Last updated on सितम्बर 6th, 2023
प्री-डायबिटीज़ एक खतरे की घंटी है जो टाइप 2 डायबिटीज़ में बदल सकती है। डायबिटीज़ एक एसी गंभीर स्थिति है जिसमें हृदय की समस्याओं जैसे स्ट्रोक या दिल का दौरा जैसे रिस्क बढ़ जाते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप स्थिति को संभाल सकते हैं। अपनी जीवनशैली में कुछ बदलावों से डायबिटीज़ की शुरुआत को टाला या रोका जा सकता है। इसके लिए ज़रूरी है एक सही प्री-डायबिटीज़ डाइट के बारे में पता होना। आइए इस ब्लॉग में जानें प्री-डायबिटीज़ डाइट चार्ट में क्या शामिल होना चाहिए।
डायबिटिक डाइट में सबसे अधिक ज़रूरी है अपने खाने में कॉम्प्लेक्स कार्ब व नियमित एक्सर्साइज़ को शामिल करना और कार्ब की संख्या को कम करना। आइए जानें प्रीडायबिटीज़ के दौरान किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और क्या खाना चाहिए।
अपने खाने में कुछ परिवर्तन कर के अपने ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है।

प्री डायबिटिक डाइट
डायबिटीज़ व प्रीडायबिटीज़ एक एसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें खाने व जीवनशैली में परिवर्तन कर के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। लाइफस्टाइल में कुछ समायोजन के बाद व्यक्ति अपना सामान्य जीवन जी सकता है। इसलिए, अगर किसी को प्रीडायबिटीज़ का पता चले तो घबराएं नहीं। उचित उपायों का उपयोग करके, ब्लड शुगर लेवल को मेनेज किया जा सकता है। इसके लिए ज़रूरी है प्रीडायबिटीज़ डाइट के बारे में पता करना। प्रीडायबिटीज़ में आपको क्या खाना है, किस समय खाना है और कितना खाना है इसके बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें।
और पढ़े : एचबीए1सी (HbA1c )स्तर की जांच कराने की क्यों आवश्यकता है?

प्रीडायबिटीज़ में आहार की भूमिका
प्रीडायबिटीज़ के रिस्क को बढ़ाने के लिए बहुत सारे कारक जिम्मेदार हैं। जिसमें जेनेटिक्स, सबसे आम कारण है, खासकर अगर परिवार में डायबिटीज़ का इतिहास रहा हो। हालांकि, कई अन्य कारक बीमारी के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं जैसे शारीरिक निष्क्रियता, जाति, एथनिसिटी, मोटापा आदि।
प्रीडायबिटीज़ में, भोजन से ग्लूकोज ब्लडस्ट्रीम में जमा होने लगता है क्योंकि इंसुलिन ग्लूकोज़ को शरीर की कोशिकाओं तक नहीं ले जा पाता।
लोग कार्ब्स को प्रीडायबिटीज़ का कारण मानते हैं, लेकिन भोजन में ली जाने वाली कार्ब्स की मात्रा और प्रकार ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं। रिफाइंड और प्रोसेस्ड कार्ब्स से भरे आहार जो तेजी से पच जाते हैं, वो शुगर लेवल को स्पाइक कर सकते हैं। इसलिए अपने कार्ब काउन्ट को ध्यान में रख के ब्लड ग्लूकोज़ स्पाइक्स को रोका जा सकता है।
जब कोई व्यक्ति अपने शरीर की आवश्यकता से अधिक कैलोरी का सेवन करता है, तो वे वसा के रूप में जमा हो जाते हैं। इससे वज़न बढ़ सकता है। शरीर की चर्बी, विशेष रूप से पेट के भाग में, इंसुलिन रेज़िस्टेंस का कारण बनती है। इसलिए ज़्यादातर मोटे लोगों में प्रीडायबिटीज़ देखी जाती है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स का रखें ध्यान
प्रीडायबिटीज़ से जुड़े सभी जोखिम कारकों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ को कम किया जा सकता है।
जीवन शैली में सही बदलाव सही शुगर लेवल व सही वज़न बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
साथ ही कार्ब्स को उसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) के अनुसार ही अपने खाने में शामिल करें। जीआई एक मान है जो यह निर्धारित करता है कि कोई विशिष्ट भोजन ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करता है।
प्री डायबिटिक फूड मेन्यू
ज़्यादा जीआई वाला खाना ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ा सकता है। हाई फाइबर खाने का जीआई कम होता है जो ब्लड शुगर को सही रखता है। वहीं प्रॉसेसस्ड और रिफाइंड खाने में कम फाइबर, कम पोषण व उच्च जीआई होता है। सफेद चावल, सफेद ब्रेड, सोडा या जूस जैसे रिफाइंड कार्ब्स में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ये पेट में जल्दी पच जाते हैं। इस प्रकार, यदि किसी व्यक्ति को प्रीडायबिटीज़ है, तो जब भी संभव हो इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए।
क्या ब्राउन राइस प्रीडायबिटीज़ के लिए ठीक है?
