क्या शुगर में अखरोट खा सकते हैं ? जानिए अखरोट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है ?

Reviewed By Dietitian Dt. SEEMA GOEL (Senior Dietitian) नवम्बर 14, 2023

मधुमेह या शुगर में अपने डाइट पर कंट्रोल रखना चाहिए क्योंकि कई हेल्दी प्रोडक्ट भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। डायबिटिक-फ्रैंडली डाइट में डाइट्री फाइबर होना चाहिए, और जब बात फाइबर की आती है तो मौसमी फल और सब्जियां दिमाग में आती हैं। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि “अखरोट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान क्या है और क्या अखरोट मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा है?”

इसमें फाइबर सोर्स मौजूद हैं जिन्हें लोगों को अपने डाइट में भी शामिल करना चाहिए। जैसे नट्स और बीज फाइबर के अच्छे सोर्स हैं। शुगर के मरीज इसे एक हेल्दी नाश्ते के रूप में ले सकते हैं।

हर प्रकार के नट्स हेल्दी डाइट प्लान का हिस्सा हो सकते हैं, क्योंकि नट्स में कई न्यूट्रिशन होते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ को सही करने में मदद करते हैं। इसके माध्यम से हार्ट डिजीज को भी रोका जा सकता है। लोग अक्सर बादाम को अखरोट से ज्यादा महत्व देते हैं, लेकिन शुगर के मरीजों को अखरोट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और इसे अपने डाइट में शामिल करना शुरू करना चाहिए।

अगर सीमित मात्रा में लिया जाए तो अखरोट ब्लड शुगर कंट्रोल में काफी मदद कर सकते हैं। स्टडीज के अनुसार अखरोट टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।

एक दिन में कितना अखरोट खा सकते हैं इसके बारे में किसी एक्सपर्ट से चर्चा करना ज्यादा सही है।

अखरोट क्या है?

वॉल्नट्स जिसे सामान्य तौर पर अखरोट के नाम से जाना जाता है। ये एकल बीज वाले(सिंगल सीड्स), गोल फल हैं, जो अखरोट के पेड़ पर उगते हैं। अखरोट हेल्दी फैट, फाइबर और प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। ये हृदय(हार्ट) और हड्डियों के हेल्थ में सुधार करते हैं और वजन घटाने में भी सहायता करते हैं।

अखरोट का पेड़ खास तौर पर उत्तरी अमेरिका के पूर्वी भागों का है। अब आमतौर पर ईरान, चीन के कुछ हिस्सों और अमेरिका के एरिज़ोना और कैलिफ़ोर्निया में इसकी खेती की जाती है। अखरोट के फल के खोल के नीचे एक गोलाकार, ग्लोब के आकार का अखरोट होता है। ये 2 चपटे टुकड़ों में बंटा होता है और लोग इन्हें व्यापारिक(कमर्शियल) तौर पर बेचते हैं। यह अखरोट कच्चा, भुना हुआ(रोस्टेड) और नमकीन या अनसाल्टेड दोनों रूपों में आता है।

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अखरोट का न्यूट्रिशन वैल्यू

अखरोट का न्यूट्रिशन वैल्यू

यूएसएफडीए के अनुसार एक कप जैविक(ऑर्गेनिक) अखरोट (लगभग 30 ग्राम) में निम्न चीजें पाई जाती हैं-

अखरोट का पोषण मूल्य
पोषक तत्व (प्रति 3 0 ग्राम ) मात्रा
कैलोरी 200
फैट 20 ग्राम
कार्ब्स 4 ग्राम
प्रोटीन 5 ग्राम
फाइबर 2 ग्राम
शुगर 1 ग्राम
आयरन 0.72 मिलीग्राम
कैल्शियम 20 मिलीग्राम
सोडियम 0 मिलीग्राम

अखरोट विटामिन और खनिजों के भी अच्छे सोर्स हैं जैसे-

  • विटामिन बी6
  • आयरन
  • कॉपर
  • मैंगनीज
  • फास्फोरस
  • मैगनीशियम

अखरोट मोनोअनसैचुरेटेड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट के साथ-साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। नट्स में हाई-फैट के साथ-साथ हाई-कैलोरी भी पाया जाता है। नट्स न्यूट्रिशन से भरपूर होते हैं और हेल्दी फैट प्रदान करते हैं, जो हार्ट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

