शरीर में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय को कैसे उत्तेजित करें?

Medically Reviewed By: DR. RASHMI GR , MBBS, Diploma in Diabetes Management जून 24, 2022

जहां तक सवाल है की कौन सा हार्मोन रुधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है? तो इसका जवाब आप कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं। दरअसल इंसुलिन और ग्लूकागन ऐसे हार्मोन होते हैं, जो हमारे रूधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इन्सुलिन किसमें पाया जाता है, को हम बता दें कि यह हार्मोन अग्न्याशय (agnashay) द्वारा स्रावित होते हैं। इंसुलिन (Insulin kaise banta hai) और ग्लूकागन ही है, जो मानव के रक्त में शर्करा स्तर को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है। इसीलिए शुगर के मरीजो के अग्नाशय के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। जिसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

शुगर के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की संभावना बनी रहती है। जिसके पीछे का कारण ब्लड में सोडियम का बढ़ना माना जाता है, जिसे आम भाषा में रूधिर में नमक बढ़ना भी कहते हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि रुधिर में नमक की मात्रा को संतुलित करने वाली ग्रंथि कौन सी है। दरअसल हमारे शरीर में कई ग्रंथियां होती हैं, जिनका हमारे शरीर के लिए अलग-अलग रूप में महत्व होता है। उसी में से एक का नाम है एड्रीनल ग्रंथि, जिसके दो भाग होते हैं।

पहला कॉर्टेक्स और दूसरा मेडुला, वहीं कॉर्टेक्स से एल्डोस्टेरोन नामक एक हॉर्मोन निकलता है। यही एल्डोस्टेरोन हॉर्मोन हमारे रुधिर में नमक की मात्रा को संतुलित करता है यानी ब्लड में सोडियम की मात्रा को कंट्रोल करता है। इससे मालूम चलता है कि हमारे रुधिर में नमक की मात्रा को संतुलित करने वाली ग्रंथि एड्रीनल है। आपको बता दें अगर ब्लड में सोडियम की मात्रा कंंट्रोल में नहीं रहता है, तो ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

हम क्या खाते हैं और क्या लाइफस्टाइल अपनाते हैं, इसका सीधा असर हमारे शरीर के स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में एक बीमारी, जिसने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया है, वह डायबिटीज यानी मधुमेह है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि मनुष्य में मधुमेह रोग के लिए कौन सा हार्मोन उत्तरदाई है? इसका सीधा जवाब है इंसुलिन। मधुमेह रोग तब होता है जब अग्नाशय इंसुलिन का कम उत्पादन करता है या किसी प्रकार की खराबी हो जाती है। दरअसल इंसुलिन ब्लड में ग्लूकोज के मॉलिक्यूल के सेलुलर अवशोषण को बढ़ा देता है। जो हमारे लीवर और मांसपेशियों में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदलता है। जिसके चलते इंसुलिन की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड में शुगर की सांद्रता बढ़ जाती है और मनुष्य मधुमेह का शिकार हो जाता है। इसीलिए ध्यान रखना जरूरी है कि क्या खाने से इंसुलिन बनता है?

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इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करने के लिए आपके अग्न्याशय की कार्यशीलता को बढ़ाने के प्रभावी तरीके (how to increase insulin production in pancreas naturally)

इंसुलिन के उत्पादन में अग्न्याशय (Pancreas insulin) की अक्षमता के कई कारण हो सकते हैं। इसका एक प्रमुख कारण है खराब जीवनशैली। इसलिए, इंसुलिन के सही उत्पादन के लिए अपने अग्न्याशय की कार्यशीलता को बढ़ाने के लिए अपनी जीवन शैली को सुधारे। निम्नलिखित कुछ स्वस्थ जीवनशैली की आदतों को अपनाने से अग्न्याशय को स्वाभाविक रूप से अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने में मदद मिलेगी:

