क्या डायबिटीज़ में ग्रेपफ्रूट या चकोतरा खाना सुरक्षित है?

जब खट्टे फलों की बात आती है, तो ग्रेपफ्रूट या चकोतरा मधुमेह रोगियों के लिए एक हेल्दी चॉइस है। शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करने के अलावा यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। यह प्रचुर मात्रा में पानी और फाइबर वाला एक कम कार्ब या लो-कार्ब फल है जो शरीर के अलग-अलग अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करने के साथ बहुत से फ़ायदे देता है। आइए जानते हैं इस बड़े आकार साइट्रस, खट्टे और सेहतमंद फल के बारे में।

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ग्रेपफ्रूट या चकोतरा क्या है?

ग्रेपफ्रूट, जिसका वानस्पतिक नाम साइट्रस एक्स पैराडिसी, एक बड़ा साइट्रस फल है जो मीठे संतरे (सी. सिनेंसिस) और पोमेलो (सी.मैक्सिमा) की एक हायब्रिड किस्म है। यह अमेरिका से उत्पन्न हो कर 17 वीं शताब्दी में एशिया में आया।

चकोतरे या ग्रेपफ्रूट अलग-अलग स्वाद के होते हैं जो खट्टे से लेकर थोड़े मीठे और कड़वे भी हो सकते हैं। चकोतरे या ग्रेपफ्रूट पेड़ों पर उगते हैं क्योंकि वे अंगूर से बड़े आकार के होते हैं।

ग्रेपफ्रूट का अधिकांश उत्पादन चीन में होता हैं जो दुनिया में उत्पादित ग्रेपफ्रूट का आधे से ज़्यादा हैं। कुछ अन्य देश जो उत्पादन में योगदान करते हैं वे संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और वियतनाम हैं। यह स्वादिष्ट फल सर्दियों में मिलता है।

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ग्रेपफ्रूट और डायबिटीज़

डायबिटीज में ग्रेपफ्रूट

डायबिटीज़ इंसुलिन रेज़िस्टेंस का परिणाम है जहां शरीर इंसुलिन के प्रति क्रिया करना बंद कर देता है। जिसकी वजह से शरीर में उच्च रक्त शर्करा या हाई ब्लड शुगर लेवल होंए लगते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 डायबिटीज़ होने का प्रमुख कारण है।

चकोतरा इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके आपके शुगर लेवल्स को नियंत्रित कर सकता है और टाइप 2 मधुमेह के के रिस्क को कम कर सकता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है जो शरीर में शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। यह एक लो-कार्ब और हाई-फाइबर फल है जो आपके ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने के लिए महत्वपूर्ण है और इसे डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए एक हेल्दी चॉइस बनाता है। इसलिए ग्रेपफ्रूट को डायबिटीज़ के लिए एक अच्छा व स्वस्थ फल माना जाता है।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग ग्रेपफ्रूट खाते हैं उनमें इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना कम होती है और शरीर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

चकोतरा या ग्रेपफ्रूट में नारिंगिन नामक कंपाउंड भी होता है जो ग्लूकोज़ सहनशीलता या ग्लुकोज़ टोलेरेन्स को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। खासकर उन लोगों में जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ है।

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ग्रेपफ्रूट की न्यूट्रीशनल वेल्यू या पोषण मूल्य

ग्रेपफ्रूट, एक सुपरफूड है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है।  इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं। यह पानी, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी से भरा होता है। यह हृदय स्वास्थ्य, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़, इम्यूनिटी, किडनी और त्वचा के लिए अच्छा है। एक मध्यम आकार के एक ग्रेपफ्रूट में सिर्फ 52 कैलोरी होती है जो इसे कम कार्ब और कम कैलोरी वाला फल बनाती है।

ग्रेपफ्रूट या चकोतरा की न्यूट्रीशनल वेल्यू
ग्रेपफ्रूट की न्यूट्रीशनल वेल्यू (100 ग्राम) मात्रा
कैलोरी 52
फैट 0.2 ग्राम
सोडीयम 0mg
कार्बोहाइड्रेट्स 13.2 ग्राम
फाइबर 2 ग्राम
शुगर 8.5 ग्राम
प्रोटीन 0.9 ग्राम
विटामिन सी 38.4 mg
विटामिन ए 71.3 mg
केल्शीयम 22 mg
आयरन 0.1 mg

इसकी न्यूट्रीशनल वेल्यू इस खट्टे फल को हेल्थ बेनेफिट से भरा खज़ाना बनती है।

ग्रेपफ्रूट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

ग्रेपफ्रूट का ग्लिसेमिक इंडेक्स

ग्रेपफ्रूट अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज़ पेशेंट के लिए एक सुपरफूड है। इसका जीआई  25 है जो निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स (लो जीआई) श्रेणी के अंतर्गत आता है। कम जीआई के अलावा, यह कम कार्बोहाइड्रेट के साथ पानी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट सामग्री में उच्च है। यह बिना किसी साइड इफेक्ट के मधुमेह रोगियों के लिए सबसे अच्छा फल माना जाता है।

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क्या मधुमेह रोगियों के लिए चकोतरा अच्छा है?