सारांश

अखरोट में फाइबर, हेल्दी फैट और प्रोटीन पाया जाता है। ये व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करता है। इन चीजों की वजह से अखरोट एक अच्छा और हेल्दी स्नैक्स है जिसे नाश्ते में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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अखरोट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

क्या अखरोट मधुमेह में लाभ पहुंचाता है? मधुमेह वाले लोगों के लिए अखरोट पूरी तरह से सुरक्षित है। अखरोट का जीआई मान 15 है इस वजह से अखरोट डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित है। अखरोट का तेल हाई-ब्लड शुगर में एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी को बढ़ाने में और इंसुलिन रेजिस्टेंस के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के खतरे को कम करता है। रोजाना अखरोट का सेवन ऑक्सीडेटिव तनाव से राहत दिलाने में मदद करता है। ऑक्सीडेटिव तनाव मधुमेह से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का एक कारण है।

मधुमेह के लिए अखरोट

क्या अखरोट मधुमेह के लिए अच्छा है?

नीचे कुछ प्वाइंट्स दिए गए हैं कि क्यों अखरोट मधुमेह कंट्रोल के लिए एक अच्छा विकल्प है-

  • अखरोट इंसुलिन के लिए रेजिस्टेंस बनाने, टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • अखरोट का जीआई वैल्यू भी बहुत कम होता है। 55 से कम जीआई वैल्यू वाली खाने की चीजें मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छे हैं।
  • अखरोट कई डाइट्री फाइबर से भरपूर होता है। फाइबर को टूटने और पचने में काफी समय लगता है। और यह ब्लड में ग्लूकोज की क्रमिक रिहाई(ग्रेजुअल रिलीज) तय करता है।

सारांश

अखरोट मधुमेह के लिए अच्छा है। लोग इसका उपयोग स्मूदी, सलाद या अनाज में टॉपिंग के रूप में करते हैं। पेकान या बादाम जैसे मुट्ठी भर डायबिटिक-फ्रैंडली नट्स का इस्तेमाल करके नट्स ट्रेल-मिक्स भी तैयार कर सकते हैं। हर किसी के नियमित डाइट में अखरोट शामिल करने का प्रयास करें और बदलाव पर ध्यान दें।

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अखरोट खाने के फायदे 

अखरोट के लाभ

हर व्यक्ति जिसे पूरी जानकारी नहीं है वह यही सोचता है कि क्या मधुमेह में नट्स खाना अच्छा है? नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जिसकी वजह से अखरोट को किसी भी डाइट प्लान में शामिल किया जा सकता है।

हार्ट के लिए फायदेमंद

अखरोट खाने से व्यक्ति का हार्ट हेल्दी रहता है। जिन मधुमेह के मरीजों में हार्ट से जुड़ी समस्या होती है उनके लिए अखरोट काफी फायदेमंद है। कई स्टडीज में भी इस बात का समर्थन किया गया है।

एक स्टडी के अनुसार जो लोग डाइट में अखरोट को शामिल कर रहे हैं उनमें निम्न बिंदु देखे गए हैं।

  • टोटल कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है।
  • ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल में कमी आती है।
  • एपोप्रोटीन बी का लेवल कम हो जाता है। (हार्ट की समस्याओं से जुड़ा हुआ)
  • एलडीएल जैसे बैड कोलेस्ट्रॉल में कमी होती है।

सारांश

अखरोट मधुमेह के मरीजों में हार्ट को भी सुरक्षा देता है। एक स्टडी से यह भी पता चला है कि जो लोग सप्ताह में 5 या 5 से ज्यादा बार ट्री नट्स का सेवन करते हैं उनमें हार्ट से जुड़ी समस्याएं और मृत्यु दर(मॉर्टलिटी) कम हो जाती है। स्टडी से यह प्रूफ होता है कि नट्स में हेल्दी फैट, फाइबर, विटामिन, फाइटोकेमिकल्स और खनिज(मिनरल) होते हैं। ये सभी दिल की समस्याओं, कैंसर और हाई-ब्लडप्रेशर से बचाव में मदद करते हैं। 

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अखरोट और मधुमेह की रोकथाम

मधुमेह के मरीजों को उन चीजों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जो उनके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं। क्या अखरोट शुगर के मरीजों के लिए अच्छा है?

