (पानी, दूध या दही) मिलाएं।
  • कटे हुए फल, मेवे और दालचीनी ऊपर से डाल दें।
  • अच्छी तरह मिलाकर ढक दें और रात भर के लिए फ्रिज में रख दें।
  • सुबह स्वादिष्ट बिना पकाए दलिया का आनंद लें।

डायबिटीज के लिए ओट्स के फायदे:डायबिटीज के लिए ओट्स के फायदे:

  • स्थिर ब्लड शुगर लेवल:  ओट्स में घुलनशील फाइबर, विशेष रूप से बीटा-ग्लूकन होता है, जो ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल अधिक स्थिर हो जाता है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण है।
  • वजन कंट्रोल करना: ओट्स अपने उच्च फाइबर सामग्री के कारण वजन घटाने या रखरखाव में सहायता कर सकता है, यह भूख को पूरा करने में भी मददगार होता है और अधिक खाने की संभावना को कम करता है, जो डायबिटीक लोगों के लिए आवश्यक है।
  • हार्ट को हेल्दी बनाए रखना: ओट्स हार्ट के अनुकूल होते हैं। उनका घुलनशील फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है, जो डायबिटीक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय होता है।
  • पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखना: ओट्स में मौजूद फाइबर पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ बनाए रखता है, जिससे कब्ज को रोकने और आंत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है, जो पोषक तत्वों को अवशोषित करने और ओवरऑल बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • पोषक तत्वों में भरपूर: ओट्स आवश्यक विटामिन (जैसे विटामिन B), मिनिरल्स ( जैसे मैग्नीशियम) और एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
  • ऊर्जा का स्रोत: ओट्स एक धीमी गति से निकलने वाला कार्बोहाइड्रेट है, जो निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है, ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि को रोकता है और आपको पूरे दिन एक्टिव या एनर्जी से भरपूर रखने में मदद करता है।
  • ओट्स एक, फायदे अनेक: ओट्स को विभिन्न व्यंजनों जैसे ओटमील, स्मूदी, बेक्ड आइट्मस और बहुत कुछ में शामिल किया जा सकता है, जिससे डायबिटीक लोगों को अपने डाइट में शामिल करना और इससे मिलने वाले फायदों का आनंद लेना आसान हो जाता है।
  • आंत को स्वस्थ बनाए रखना: ओट्स के प्रीबायोटिक गुण एक स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
  • दवा की जरूरतों को कम करना: डायबिटीज से पीड़ित कुछ लोगों से पता चलता है कि ओट्स और साबुत अनाज से भरपूर डाइट लेने से, चिकित्सकीय देखरेख में डायबिटीज की दवा की जरूरतों को कम करने में मदद मिली है। डाइट में जरूरी बदलाव करने से पहले हमेशा अपने हेल्थ प्रोवाइडर या डॉक्टर से परामर्श लें।

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10. एलोवेरा

एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध या जाना जाता है, आपके डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान के लिए यह एक मूल्यवान औषधी साबित हो सकता है। बेहतर रूप से ब्लड शुगर कंट्रोल करने और ओवरऑल हेल्दी स्वास्थ के लिए, यहां एलोवेरा के पावरफुल गुणों का उपयोग करने के सरल लेकिन प्रभावी तरीकों को जानें:

जरूरी सामग्री

  • ताजा एलोवेरा पत्ता

बनाने का तरीका

  1. एलोवेरा की पत्ती से सावधानीपूर्वक जेल (लसलसा पदार्थ) निकालें।
  2. इसे चिकना बनाने के लिए इसके जेल को ब्लेंड करें या मिक्सर से मिलाएं ।
  3. प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में या किसी हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें।

डायबिटीज के लिए एलोवेरा के फायदे:

  • ब्लड शुगर को रेगुलेट करना: एलोवेरा ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है, जो डायबिटीज को मैनेज करने में मददगार साबित होता है।
  • इन्फ्लेमेशन-रोधी: इसके इन्फ्लेमेशन-रोधी गुण इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी इन्फ्लेमेशन को कम कर सकते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: एलोवेरा के एंटीऑक्सीडेंट गुण, कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं।
  • बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी: यह बेहतर ग्लूकोज उपयोग को बढ़ावा देकर इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है।
  • पाचन क्रिया को स्वस्थ रखना: एलोवेरा पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखता है, जिससे पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता मिलती है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है।
  • इम्यून सिस्टम को बेहतर करना: एलोवेरा की इम्यून बढ़ाने वाले गुण उन संक्रमणों से रक्षा कर सकते हैं जो डायबिटीक लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
  • घावों को भरना: एलोवेरा घाव भरने में तेजी ला सकता है, जो डायबिटीज से संबंधित त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए आवश्यक है।
  • डिटॉक्स करने में मददगार: एलोवेरा प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स (Detoxification) में सहायता करता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करना: एलोवेरा कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जिससे अक्सर डायबिटीज से जुड़े हृदय संबंधी जोखिम कम हो जाते हैं।

