शुगर में सूजी खा सकते हैं? जानिए सूजी खाने के फायदे -Sugar me Suji kha sakte hai

Reviewed By Dietitian Dt. SEEMA GOEL (Senior Dietitian, 25 Years of Experience) जनवरी 23, 2024

सूजी भारतीय व्यंजन में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। सूजी का उपयोग नाश्ते से लेकर मिठाई बनाने तक में व्यापक रूप से किया जाता है। भारत में इसकी लोकप्रियता न केवल व्यंजन बनाने में बल्कि हर साल पर्याप्त मात्रा में इसके प्रोडक्शन (उत्पादन) होने से भी पता चलता है। भारत में वित्तीय वर्ष 2020 में करीब 268 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन किया गया।

मैदा जिसमें कुछ हाई-कार्बोहाइड्रेट, हाई-ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कम फाइबर पाया जाता है उसकी जगह पर सूजी का उपयोग किया जा सकता है। अब बात आती है की क्या शुगर में सूजी खा सकते हैं (sugar me suji kha sakte hai)।

तो सूजी विशेष रूप से शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाता है। इस ब्लॉग में हम इसी बारे में बात करेंगें की क्या शुगर में सूजी खा सकते हैं? (kya sugar me suji kha sakte hai?)

Table of Contents

भारतीय भोजन में सूजी की भूमिका 

सूजी एक प्रमुख व्यंजन है जो हर भारतीय रसोईघर में आसानी से मिल जाती है। इसका उपयोग उपमा, हलवा, इडली और अन्य व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है। भारत गेहूं का एक प्रमुख उत्पादक देश है जो सूजी के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। देश में सूजी के वार्षिक उत्पादन से इसकी खपत और महत्व का पता चलता है। शुगर के मरीजों को हमेशा अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन के प्रति सावधान रहने की जरूरत होती है इसलिए सूजी इस काम में उनकी मदद कर सकता है। परंपरागत रूप से जो व्यंजन मैदा से बनाए जाते हैं उन्हें हम सूजी की सहायता से बना सकते हैं और अपने ब्लड शुगर लेवल से बिना कोई समझौता किए हुए अच्छे व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

सूजी शुगर के लिए अच्छा है और शुगर में सूजी खा सकते हैं। (sugar me suji kha sakte hai) यह कार्बोहाइड्रेट का अच्छा सोर्स है और ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है इसलिए इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो इसे मैदा से बेहतर विकल्प बनाता है। पोर्शन साइज को ध्यान में रखते हुए सूजी का सेवन हेल्दी तरीके से किया जा सकता है।

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सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई सूचकांक) – Suji ka Glycemic Index

ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि किसी भी चीज को खाने पर वह कितनी तेजी से हमारे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है लगभग 66 जिस कारण यह ब्लड में ग्लूकोज को तेजी से नहीं बढ़ाता है। सूजी का जीआई इंडेक्स कम होता है इसलिए यह शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है।

जीआई किसी भोजन में कार्बोहाइड्रेट की गुणवत्ता बताता है, जबकि ग्लाइसेमिक लोड सेवन किए गए कार्बोहाइड्रेट की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को ध्यान में रखता है। ग्लाइसेमिक लोड जानने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कार्बोहाइड्रेट की मात्रा से गुणा करते हैं और फिर प्राप्त परिणाम को 100 से विभाजित करते हैं तब हमें ग्लाइसेमिक लोड प्राप्त होता है। सूजी का ग्लाइसेमिक लोड 14.7 है, जो मॉडरेट रेंज के भीतर आता है। 10 से नीचे के ग्लाइसेमिक लोड को कम माना जाता है, 11-19 को मॉडरेट और 20 या उससे ऊपर को हाई रेंज माना जाता है।

आइए एक नजर डालते हैं सूजी के जीआई इंडेक्स और जीएल पर और अन्य चीजों से इसकी तुलना करते हैं:

सूजी के जीआई इंडेक्स और जीएल अन्य चीजों तुलना में
फूड ग्लाइसेमिक इंडेक्स ग्लाइसेमिक लोड
सूजी 66 14.7
ब्राउन राइस 50 16
व्हाइट ब्रेड 70 10
क्विनोआ 53 13

सूजी मॉडरेट लेवल में आता है। एक बढ़िया डाइट प्लान और सावधानीपूर्वक सेवन से ब्लड शुगर लेवल को सही रखने में सूजी आपकी मदद कर सकता है।

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सूजी का न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल – Suji ka Nutritional Profile

सूजी में भरपूर न्यूट्रिशन प्रोफाइल होता है, जिसमें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है।

सूजी में पाए जाने वाले मैक्रोन्यूट्रिएंट्स

कैलोरी: 374

सूजी ऊर्जा का काफी अच्छा सोर्स है, सूजी में 374 कैलोरी मिलती है। यह शुगर के मरीजों के लिए उनके पोषण के साथ-साथ कैलोरी सेवन के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।

कार्बोहाइड्रेट: फाइबर-2 ग्राम, चीनी(शुगर)- 0 ग्राम

सूजी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 81 ग्राम है जिसमें 2 ग्राम फाइबर है। सूजी में चीनी की मात्रा न के बराबर होती है जो इसे शुगर के मरीजों के लिए उनके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।

फैट: 1.03 ग्राम

सूजी में 1.03 ग्राम फैट पाया जाता है जो की काफी कम है और शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। सूजी हार्ट के लिए काफी फायदेमंद है।