दूसरी खाने की चीजों की तुलना में अखरोट से ब्लड शुगर पर कम असर पड़ने की संभावना होती है, इसलिए अखरोट मधुमेह में खाया जा सकता है।

अखरोट में कार्ब्स की मात्रा बहुत कम होती है। कार्ब्स प्रोटीन और फैट की तुलना में ग्लूकोज लेवल को ज्यादा बढ़ाता है। अखरोट में फाइबर, प्रोटीन और फैट होता है जो ब्लड ग्लूकोज को काफी कम बढ़ाता है।

जिन प्रीडायबिटीज के मरीजों को टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा है उनके लिए भी ये एक कंट्रोल कार्ब-डाइट का विकल्प है। हाई-कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड फूड को लो और  हाई-प्रोटीन वाले अखरोट जैसे नट्स के साथ बदला जा सकता है।

सारांश

कई स्टडीज से पता चलता है कि सप्ताह में 5 या 5 से अधिक बार 1 औंस अखरोट खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो जाता है।

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हड्डियों की मजबूती

हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी हड्डियाँ मजबूत और हेल्दी रहें खासकर जब उसकी उम्र बढ़ती है। शुगर के मरीजों विशेष रूप से टाइप 1 मधुमेह में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना होती है। इस रोग से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

अखरोट में कॉपर पाया जाता है, जो हड्डियों के घनत्व(डेंसिटी) को बनाए रखने में मदद करता है। अखरोट में मैंगनीज और मैग्नीशियम भी होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में काफी मदद करते हैं।

वजन कंट्रोल

यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि अखरोट या अन्य नट्स खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। अखरोट हेल्दी वजन बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन कई स्ट्डीज से पता चलता है कि नट्स खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। यह अखरोट में मौजूद फाइबर, फैट और प्रोटीन के कारण होता है जो व्यक्ति को लंबे समय तक एनर्जी देते रहते हैं।

सारांश

निर्धारित वजन तक पहुंचने पर नट्स का सेवन जारी रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को अपना वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। किसी व्यक्ति का वजन घट गया हो तो दोबारा वजन बढ़ने की संभावना भी कम हो जाती है।

मस्तिष्क हेल्थ(ब्रेन के लिए फायदेमंद)

अखरोट खाने से ब्रेन हेल्थ में भी मदद मिलती है। एक स्टडी के हिसाब से अखरोट में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाले कंपाउंड होते हैं। जिन लोगों ने अपने दैनिक भोजन योजना में नट्स, विशेष रूप से अखरोट को शामिल किया उनमें डिप्रेशन के कुछ लक्षण थे। इसी तरह, जिन व्यक्तियों ने नट्स के साथ मेडिटेरियन डाइट का इस्तेमाल किया, उनमें स्ट्रोक का खतरा (50%) कम हो गया।

सारांश

अखरोट जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट कई जरूरी फंक्शन को बनाए रखने में सहायता करता है। इनमें एकाग्रता(कंसंट्रेश), स्मृति(मेमोरी) और सूचना प्रसंस्करण(इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग)शामिल होते हैं।

आंत(गट) के लिए लाभदायक

अखरोट के सेवन से आंत में कुछ प्रकार के बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। इन्हें गट माइक्रोबायोम के नाम से भी जाना जाता है। यह माइक्रोबायोम किसी व्यक्ति के ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में जरूरी भूमिका निभाता है।

एक स्टडी में पता चला है कि जो लोग अखरोट खाते हैं उनमें ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल, नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करते हैं।

दूसरे स्टडीज से यह भी पता चला है कि अखरोट खाने से ब्यूटिरिक एसिड बनाने वाले बैक्टीरिया में सुधार होता है। ये बैक्टीरिया कोलन हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं।

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अखरोट और मधुमेह के बारे में कुछ सुझाव

अखरोट को छिलके सहित कच्चा खाना अच्छा होता है। भले ही इसका छिलका कुछ कड़वा हो। अखरोट को खरीदने से पहले जांच लें कि यह बासी तो नहीं है।अखरोट खरीदने से पहले उसकी ताजगी जांचने के लिए उसे सूंघना बेहतर होता है। कोई व्यक्ति अपने सलाद को अखरोट से गार्निश कर सकता है या इन्हे हल्का भून कर सब्जी और दही के साथ ले सकते हैं।

