क्या शुगर (डायबिटीज) से पीड़ित लोग मल्टीग्रेन आटा का सेवन कर सकते है?

Medically Reviewed by DR. HARDIK BAMBHANIA, MBBS, MD अक्टूबर 13, 2023

Last updated on अक्टूबर 20th, 2023

शुगर के पीड़ितों को अपने डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सही डाइट और बढ़िया लाइफस्टाइल अपनाने से उन्हें अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। चपाती(रोटी) किसी व्यक्ति के डाइट का एक अहम हिस्सा है। हम भारतीय लोग अपनी डाइट में गेहूं के आटे की रोटी खाना ज्यादा पसंद करते हैं। गेहूं के आटे से तैयार की गई रोटी कार्ब्स से भरपूर होती है। गेहूं का आटा खाने में स्वादिष्ट तो होता है लेकिन इसमें दूसरे अनाज की तुलना में पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। अगर गेहूं के आटा में कुछ और अनाज को मिक्स कर दिया जाए तो उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है और ये सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचाता है। शुगर(डायबिटीज) से पीड़ित व्यक्तियों को रोटी से बचने की सलाह दी जाती है इसके पीछे की वजह है रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला आटा। गेहूं के आटे में कार्ब की मात्रा बहुत ज्यादा होती है इस वजह से गेहूं के आटे की रोटी के विकल्प के तौर पर माल्टीग्रेन आटे का इस्तेमाल किया जा सकता है।

डायबिटीज पीड़ितों के लिए मल्टीग्रेन आटा एक हेल्दी विकल्प हो सकता है।

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Table of Contents

मल्टीग्रेन आटा क्या है?

एक अनाज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार किए गए आटे को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है। मल्टीग्रेन आटा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और सेहत के लिए भी उपयोगी होता है। इस आटे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो पाचन और हेल्दी हार्ट में काफी मदद करता है।आप भी आटे की पौष्टिकता बढ़ाना चाहते हैं तो मल्टीग्रेन आटे की रोटी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेकिन सवाल यह है कि क्या मल्टीग्रेन आटा शुगर(डायबिटीज)  पीड़ितों के लिए अच्छा है? और हाई ब्लड शुगर वाले लोगों के लिए मल्टीग्रेन आटे के क्या लाभ हैं?

मल्टीग्रेन आटा विभिन्न अनाजों जैसे गेहूं, बाजरा आदि को पीसकर तैयार किया गया आटा है। मल्टीग्रेन आटे की रोटी में रागी, बाजरा और ज्वार होता है। ये तीनों ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को बनाए रखने में सहायक होते हैं। ज्वार और बाजरा में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स होते हैं जो पचने में काफी समय लेते हैं और ब्लड में शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं। रागी का जीआई मान कम(लो) होता है।

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मल्टीग्रेन आटा का पोषण मूल्य

मल्टीग्रेन आटा दूसरे आटे की तुलना में ज्यादा हेल्दी और कम कैलोरी वाला विकल्प है। इसमें जटिल(कांप्लेक्स) कार्बोहाइड्रेट और डाइट फाइबर पाया जाता है जिसे पचाने में काफी समय लगता है इस कारण से ब्लड शुगर लेवल स्थिर(स्टेबल) रहता है। मल्टीग्रेन आटा में मैग्नीशियम, तांबा, मैंगनीज, थायमिन और जिंक भी पाया जाता है। तांबा, मैग्नीशियम और मैंगनीज ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित(कंट्रोल) करने में मदद करते हैं। यह आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन बी6 का अच्छा सोर्स है।

100 ग्राम मल्टीग्रेन आटे में पाए जाने वाले न्यूट्रिशन हैं-

100 ग्राम मल्टीग्रेन आटे में पाए जाने वाले न्यूट्रिशन हैं

  • ऊर्जा- 339.0 किलो कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट- 68.7 ग्राम
  • प्रोटीन- 8.8 ग्राम
  • मैग्नीशियम- 140.2 मिलीग्राम
  • कैल्शियम- 15.4 मिलीग्राम
  • आयरन- 3.5 मिलीग्राम
  • जिंक- 1.7 मिग्रा
  • फोलिक एसिड- 0.9 मिलीग्राम
  • थियामिन- 0.3 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन- 0.1 मिलीग्राम

सारांश-

यह फाइबर और प्रोटीन से भरा होता है। इसमें कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम भी होता है।

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शुगर(डायबिटीज) के लिए मल्टीग्रेन आटा

मल्टीग्रेन आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम(लो) होता है। इसलिए यह शुगर लेवल को बहुत अच्छी तरह से कंट्रोल करने में मदद करता है।