मध्यम जीआई वाले खाद्य पदार्थ खाने के लिए ठीक हैं। उदाहरणों में पूरी-गेहूं की रोटी और भूरे चावल शामिल हो सकते हैं। कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के लिए सबसे अच्छे होते हैं।
एक डाइबीटिक डाइट में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है जैसे:
- गैर-स्टार्च वाली सब्जियाँ, जैसे कि गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियाँ
- ओट्स (इंस्टेंट ओटमील नहीं)
- फलियाँ
- भुट्टा
- मीठे आलू
- पास्ता (यदि संभव हो तो पूरे गेहूं या होल व्हीट)
फैट कम करें
इसके अलावा, उच्च कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ हृदय संबंधी समस्याओं के साथ-साथ प्रीडायबिटीज़ के विकास के जोखिम को कम करने के लिए संतृप्त वसा को ना खाएं। इसके बजाय मिक्स्ड मील खाएं जिससे कुल जीआई को कम रखा जा सके। उदाहरण के लिए, यदि आप सफेद चावल का सेवन कर रहें हैं तो इसे अन्य सब्जियों व चिकन के साथ खाएं। यह अनाज के पाचन को धीमा करने में मदद करता है और अचानक से होने वाले शुगर स्पाइक्स को कम करता है।
अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ क्यों हैं ज़रूरी?
फाइबर के अनेक फ़ायदे हैं। इससे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसलिए लंबे समय तक भूख शांत रखने के लिए फाइबर एक बेहतरीन विकल्प है। फाइबर के सेवन से मलत्याग में भी आसानी होती है और पेट साफ रहता है।
यदि कोई व्यक्ति फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाता है, तो वह ज़्यादा खाना नहीं खा पाता। यह हाई ग्लुकोज़ की संभावना से बचाता है। प्रीडायबिटीज़ के लिए ऐसे फाइबरयुक्त अच्छे खाद्य पदार्थ आपको अधिक ऊर्जा देते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- साबुत अनाज, जैसे क्विनोआ या जौ
- सेम और फलियां
- होल ग्रैन पास्ता
- होल ग्रैन ब्रेड
- होल ग्रैन दलिया
- फल और सब्जियां जिनमें खाने योग्य छिलका होता है
और पढ़े : क्या डायबिटीज में चावल खा सकते है ?
स्मार्ट विकल्प चुनें
साबुत अनाज की ब्रेड, ब्राउन पास्ता या ब्राउन राइस से शुरुआत करें। कोशिश करें की होल ग्रैन खाने को ही अपनी डाइट में शामिल करें जिसमें भरपूर फाइबर हो। फाइबर की मात्रा हर सरविंग में कम से कम 3 ग्राम हो।
जौ, क्विनोआ,बकव्हीट, रतालू या शकरकंद जैसे अन्य अनाज और स्टार्च को अलग-अलग खाने में शामिल करें।
फलों का सेवन संयम से करें
फल चीनी के प्राकृतिक स्रोत हैं जिनका सेवन अगर कम मात्रा में किया जाए तो इसका आनंद लिया जा सकता है। चीनी के स्तर के आधार पर इसे 1 कप या उससे कम मात्रा में ही लें।
सेब, जामुन या कीवी जैसे कम चीनी वाले फलों को प्राथमिकता दें। आपके ब्लडस्ट्रीम में ग्लूकोज़ की दर में देरी के लिए, फलों को किसी भी प्रोटीन स्रोत के साथ मिला कर खाएं जैसे मुट्ठी भर मेवे या बीज, सादा दही, एक उबला हुआ अंडा या पनीर।
प्रोटीन का सेवन ब्लडस्ट्रीम में कार्ब को धीरे-धीरे रीलीज़ करता है। यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने का काम करता है। भोजन में प्रोटीन को शामिल करने से आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते हैं जिससे आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती।
इसके लिए प्रोटीन स्रोतों अच्छे से चुनें:
- सेम और फलियां
- बिना त्वचा का चिकन
- मछली, जैसे कॉड, हैडॉक या टूना
- अंडा विकल्प या अंडे का सफेद
- कम वसा वाले ग्रीक योगर्ट
- सोयाबीन उत्पाद, जैसे टोफू
- तुर्की त्वचा के बिना
लीन कट मांस के एक औंस में लगभग 1 ग्राम वसा और 35 कैलोरी होती है। उच्च वसा वाले मांस विकल्प जैसे स्पैरिबिब के एक औंस में 7 ग्राम से अधिक वसा और 100 कैलोरी पाई जाती है।
और पढ़े : डायबिटीज में कौन सा आटा खाना चाहिए ?
