मेटफॉर्मिन के विकल्प

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मेटफॉर्मिन के अलावा डायबिटीज के लिए और कौन सी दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है ?

डायबिटीज से पीड़ित लोग “मेटफॉर्मिन” नाम से बहुत परिचित हैं। टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए मेटफॉर्मिन सबसे सुरक्षित और सस्ती दवा है। लेकिन कभी-कभी, कुछ लोगों के लिए इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। उस सिचुएशन में, ऐसे व्यक्तियों को मेटफॉर्मिन के अलावा भी किसी विकल्प की तलाश करनी होगी। इस ब्लॉग में हम मेटफॉर्मिन के कुछ अच्छे विकल्पों के बारे में पढ़ेंगे।

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ओवरव्यू 

टाइप 2 डायबिटीज एक मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्या है जो ब्लड में शुगर स्पाइक्स बढ़ने का कारण बनता है। इस कंडीशन में अग्न्याशय(पैंक्रियाज) इंसुलिन प्रोड्यूज करता है लेकिन शरीर इसका सही ढंग से इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है या प्रोडक्शन काफी कम होता है। टाइप 2 डायबिटीज़ का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है।

उम्र, जेंडर, फैमिली हिस्ट्री, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और कई ऐसे फैक्टर्स  टाइप 2 डायबिटीज को प्रभावित करते हैं। पिछले कुछ सालों में टाइप 2 डायबिटीज यूथ(युवा) और बच्चों में अधिक पाया गया  है। अच्छी खबर यह है कि डिसिप्लिन और हेल्दी लाइफस्टाइल से इसे रिवर्स किया जा सकता है।

डिसिप्लिन लाइफस्टाइल के अलावा, हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में दवाएं काफी महत्वपूर्ण रोल निभाती हैं। इसके लिए डॉक्टर मेटफॉर्मिन को सबसे ज्यादा ट्रस्टेड दवा के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह दवा सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों में मेटफॉर्मिन के साइड इफेक्ट्स भी दिखाई देते हैं।

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कुछ लोगों को मेटफ़ॉर्मिन के विकल्प की जरूरत क्यों है?

  1. कई डायबिटिक व्यक्तियों में मेटफॉर्मिन के साइड इफेक्ट्स भी दिखाई देते हैं जैसे मतली, उल्टी, पेट में दर्द, दस्त, बी12 की कमी, वजन कम होना आदि। कुछ मामलों में यह हाइपोग्लाइसीमिया, लैक्टिक एसिडोसिस और किडनी का खतरा जैसे कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स भी दिखाता है।
  2. मेटफॉर्मिन कुछ दवाओं के साथ मिलने पर रिएक्ट भी करता है इसलिए यदि कोई किसी बीमारी के लिए कुछ दवाएं ले रहा है, तो शुरू से ही मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है।
  3. मेटफॉर्मिन सभी के लिए असरदार हो यह जरूरी नहीं है। कई बार यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल नहीं करता है, या एचबीए1सी और वजन को कम नहीं करता है।

ऐसे लोगों के लिए, बाज़ार में मेटफ़ॉर्मिन के कई विकल्प मौजूद हैं। तो आइए इन विकल्पों के इस्तेमाल, डोज और साइड इफेक्ट्स  के बारे में जानें-

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मेटफॉर्मिन के सबसे अच्छे अल्टरनेटिव्स (विकल्प)

मेटफॉर्मिन के सबसे अच्छे अल्टरनेटिव्स (विकल्प)

एसजीएलटी – 2 इन्हिबिटर्स (इनवोकाना, फ़ार्क्सिगा, जार्डियन्स, और स्टेग्लैट्रो)-

इस्तेमाल- यह उन लोगों के लिए एक अच्छा मेटफॉर्मिन विकल्प हो सकता है जिनमें मेटफॉर्मिन के साइड इफेक्ट्स  दिखाई देते हैं। यह दवा यूरिन से एक्स्ट्रा ग्लूकोज निकाल कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। यह दवा हार्ट को सेफ रखती है और हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के खतरों को कम करती है। यह वजन घटाने और HbA1C में कमी को भी बढ़ावा देता है।