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डायबिटीज के लिए घरेलू उपचारों से शुगर का देसी इलाज(Sugar ka Desi ilaj in Hindi:

भोजन कैसे बनाएं फायदे स्वाद उपलब्धता लागत या खर्च अन्य कारक
करी का पत्ता करी पत्ता पाउडर: भोजन के साथ मिलाएं या खाने की थाली में छिड़क लें।

करी पत्ते की चाय: पत्तियों को पानी में उबालें, छान लें और पियें।

करी पत्ते में महानिंबाइन नामक यौगिक होता है जो ब्लड शुगर को कम करके और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करके डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करता है। हल्का, थोड़ा कड़वा व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है संभावित पेट की परेशानी या हाइपोग्लाइसीमिया। पर्सनल सेंसिटिविटी भिन्न-भिन्न हो सकती हैं
दालचीनी एक कप पानी में 1-2 दालचीनी की छड़ें 10-15 मिनट तक उबालें, ठंडा करें और दिन में एक या दो बार पियें। दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड होता है, एक कंपाउंड जो इंसुलिन को कॉपी करने में मदद करता है, कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज को ग्रहण करने में सहायता करता है और ब्लड शुगर को कम करता है। थोड़ा मीठा, सुगंधित स्वाद व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है मुंह में जलन या एसिडिटी हो सकती है
मेंथी का बीज 1 बड़ा चम्मच मेथी के बीज लें, 2 गिलास पानी में उबालें, रात भर छोड़ दें और अगली सुबह खाली पेट पियें।. मेथी के बीज में 4-हाइड्रॉक्सीआइसोल्यूसीन होता है, एक यौगिक जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से शुगर अवशोषण को कम करने में सहायता करता है। थोड़ा कड़वा, अखरोट जैसा स्वाद व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है संभावित गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या, ब्लड-पतला होने वाली परस्पर क्रिया और हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम।
एलोवेरा ताजा एलोवेरा की पत्ती को काटें, जेल निकालें, पानी या जूस के साथ मिलाएं और खाली पेट इसका सेवन करें। इसमें पॉलीसेकेराइड और फाइटोस्टेरॉल जैसे कंपाउंड्स होते हैं जिनमें शुगर-रेगुलेशन गुण और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एलोवेरा जेल का स्वाद हल्का, थोड़ा कड़वा होता है। व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है अत्यधिक सेवन से रेचक प्रभाव और दवा से क्रिया हो सकती है।
आंवला जूस ताजे और पौष्टिक जूस के लिए दो आंवले को पीसें, पानी के साथ मिलाएं और एक चुटकी नमक मिलाएं कर पी जाएं। इसमें गैलेक्टोमैनन नामक एक कंपाउंड होता है, जो ब्लड फ्लो में शुगर के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है। खट्टा अधिकांश दुकानों में उपलब्ध सामान्य तौर पर खरीदा जा सकता है इसका स्वाद खट्टा हो सकता है और कुछ लोगों में पेट भी खराब हो सकता है।
ओट्स पौष्टिक नाश्ते के लिए साबुत अनाज ओट्स का विकल्प चुनें, पानी या दूध में पकाएं और फल, मेवे या बीज डालकर इसका सेवन करें। Oats contain soluble fiber, beta-glucans, which help stabilize blood sugar levels. Oats are also a good source of fiber and provide sustained energy.

ओट्स में घुलनशील फाइबर, बीटा-ग्लूकेन्स होते हैं, जो ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद करते हैं। ओट्स फाइबर का भी अच्छा स्रोत हैं और निरंतर ऊर्जा प्रदान करते हैं।