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नियमित रूप से व्यायाम करें

इंसुलिन प्रतिरोध और इंसुलिन के उत्पादन में सुधार के कुछ प्रभावी व्यायाम

आपके शरीर के अन्य अंगों की तरह, अग्न्याशय को भी ठीक से काम करने के लिए अच्छी रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है। व्यायाम करने से आपके शरीर में रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद मिलती है। दिन में कम से कम तीस मिनट व्यायाम करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करने में भी मदद करता है। आपके शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध और इंसुलिन के उत्पादन में सुधार के कुछ प्रभावी व्यायाम हैं:

  1. स्क्वाट
  2. रोइंग रेपिटिशन
  3. सिट अप
  4. टहलना
  5. रेजिसटेन्स ट्रैनिंग
  6. एरोबिक्स
  7. योग

ये व्यायाम बीटा सेल के कार्यों में सुधार करते हैं जो आपके शरीर में इंसुलिन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं।

तनाव कम करें

तनाव आपके शरीर की रक्त शर्करा के स्तर को अनियंत्रित करता है। यह ग्लूकागन और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन के उत्पादन को उत्तेजित करता है। जब आपके तनाव का स्तर अधिक होता है, तो ये हार्मोन आपके शरीर में जमा ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में तोड़ देते हैं। यह ग्लूकोज आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के लिए आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है। तनाव कम करने से आपका शरीर अग्न्याशय से इंसुलिन सहित स्वस्थ हार्मोन जारी करता है। इसलिए, यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

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अपने अतिरिक्त वज़न को कम करें साथ ही जानें इंसुलिन कैसे बनता है

ज़्यादा वज़न आपके अग्न्याशय की इंसुलिन का उत्पादन करने की क्षमता में बहुत बड़ी बाधा बन सकता है। विशेष रूप से पेट के हिस्से पर अतिरिक्त चर्बी आपके शरीर को इंसुलिन प्रतिरोधी बना सकती है। इसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। जब आप अतिरिक्त वज़न कम करते हैं, तो अग्न्याशय इंसुलिन उत्पादन (Insulin kahan banta hai) को बढ़ाने लगता है और शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को सही रखने में मदद करता है।

अपने शरीर को डिटॉक्स करें/ शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालें:

आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों की उपस्थिति आपको बीमार कर सकती है। यह आपके शरीर के अन्य अंगों के कार्य को भी प्रभावित करता है। इसलिए, आपको अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने की आवश्यकता है। हर दिन ग्रीन टी पीना आपके शरीर को डिटॉक्स करने का सबसे आसान तरीका है। डिटॉक्स डाइट और सप्लीमेंट भी आपके शरीर को डिटॉक्स करने में आपकी मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह इंसुलिन स्त्राव के लिए अग्न्याशय की कार्यक्षमता में सुधार करता है (manav sharir ka kaun sa ang insulin paida karta hai)।

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प्राकृतिक इंसुलिन को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थ – इंसुलिन बढ़ाने के घरेलू उपाय

प्राकृतिक इंसुलिन को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थ - क्या खाने से इंसुलिन बनता है?

 

इस प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाने से आपके शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ने में मदद मिलती है। यदि आप अपने शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करना शुरू कर देना चाहिए जो इंसुलिन बढ़ाने के उपाय हैं, साथ ही इंसुलिन बढ़ाने के घरेलू उपाय (Insulin kaise badhaye) में आते हैं:

  • करेला: यह एक ऐसी सब्जी है जो मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान है। यह आपके शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ा सकता है। करेले में चारैनटिन, विसीन और एक पॉलीपेप्टाइड-पी होता है। ये पदार्थ इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। मधुमेह के रोगियों को प्राकृतिक इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देने के लिए 1 कप करेले के रस में 1 चम्मच आंवले के रस को मिलाकर पीना चाहिए। इस प्रकार, यह उनके रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज करने में मदद करता है।
  • भिंडी: भिंडी फाइबर से भरी एक सुपर सब्जी है। इस सब्जी के बीजों में अल्फा-ग्लूकोसिडेस इनहिबिटर होते हैं जो स्टार्च को ग्लूकोज में बदलने से रोकने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, यह प्राकृतिक रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आपके शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन के उत्पादन में भी सहायता करता है।
  • लाल पत्ता गोभी: लाल पत्ता गोभी मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान से काम नहीं है। लाल गोभी में लाल रंग के वर्णक बिटालेन्स होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते है।
  • हल्दी: हल्दी बहुत सारे स्वास्थ्य लाभों से भरपूर मसाला है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन यौगिक सीधे अग्नाशयी बीटा कोशिकाओं पर काम करता है जो इंसुलिन उत्पादन के लिए स्वाभाविक रूप से अग्न्याशय को सक्रिय करता है।
  • मेथी दाना: यह मधुमेह रोगियों के लिए सुपरफूड में से एक है। मेथी के बीज में ट्राइगोनेलिन होता है, जो एक प्रकार का प्लांट एल्कालॉइड होता है। यह मधुमेह रोगियों में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार के लिए इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देता है।
  • दालचीनी: दालचीनी एक मसाला है जो एक छाल है। यह इंसुलिन के प्रति कोशिकाओं की संवेदनशीलता में सुधार करता है। यह प्राकृतिक इंसुलिन के रूप में भी काम करता है जिसे अग्न्याशय शरीर में स्रावित करता है। आप दालचीनी का पानी पी सकते हैं या अपने भोजन और चाय में इसे ले सकते हैं। आप अपने दैनिक भोजन में दालचीनी को शामिल करने के लिए दालचीनी के पूरक या सप्लीमेंट का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • इंसुलिन प्लांट: इंसुलिन प्लांट अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं को सक्रिय करके आपके शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस पौधे की पत्तियों में मौजूद कोरोसोलिक एसिड उच्च रक्त शर्करा के स्तर को रोकने के लिए इंसुलिन उत्पादन को प्रेरित करता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आप रोजाना सुबह इस पौधे की एक या दो पत्तियों को चबा सकते हैं।

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अग्न्याशय की कार्यशीलता (How to improve pancreas function) को बढ़ाने या उत्तेजित करने के लिए आप क्या खा रहे हैं उस पर ध्यान दें

सारांश

उन खाद्य पदार्थों के बारे में पता होना जो एक मधुमेह रोगी के लिए अच्छे है और वास्तव में उन्हें अपने खाने में शामिल करना दो अलग पहलू हैं। आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं सिर्फ़ यह पता होना महत्वपूर्ण नहीं बल्कि आपको अपने रोज के खाने में इन्हें शामिल करना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ ही कई ऐसे भोजन हैं जिनसे मधुमेह रोगियों को बचना चाहिए।

आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने के लिए पोषक तत्व आवश्यक हैं। यदि आपका शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी है, तो आपको अपने भोजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको अपने खाने में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए जिनमें आपको स्वस्थ रखने के लिए बहुत सारे पोषक तत्व हों। केवल सुपरफूड खाने के बजाय आपको अपने बाकी खाने पर भी ध्यान देना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ जो आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं और मधुमेह के बढ़ने के खतरे को रोकते हैं, वे हैं:

  • बिना स्टार्च वाली सब्जियां: स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए, वे आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसी सब्जियों से परहेज़ करें और बिना स्टार्च वाली सब्जियों को अपने खाने में शामिल करें। बिना स्टार्च वाली सब्जियों के उदाहरण हैं गाजर, चुकंदर, पत्ता गोभी, ब्रोकली, काली मिर्च और पत्तेदार सब्जियां।
  • साबुत अनाज: साबुत अनाज रिफाइंड या प्रासेस्ड अनाज का स्वस्थ विकल्प है। साबुत अनाज में अधिक पोषक तत्व और फाइबर होते हैं जो आपके शरीर को पोषण देने में मदद करते हैं। कुछ साबुत अनाज जिन्हें शुगर रोगियों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए, वे हैं ब्राउन राइस, दलिया, क्विनोआ, जौ और कॉर्नमील।
  • उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: इनमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो आपके शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण की दर को कम करता है। इस प्रकार, यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर को रोकता है। उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ भोजन को बेहतर ढंग से पचाने में भी मदद करते हैं ताकि इंसुलिन प्रतिरोध कम से कम हो।
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन एक आवश्यक पोषक तत्व है जो मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ाता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं और लंबे समय तक आपका पेट भर हुआ लगता है इसलिए, यह भोजन की इच्छा और कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम करता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में लीन मांस, मछली, दाल, बीन्स और नट्स शामिल हैं।