अखरोट का रखरखाव

नट्स में फैट की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए उनके सड़ने का खतरा होता है। सड़ा हुआ नट्स वैसे तो खतरनाक नहीं होता लेकिन उनका स्वाद काफी तीखा हो जाता है जो खाने में काफी खराब लग सकता है। अखरोट को ठंडी,अंधेरी और सूखी जगह पर रखना चाहिए जिससे उसको लंबे समय तक स्टोर किया जा सके।

अखरोट को रेफ्रिजरेटर में 40 डिग्री पर या फ्रीजर में 0 डिग्री पर रखते हैं इस तरह रखने से उन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है।

सारांश

मधुमेह के मरीजों के डाइट में अखरोट शामिल करना अच्छा हो सकता है। एक्सरसाइज के साथ बैलेंस डाइट शुगर के मरीजों के लिए काफी तेजी से काम करता है।

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किसी व्यक्ति के डाइट में अखरोट शामिल करने के तरीके

नीचे दिए गए तरीके जो अखरोट को अपने डाइट में शामिल करने में सहायता कर सकते हैं-

  1. भुना हुआ अखरोट सब्जियों, पास्ता, या चावल में डाल कर खाया जा सकता है।
  2. मुट्ठी भर अखरोट फल के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है। यह एक अच्छा स्नैक्स है।
  3. सलाद, दही, या दलिया में ऊपर से कुछ कटे हुए अखरोट डाल सकते हैं।
  4. ब्लूबेरी के साथ अखरोट का सेवन करने से मस्तिष्क (ब्रेन) को काफी फायदा होता है। कुछ ब्लूबेरी, अखरोट, और फ़ेटा चीज़ मिलाकर खा सकते हैं।
  5. पिसा हुआ अखरोट चिकन, मछली और मांस जैसी पोल्ट्री वस्तुओं में ब्रेडक्रंब की जगह भी ले सकता है।

जोखिम और सावधानियाँ(रिस्क और प्रिकॉशन)

स्ट्डीज से पता चलता है कि अखरोट खाने से वजन नहीं बढ़ता है। लेकिन अखरोट में काफी मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, और व्यक्तियों को इस जोखिम से बचने के लिए सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

अखरोट में तेल या फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इसको ज्यादा मात्रा में खाने से दस्त हो सकता है।

एक औंस अखरोट में अखरोट के लगभग 14 आधे टुकड़े होते हैं। जिन व्यक्तियों को नट्स खाने से दिक्कत(हाइपर सेंसटिविटी) है उन्हे अखरोट नहीं खाना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को अखरोट खाने के बाद दाने या सांस लेने में समस्या होती है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। बच्चों को अखरोट के टुकड़े न खाने की सलाह दी जाती है। अखरोट का टुकड़ा गले में फंस सकता है जिससे उनका दम घुट सकता है।

सारांश

अखरोट कोलेस्ट्रॉल सही करने में मदद करता है। अन्य नट्स से अलग अखरोट में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड की अधिकता होती है। यह धमनियों में प्लाक बनने से रोकता है। अखरोट एल-आर्जिनिन नामक अमीनो एसिड का एक अच्छा सोर्स है। यह ब्लड वाहिकाओं(वेसल्स) को आराम देने में सहायता करता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मधुमेह के मरीज एक दिन में कितने अखरोट खा सकते हैं?

शुगर के मरीज प्रतिदिन 7-8 अखरोट खा सकते हैं। अखरोट से उनके इंसुलिन लेवल और वजन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

क्या अखरोट ए1सी (A1C)  के लेवल को कम करता है?

अखरोट खाने से ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट के समय इंसुलिन रिस्पॉन्स को बढ़ता है। अखरोट पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में एचबीए1सी (HbA1c) के लेवल को कम करता है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी एक हेल्थ प्रॉब्लम है।

क्या किडनी की समस्या से परेशान लोग अखरोट खा सकते हैं?

अखरोट में ऑक्सलेट अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और ऑक्सालेट के कारण  किडनी स्टोन बनने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसलिए किडनी के मरीजों को अखरोट न खाने की सलाह दी जाती है।

क्या खाली पेट अखरोट खाना अच्छा है?

आप अपने दिन की शुरुआत नट्स से कर सकते हैं। लेकिन जब अखरोट खाली पेट खाया जाता है तो यह प्रोटीन देने के साथ-साथ एचडीएल लेवल में भी सुधार करता है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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