लीन मीट का सेवन क्यों करना चाहिए?
मांस कार्ब्स से मुक्त होता है, लेकिन इसमें अच्छी खासी मात्रा में सेचुरेटेड फैट होती है। बहुत अधिक वसायुक्त मांस जब लिया जाता है तो यह उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का कारण बन सकता है।
प्रीडायबिटिक डाइट में कम मात्रा में संतृप्त वसा और ट्रांस वसा वाला खाना हृदय की समस्याओं के रिस्क को कम करने में बहुत मदद कर सकता है।
मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें
शुगरी सोडा से पूरी तरह से बचना चाहिए क्योंकि वे केवल कैलोरी प्रदान करते हैं, और इनमें कोई पोषक मूल्य नहीं होते। इसलिए प्यास बुझाने के लिए पानी सबसे अच्छा विकल्प है।
अधिक शर्करायुक्त पेय पीने से बचें
स्वस्थ जीवन के लिए संयम सबसे ज़रूरी है। शराब के साथ-साथ कई तरह के कॉकटेल शरीर को डीहाईड्रेट करते हैं जो शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं।
अगर सुझाई मात्रा की बात करें तो किसी महिला को एल्कोहॉल या शराब की एक ड्रिंक और पुरुषों को दो ड्रिंक से ज़्यादा नहीं लेनी चाहिए।
इसलिए हाइड्रेशन के लिए पानी सबसे बेहतर विकल्प है। किसी भी प्रकार का मीठा जूस, शुगरी ड्रिंक या लिकर से दूर रहें जिससे आपके शुगर लेवल कंट्रोल रहें।
और पढ़े : डायबिटीज में केले खा सकते है ?
पर्याप्त पानी पियें
पानी किसी भी स्वस्थ और संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह व्यक्ति को निर्जलित होने से मुक्त रखता है। यदि कोई व्यक्ति प्रीडायबिटिक है, तो शक्करयुक्त पेय, जूस या सोडा की तुलना में पानी एक आदर्श विकल्प है।
आहार व व्यायाम से प्री-डायबिटीज़ को करें मेनेज
व्यायाम किसी भी स्वस्थ जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों के लिए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजिज़ (NIDDK) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति फिज़िकल एक्टिव नहीं है, तो उसका इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ सकता है। व्यायाम करने से मांसपेशियां ऊर्जा के लिए ग्लूकोज़ का उपयोग करना शुरू कर देती हैं और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ अधिक कुशलता से काम करती हैं।
इसलिए सप्ताह में कम से कम 5 दिन आधे घंटे व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। व्यायाम थकाऊ या अत्यधिक जटिल नहीं होना चाहिए। एरोबिक क्लास लेना, टहलना, नाचना, साइकिल चलाना, ये सभी हल्की शारीरिक गतिविधियों के अंतर्गत आते हैं। इसलिए कोशिश करें कि एक्टिव रहें जिससे आपके शुगर लेवल कंट्रोल रहें।
नियमित मॉनिटरिंग करें
डायबिटीज़ में नियमित रूप से ब्लड शुगर टेस्ट करते रहें ताकि आपको अपनी डायबिटीज़ की स्थिति पता रहे। इससे यह जानने में भी मदद मिलती है कि आपकी जीवनशैली का आपके ब्लड शुगर लेवल पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इससे आपके डॉक्टर को आपके लिए एक सही ट्रीट्मन्ट प्लान बनाने में मदद मिलती है।
प्रीडायबिटीज़ एक वार्निंग है कि शरीर स्वस्थ ब्लड शुगर लेवल को नहीं बनाए रख पा रहा। ऐसे में थोड़े से बदलाव व जानकारी से आप एक स्वस्थ, सुखी और सक्रिय जीवन जी सकते है।
और पढ़े : जानिए डायबिटीज के मरीज के लिए योग।
प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण फूड टिप्स
खाने के समय का ध्यान रखना ज़रूरी है। आप किस वक़्त खाते हैं इसका आपके शुगर लेवल पर बहुत प्रभाव पड़ता है। खाना नहीं छोड़ें, इससे आप बाद में भूख में ज़्यादा खा सकते हैं जिससे शुगर लेवल और बढ़ सकते हैं।
प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों को देर रात भोजन नहीं करना चाहिए। रात में खाना खाने से प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है। इस प्रकार, यह सुझाव दिया जाता है कि दोपहर के भोजन को अपना प्रमुख भोजन बना लें और सोने से 3 घंटे पहले कुछ भी न खाएं।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन तीन से पांच सर्विंग सब्जियों का सेवन करें। ब्रेकफास्ट मील स्किप करने से बचें। किसी व्यक्ति को उठने के दो घंटे के भीतर नाश्ता करने की सलाह दी जाती है। यह पूरे दिन ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। भूख लगने पर भोजन करना अच्छा रहता है।
यदि किसी व्यक्ति को अपनी डायबिटिक डाइट के बारे में जानना हो तो किसी डॉक्टर या डायटिशियन की सहायता लें।
और पढ़े : जानिए शुगर फ्री बिस्किट्स के फायदे ?