ग्रेपफ्रूट डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए हेल्दी स्नैक्स में से एक है। यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फल है जिसका ब्लड शुगर लेवल्स पर कोई खास बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। यह एक हाई फाइबर फ्रूट है जो शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है और रक्त प्रवाह में धीरे-धीरे चीनी को रिलीज करता है जिससे स्वस्थ शर्करा का स्तर बना रहता है। यह टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करता है।

इसके अलावा ग्रेपफ्रूट कम कार्ब (लो कार्ब) वाला फल है जिसके सेवन के बाद शरीर में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज की मात्रा नहीं बढ़ती है। इसका वाटर कंटेन्ट शरीर में शुगर लेवल को मेनेज करने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट से फुल होता है जो मधुमेह और मधुमेह से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं के रिस्क को कम करने में मदद करता है।

ग्रेपफ्रूट पाचन को धीमा करता है जिससे व्यक्ति लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करता है। इससे आपकी फूड क्रेविंग्स या बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वज़न बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। वज़न बढ़ना टाइप 2 मधुमेह के होने के सबसे बड़े कारणों में से एक है। यह अनावश्यक और असमय भूख को कम करके मोटापे की संभावना को रोकता है।

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ग्रेपफ्रूट या चकोतरा के मुख्य स्वास्थ्य लाभ या हेल्थ बेनेफिट्स

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा, यह एक कम कार्ब, कम जीआई वाला फ्रूट है जिसमें उच्च फाइबर, भरपूर पानी, विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद पोषण आपको कई स्वास्थ्य लाभ देता है। ग्रेपफ्रूट के हेल्थ बेनेफिट्स में शामिल हैं:

हृदय स्वास्थ्य में फायदेमंद

हृदय रोग टाइप 2 डायबिटीज़ के मुख्य रिस्क में से एक है। रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ग्रेपफ्रूट को अपनी डाइट में शामिल करने से हृदय की कार्यप्रणाली पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इस खट्टे फल में फाइबर, विटामिन सी, कोलीन, लाइकोपीन, पोटेशियम और अन्य एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये यौगिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं और हृदय को भी स्वस्थ रखते हैं। साथ ही इसमें पोटेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर में सुधार करता है जो हार्ट हेल्थ को मज़बूत करता है। ग्रेपफ्रूट एलडीएल खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है जिससे रक्त प्रवाह सुचारू रहता है और हृदय अच्छी तरह से काम करता है।

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डायबिटीज़ के लिए अच्छा

ग्रेपफ्रूट डाइबीटिक डाइट में शामिल करने वाला एक सुपरफूड है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम, कार्बोहाइड्रेट में कम और फाइबर, पानी और पोषक तत्वों में उच्च होता है। ये गुण चकोतरा को डाइबीटिक लोगों के लिए एक उपयुक्त फल बनाते हैं। यह ब्लड शुगर स्पाइक्स को कम करता है और टाइप 2 डाईबिटीज़ के जोखिम को कम करता है। यह साइट्रस मैजिक इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में भी मदद करता है और इसलिए शुगर को नियंत्रित करने वाले यौगिक के रूप में काम करता है।

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वज़न प्रबंधन में सहायक

इस फल में फाइबर अधिक होता है जो शरीर में ग्लूकोज के पाचन और अवशोषण को कम कर देता है। इसमें मौजूद हाई फाइबर आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखता है।  इससे आप बार बार खाना नहीं खाते जिससे आपका वज़न नियंत्रित राहत है। यह उन लोगों के लिए बेस्ट ऑप्शन है जो अपना वज़न कम करना चाहते हैं क्योंकि इसमें मौजूद पानी इसकी कैलोरी को कम कर देता हैं।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाता है

ग्रेपफ्रूट खाने के फायदे

आपकी इम्यूनिटी आपके शरीर को विभिन्न संक्रमणों, सूजन और बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। ग्रेपफ्रूट को अपने भोजन के रूप में लेने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी बढ़ती है। इसमें विटामिन सी होता है, जो एक अद्भुत एंटीऑक्सीडेंट है जो आपकी इम्यूनिटी में सुधार करने के लिए जिम्मेदार है और आपको विभिन्न वायरल, और जीवाणु संक्रमण, सामान्य सर्दी या फ्लू आदि से बचाता है।

