क्या लौकी मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी है?

Last updated on अगस्त 28th, 2023

मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी मेटाबोलिक समस्या है जो आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। साथ ही यह मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बनती जा रही है। मधुमेह या डायबिटीज अपने साथ कई तरह की गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याएं ले कर आती है। इनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, किडनी फेल्योर, लिवर रोग, रेटिनोपैथी, न्यूरोपैथी आदि शामिल हैं। इन सब बीमारियों को रोकने के लिए ज़रूरी है अपने शुगर लेवल्स को नियंत्रित रखना। दवाओं के अलावा, आपका खाना आपके शुगर लेवल को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। एक अच्छी डायबिटिक डाइट आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इन्हीं हेल्दी फूड में से एक है लौकी। आइए इस ब्लॉग में पढ़ें कि कैसे लौकी शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है और क्या लौकी मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी है?

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लौकी क्या है?

लेगेनारिया सिसेरिया या कालाबाश, जिसे आमतौर पर अंग्रेजी में बॉटल लौकी और हिंदी में लौकी के नाम से जाना जाता है, कुकुर्बिटा परिवार से आता है। भारत के कुछ हिस्सों में इसे दूधी भी कहा जाता है। लौकी बहुत सारे चिकित्सीय लाभों वाली प्राचीन सब्जियों में से एक है। इसमें उच्च फाइबर और घने पोषक तत्व होने के कारण इसे स्वास्थ्यप्रद सब्जियों में से एक माना जाता है। इसकी खेती हजारों वर्षों से एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका में प्रमुखता से की जाती रही है। यह विभिन्न आकारों में आता है, जैसे बोतल, डम्बल या अंडाकार। सबसे आम आकार एक बोतल है जिसे भारत में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह अपने उच्च पोषक तत्वों और रेशेदार गुणों के कारण वज़न कम करने वाले लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। अपने हेल्दी न्यूट्रीशन प्रोफ़ाइल के कारण डायबिटीज रोगियों के लिए लौकी एक अच्छा विकल्प है।

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लौकी का पोषण मूल्य

लौकी का पोषण मूल्य

आमतौर पर, मधुमेह रोगियों के लिए लौकी एक स्वस्थ विकल्प है। शुगर में लौकी के फ़ायदे कई है जो उसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से होते हैं। यह विटामिन, खनिज, फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ पानी की मात्रा में उच्च होती है। यह कम कैलोरी वाला भोजन है, जो वज़न घटाने के लिए पसंदीदा विकल्पों में से एक है। ये सभी गुण मिलकर लौकी को मधुमेह के लिए फ़ायदेमंद बनाते हैं।

यूएसडीए (संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग) के अनुसार, 100 ग्राम लौकी में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

लौकी का पोषण मूल्य
पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम ) मात्रा 
कैलोरी 3.39 ग्राम
प्रोटीन 0.62 ग्राम
लिपिड 0.02 ग्राम
फाइबर या रेशा 0.5 ग्राम
आयरन 0.2 मिलिग्राम
केल्शियम 26 मिलिग्राम
पोटेशियम 150 मिलिग्राम
सोडियम 2 मिलिग्राम
मेग्नेशियम 11 मिलिग्राम
फ़ॉस्फोरस 13 मिलिग्राम
ज़िंक 0.7 मिलिग्राम
कॉपर 0.026 मिलिग्राम
मेंगनीज़ 0.066 मिलिग्राम
सेलेनियम 0.2 मिलिग्राम
विटामिन सी 10.1 मिलिग्राम
राइबोफ्लेविन 0.022 मिलिग्राम
थियामिन 0.029 मिलिग्राम
पेंटोंथेनीक एसिड 0.152 मिलिग्राम
विटामिन बी 6 0.04 मिलिग्राम
नियासिन 0.32 मिलिग्राम
फोलेट 6 माइक्रोग्राम
ऊर्जा या एनर्जी
14 kcal