लेकिन यह दवा कुछ कमजोर किडनी फंक्शन से पीड़ित लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है क्योंकि इसका असर किडनी पर काफी ज्यादा पड़ता है। डोज-  एसजीएलटी-2 इन्हिबिटर्स दिन में एक बार 5 से 10 मिलीग्राम इस्तेमाल की जा सकती है लेकिन अपनी जरूरत के हिसाब से  बेहतर रिजल्ट के लिए अपने डॉक्टर से बात कर लें।

साइड इफेक्ट्स-  इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे-

  • किडनी फेलियर
  • जल्दी पेशाब आना
  • बार-बार यूरिन इंफेक्शन (यूटीआई) का खतरा
  • लो ब्लड प्रेशर
  • डीहाइड्रेशन
  • डायबिटीज कीटोएसिडोसिस का खतरा
  • इनवोकाना के कारण एंपीयूटेशन का खतरा

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जीएलपी – 1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (बाइड्यूरियन, बाइटा, ओज़ेम्पिक, एडलीक्सिन, रायबेल्सस, ट्रुलिसिटी और विक्टोज़ा)-

इस्तेमाल-  यह मेटफॉर्मिन का एक और विकल्प है। यह ओरल और इंजेक्शन दोनों रूपों में आता है। जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट किडनी पीड़ितों के लिए सुरक्षित हैं क्योंकि यह किडनी फंक्शन के खतरे को कम करता है।

यह HbA1C और ब्लड शुगर लेवल को कम करने का एक प्रभावी विकल्प है। यह वजन घटाने में भी मदद करता है जिस कारण शुगर कंट्रोल होता है। डोज-  इसकी शुरुआत एक सप्ताह तक प्रतिदिन 0.6 मिलीग्राम से होती है, फिर इसे दिन में एक बार 1.2 से 1.8 मिलीग्राम तक बढ़ाया जाता है। बेहतर रिजल्ट के लिए अपने डॉक्टर से बातचीत जरूर करें ।

साइड इफेक्ट्स-जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट के नॉर्मल साइड इफेक्ट्स हैं-

  • हाइपोग्लाइसीमिया (यदि इंसुलिन के साथ लिया जाए)
  • जी मचलाना
  • वजन घटना
  • दस्त

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सल्फोनीलुरिया या एसएफयू [डायबीटा, ग्लाइनेज़, या माइक्रोनेज़ (ग्लाइबुराइड या ग्लिबेंक्लामाइड) एमारिल (ग्लिमेपाइराइड) डायबिनीज़ (क्लोरप्रोपामाइड) ग्लूकोट्रोल (ग्लिपिज़ाइड)

इस्तेमाल- यह मेटफॉर्मिन का एक अच्छा विकल्प है और ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए अच्छा काम करता है। ये ओरल दवाएं टाइप 2 डायबिटीज पीड़ितों के लिए एचबीए1सी लेवल को कम करने में काफी फायदेमंद हैं।

इससे हाइपोग्लाइसीमिया या वजन बढ़ सकता है लेकिन यह दवा आपके शरीर को ज्यादा इंसुलिन सेंसटिव बनाने में मदद करती है और इंसुलिन सिक्रेशन को बढ़ाती है।

डोज- इस दवा की डोज एक सप्ताह तक प्रतिदिन 5 मिलीग्राम से शुरू होती है और 10 से 20 तक बढ़ती है। इसकी डोज ज्यादा से ज्यादा  100-250 मिलीग्राम हर दिन हो सकती है लेकिन कुछ सीरियस मामलों में इसकी डोज 500-750 मिलीग्राम हर दिन तक हो जाती है। डायबिटीज की दवा की डोज किसी इंसान की ज़रूरत और शुगर लेवल पर डिपेंड करती है, इसलिए अपने डॉक्टर से सही डोज के बारे में पूरी जानकारी जरूर लें।

साइड इफेक्ट्स- हर दवा की तरह सल्फोनीलुरिया दवाओं के भी कुछ नॉर्मल से  साइड इफेक्ट्स होते हैं-

  • भूख बढ़ना
  • वजन बढ़ना(वेट गेन)
  • लो ब्लड शुगर लेवल  या हाइपोग्लाइसीमिया
  • पेट की ख़राबी

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डाइपेप्टिडाइल पेप्टिडेज़ – 4 इन्हिबिटर्स या डीपीपी – 4 अवरोधक (ट्रेडजेंटा, ओन्ग्लिज़ा, नेसिना और जानुविया)