आप क्या खा रहे हैं, इस पर ध्यान देने के साथ ही आपको खूब पानी पीना चाहिए। अपने शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने से आपके रक्त से अतिरिक्त ग्लूकोज को निकालने में मदद मिलती है। इस प्रकार, इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर हो जाती है। इसके अलावा आपको अपने भोजन व आवश्यक पोशाक तत्वों की मात्रा पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। नियंत्रित मात्रा में भोजन को लेने से कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी का अत्यधिक सेवन सीमित हो जाता है। इसलिए, आपका शरीर आपके रक्त में ग्लूकोज को धीमी गति से अवशोषित करता है और रक्त शर्करा को नहीं बढ़ाता।

सारांश

हर किसी का शरीर अलग होता है जो जीवनशैली में बदलाव के लिए अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ वाले बहुत से लोगों को आहार में बदलाव और व्यायाम के बाद भी रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए, उन्हें शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने के लिए डॉक्टर से परामर्श कर के दवाईयां लेनी चाहिए। इन दवाओं की मदद से अग्न्याशय शुगर को मैनेज करने के लिए अधिक इंसुलिन जारी करता है।

दवाएं जो इंसुलिन उत्पादन बढ़ाती हैं

दवाएं जो इंसुलिन उत्पादन बढ़ाती हैं

कई मधुमेह रोगियों को सिर्फ़ जीवनशैली में बदलाव और आहार नियंत्रण से ज्यादा लाभ नहीं मिलता है। इंसुलिन के उत्पादन (body me insulin kaise badhaye) को बढ़ाने के लिए अग्न्याशय की कार्यशीलता में सुधार करने के लिए उन्हें दवा की आवश्यकता होती है। मधुमेह टाइप-2 वाले लोगों में विभिन्न प्रकार की दवाएं इंसुलिन उत्पादन में सहायक होती हैं। आपके शरीर में इंसुलिन उत्पादन बढ़ाने वाली कुछ दवाएं हैं:

  • इंक्रीटिन मिमेटिक्स (Incretin mimetics): यह इंजेक्शन वाली दवाओं का एक वर्ग है जो इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। ये दवाएं अन्य दवाओं के साथ मिलकर रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज करने में मदद करती हैं। इन दवाओं को लेने वाले मधुमेह रोगियों को अधिक व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ भोजन करना चाहिए। एक्सैनाटाइड इमीजिएट-रिलीज़ (बायेटा), एक्सैनाटाइड एक्सटेंडेड-रिलीज़ (बायड्यूरॉन), और लिराग्लूटाइड (विक्टोज़ा) कुछ इंक्रीटिन मिमेटिक्स हैं।
  • एमिलिन मिमेटिक्स: ये इंजेक्शन के रूप में दवाएं हैं जो आपके शरीर में इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाता है। मधुमेह रोगियों को इंजेक्शन इंसुलिन के साथ-साथ एमिलिन मिमेटिक्स दवाएं लेनी पड़ती हैं। जब मधुमेह टाइप-1 के लक्षण अकेले इंसुलिन इंजेक्शन से ठीक नहीं होते हैं, तो एमिलिन मिमेटिक्स दवाएं भी दी जाती हैं। Pramlintide (SymlinPen) ऐसी एक दवा का एक उदाहरण है।
  • डाइपेप्टिडाइल-पेप्टिडेज़ 4 इनहिबिटर (DPP-4s): यह दवाओं का एक वर्ग है जो अग्न्याशय से इंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है। इस वर्ग से संबंधित दवाएं भी लिवर से ग्लूकोज के स्त्राव को कम करने में मदद करती हैं। डाइपेप्टिडाइल-पेप्टिडेज़ 4 इनहिबिटर का उपयोग मधुमेह टाइप -2 रोगियों के लिए साथ में दी जाने वाली दवाओं के रूप में किया जाता है। DPP-4s दवाओं के उदाहरण हैं सैक्सैग्लिप्टिन (ओन्ग्लिज़ा), सीताग्लिप्टिन (जनुविया), और लिनाग्लिप्टिन (ट्रेडजेंटा)।