यह विटामिन सी के अलावा कई विटामिन और खनिजों से भरा होता है जो मिलकर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। विटामिन ए सूजन और संक्रमण से लड़ता है। अन्य स्वस्थ पोषक तत्व कॉपर, जिंक और विटामिन बी हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और आपको संक्रमण के खिलाफ तैयार रखते हैं।

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किडनी स्टोन को कम करता है

ग्रेपफ्रूट एक साइट्रस फल है जिसमें साइट्रिक एसिड होता है। साइट्रिक एसिड शरीर में बनने वाले अतिरिक्त कैल्शियम को बाहर निकाल देता है जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे की पथरी या किड्नी स्टोन का खतरा कम हो जाता है। यह कैल्शियम ऑक्सालेट के निर्माण को कम करता है जिससे किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है। ग्रेपफ्रूट यूरिन में पीएच लेवल को भी मैनेज करता है जो किडनी स्टोन की संभावना को कम करने में मदद करता है।

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कैंसर रोधी गुण

चकोतरा विटामिन सी का एक प्रचुर स्रोत है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर में मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करता है। शरीर में फ्री रेडिकल्स कैंसर का कारण बनते हैं। इसमें लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है। डाइट में ग्रेपफ्रूट को शामिल करने से कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

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पाचन तंत्र के लिए अच्छा है

रेशेदार भोजन या हाई फाइबर फूड और पानी के सेवन से पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। ग्रेपफ्रूट में फाइबर और पानी दोनों की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन में सुधार होता है और पाचन संबंधी स्थितियों जैसे कब्ज, गैस्ट्राइटिस, अशांत मल त्याग आदि के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। डाइटरी फाइबर शरीर में कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना को भी कम करता है।

त्वचा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए विटामिन सी सबसे अच्छा पोषक तत्व है। यह त्वचा को स्वस्थ, दृढ़ और चमकदार रखता है और इसीलिए कई सौंदर्य उत्पादों में विटामिन सी का उपयोग किया जाता है। विटामिन सी त्वचा कसा बनाता है जो कोलेजन से होता है। ग्रेपफ्रूट में मौजूद विटामिन सी कोलेजन बनाने में मदद करता है जिससे त्वचा कसी रहती है और झुर्रियां नहीं आती। यह सन टैन और उम्र बढ़ने से भी बचाता है।

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हाइड्रेटिंग फल

इसमें हाई वाटर कंटेन्ट होता है जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। ग्रेपफ्रूट में 88% पानी होता है जो इसे एक अच्छा हाइड्रेटिंग फल बनाता है जो समग्र स्वास्थ्य में सहायक होता है।

चकोतरा को कैसे अपनी डाइट में करें शामिल

ग्रेपफ्रूट एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर फल है। इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं। आप इस फल को कई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं जैसे:

  • सलाद में शामिल करें।
  • इसे अपने स्वस्थ नाश्ते के रूप में खाएं। बेहतर पोषण के लिए आप अपने नाश्ते में आधा ग्रेपफ्रूट खा सकते हैं।
  • इसके स्वाद और फायदों का आनंद लेने के लिए इसे अलग-अलग जूस और स्क्वैश में मिलाएं।
  • इसे दही में मिलाकर सेवन करें।
  • फ्रूट केक में ग्रेपफ्रूट को शामिल करें।

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ग्रेपफ्रूट के साइड इफेक्ट्स

ग्रेपफ्रूट के साइड इफेक्ट्स

चकोतरा एक पौष्टिक फल है जिसके कई फायदे हैं लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव या साइड इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे:

  • कुछ दवाएं ग्रेपफ्रूट के साथ प्रतिक्रिया करती हैं और शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं। जो लोग कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, स्टैटिन, और कुछ मनश्चिकित्सीय दवाओं जैसी दवाएं ले रहे हैं, उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए। इन दवाओं के साथ, ग्रेपफ्रूट प्रतिक्रिया करता है और इन दवाओं को आंत से रक्तप्रवाह में तेजी से फ़िल्टर करता है।
  • चकोतरे में पोटैशियम अधिक होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करता है लेकिन वही पोटैशियम किडनी की समस्या वाले लोगों के लिए हानिकारक होता है। ऐसे लोगों को किडनी के सीमित कार्यों के कारण शरीर से अतिरिक्त पोटेशियम को बाहर निकालने में मुश्किल होती है। शरीर में यह अतिरिक्त पोटेशियम स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
  • यह एक अत्यधिक अम्लीय या एसीडीक फल है जो गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग वाले लोगों को परेशान करता है। ऐसे लोगों में उच्च अम्लीय खाद्य पदार्थ के कई साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं। यह खाना खाने के तुरंत बाद उल्टी भी कर सकते है।
  • यह अनियमित दिल की धड़कन भी पैदा कर सकता है।
  • इससे नींद भी ज़्यादा आती है।