  • ब्लड ग्लूकोज स्पाइक्स के खतरे को कम करता है।
  • डायबिटीज से जुड़ी परेशानी जैसे हाई ब्लड प्रेशर, वजन बढ़ना और इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचाता है।
  • हार्ट के लिए काफी अच्छा होता है।
  • एक प्रभावी डाईजेशन सहायक के रूप में काम करता है और शरीर में सूजन को कम करता है (जौ आटा)।
  • इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है।
  • मल्टीग्रेन आटा सभी महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज(मिनरल्स) और लिपिड का मिश्रण है।
  • जौ के आटे में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर व्यक्ति के शरीर में बहुत ज्यादा फैट को जमा होने से रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सामान्य सीमा के अंदर रखने में मदद करता है।
  • फाइबर हार्ट की हेल्थ को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने में सहायता करती है।

डायबिटीज पीड़ितों को किस प्रकार का भोजन लेना चाहिए?

भारत में हर 6 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। इसलिए यह जानना जरूरी  है कि डायबिटीज पीड़ित अपने हेल्थ को बेहतर बनाने और हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए क्या खा सकते हैं। डायबिटीज के पीड़ितों को अपने ब्लड शुगर लेवल का खास ध्यान रखते हुए लो-ग्लाइसोमिक इंडेक्स वाली चीजों को खाना चाहिए जो उनके ग्लूकोज के लेवल को बहुत अधिक न बढ़ाएं। लो-ग्लाइसोमिक इंडेक्स(जीआई) वाले प्रोडक्ट डायबिटीज पीड़ितों के लिए अच्छे होते हैं।

कम जीआई वाला भोजन 55 और उससे कम का माना जाता है। इसमें फल, सब्जियां, लो-फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट और प्रोसेस्ड अनाज शामिल हैं। मल्टीग्रेन आटा इस कारण से शुगर पीड़ितों के लिए सही है। रेगुलर आटे को जगह मल्टीग्रेन आटे में कम(लो) कार्बोहाइड्रेट और कम(लो) जीआई स्कोर होता है। मल्टीग्रेन आटे में डायबिटीज के लिए गेहूं के साथ और भी अनाज शामिल होते हैं। यह बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड नहीं होता है और इसमें साबुत अनाज शामिल होता है।

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डायबिटीज के लिए सबसे अच्छा मल्टीग्रेन आटा

आशीर्वाद मल्टीग्रेन आटा 6 अनाजों के रूप में उपलब्ध है। इनमें चना, गेहूं, सोया, जई, मक्का, बंगाल बेसन और साइलियम भूसी शामिल हैं। इसमें सभी उम्र के व्यक्तियों का पोषण करने और उन्हें एक्टिव लाइफस्टाइल में मदद करने वाले सभी जरूरी विटामिन और खनिज(मिनरल्स) शामिल हैं। आशीर्वाद मल्टीग्रेन आटा का इस्तेमाल करने से नरम और फूली हुई चपाती(रोटी) तैयार करने में मदद मिलती है। इस मल्टीग्रेन आटे से केवल चपाती ही नहीं बल्कि और भी कई चीजें जैसे नान, शिरा, पराठा, हलवा आदि भी बनाया जाता है।

सारांश –

आशीर्वाद आटा सबसे बेहतर आटे की लिस्ट में भी टॉप ब्रांड में से एक है। जो सबसे नरम चपाती(रोटी) तैयार करता है। आशीर्वाद और भी कई प्रकार का आटा बनाता है। जो किसी व्यक्ति और उसके परिवार के स्वाद के हिसाब से भी हो सकता है।

घर पर मल्टीग्रेन रोटी कैसे बनाएं?

यहां बताया गया है कि कोई व्यक्ति घर पर हेल्दी और स्वादिष्ट मल्टीग्रेन रोटी कैसे बना सकता है-

इंग्रिडेंट(सामान)-

  • बाजरे का आटा- 3 बड़े चम्मच
  • साबुत गेहूं का आटा – 3 बड़े चम्मच
  • ज्वार का आटा- 3 बड़े चम्मच
  • रागी का आटा- 3 बड़े चम्मच
  • बेसन- डेढ़ बड़ा चम्मच
  • प्याज (बारीक कटा हुआ)- 1 बड़ा चम्मच
  • धनिया पत्ती (बारीक कटी हुई) – 1 बड़ा चम्मच
  • टमाटर (बारीक कटा हुआ)- 1 बड़ा चम्मच
  • नमक- स्वादानुसार
  • जीरा पाउडर- 2 चम्मच
  • मिर्च पाउडर- 2 चम्मच
  • पकाने के लिए तेल