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निष्कर्ष

अग्न्याशय अंतःस्रावी ग्रंथि है जो अग्नाशयी रस और इंसुलिन हार्मोन को स्रावित करने के लिए जिम्मेदार है। यह पाचन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब अग्न्याशय इंसुलिन हार्मोन को सही से स्त्राव नहीं कर पाता तो रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। उच्च रक्त शर्करा का स्तर किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है जिससे कई स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए, इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अग्न्याशय को सही से काम करना बहुत आवश्यक है। कई प्राकृतिक तरीके हैं जो अग्न्याशय को इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

आपके शरीर में अग्न्याशय का क्या कार्य है?

अग्न्याशय आपके शरीर का एक अंग है जो पाचन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पाचन के दौरान अग्न्याशय अग्नाशयी रस का स्राव करता है जिसे एंजाइम कहा जाता है। वे आपके शरीर को काम करने के लिए भोजन से वसा और शुगर को ऊर्जा में तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। एंजाइमों के साथ, अग्न्याशय भी शरीर में इंसुलिन, एक हार्मोन का उत्पादन करता है। यह आपके शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

मैं अग्न्याशय के कार्य को कैसे सुधार सकता हूं?

प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ आपके अग्न्याशय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। बादाम का दूध और अलसी का दूध, लीन मांस, दाल और बीन्स जैसे डेयरी विकल्प भी अग्न्याशय के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। स्वस्थ अग्न्याशय रक्त शर्करा के बेहतर नियमन के लिए इंसुलिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

क्या मधुमेह वाले लोगों के लिए केला एक स्वस्थ नाश्ते का विकल्प है?

जी हां, मधुमेह और अन्य लोगों के लिए केला एक स्वस्थ नाश्ता विकल्प है। केला फाइबर का समृद्ध स्रोत है। यह अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छा है। यह पचने में आसान है और आंतों के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक्स से बचने के लिए उन्हें अपने संतुलित आहार के हिस्से के रूप में केला खाना चाहिए।

आपको इंसुलिन इंजेक्शन कब लेना चाहिए?

यदि व्यक्ति का HbA1C स्तर 10 से अधिक है, तो डॉक्टर मधुमेह के लिए प्रारंभिक चिकित्सा के रूप में इंसुलिन इंजेक्शन लिखते हैं। टाइप -1 मधुमेह वाले लोगों को भी अपने शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन लेने की आवश्यकता होती है। टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है। इसलिए उन्हें इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर रहना पड़ता है।

क्या इंसुलिन थेरेपी मधुमेह को खत्म कर सकती है?

मधुमेह एक अपरिवर्तनीय रोग है। इंसुलिन थेरेपी मधुमेह टाइप -1 में  रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है क्योंकि वे प्राकृतिक इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं करते हैं। मधुमेह टाइप -2 रोगियों को अचानक रक्त शर्करा के स्पाइक्स के मामले में उनके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। मधुमेह टाइप-2 के रोगी, हालांकि, आहार नियंत्रण और जीवन शैली बदलाव के माध्यम से अपने रक्त शर्करा के स्तर का मैनेज कर सकते हैं।

क्या डायबिटिक किडनी का इलाज संभव है?

मधुमेह के कारण गुर्दे की क्षति इलाज योग्य नहीं है। हालांकि, आप गुर्दे की क्षति को धीमा कर सकते हैं। दवाएं और जीवनशैली में बदलाव द्वारा मधुमेह रोगी गुर्दे की क्षति को रोकने या देरी करने में मदद करते हैं। उचित उपचार की कमी और लापरवाही धीरे-धीरे किडनी खराब कर सकती है। लंबे समय तक उच्च शर्करा के स्तर की वजह से मधुमेह वाले लोगों में किड्नी खराब होने की संभावना अधिक होती है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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