अखरोट जैसा स्वाद अधिकांश दुकानों में उपलब्ध खरीदा जा सकता है ओट्स आमतौर पर सुरक्षित होते हैं लेकिन ग्लूटेन सेंसिटिविटी की निगरानी करते हैं। कुछ लोगों को फाइबर के कारण इन्फ्लेमेशन या गैस का अनुभव हो सकता है
सेब का सिरका 1-2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (सेब के सिरके) को पानी में घोलकर भोजन से पहले सेवन करें। इसमें एसिटिक एसिड होता है, जो  ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। यह भूख को कम करने या उसकी लालसा कम करने में मदद करता है। तीखा, अम्लीय और तीखा स्वाद अधिकांश दुकानों में उपलब्ध सामान्य तौर पर खरीदा जा सकता है कुछ लोगों में सीने में जलन और पेट की अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
मोरिंगा या सहजन मोरिंगा (सहजन) का आनंद लेने के लिए, पानी में इसके टुकड़े डालें और प्यास लगने पर इसे घूंट-घूंट करके पीएं। अतिरिक्त फायदे के लिए दाल जैसे व्यंजनों के साथ मिलाकर सेवन करें। इसमें मोरिंगा ओलीफेरा नामक एक कंपाउंड होता है, जो ब्लड शुगर के लेवल को कम करता है। हार्ट के हेल्थ को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। कड़वा स्वाद हो सकता है हर जगह उपलब्ध न हो खरीदा जा सकता है अत्यधिक सेवन से रेचक प्रभाव हो सकता है या दवाओं के साथ परस्पर क्रिया हो सकती है। यदि आप गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं या ब्लड पतला करने वाली दवाएं ले रही हैं तो इससे बचें
भिंडी भिंडी को नाश्ते के रूप में खाएं या चपाती के साथ भोजन में शामिल करें भिंडी बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने और पाचन में सहायता करने में मदद कर सकती है। इसके अतिरिक्त, यह विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और आहार फाइबर से भरपूर होती है। हल्का, थोड़ा मिट्टी जैसा स्वाद व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है कुछ लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा पैदा हो सकती है
जामुन का बीज 20-25 जामुन के बीज सुखा लें, पीसकर पाउडर बना लें, एक जार में रख लें। दिन में दो बार एक चम्मच का सेवन करें। शुगर के लेवल को कम करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है। मीठा, थोड़ा खट्टा व्यापक रूप से उपलब्ध खरीदा जा सकता है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रभाव हो सकता है. विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान इसके अत्यधिक सेवन से बचें।

निष्कर्ष

हाई ब्लड शुगर के लेवल को जामुन के बीज, करी पत्ते, भिंडी, आंवला, आदि से कंट्रोल किया जा सकता है। हर बार भोजन लेने के बाद अपने ब्लड शुगर के लेवल का टेस्ट करें। 10000 से अधिक मरीजों ने अपने खान-पान की आदतों में हेल्दी बदलाव करके डायबिटीज से छुटकारा पाया है। जब आप सर्टिफाइड डाइट कोच के उचित गाइडेंस के साथ, थोड़े से प्रयास से डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं तो सप्लीमेंट और दवाओं का सहारा लेने की क्या जरूरत है।

लो शुगर (Low Sugar) के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार |Low Sugar Home Remedies in Hindi

लौ शुगर के लिए प्राकृतिक घरेलु उपचार

लो ब्लड शुगर की स्थिति को मेडिकल की भाषा में हाइपोग्लाइसीमिया के रूप में जाना जाता है। इसमें ब्लड शुगर का लेवल 70 mg/dL से काफी नीचे गिर जाता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। लो ब्लड शुगर का सामान्य कारण इंसुलिन या किसी अन्य दवा की अधिक मात्रा, कोई बीमारी या अनुचित आहार या अनहेल्दी डाइट होता है।

लो ब्लड शुगर का उपचार शुगर के लेवल के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है।

नोट: ब्लड शुगर का लेवल और उनका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है, और पर्सनल गाइडेंस के लिए हेल्थकेयर प्रोवाइडर से परामर्श या कंसल्ट करना जरूरी होता है।

और पढ़े : डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फलो का जूस।

जब शुगर का लेवल 55-70 मिलीग्राम/डीएल के बीच हो तो क्या करें?

यदि आपका शुगर लेवल 55 से 70 मिलीग्राम/डीएल के बीच है, तो कम शुगर के लिए निम्नलिखित प्राकृतिक उपचार में से किसी एक पर विचार करें। ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कैसे बढ़ाएं यहां बताया गया है:

  • एक गिलास पानी में 1 बड़ा चम्मच चीनी।
  • 1 बड़ा चम्मच शहद
  • 2 बड़े चम्मच किशमिश
  • ½ कप सेब या संतरे का रस
  • 1 कप वसा रहित दूध
  • ½ केला
  • 1 छोटा सेब
  • 3 से 4 ग्लूकोज की गोलियाँ

15 मिनट तक इंतजार करें और अपने शुगर के लेवल को मापें। यदि आपका शुगर लेवल 100 मिलीग्राम/डीएल से अधिक या उसके बराबर है, तो आप ठीक हैं। नहीं तो एक हिस्सा और ले लीजिए. इसे तब तक दोहराएं जब तक शुगर का लेवल सामान्य होकर 100 मिलीग्राम/डीएल न हो जाए।

जब शुगर का लेवल 55 मिलीग्राम/डीएल से नीचे हो तो क्या करें?