बनाने की विधि- 

  • सभी सामग्री को एक साथ अच्छी तरह से मिला लें (तेल को छोड़कर) पानी का उपयोग करके नरम आटा तैयार कर ले।
  • अब आटे को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट लें और फिर इसको लगभग 15 मिनट तक ऐसे ही रहने दें।
  • रोटियां बनाने के लिए आटे के छोटे-छोटे टुकड़ों को गोल आकार में बेल लें।
  • अब इस गोल रोटी को गर्म नॉन-स्टिक तवे पर थोड़ा सा तेल लगाकर पकाएं।
  • दोनों तरफ से अच्छी तरह सुनहरे भूरे रंग की होने तक पका लें।
  • इसी तरह सभी को अच्छी तरह पका लें और इन्हें गरमागरम परोसें।

घर पर इस पौष्टिक मल्टीग्रेन रोटी को आज़माएं। इसे अपनी पसंद की सब्जी, अचार, दही या चटनी के साथ परोसें और आपको यह कैसी लगी नीचे कमेंट सेक्शन में अपने अनुभव साझा करें।

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हाई ब्लड शुगर वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा आटा

हाई ब्लड शुगर वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा आटा

मल्टीग्रेन आटा

इसमें सभी हेल्दी अनाजों का अच्छा मिश्रण होता है। यह दूसरे आटे की तुलना मे एक अच्छा विकल्प है। कोदो बाजरा, फिंगर बाजरा, ज्वार, मोती बाजरा, छोटा बाजरा, आदि कुछ सामान्य अनाज हैं जो मल्टीग्रेन आटे में मिलाए जाते हैं।

रागी का आटा

डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सबसे बढ़िया चीज है रागी। रागी का आटा सामान्य कार्ब वाले आटे के लिए एक अच्छा विकल्प है। रागी आटा ब्लड शुगर कंट्रोल में सुधार करता है और हाइपरग्लाइसेमिक और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। रागी डायबिटीज के पीड़ितों में घाव भरने में काफी मदद करता है।

कटहल का आटा

डायबिटीज पर बेहतर कंट्रोल पाने के लिए कटहल का आटा एक उपयुक्त तरीका है। यह व्यक्ति को पूरे दिन हेल्दी और सक्रिय रहने में मदद करता है। लोग कटहल के आटे से इडली, उपमा, रोटी या पूरी बना सकते हैं।

मेवा(नट्स) या मेवे का आटा

मेवे बढ़िया काम करते हैं क्योंकि उनमें फलों और बीजों का मिश्रण होता है। ये पृथ्वी पर सबसे ज्यादा पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। रिसर्च में पाया गया है कि डायबिटीज से पीड़ित जो लोग नियमित रूप से नट्स खाते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। डायबिटीज के पीड़ितों के लिए उपयोगी नट्स में बादाम, पिस्ता और अखरोट शामिल हैं। सफेद आटे के हेल्दी विकल्प के रूप में अखरोट के आटे और बादाम के आटे का भी उपयोग कर सकते हैं।

पालक का आटा

एक और सब्जी जिसे डायबिटीज के डाइट में शामिल किया जा सकता है वह है पालक। पालक में कार्ब्स और कैलोरी की कमी होती है। इसलिए इस पत्तेदार सब्जी को आटे के रूप में इस्तेमाल करना काफी लाभकारी है।

मेथी या मेथी दाना आटा

यह काफी समय से हाई ब्लड शुगर लेवल वाले लोगों के लिए एक प्रमुख डाइट है। मेथी दाना प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। नियमित आटे की जगह मेथी दाना आटा का उपयोग किया जा सकता है।

जई(ओट्स) का आटा

स्वाद के साथ अच्छी हेल्थ के लिए जई सबसे उपयोगी है। इसे डायबिटीज पीड़ित के डाइट में शामिल किया जा सकता है। नियमित डाइट में एक नया स्वाद और फ्लेवर शामिल करने के लिए दालचीनी ओट्स अच्छा विकल्प है।

आटे में जई मिला कर डायबिटीज पीड़ितों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रोटी तैयार कर सकते हैं।

सारांश –

डायबिटीज के पीड़ितों को हेल्दी भोजन खाना चाहिए। साथ ही उन्हें नियमित रूप से अपने ग्लूकोज़ लेवल की जांच करना चाहिए। रोज एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।

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डायबिटीज पीड़ितों के लिए कौन सी रोटी अच्छी है?

डायबिटीज पीड़ितों के लिए मल्टीग्रेन रोटी साबुत अनाज से तैयार की जाती है। यह न्यूट्रिशन वैल्यू में सुधार करता है और जीआई स्कोर को कम करता है। जीआई स्कोर बताता है कि किसी व्यक्ति द्वारा इसका सेवन करने के बाद ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है। वजन घटाने के लिए भी मल्टीग्रेन आटे की रोटी काफी लाभकारी है। साबुत अनाज की रोटी का मतलब सिर्फ गेहूं ही नहीं है। साबुत अनाज जई, क्विनोआ, राई, जौ, ऐमारैंथ और बाजरा हो सकते हैं। सफेद आटा रिफाइंड या प्रोसेस्ड अनाज से बना होता है जो ट्राइग्लिसराइड्स के सामान्य लेवल को हाई लेवल तक बढ़ा सकता है। उनमें एक्स्ट्रा शुगर भी होती है। संभव हो सके तो इसका सेवन सीमित करने का प्रयास करें।

शुगर(डायबिटीज) में मल्टीग्रेन आटा का सेवन कैसे करें?