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निष्कर्ष

यह साइट्रस सुपरफूड कई विटामिन और खनिजों से भरा हुआ है। यह उच्च फाइबर और उच्च पानी की मात्रा वाला कम कार्ब वाला भोजन है। शरीर में विटामिन सी, लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन, फ्लेवोनोन्स आदि जैसे कई एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य, पाचन तंत्र, इम्यूनिटी, रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल के स्तर, त्वचा के स्वास्थ्य, गुर्दे के स्वास्थ्य आदि को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

इसलिए एक हेल्दी शरीर और टाइप 2 डाईबिटीज़ से बचने के लिए ग्रेपफ्रूट को अपनी डाइट में शामिल करना अच्छा माना जाता है।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या मैं रोज़ ग्रेपफ्रूट खा सकता हूँ?

हाँ! ग्रेपफ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो हृदय स्वास्थ्य में सुधार और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह अपने लो-कार्ब और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स गुणों के कारण ब्लड शुगर लेवल को मेनेज करता है। पर्याप्त पानी की मात्रा वाला यह फाइबरयुक्त फल पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है और कब्ज और अपच को रोकता है। लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखें। यह बहुत एसीडीक होता है इसलिए जिन लोगों को एसिडिटी जल्दी होती है उन्हें इसका सेवन ध्यान से करना चाहिए। साथ ही यह कुछ दवाओं के साथ इंटरेक्ट करता है इसलिए इसे खाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श कर लें।

क्या चकोतरा या ग्रेपफ्रूट त्वचा के लिए अच्छा है?

त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए विटामिन सी सबसे अच्छा पोषक तत्व है और ग्रेपफ्रूट में प्रचुर मात्र में विटामिन सी होता है। विटामिन सी स्किन को ग्लोइंग, दृढ़ और कशी हुई रखता है। इसी वजह से विटामिन सी को कई ब्यूटी प्रोडक्टस में शामिल किया जाता है। विटामिन सी स्किन को हेल्दी रखना है और कोलेजन निर्माण को बढ़ाता है। कोलेजन स्किन को टाइट रखता है जिससे एजिंग नहीं होती। साथ ही या टैनिंग और झुर्रियों से बचाता है।

क्या ग्रेपफ्रूट डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?

Last updated on मार्च 9th, 2023

अंगूर डायबिटिक लोगों के लिए एक सेफ चॉइस है। इसका जीआई कम होता है जो ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता। यह डाइबीटिक लोगों के लिए ना सिर्फ सुपरफूड है बल्कि एक हेल्दी स्नैक भी है। इसमें मौजूद हाई फाइबर पाचन को धीमा कर देता है जिससे ब्लड मे शुगर धीरे धीरे रिलीज होती है। इस वजह से शुगर स्पाइक नहीं होते। इसके सेवन करने से यह टाइप 2 डाईबिटीज़ के खतरे को कम करता है।

ग्रेपफ्रूट एक लो-कार्ब फ्रूट है जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज की मात्रा को नहीं बढ़ाता। साथ ही इसका वाटर कंटेन्ट भी शुगर लेवल को मेनेज रखता है। 

यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो डायबिटीज़ के साथ उससे जुड़े कोंपलिकेशन के रिस्क को कम करने में मदद करता है।  

चूंकि ग्रेपफ्रूट में फाइबर होता है, यह पाचन को धीमा करके ज़्यादा समय तक आपका पेट भरा रखता है। इससे आपको वज़न कम करने में मदद मिलती है। 

ज़्यादा ग्रेपफ्रूट खाने के क्या साइड इफ़ेक्ट्स हैं?

अंगूर की अच्छी मात्रा जहां आपके स्वास्थ्य के लिए वरदान है, वहीं इसकी अधिक मात्रा आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। यह मतली या दस्त का कारण बन सकता है क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट में उच्च है। इसके अलावा, यह एक अम्लीय फल या एसीडीक फ्रूट है, इसलिए इसकी अधिक मात्रा से एसिडिटी, सीने में जलन, मुँह के छाले आदि हो सकते हैं। यह एंजाइमों के साथ भी प्रतिक्रिया करता है और शरीर में दवाओं के कॉन्सेंटरेशन को बढ़ा कर तेजी से उन्हें ब्लडस्ट्रीम में भेज सकता है। इससे स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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