यदि शुगर का लेवल 55 mg/dL से कम है और मरीज कॉन्शियस है, तो उसे तुरंत दें:

  • 1 बड़ा चम्मच शहद
  • ½ कप 100% संतरे का रस
  • 1/3 कप अंगूर का रस

यह मरीज को देने के बाद 15 मिनट तक का इंतजार करें और उसके शुगर लेवल टेस्ट दोबारा करें। जब तक आपका शुगर लेवल सामान्य न हो जाए तब तक लो शुगर के लिए ऊपर दिए गए घरेलू उपायों को करते रहें।

जैसे ही आप सामान्य स्थिति में आ जाएं, मुट्ठी भर मूंगफली या क्रैकर्स वाली मूंगफली जैसे प्रोटीन युक्त आहार खाएं। यह आपके शुगर के लेवल को रेंज के भीतर रखने में मदद करेगा। लेकिन आपको अभी भी अपने ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य करने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।

सारांश तालिका: ब्लड शुगर का लेवल कम होने पर क्या करें?

ब्लड ग्लूकोज रेंज (मिलीग्राम/डीएल) उपाय (कोई एक) यदि बताए गए उपाय काम नहीं करते हैं, तो अतिरिक्त दिशानिर्देश
55-70 mg/dL 1 बड़ा चम्मच चीनी के साथ एक गिलास पानी 15 मिनिट बाद शुगर चेक कर लें। यदि ≥100 mg/dL है, तो आप ठीक हैं। यदि नहीं, तो शुगर लेवल नॉर्मल (<100 mg/dL) होेने तक एक बार और पिएं।
1 चम्मच शहद
2 चम्मच किशमिश
½ कप सेब या संतरे का जूस
1 कप फैट-फ्री दूध
½ केला
1 छोटा सेब
3 से 4 ग्लूकोज की गोलियां
55 mg/dL से कम 1 बड़ा चम्मच शहद यह लेने के 15 मिनट के बाद दोबारा शुगर लेवल चेक करें। यदि अभी भी कम है, तो सामान्य होने तक यह घरेलू उपचार दोहराएं। स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यदि समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें।
½ कप शुद्ध संतरे का जूस
1/3 कप शुद्ध अंगूर का जूस

नोट: इन स्टेप्स को फॉलो करना किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल के गाइडेंस में करना आवश्यक है। ब्लड शुगर के लेवल को तुरंत कैसे बढ़ाया जाए इस पर व्यक्तिगत सलाह के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

ऊपर दिए गए निर्देशों के अलावा, कम शुगर के लिए कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:

शहद काजू सिरप

सामग्री

  • गर्म पानी
  • कुचले हुए काजू
  • शहद

बनाने के तरीके

  • एक गिलास गर्म पानी लें।
  • इसमें दो बड़े चम्मच कुचले हुए काजू डालें।
  • इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं।
  • इसे अच्छे से मिलाएं और बेहतर परिणाम के लिए इसे हर रात पियें।

15 मिनिट बाद शुगर चेक करें. यदि यह 100 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर है, तो आप ठीक हैं। नहीं तो फिर से वही चाशनी आधा कप लें।

सेब का सॉस या चटनी

जरूरी सामग्री

  • 3 सेब
  • चीनी
  • पानी

बनाने का तरीका

  • सेबों को धोएं और छीलें।
  • इन्हें काट कर पैन में डाल दें।
  • सेब वाले पैन में पानी इस तरह डालें कि सेब पानी से ढक जाए।
  • पैन को धीमी आंच पर रखें।
  • यदि आवश्यकता हो तो चीनी डालें।
  • सेब पकने तक हिलाते रहें।
  • सेब को मैश कर लें या ब्लेंड कर लें।
  • आपकी सेब की चटनी या सॉस तैयार है, इसे फ्रिज में रखकर उपयोग करें।

जब भी आपका शुगर लो हो तो आधा कप सेब की चटनी का सेवन करें।

काले अंगूर और सेब का जूस

जरूरी सामग्री

  • काले अंगूर
  • सेब
  • ½ बड़ा चम्मच चीनी
  • पानी

बनाने का तरीका

  • एक सेब लें और उसे काट लें।
  • एक कप काला अंगूर डालें।
  • थोड़ा पानी और एक बड़ा चम्मच चीनी डालें।
  • जूस बनाकर कभी भी आधा कप पियें।

किशमिश दूध मिश्रण

जरूरी सामग्री

  • दूध
  • किशमिश

बनाने का तरीका

  • एक गिलास गर्म पानी लें।
  • इसमें लगभग 2 बड़े चम्मच किशमिश डालकर अच्छी तरह मिला लीजिए।
  • इसे हर दिन पियें क्योंकि यह कुछ ही समय में आपके ब्लड शुगर के लेवल को दोबारा नॉर्मल करने में मदद करता है।