नीचे 5 खाद्य पदार्थ और तरीके दिए गए हैं जिन्हें कोई व्यक्ति मल्टीग्रेन गेहूं के आटे का उपयोग करके बना सकता है-

मल्टीग्रेन आटा नाचोज़

नाचोज़ एक मेक्सिकन स्नैक्स है जिसे बहुत पसंद किया जाता है। इनमें सैचुरेटेड फैट और कैलोरी प्रचुर मात्रा में होती है। हाई ब्लड शुगर वाले लोगों के लिए सामान्य नाचोज़ के स्थान पर मल्टीग्रेन नाचोज़ का सेवन करना एक हेल्दी विकल्प है। इसको लो फैट वाली दही के साथ खाया जा सकता है।

मल्टीग्रेन बाजरा केक

ऐसे केक को बनाने के लिए डायबिटिक-फ्रैंडली शुगर अल्टरनेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। रिफाइंड आटे की जगह पर मल्टीग्रेन आटे का इस्तेमाल करने से शुगर(डायबिटीज) से परेशान लोग भी इसे बिना किसी डर के कहा सकते हैं।

मल्टीग्रेन इडली सांभर

इडली सांबर एक प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय(साउथ इंडियन) नाश्ता है। इसमें बहुत सारे विटामिन, खनिज और ऊर्जा देने वाले कार्ब्स होते हैं। सामान्य इडली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा(हाई) होता है क्योंकि यह चावल से तैयार की जाती है। चावल की जगह मल्टीग्रेन आटा इस्तेमाल करने से इडली का पोषण मूल्य बढ़ जाता है।

मल्टीग्रेन क्विनोआ खिचड़ी

क्विनोआ में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है। मल्टीग्रेन के साथ क्विनोआ शुगर पीड़ितों के लिए एक आदर्श डाइट है क्योंकि इसमें सभी पोषक तत्वों का सही मिश्रण होता है।

सारांश –

मल्टीग्रेन आटा टाइप-2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए एक बढ़िया विकल्प है। इसका जीआई मान काफी कम होता है इस कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ता नहीं है। मल्टीग्रेन कई अनाजों को मिलाकर बनाया जाता है। इनमें मक्का, गेहूं, चावल और जौ प्रमुख है। इसको यदि सुबह के समय खाया जाए तो पूरे दिन डायबिटीज पीड़ितों के शुगर लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है।

और पढ़े : शुगर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या गेहूं में शुगर होती है?

गेहूं में भरपूर मात्रा में कार्ब्स होते हैं। इस अनाज के एक कप में लगभग 86.36 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। 100 ग्राम गेहूं में डायरेक्ट( प्रत्यक्ष) शुगर की मात्रा लगभग 0.41 ग्राम होती है।

क्या चपाती(रोटी) हाई ब्लड प्रेशर के लिए अच्छी है?

डैश डाइट(बिना नमक और बिना फैट का भोजन) और मेडिटेरियन डाइट (भूमध्यसागरीय) दोनों हेल्दी डायबिटीज डाइट के हिस्से के रूप में साबुत अनाज को शामिल करने का सुझाव देते हैं। ज्वार और बाजरा डायबिटीज पीड़ितों के लिए हेल्दी आटा हैं और उनके ब्लड प्रेशर के लिए भी बहुत अच्छे हैं।

क्या डायबिटीज पीड़ितों के लिए रोटी अच्छी है?

किसी हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के सुझाव के बिना भी कुछ पीड़ित व्यक्ति ब्रेड(रोटी) का सेवन कर सकते हैं। लेकिन यह उचित प्रकार की रोटी होनी चाहिए। चोकर या जई जैसे भरपूर फाइबर वाले साबुत अनाज की ब्रेड(रोटी) डायबिटीज पीड़ितों के लिए अच्छे विकल्प हैं।

क्या ब्राउन ब्रेड डायबिटीज के लिए अच्छा है?

मल्टीग्रेन ब्रेड, साबुत गेहूं की रोटी और ब्राउन ब्रेड डायबिटीज पीड़ितों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। लेकिन सफेद ब्रेड में कार्ब की ज्यादा मात्रा के कारण ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। जो डायबिटीज पीड़ितों के लिए अच्छा नहीं है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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