निष्कर्ष
डायबिटीज़ के रिस्क को कम करने के लिए अपनी डाइट को बदलने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आपको अपने पसंदीदा खाने को छोड़ देना चाहिए। इसका मतलब है कि आप इनके सेवन को कम व सीमित करें। प्रीडायबिटीज़ के जोखिम को रोकने के लिए पहला नियम सरल कार्ब्स जैसे चीनी, मीठे पेय पदार्थ, फलों के पंच या रस आदि में कटौती करना है। यह कार्ब्स को ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इस प्रकार, एक स्वस्थ शरीर को बनाए रखने से कई तरह की छोटी और बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। इसलिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर आप अपने प्रीडायबिटीज़ के प्रभाव को कम कर सकते हैं। हेल्दी डाइट, पर्याप्त एक्सर्साइज़ और जीवनशैली में परिवर्तन आपको अपनी प्रीडायबिटीज़ को मेनेज करने में सहायता करते हैं।
FAQs:
प्रीडायबिटीज़ के लिए अच्छा नाश्ता क्या है?
प्रीडायबिटीज़ व्यक्तियों के लिए एक हेल्दी नाश्ते में शामिल हैं:
- तले हुए अंडे या स्क्रेमबल्ड एग: यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाए बिना ऊर्जा को बनाए रखने के लिए ढेर सारा प्रोटीन युक्त नाश्ता है।
- पीनट बटर दलिया
- वेजी दलिया
- अनाज या सीरियल्स को दही और जामुन के साथ
एक प्री-डायबिटिक व्यक्ति प्रतिदिन कितनी चीनी खा सकता है?
प्रीडायबिटीज़ के लिए पोषण दिशानिर्देशों के अनुसार, भोजन और पेय पदार्थों में अतिरिक्त चीनी की मात्रा को प्रति दिन 10% कैलोरी तक सीमित रखना चाहिए।
बॉर्डरलाइन डायबिटिक होने पर कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए?
बॉर्डरलाइन डायबिटिक होने पर निम्नलिखित खाने से बचना चाहिए:
- तले हुए खाद्य पदार्थ
- प्रसंस्कृत माँस या प्रॉसेसस्ड मीट
- ठोस वसा (मक्खन)
- परिष्कृत या रिफाइंड अनाज जैसे सफेद ब्रेड, पास्ता, चावल
- मिठाइयाँ
एक प्रीडायबिटिक व्यक्ति दिन में कितनी बार भोजन कर सकता है?
डॉक्टर के अनुसार एक प्रीडायबिटिक पूरे दिन में बार-बार 3 उचित भाग वाले भोजन का सेवन कर सकता है। इन खाने के बीच 6 घंटे से ज़्यादा अंतर नहीं होना चाहिए।
क्या प्रीडायबिटीज़ को पूरी तरह से ठीक करना संभव है?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसार, प्रीडायबिटीज़ रिवर्सीबल है। इसे एक अच्छे आहार, व्यायाम, और कुछ केस में दवा जैसे मोडीफिकेशन करके नियंत्रित किया जा सकता है।
Disclaimer
The information included at this site is for educational purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional. Because of unique individual needs, the reader should consult their physician to determine the appropriateness of the information for the reader’s situation.