यह एक उच्च रेशेदार, उच्च जल सामग्री वाली सब्जी है जिसमें 92% पानी होता है। चूँकि इसमें कैलोरी कम और पोषक तत्व अधिक होते हैं, इसलिए इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए ज़्यादातर शुगर में लौकी का रस/जूस का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा शुगर या लौकी के रस का उपयोग कई तरह के स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। इसी ब्लॉग में आगे जानेंगे कि लौकी का जूस कैसे बनाया जाता है। इसे और अधिक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए इसमें कुछ अन्य हेल्दी सामग्री और सब्जियाँ मिला सकते हैं। इसके अलावा लौकी के सूप को भी हेल्थ बेनेफिट के लिए बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है।

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लौकी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

लौकी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

डायबिटीज में लौकी के फ़ायदे इसे शुगर मरीजों के लिए सबसे सुरक्षित भोजन विकल्प बनाता है। यह 15 के ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ सबसे कम जीआई खाद्य पदार्थों में से एक है। मधुमेह में लौकी खा सकते हैं और सबसे सुरक्षित भोजन के रूप में क्योंकि यह शुगर लेवल्स को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करती है। बल्कि शुगर में लौकी का रस/जूस व लौकी के अन्य व्यंजनों का उपयोग शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक इकाई है जो ब्लड शुगर लेवल पर किसी विशेष भोजन के प्रभाव को मापता है। यह मुख्य रूप से किसी विशेष भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा से तय होता है। 0-100 ग्लाइसेमिक इंडेक्स या जीआई के पैमाने के आधार पर, भोजन को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन – 55 या उससे कम,

मीडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन – 56 से 69

उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन – 70 और उससे अधिक

जितना अधिक कम जीआई भोजन होगा, वह आपके ब्लड शुगर लेवल को उतना ही स्वस्थ रखेगा। इसलिए अचानक और अनचाहे शुगर स्पाइक्स को नियंत्रित करने के लिए हमेशा अपनी डाइट में कम जीआई वाले भोजन को शामिल करें। लौकी एक ऐसी ही सब्जी है जो आपकी शुगर में कई फ़ायदे पहुंचाती है।

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मधुमेह में लौकी खा सकते हैं?

आइए अब बड़े सवाल का जवाब देते हैं, क्या लौकी मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी है? और डायबिटीज में लैकी के फ़ायदे क्या हैं? हरी बोतल के आकार की यह सब्जी शक्तिशाली पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों से भरी होती है। यह कम कार्ब व कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जी है जो रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करती है। साथ ही शुगर में लौकी के रस के फ़ायदे में से एक है ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण। मधुमेह रोगियों के लिए लौकी को इसके विभिन्न मधुमेह विरोधी गुणों (एंटीडायबिटिक गुणों) के लिए पसंद किया जाता है जो इसे डायबिटीज के लिए एक अच्छा व हेल्दी भोजन बनाते हैं। इसका उपयोग प्राचीन काल से डायबिटीज और उच्च शर्करा स्तर (हाई शुगर लेवल) के लिए औषधीय भोजन के रूप में किया जाता रहा है। इसमें विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्व उच्च मात्रा में होते हैं जो स्वस्थ शर्करा स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसका अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए शुगर में लौकी का जूस एक बेस्ट चॉइस माना जाता है। साथ ही डायबिटीज में लौकी के सूप के फ़ायदे भी अनगिनत हैं।

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डायबिटीज में लौकी के फ़ायदे 

डायबिटीज मरीज हमेशा खाने को ले कर दुविधा में रहते हैं कि ऐसा कौनस भोजन है जो उनके शुगर लेवल को प्रभावित ना करे। लौकी को एक स्वस्थ व लाभकारी भोजन माना जाता है लेकिन क्या मधुमेह में लौकी खा सकते हैं और शुगर में लौकी के क्या फ़ायदे हैं? यह सवाल कई लोगों के मन मे है। तो आइए जानें मधुमेह रोगियों के लिए लौकी खाने के प्रमुख कारण और फ़ायदों के बारे में:

रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है

जैसा कि हम जानते हैं, लौकी 92% पानी, फाइबर और शून्य कार्बोहाइड्रेट से बनी होती है। यह इसे एक हेल्दी डायबिटिक डाइट फूड बनाती है। जब हम कार्ब्स युक्त भोजन का सेवन करते हैं तो यह शरीर में ग्लूकोज में टूट जाता है, जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है। सामान्य व्यक्तियों में, इंसुलिन हार्मोन द्वारा इस ग्लूकोज को अच्छे से उपयोग व मेनेज कर लिया जाता है और कोशिकाएं इसे ऊर्जा के रूप में अच्छे से इस्तेमाल कर पाती है। लेकिन मधुमेह से पीड़ित लोगों में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन या तो बंद हो जाता है या शरीर की कोशिकाएं इस इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।

रक्त में यह बढ़े हुए शुगर लेवल विभिन्न अंगों पर प्रभाव डालते है और कई गंभीर स्वास्थ्य रोगों का कारण बनते है। अन्य अंगों और ऊतकों की सुरक्षा के लिए ब्लड शुगर के इन स्तरों को प्रबंधित या मेनेज करना बहुत आवश्यक है। शुगर में लौकी के बहुत फ़ायदे हैं क्योंकि इसमें ज़ीरो कार्बोहाइड्रेट होता है। इसलिए, यह शरीर में शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। यह एक उच्च फाइबर वाली सब्जी भी है। लौकी में मौजूद फाइबर कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है जिससे रक्त में शुगर को धीमी गति से रीलीज करता है। इस तरह, यह शुगर लेवल को बनाए रखता है।

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आपको हाइड्रेटेड रखता है

डायबिटीज में लौकी के फायदे में हाइड्रेटेड रखना भी शामिल है क्योंकि इसमें 92% पानी होता है। यह अपने शीतलन प्रभाव (कूलिंग इफेक्ट) के लिए भी जाना जाता है। स्वस्थ ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए, व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहने की आवश्यकता होती है। मधुमेह रोगियों के लिए लौकी उन्हें हाइड्रेटेड रहने और उनके शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करती है।

पाचन में लाभकारी

लौकी में प्रति 100 ग्राम में 0.5 ग्राम फाइबर होता है। यह इसे उच्च फाइबर वाला भोजन बनाता है। फाइबर पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है और कब्ज से राहत देता है। बेहतर पाचन तंत्र मधुमेह रोगी के लिए एक बहुत फ़ायदेमंद होता है। मधुमेह रोगियों के लिए लौकी इस संबंध में उनकी मदद करती है। यह आपके पेट के स्वास्थ्य और मल त्याग को आसान रखते हुए शुगर लेवल को बनाए रखती है।

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वजन घटाने में सहायता करती है

मोटापा या अधिक वजन टाइप 2 डायबिटीज और उच्च शर्करा स्तर को विकसित करने के प्रमुख कारणों में से एक है। मधुमेह के लिए लौकी एक स्वस्थ विकल्प है। यह एक शून्य-कार्ब, शून्य-वसा, उच्च फाइबर और उच्च जल (हाई वाटर कंटेन्ट) वाली सब्जी है। यह उन लोगों के लिए एक बेस्ट फूड ऑप्शन है जो अपना वज़न घटाना चाहते हैं। शुगर में लौकी के रस/जूस के फ़ायदे भी बहुत अधिक हैं। शुगर में लौकी के जूस के फ़ायदे में शामिल है बिना अतिरिक्त कार्ब  जोड़े आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखना। इसलिए यदि आप वजन घटाना व शुगर लेवल को मेनेज करना चाहते है तो अपनी डाइट में लौकी के रस या लौकी जूस को जरूर शामिल करें। यह आपके पेट को भी स्वस्थ रखता है और आपको हेल्दी डाइट का पालन करने में भी मदद करता है।