शहद और दूध

जरूरी सामग्री

  • दूध
  • शहद

बनाने का तरीका

  • एक गिलास दूध लें।
  • इसमें 1/2 से 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाएं।
  • और जब भी आपको लगे कि आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो रहा है तो इसे पियें।

निष्कर्ष 

किशमिश, फलों का रस और सेब की चटनी, यह सभी ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाने के लिए फायदेमंद हैं। हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए इनका उचित मात्रा में उपयोग करें। मैं ऐसे लोगों से मिला हूं जो मानते हैं कि चॉकलेट, चीनी जैसी कोई भी मीठी चीज खाने से उनका शुगर लेवल बढ़ सकता है। लेकिन सच तो यह है कि ये चीजें ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने में उतनी तेजी से काम नहीं करती हैं। जबकि ऊपर बताए गए नुस्खे ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने का एक तेजी से काम करने वाला तरीका है।

टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज नियंत्रण के लिए घरेलू उपचार – 

एक सामान्य प्रश्न जो डायबिटीज के मरीज के मन में रहता है वह है “टाइप-1 और टाइप 2 डायबिटीज का प्राकृतिक रूप से इलाज कैसे करें?” या “टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक आहार क्या है?”

डायबिटीज को प्रभावी ढंग से कंट्रोल और मैनेज करने के लिए हेल्दी डायबिटीज डाइट लेना आवश्यक है। एक हेल्दी डाइट में कंट्रोल कार्ब्स के साथ उच्च फाइबर सामग्री, प्रोटीन और फैट होना चाहिए। इन सभी पोषक तत्वों का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। बहुत कम या बहुत अधिक दोनों ही रूप में खतरनाक हो सकता है। इसलिए एक प्रमाणित डाइट कोच के उचित गाइडेंस की आवश्यकता है। हर किसी के शरीर की अलग-अलग ज़रूरतें होती हैं। इसलिए एक पर्सनल डाइट प्लान अधिक प्रभावी और स्थायी होती है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों को कंट्रोल करने के लिए यहां कुछ जरूरी और बेस्ट घरेलू उपचार दिए गए हैं।

और पढ़े : डायबिटीज में कोल्ड ड्रिंक पी सकते है ?

प्राकृतिक घरेलू उपचार जूस: डिटॉक्स जूस

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डिटॉक्स जूस बेहद फायदेमंद है। यह आपको हाइड्रेटेड रहने, उचित वजन बनाए रखने, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मैनेज करने और ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।

सामग्री

  • पालक
  • अदरक
  • क्लश
  • पुदीना
  • धनिया
  • खीरा
  • दालचीनी पाउडर

बनाने का तरीका

  • 2 गिलास पानी लें और उसमें सारी सामग्री मिला लें।
  • ब्लेंड करके इसका जूस बना लें।
  • पिएं और आनंद लें।

पालक, खीरा और धनिया जैसे तत्व विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर वजन कंट्रोल करने में मदद करते हैं।साथ ही ब्लड शुगर के लेवल को भी कंट्रोल करते हैं। यही वजह है कि यह डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए यह बेहतरीन माने जाते हैं।

शुगर नियंत्रण के लिए प्राकृतिक उपचार छोटे और स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स:

जामुन और योगर्ट: 1 कप जामुन के साथ 1 छोटे कप में कम फैट वाला योगर्ट लें। जामुन एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर का एक बड़ा स्रोत हैं। यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है और शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद करता है। योगर्ट में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म में सुधार करते हैं, जिससे भोजन का अवशोषण बढ़ जाता है। इन्हीं सभी गुणों के चलते यह ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है। यह कैल्शियम, विटामिन D और पोटेशियम का भी एक समृद्ध स्रोत है।

पीनट बटर के साथ सेब

25 ग्राम मूंगफली के मक्खन (पीनट बटर) के साथ 1 छोटा सेब लें। सेब एक कम ग्लाइसेमिक फल है जिसमें पॉलीफेनोल्स होते हैं। पॉलीफेनोल्स भोजन के पाचन के बाद ब्लड फ्लो में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। जिससे ब्लड शुगर के लेवल में तेजी से वृद्धि को रोका जाता है। दूसरी ओर, मूंगफली का मक्खन हेल्दी फैट, अच्छी मात्रा में फाइबर और प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है। ये सभी ब्लड शुगर अवशोषण को रेगुलेट करने में मदद करने के लिए जरूरी होते हैं।

डायबिटीज के लिए सब्जियां

हरी बीन्स:

हरी बीन्स कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ हैं जिनमें उच्च विटामिन A, C, K, आयरन, क्लोरोफिल, फाइबर और फोलिक एसिड होता है। ये सभी हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं और ब्लड शुगर के लेवल को रेगुलेट करने में मदद करते हैं।

जरूरी सामग्री

  • हल्दी पाउडर (1/2 चम्मच)
  • मिर्च पाउडर (1/2 चम्मच)
  • जीरा (1/2 चम्मच)
  • धनिया पाउडर (½ छोटा चम्मच)
  • प्याज पेस्ट (1 बड़ा चम्मच)
  • लहसुन का पेस्ट (½ बड़ा चम्मच)
  • नमक स्वाद अनुसार
  • ½ कप तेल.