इस्तेमाल- ये दवाएं पेंक्रियाज (अग्न्याशय) से इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ाती हैं और लीवर में ग्लूकागन प्रोडक्शन को भी रोकती हैं। यह शुगर लेवल और HbA1C को कम करने में मदद करता है लेकिन ये दवाएँ हार्ट डिजीज या किडनी को सेफ रखने  में मदद नहीं करती हैं।

डोज-  इसकी डोज जरूरत  के हिसाब से  दिन में एक बार 5 मिलीग्राम से लेकर 100 मिलीग्राम तक होती है। ब्लड शुगर लेवल के हिसाब से  इसकी डोज को एडजस्ट करने के लिए, अपने हेल्थ केयर एक्सपर्ट  या डॉक्टर से सलाह लें।

साइड इफेक्ट्स- डीपीपी-4 इन्हिबिटर्स के साइड इफेक्ट्स-

  • शरीर में दर्द (बॉडी पेन)
  • बुखार (फीवर)
  • पेट की ख़राबी
  • हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर लेवल
  • पैंक्रियाज (अग्न्याशय) में खराबी का खतरा
  • फ्लू

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थियाजोलिडाइनायड्स या टीजेडडी (रोसिग्लिटाज़ोन, और पियोग्लिटाज़ोन)

इस्तेमाल- इसे ग्लिटाज़ोन के रूप में भी जाना जाता है जिसका उपयोग टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस टाइप 2 डायबिटीज का मूल कारण है और TZDs दवाएं सेल्स के इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करती हैं। इस तरह शरीर की सेल्स इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग करती हैं जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। यह इंसुलिन सेंसटिविटी  को बढ़ाने में मदद करता है जो टाइप 2 डायबिटीज को मेंटेन करने में मदद करता है लेकिन यह दवा हार्ट डिजीज से सुरक्षा नहीं देती है या वजन घटाने में मदद नहीं करती है, लेकिन यह शुगर लेवल को बेहतर ढंग से कंट्रोल करने में मदद करती है।

डोज- इसकी शुरुआती डोज दिन में एक बार भोजन के साथ 15 मिलीग्राम होती है। जरूरत के हिसाब से इसे दिन में एक बार 15 मिलीग्राम से बढ़ाकर 45 मिलीग्राम कर दिया जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए अपने शुगर लेवल और HbA1C को ध्यान में रख कर अपने डॉक्टर से सलाह लें।

साइड इफेक्ट्स-  थियाज़ोलिडाइनायड्स के साइड इफेक्ट्स

  • दिल की बीमारियों(हार्ट डिजीज) का खतरा
  • हड्डी टूटने (बोन फ्रैक्चर) का खतरा
  • वजन बढ़ना (वेट गेन)
  • टाँगों(लेग), आर्म्स, पैरों(फीट), हाथों की सूजन

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मेटफॉर्मिन पर कैसे स्विच करें?

मेटफॉर्मिन टाइप 2 डायबिटीज के लिए किसी भी डॉक्टर या डायबिटीज एक्सपर्ट द्वारा बताई गई फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट की दवा है। इसी कारण डॉक्टर इस दवा पर भरोसा करते हैं। टाइप 2 डायबिटीज के कारण हाई शुगर लेवल का इलाज करने के लिए मेटफॉर्मिन एक सुरक्षित दवा है। यह दवा काफी सुरक्षित और इफेक्टिव है फिर भी  कुछ व्यक्तियों में मेटफॉर्मिन से एलर्जी या साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं। ऐसे मामलों में  डॉक्टर को मेटफॉर्मिन की अल्टरनेट दवाओं पर जाना पड़ता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें की कभी भी अपने आप मेटफॉर्मिन लेना बंद न करें या मार्केट में मिलने वाली अल्टरनेट दवाएं लेना शुरू न करें। इससे आपके हेल्थ पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है और हाइपरग्लेसेमिया हो सकता है।

मेटफॉर्मिन से दूसरी दवा पर स्विच करना आपके डॉक्टर की सलाह पर डिपेंड करता है  यदि आपको मेटफॉर्मिन से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर से बात करें।