सूजन (इंफ़्लेमेशन) को कम करता है

डायबिटीज में लौकी के फायदे में सूजन वाले दर्द से राहत भी शामिल है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए लौकी का सेवन विभिन्न पुरानी बीमारियों और विकारों जैसे विभिन्न हृदय रोगों, कैंसर आदि के खतरों को कम करने में भी मदद करता है।

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मूत्रवर्धक (डाइयूरेटिक) गुण

लौकी में 92% पानी और मूत्रवर्धक गुण होते हैं। डायबिटीज के लिए लौकी अच्छी है क्योंकि यह पेशाब को बढ़ावा देती है जो रक्त से अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने में मदद करती है। अच्छे से पेशाब करने से शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

मधुमेह में लौकी के अन्य स्वास्थ्य लाभ

मधुमेह में लौकी के अन्य स्वास्थ्य लाभ

हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 

मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी अच्छी होती है क्योंकि इसमें पोटैशियम और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है। ये आपके हृदय और रक्तचाप को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं। इसमें मैग्नीशियम भी होता है जो दिल की धड़कन को नियमित बनाए रखने में मदद करता है। लौकी में मौजूद जिंक हृदय को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है और विभिन्न धमनी रोगों से बचाव करता है।

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शरीर की कूलिंग करे  

आयुर्वेद में पित्त और एसिडिटी की समस्या के इलाज के लिए लौकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसमें ठंडा करने वाला गुण या कूलिंग इफेक्ट होता है जो आपके शरीर के तापमान को सामान्य रखता है और आपके पेट को पित्त और एसिडिटी से राहत देता है। शुगर में लौकी का जूस पीने से फायदे तेजी से होते हैं। लौकी शरीर को ठंडक पहुंचाती है। इसका स्वाद और लाभ बढ़ाने के लिए आप इसमें कुछ पुदीना, तुलसी और काली मिर्च भी मिला सकते हैं।

इम्युनिटी बूस्टर

लौकी या लौकी का जूस कई पोषक तत्वों, खनिजों, विटामिनों, एंजाइमों और सूजन-रोधी यौगिकों से भरपूर होता है जो मजबूत प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी बनाने में मदद करते हैं। ये खनिज शरीर को विभिन्न संक्रमणों और मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद कुछ पोषक तत्व हैं मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, मैंगनीज, सेलेनियम, थायमिन, पोटेशियम, कैल्शियम, फोलेट, विटामिन बी 6, सी, आदि।

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मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) का इलाज करती है

पारंपरिक दवाओं की तरह, लौकी के रस का उपयोग यूटीआई के इलाज के लिए किया जाता है। इसके क्षारीय गुण संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं, और इसके मूत्रवर्धक गुण यूटीआई के इलाज में मदद करते हैं। शुगर में लौकी के फायदे में यूटीआई के कारण होने वाली जलन को ठंडा करना भी शामिल है। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लौकी के रस में थोड़ा नींबू और पुदीना मिलाएं। यह मूत्र पथ में जलन से राहत देने और यूटीआई के इलाज के लिए एक तेज़ और प्रभावी पेय के रूप में कार्य करता है। डायबिटीज में यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में शुगर में लौकी के रस का सेवन इस खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।

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लिवर स्वास्थ्य में सुधार

डायबिटीज में लौकी फायदेमंद है क्योंकि यह लीवर के स्वास्थ्य लाभ को भी बढ़ावा देती है। लौकी में कुछ ऐसे यौगिक और एंजाइम होते हैं जो लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

एसिडिटी से राहत 

लौकी में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है और यह क्षारीय प्रकृति की होती है। मधुमेह रोगियों के लिए लौकी एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करती है और पाचन में सुधार करती है।

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तनाव से राहत में मदद 

लौकी का जूस तनाव-नाशक और मूड लिफ्टर के रूप में काम करता है। लौकी में पोषक तत्व कोलीन होता है जो एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है और तनाव, अवसाद, कम ऊर्जा स्तर, स्मृति और रिफलेक्स जैसी स्थितियों को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र या सेंट्रल नर्वस सिस्टम को भी शांत रखने में मदद करता है।