बनाने की तैयारी

सभी सामग्री को जैतून के तेल (olive oil) में 2/3 मिनट तक भून लें, फिर इसमें बीन्स और पानी डालकर 15/20 मिनट तक पकाएं।

बीन्स के अलावा भिंडी, खीरा और करेले जैसी सब्जियां भी इसी तरह बनाई जा सकती हैं। ये सभी टाइप 2 डायबिटीज के लिए अच्छे घरेलू उपचार हैं और टाइप 1 डायबिटीज को कंट्रोल करने में फायदेमंद साबित हुए हैं।

और पढ़े : शुगर में कौन सी सब्जियां खानी चाहिए ?

डायबिटीज के लिए नॉन-वेज (मांसाहारी) भोजन

जो लोग नॉन-वेज खाना पसंद करते हैं लेकिन डायबिटीज से पीड़ित हैं, उनके लिए यहां शुगर को कंट्रोल करने और भोजन के प्रति अपना प्यार बनाए रखने के लिए कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं।

  • डायबिटीज के रोगियों के लिए समुद्री भोजन (Seafood) और चिकन बेहतर विकल्प है।
  • लाल मांस (Red meat) से बचना चाहिए क्योंकि इसमें हाई लेवल की सेचुरेटेड फैट होती है।
  • अगर आपको भी कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आपको अंडे की जर्दी को अपनी डाइट में नहीं लेना चाहिए।
  • डायबिटीज के दौरान आप 85 ग्राम या 3 औंस मांस, 120 ग्राम मछली या 100 ग्राम चिकन खा सकते हैं।
  • चिकन, मछली या मांस को डीप फ्राई करने से बचें।

शुगर लेवल कम करने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपाय

आज के समय में लोग खराब लाइफस्टाइल, कम एक्सरसाइज और बहुत अधिक तनाव का अनुभव कर रहे हैं, और ओवरऑल हेल्थ, विशेष रूप से डायबिटीज में सुधार लाने के उद्देश्य से इन सबका प्रैक्टिस करना जरूरी हो गया है। चूंकि डायबिटीज अपने साथ कई अन्य समस्याएं भी लाता है जैसे अनिद्रा, एसिडिटी, अनियमित ब्लड प्रेशर, हाथों और पैरों में झुनझुनी आदि।

डायबिटीज वंशानुगत या लाइफस्टाइल से हो सकती है। इस स्थिति में ब्लड शुगर का लेवल फास्टिंग ब्लड शुगर के मानक लेवल से बहुत अधिक होता है। चूंकि यह क्रोनिक (जीवन भर) होता है, इसलिए व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए अपनी दवाओं का सेवन करना चाहिए। हालांकि कोई भी व्यक्ति अपने शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार अपना सकता है।

और पढ़े : नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?

शुगर लेवल को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय | Sugar Kam Kaise Kare

  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें। ओवरऑल कार्ब खपत की मॉनिटरिंग महत्वपूर्ण है। कई लोग विभिन्न कारणों से अपनी डाइट की मॉनिटरिंग नहीं करते हैं, जिससे उनके लिए अपने शुगर के लेवल को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों ने हमसे बात की, वे यह जानकर खुश थे कि उन्हें एक पर्सनल डाइट कोच, फिटनेस कोच और डायबिटोलॉजिस्ट मिलेगा। लगातार कोशिश और प्रेरणा से, नियमित फॉलो-अप, 24X7 पहुंच, साप्ताहिक चुनौतियां और रिपोर्ट कार्ड ने 10000+ मरीजों को उनके डायबिटीज को ठीक करने में मदद की है।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। पानी पीने से ब्लड शुगर का लेवल हेल्दी रेंज के भीतर रहता है। इसके अलावा यह किडनी को अतिरिक्त शुगर को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • शारीरिक रूप से एक्टिव रहें। एक्सरसाइज इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और शुगर के लेवल को कम करता है। फिटनेस कोच एक वर्कआउट रूटीन का प्लान बनाता है, जो आपके शरीर के अनुकूल हो और घर या कार्यालय दोनों जगह किया जा सके।
  • फाइबर का सेवन बढ़ाएं। चूंकि फाइबर कार्बोहाइड्रेट पाचन और शुगर अवशोषण की प्रक्रियाओं में देरी करने में मदद करता है। जिसके चलते फाइबर धीरे-धीरे शुगर के लेवल को बढ़ाता है।
  • व्यायाम, ध्यान या योग जैसी अच्छी आदतें अपनाकर स्ट्रेस के लेवल को मैनेज करें। ये डायबिटीज के मरीजों को उनके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। अत्यधिक तनाव या अवसाद की स्थिति में किसी चिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद लेने में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। डायबिटीज रिवर्सल प्रोग्राम में शामिल होने के बाद हजारों लोगों ने अवसाद की दवा लेना बंद कर दिया है।
  • अंत में, अच्छी और गहरी नींद ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करती है। साथ ही नींद मेटाबॉलिज्म हार्मोन को परेशान कर सकती है। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy) द्वारा अनिद्रा का प्राकृतिक रूप से इलाज किया जा सकता है। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी को आम भाषा में टॉक थेरेपी भी कहा जाता है