मेटफॉर्मिन के दूसरे विकल्पों से किडनी में दिक्कत या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम बढ़ सकती है। मेटफॉर्मिन पर स्विच करने के लिए डॉक्टर को अलग अलग टेस्ट करने की जरूरत होगी जिससे पीड़ित व्यक्ति के हेल्थ रीडिंग के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। इनके आधार पर डॉक्टर कोई भी विकल्प चुन सकता है जो उनके लिए सबसे सही हो। इसकी डोज आपके ब्लड शुगर लेवल  या ग्लाइसेमिक कंट्रोल से तय होती है। इसके अलावा मेटफॉर्मिन से स्विच करने के लिए नई दवा के डोज एडजस्टमेंट के लिए लगातार मॉनिटरिंग  की भी जरूरत होती है।

मेटफॉर्मिन से स्विच करने के लिए अपने डॉक्टर से जुड़े रहें और इसे डॉक्टर की देख रेख में स्विच करें।

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मेटफॉर्मिन के लिए नैचुरल अल्टरनेटिव (विकल्प)

मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल शरीर में हाई शुगर लेवल को कंट्रोल करने और इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। ये रिजल्ट कुछ नैचुरल तरीकों से भी मिल सकते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव भी सेंसटिविटी को कम करने का एक नैचुरल तरीका है।

इसके अलावा आप शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ घरेलू उपायों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये उपचार इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं।

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आइए मेटफॉर्मिन ना इस्तेमाल करने के नैचुरल तरीके जाने-

ऐसी डायबिटिक डाइट का प्लान बनाएं जो आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करे। एक अच्छे डायबिटिक डाइट में लो कार्ब, हाई फाइबर, लो फैट, हाई प्रोटीन और कम कैलोरी वाला भोजन शामिल होना चाहिए। फाइबर डाइजेशन को धीमा कर देता है जिससे ग्लूकोज धीरे-धीरे ब्लडफ्लो में रिलीज होता है। इसके अलावा अपने डाइट में लो-ग्लाइसेमिक भोजन को शामिल करने का प्रयास करें।

अपनी लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करें। एक्सरसाइज के कारण इंसुलिन सेंसटिविटी बढ़ती है और एक्सरसाइज ही मांसपेशियों(मसल्स) को ग्लूकोज का सही इस्तेमाल करने लायक बनाती है। लाइफस्टाइल को खराब ना बनाएं और पैदल बहुत अधिक टहलें। यह आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेगा।

वजन घटाने की कोशिश करो। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है इसलिए वजन घटाने पर ध्यान दें। शरीर का 5-10% वजन कम करने से आपके ब्लड शुगर लेवल में बहुत पॉजिटिव चेंज आ सकते हैं। ऐसे कई हर्बल उपाय हैं जिसे मेडिकल के ट्रेडेशनल तरीके से  किया गया है जो इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार करते हैं और बढ़ते शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। बेहतर रिजल्ट के लिए आप ऐसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये जड़ी-बूटियाँ हैं मेथी, नीम, करेला, जामुन, गुड़मार आदि।

इसके अलावा, अपने डाइट में ड्राई फ्रूट्स(मेवे) और सीड्स(बीज) भी शामिल करें। कद्दू, चिया, अलसी जैसे बीज और मूंगफली, बादाम, काजू आदि जैसे मेवे ग्लूकोज के लेवल को मेंटेन करने में सहायक होते हैं।

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कंक्लूजन

मेटफॉर्मिन टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए एक ट्रस्टेड  दवा है और सभी डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल करने के लिए बताई भी जाती है, लेकिन कुछ लोगों को कुछ कारणों से इसके अल्टरनेट की जरूरत होती है। एलर्जी या मेटफॉर्मिन के साइड इफेक्ट्स वाले लोगों को इसके अल्टरनेट पर स्विच करने की जरूरत है।

मेटफॉर्मिन के कई अल्टरनेट्स मौजूद हैं- एसजीएलटी – 2 इन्हिबिटर्स, जीएलपी – 1 रिसेप्टर एगोनिस्ट, सल्फोनीलुरिया एसएफयू, डीपीपी – 4 इन्हिबिटर्स और थियाजोलिडाइनायड्स टी जेड डी ।

इन दवाओं के अलावा आप डाइट  एक्सरसाइज और ट्रेडिशनल तरीकों से भी अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं। ये अल्टरनेट दवाएं कुछ साइड इफेक्ट्स भी कर सकती हैं इसलिए मेटफॉर्मिन से स्विच करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है।

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Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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