कैंसर रोधी गुण

डायबिटीज में लौकी के फ़ायदे में से एक है इसके कैंसररोधी गुण जो कैंसर कोशिकाओं से लड़ते हैं। ऐसा इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण हो सकता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स को मारते हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि लौकी में कैंसररोधी गुण होते हैं। हालाँकि, इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है।

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त्वचा के लिए लाभकारी

चूंकि लौकी विटामिन सी और जिंक से भरपूर होती है, इसलिए यह त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। शुगर रोगियों के लिए लौकी उम्र बढ़ने से रोकने में मदद करती है और त्वचा अवरोधक लिपिड को बढ़ाती है। यह त्वचा को बाहरी प्रदूषकों और यूवी किरणों से भी बचाता है।

जीवाणुरोधी (एंटीबेक्टेरियल) गुण

लौकी के बीज में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो न केवल बैक्टीरिया बल्कि कवक के खिलाफ भी प्रभावी होते हैं। इस प्रकार यह कई तरह के संक्रमणों से बचाव करने में मदद करती है। शुगर मरीज को संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है ऐसे में एंटीबेक्टेरियल गुण वाले भोजन का सेवन आपको कई तरह के संक्रमणों से बचा सकता है।

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लौकी का जूस कैसे बनाएं?

मधुमेह रोगियों और गैर-मधुमेह रोगियों के लिए लौकी का जूस पीने के फायदे कई हैं। शुगर में लौकी का रस या जूस सबसे प्रभावी नुस्खा है जिसके अनेक लाभ हैं। इसे बनाना और भी आसान है। तो आइए जानते हैं कि शुगर में फायदेमंद लौकी का जूस कैसे बनाया जाता है क्योंकि इसके फ़ायदे अनेक हैं। आइए जाने लौकी का जूस या लौकी की स्मूदी तैयार करने के आसान स्टेप्स:

  • लौकी को धोकर टुकड़ों में काट लीजिये
  • इसे अच्छे से ब्लेन्ड कर लें
  • इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए पीसते समय इसमें पुदीने की पत्तियां, नींबू का रस, तुलसी की पत्तियां, अदरक, थोड़ा सेंधा नमक, जीरा या काली मिर्च डालें।
  • इसे बिना छाने खाएं जिससे आप इसके फाइबर को बरकरार रख सकें।

बेहतर परिणामों के लिए इसे सुबह खाली पेट लेने का प्रयास करें। यह टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है।

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मधुमेह रोगियों के लिए लौकी के स्वादिष्ट व्यंजन

डायबिटीज में लौकी के जूस के अनगिनत फ़ायदे हैं लेकिन हाँ स्वाद में यह कुछ लोगों को शायद पसंद ना आए। ऐसे में ज़रूरी है इसको एक टेस्टी ट्विस्ट दिया जाए जिससे आप इसके फ़ायदों के साथ-साथ इसके स्वाद का भी आनंद ले सकें। तो आइए जानते हैं शुगर मरीजों के लिए लौकी की कुछ रेसिपी जो आपके स्वाद के पैमाने पर खरी उतरेगी:

लौकी का रायता

रायता भारत में सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले व्यंजनों में से एक है। आप मधुमेह रोगियों के लिए लौकी व दही से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकते हैं, जिसे भारत में लौकी का रायता के नाम से जाना जाता है। लौकी का रायता बनाना काफी आसान है और यह बच्चों से ले कर बड़ों, सबको पसंद आता है:

  • लौकी को कद्दूकस करके कुछ देर तक उबालें।
  • अब इस कद्दूकस की हुई लौकी को दही में मिला दीजिए।
  • आप चाहें तो इसमें सेंधा नमक, जीरा पाउडर, बारीक कटी हरी मिर्च, धनिया पत्ती और थोड़ा लाल मिर्च पाउडर मिला सकते हैं।
  • ये अतिरिक्त सामग्रियां इसके स्वाद को और भी बढ़ा देती हैं।