डायबिटीज के लिए उपरोक्त प्रभावी घरेलू उपचार आपको इससे छुटकारा पाने में मदद करते हैं।

और पढ़े : जानिए शुगर कम करने के लिए घरेलु उपाए।

बॉटम लाइन

स्वस्थ भोजन डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के बेस्ट तरीकों में से एक है। यह अन्य बीमारियों जैसे हृदय रोग, किडनी रोग और लीवर संबंधी रोग के जोखिम को भी कम करता है। डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए डाइट प्लान बनाने से पहले आपको डाइट एक्सपर्ट से परामर्श लेना चाहिए।

प्रत्येक भोजन के बाद अपने ब्लड शुगर के लेवल को मापना याद रखें। इस तरह आप अपने शरीर पर खाद्य पदार्थों के प्रभाव की मॉनिटरिंग कर सकते हैं। जो खाद्य पदार्थ आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, उन्हें अपने डाइट प्लान से हटा देना चाहिए। एक हेल्दी डाइट आपको स्वाभाविक रूप से डायबिटीज को रोकने, कंट्रोल करने और छुटकरा दिलाने में मदद कर सकता है। लाइफस्टाइल में महत्वपूर्ण बदलाव करने से आपको अपने ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल बनाए रखने में मदद मिल सकती है। अपने ब्लड शुगर को हेल्दी लेवल पर कैसे बनाए रखें, इसके बारे में जागरूक होना चाहिए।

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions

शुगर का देसी इलाज

शुगर का देसी तरीके से इलाज करने के लिए जामुन के बीज या आंवले का चूर्ण बनाएं और इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। आप एक चम्मच मेथी का दाना भिगोकर सुबह पानी सहित पी सकते हैं, लहसुन की 2-3 कलियां भी भिगोकर सुबह खाली पेट चबाकर खा सकते हैं।

क्या भिंडी डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छी है?

डायबिटीज के लिए भिंडी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट कम होता है और इसमें आहार फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।

क्या डायबिटीज के मरीज आंवले का जूस पी सकते हैं?

डायबिटीज के मरीज आंवले का जूस कम मात्रा में पीने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि डायबिटीज के लिए आंवले के रस पर पर्सनल सलाह के लिए हेल्थकेयर प्रोवाइड एक्सपर्ट से परामर्श करना जरूरी होता है।

डायबिटीज के लिए आंवले का जूस कब पीना चाहिए?

डायबिटीज के संभावित लाभों के लिए आंवले के रस का सेवन सुबह खाली पेट किया जा सकता है। बेहतर लाभ के लिए हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।

डायबिटीज के लिए किस प्रकार की दालचीनी बेस्ट होती है?

सीलोन दालचीनी (असली दालचीनी) आमतौर पर क्यूमरिन के निम्न लेवल के कारण डायबिटीज के लिए बेहतर मानी जाती है। डायबिटीज के लिए दालचीनी के सही इस्तेमाल के बारे में जानने और पर्सनल गाइडेंस के लिए ब्रीथ वेल-बीइंग में डायबिटीज रिवर्सल एक्सपर्ट से बात करें।

क्या ओट्स ब्लड शुगर को कम करता है?

हां, ओट्स का घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद कर सकता है। बेहतर परिणामों के लिए डायबिटीक लोगों को बिना चीनी मिलाए सादा ओट्स खाना चाहिए, जिससे बेहतर परिणाम मिलता है।

 

क्या नींबू पानी ब्लड शुगर को कम करता है?

नींबू पानी का ब्लड शुगर के लेवल पर न्यूनतम प्रभाव हो सकता है। यह हाइड्रेशन के लिए अधिक फायदेमंद है और कुछ एंटीऑक्सीडेंट प्रदान कर सकता है।

मैं घर पर अपना शुगर कैसे कम कर सकता हूं?

मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करके, साबुत अनाज खाकर, फाइबर बढ़ाकर, हाइड्रेटेड रहकर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करके चीनी का सेवन कम करें। डायबिटीज के लिए ऊपर दिए गए घरेलू उपचार भी आपके शुगर के लेवल को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

 

 

मैं दवा के बिना अपने डायबिटीज को कैसे कंट्रोल कर सकता हूँ?

संतुलित डाइट, नियमित रूप से एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल करके और तनाव में कमी जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। ब्रीद वेल-बीइंग में हम लोगों को बिना किसी दवा के डायबिटीज को ठीक करने और कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

 

 

क्या जामुन डायबिटीज के मरीजों लिए अच्छा है?

जामुन (काला बेर) डायबिटीज के लिए लाभकारी माना जाता है। इसमें ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं। डायबिटीज के लिए जामुन या जामुन के बीज के उचित उपयोग के लिए ब्रीथ वेल-बीइंग में अपने पर्सनल हेल्थ कोच से बात करें या परामर्श लें।

 

क्या ओट्स शुगर डायबिटीज के लिए अच्छा है?

हां, हाई फाइबर सामग्री के कारण दलिया ब्लड शुगर के मैनेजमेंट के लिए एक अच्छा विकल्प है। साबुत अनाज ओट्स चुनें और पोर्शन साइज को कंट्रोल करें।

क्या काला अंगूर डायबिटीज के लिए अच्छा है?

सीमित मात्रा में काले अंगूर डायबिटीज के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। वे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं। हालांकि ब्लड शुगर के लेवल के बढ़ने से बचने के लिए अपने पोर्शन साइज का भी ध्यान रखें।

 

 

डायबिटीज के लिए मोरिंगा (सहजन) की पत्तियों का उपयोग कैसे करें?

मोरिंगा (सहजन) की पत्तियों को सूप, सलाद या स्मूदी में शामिल करके अपने आहार में शामिल करें। इनमें पोषक तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।

क्या आंवला डायबिटीज के लिए अच्छा है?

हां, आंवला अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स, एंटीऑक्सीडेंट गुणों और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने की क्षमता के कारण डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है।

क्या मेथी डायबिटीज के लिए अच्छी होती है?

हां, मेथी ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें घुलनशील फाइबर और कंपाउंड्स होते हैं जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करते हैं।

 

 

डायबिटीज के लिए जामुन के बीज का पाउडर कैसे बनाएं?

जामुन के बीजों को सुखाकर, बारीक पीसकर पाउडर बनाकर रख लें। रोजाना खाली पेट थोड़ी मात्रा (1-2 चम्मच) का सेवन करें। उचित उपयोग के लिए किसी हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श लें।

 

 

क्या करी पत्ता डायबिटीज के लिए अच्छा है?

हां, करी पत्ता डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो इंसुलिन फंक्शन में सुधार कर सकते हैं और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।

 

 

शुगर हाई होने पर क्या करें?

जब ब्लड शुगर हाई हो, तो हाइड्रेटेड रहें, ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें, हल्की शारीरिक एक्टिविटी में व्यस्त हो जाएं, और यदि आवश्यक हो तो दवा को बैलेंस करने सहित अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर या डॉक्टर की सलाह लें।

 

डायबिटीज में मुझे किस प्रकार का चावल खाना करना चाहिए, सफेद या ब्राउन राइस?

सफेद और ब्राउन राइस दोनों ही हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ हैं। लेकिन ब्राउन राइस अधिक बेहतर है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। शुगर के लेवल को संतुलित करने के लिए इसे अन्य कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों और नॉन-स्टार्च वाली सब्जियों के साथ खाया जाना चाहिए। अपने भोजन में केवल ½ कप ब्राउन चावल लें।

सुबह-सुबह खाने के लिए सबसे अच्छा डायबिटीज डाइट क्या है?

डाइट आपके शुगर लेवल पर निर्भर करेगा। एक कप शुगर-फ्री चाय या कॉफी या नारियल पानी, या नींबू पानी के साथ 5 बादाम या 2 अखरोट के टुकड़े लेना सबसे अच्छा विकल्प होगा।

 

डायबिटीज के दौरान किस प्रकार के अनाज से परहेज करना चाहिए?

डायबिटीज में सफेद ब्रेड, मैदा, रिफाइंड आटा, पास्ता और रिफाइंड अनाज से परहेज करना चाहिए। इसके बजाय आप साबुत गेहूं का आटा, साबुत अनाज की ब्रेड और साबुत गेहूं पास्ता का सेवन करें।

 

 

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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