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दाल के साथ मिलाएं

डायबिटीज के मरीजों के लिए आप लौकी को दाल बनाते समय उसमें डाल सकते हैं। इस रेसिपी में प्रोटीन, फाइबर और पानी होगा जो आपको कई तरह से फायदा पहुंचाएगा। इसके अलावा भारत के कई राज्यों में चना दाल व लौकी की सब्जी भी बनाई जाती है जो स्वादिष्ट होने के साथ गुणकारी भी होती है।

वेजीटेबल सलाद

शुगर में लौकी के फ़ायदे को आप सलाद के रूप में भी उठाया सकते हैं। इसे अन्य सब्जियों की सलाद के साथ मिलाएं। इस सलाद में थोड़ी सी काली मिर्च, सेंधा नमक और जैतून का तेल मिला कर इसका स्वाद और बढ़ाया जा सकता है।

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मधुमेह रोगियों के लिए लौकी के दुष्प्रभाव

मधुमेह रोगियों के लिए लौकी के दुष्प्रभाव

हालाँकि लौकी खाने के कई फायदे हैं, लेकिन कई बार डायबिटीज में लौकी की अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है और इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं:

विषाक्तता (टॉक्सिसिटी)

डायबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का अधिक सेवन जहरीला हो सकता है। इसकी विषाक्तता के लक्षणों में शामिल हैं:

  • उल्टी
  • दस्त
  • पेट दर्द
  • मल में खून आना आदि

ऐसे मामलों में, तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लौकी का कड़वा स्वाद टेरपेनॉइड यौगिक कुकुर्बिटासिन के कारण होता है। अगर इनका भारी मात्रा में सेवन किया जाए तो ये आपके पेट को खराब कर सकता हैं।

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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं

मधुमेह रोगियों के लिए लौकी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे एसोफैगिटिस और गैस्ट्रिक अल्सर का कारण भी बन सकती है। इसलिए कोशिश करें कि लौकी का दवा के रूप में अधिक उपयोग कम से कम या ना करें।

एलर्जी

कुछ लोगों को लौकी से एलर्जी हो सकती है, इसलिए इसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें।

हाइपोग्लाइसीमिया

चूँकि लौकी उच्च शर्करा स्तर या हाई शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है, शुगर में लौकी के रस का अधिक सेवन हाइपोग्लाइसीमिया या निम्न शर्करा स्तर का कारण बन सकता है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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निष्कर्ष

मधुमेह रोगियों के लिए लौकी पोषक तत्वों, विटामिन, खनिज, फाइबर और पानी की मात्रा से भरपूर होती है। यह पोटेशियम, जिंक, मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, सेलेनियम, विटामिन सी, फोलेट, थायमिन, नियासिन आदि का भी अच्छा स्रोत है। डायबिटीज में लौकी के फायदे यह हैं कि यह एक शून्य-कार्बोहाइड्रेट आहार है जो शुगर लेवल को नियंत्रण में रखता है। इसमें मौजूद उच्च फाइबर शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है और आपके पेट को स्वस्थ रखता है। लौकी में एसिडिटी रोधी, रोगाणुरोधी, सूजन रोधी और कैंसर रोधी गुण भी होते हैं।

ये शरीर में विभिन्न प्रणालियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में भी मदद करता है और शरीर को विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। लौकी का रस पूरी तरह से कच्चे रूप में इसके लाभों को उठाने का सबसे अच्छा तरीका है। लौकी शर्करा के स्तर, तनाव, एसिडिटी, कब्ज, सूजन और वजन को कम करने में मदद करती है और मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और फंगल संक्रमण जैसे संक्रमणों को भी रोकती है। साथ ही, इसमें शीतलन गुण या कूलिंग प्रॉपर्टी होती हैं जो आपके शरीर को ठंडा रखती हैं और एसिडिटी का इलाज करती हैं। इसलिए एक गिलास लौकी का रस या स्मूदी अपनी दिनचर्या में शामिल कर के आप शुगर-मुक्त और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। अपने अपार स्वास्थ्य लाभों और शक्तिशाली पोषक तत्वों के कारण लौकी डायबिटीज के लिए अच्छी है। हालाँकि, यदि आप मधुमेह की दवा ले रहे हैं तो आप हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थिति से बचने के लिए आज ही ब्रीथ वेलबीइंग में हमारे डायबिटीज रिवर्सल एक्सपर्ट से परामर्श करें।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न

लौकी की स्मूदी या जूस कब पिएं?

बेहतर परिणामों के लिए इसे अपने नाश्ते के साथ लें। आप इसे अन्य मुट्ठी भर नट्स, होल ग्रेन ब्रेड, सलाद या अंडे के साथ भी एक हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट की तरह ले सकते हैं। इसमें मौजूद हाई फाइबर आपका पेट लंबे समय तक भरा रखता है और वज़न कम करने में मदद करता है। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है।

लौकी का जूस कैसे बनाये?

लौकी का जूस उच्च शर्करा स्तर को कम करने में मदद करता है और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। लौकी का जूस बनाना बहुत आसान है. 

  • एक ताजी लौकी लें, उसे धोकर टुकड़ों में काट लें। 
  • अब इसमें थोड़ा सा पुदीना, नींबू, अदरक, सेंधा नमक, जीरा और तुलसी डालें और सभी को एक साथ मिला कर ब्लेन्ड कर लें। 
  • अब इसे बिना छाने पी लें। 

आपकी हेल्दी करेले की स्मूदी तैयार है.

 

 

मधुमेह रोगियों के लिए लौकी के दुष्प्रभाव क्या हैं?

टेरपेनॉइड यौगिक कुकुर्बिटासिन के कारण लौकी का स्वाद कड़वा हो जाता है। यदि इनका भारी मात्रा में सेवन किया जाए, तो ये पेट में दर्द करने के साथ इसे ख़राब कर सकती हैं।

लौकी का रस, जिसका स्वाद कड़वा होता है, अगर ज्यादा मात्रा में पी लिया जाए तो विषाक्तता या टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है। इससे उल्टी, पेट दर्द, दस्त, खूनी मल, हेमटोचेजिया आदि हो सकता है। यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। ये लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा, रोजाना लौकी का जूस पीना शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह दवा के साथ लेने पर आपके शुगर लेवल को और भी कम कर के हाइपोग्लाइसीमिया या निम्न रक्त शर्करा के स्तर का कारण बन सकता है। लौकी के अधिक सेवन से एसोफेजाईटिस और गैस्ट्रिक अल्सर जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ लोगों को लौकी से एलर्जी हो सकती है इसलिए इससे बचने की कोशिश करें।

 

 

क्या लौकी वजन घटाने के लिए अच्छी है?

लौकी का जूस पीने के फायदे उसके कई गुणों के कारण हैं जिनमें शामिल हैं शून्य कार्बोहाइड्रेट, शून्य वसा, उच्च फाइबर और अधिक पानी। इसलिए, वज़न घटाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यह सबसे अच्छा भोजन विकल्प है। यह आपकी डाइट में बिना कार्ब मिलाए आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखती है। इसलिए आप शुगर में लौकी के रस को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। यह आपके पेट को भी स्वस्थ रखता है और आपके हेल्दी डाइट प्लान को सपोर्ट करता है। 

 

 

क्या मधुमेह में लौकी खा सकते है?

लौकी खाने का फायदा यह है कि यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है। यह शून्य कार्ब्स वाला कम ग्लाइसेमिक भोजन है जो शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। लौकी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भोजन से ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देती है, जिससे ब्लड में चीनी कम व धीरे-धीरे रिलीज़ होती है इस प्रकार इन्हीं गुणन के कारण आप मधुमेह में लौकी खा सकते हैं वो भी बिना किसी डर के। इसमें 90-92% पानी की मात्रा होती है जो आपको हाईड्रेट रखती है।

 

 

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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