प्रोटीन: 7.51 ग्राम

सूजी प्रोटीन का अच्छा सोर्स है जो मांसपेशियों के निर्माण और शरीर के कामकाज के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। अपने डाइट में प्रोटीन शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मदद मिल सकती है।

पानी: 9.86 ग्राम

सूजी पानी का अच्छा सोर्स नहीं है लेकिन जिस तरह से इसका उपयोग किया जाता है उस कारण इससे बनने वाले व्यंजनों में पानी की मात्रा आ जाती है।

और पढ़े : शुगर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

सूजी में पाए जाने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट (सूक्ष्म पोषक तत्व)

सूजी में अच्छी मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट पाए जाते हैं जिनमें से प्रत्येक आपके स्वास्थ्य को सही बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये आपकी हड्डियों के लिए, इम्युनिटी के लिए बहुत जरूरी होते हैं।

सूजी में पाए जाने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट
न्यूट्रिएंट मात्रा
कॉपर 0.284 मिग्रा
कैल्शियम 71 मि.ग्रा
मैंगनीज 1.035 मि.ग्रा
मैग्नीशियम 27 मि.ग्रा
सेलेनियम 19.9 मि.ग्रा
फास्फोरस 153 मि.ग्रा
जिंक 1.02 मि.ग्रा
पोटैशियम 174 मि.ग्रा
आयरन 0.74 मि.ग्रा
सोडियम 2 मि.ग्रा

शुगर के लिए सूजी के फायदे – Suji khane ke Fayde

शुगर के लिए सूजी के फायदे - Suji khane ke Fayde

शुगर-फ्रैंडली डाइट में सूजी को शामिल करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:

1- हार्ट के लिए फायदेमंद:

दिल(हार्ट) के लिए सूजी बहुत फायदेमंद है। सूजी में मौजूद फाइबर एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है और हार्ट से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम करता है। शुगर के मरीजों के लिए हार्ट को स्वस्थ रखना और भी जरूरी हो जाता है।

2- भरपूर आयरन:

सूजी आयरन का एक बड़ा सोर्स है। यह ब्लड फ्लो को सही रखता है, इम्युनिटी सिस्टम कोंसाही रखता है और शरीर में ऑक्सीजन लेवल सही रखता है। ये सूजी के फायदे (suji ke fayde) शुगर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी हैं।

3- पाचन सही रखना:

सूजी में मौजूद फाइबर शुगर के लिए काफी अच्छा है और पाचन सही रखने के लिए भी काफी फायदेमंद है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं और इम्युनिटी से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज और अपच को कम करने में मदद करता है।

4- ग्लूकोज लेवल सही रखना:

शुगर के मरीजों के लिए ग्लूकोज लेवल को सही रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। सूजी ब्लड में कम ग्लूकोज बनाता है जिससे यह शुगर के मरीजों के लिए उनके ब्लड ग्लूकोज लेवल को सही रखने में काफी मदद कर सकता है।

5- मैग्नीशियम:

सूजी में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड शुगर लेवल को सही बनाए रखने में मदद करता है। यह शुगर के मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।

6- वजन पर कंट्रोल:

शुगर के मरीजों के लिए वजन सही बनाए रखना काफी जरूरी है और सूजी अनावश्यक रूप से खाने की इच्छा कम करके आपकी मदद कर सकता है।

और पढ़े : शुगर में कौन सी सब्जियां खानी चाहिए ?

शुगर-फ्रैंडली डाइट के लिए सूजी से बनने वाले कुछ हेल्दी व्यंजन 

हम भारतीय अपने खाने या नाश्ते में भरपूर कैलोरी का इस्तेमाल करते हैं लेकिन शुगर के मरीजों के लिए इसे बदलने की जरूरत होती है। कुछ बदलाव करके हम खाने या नाश्ते को हेल्दी, स्वादिष्ट और शुगर-फ्रैंडली बना सकते हैं। जैसा कि इस ब्लॉग के शुरुआत में हमने बात की शुगर के लिए सूजी के फायदे (suji ke fayde) की। शुगर के लिए सूजी काफी अच्छा है और इसका उपयोग चावल और मैदा की जगह किया जा सकता है। यहां नीचे कुछ ऐसे भारतीय व्यंजनों के बारे में बताया गया है जिसे आप सूजी से बना सकते हैं:

शुगर-फ्रैंडली डाइट के लिए सूजी से बनने वाले कुछ हेल्दी व्यंजन
व्यंजन सामग्री और निर्देश
सूजी का हलवा सूजी को घी में सुनहरा होने तक भून लें।
अब इसमें कटे हुए नट्स मिलाएं और चीनी की जगह स्टीविया मिलाएं।
मॉइश्चर(नमी) बनाए रखने के लिए लो-फैट वाले दूध या पानी का इस्तेमाल करें।
सूजी का पैनकेक सूजी, दही और अंडे को मिलाकर पैनकेक बनाएं।
हेल्दी और स्वादिष्ट बनाने के लिए नट्स और सीड्स का इस्तेमाल करें।
टॉपिंग के लिए शुगर-फ्री सिरप या बेरीज का प्रयोग करें।
सूजी का ढोकला सूजी में दही मिलाएं और फर्मेंट (खमीर) होने तक इंतजार करें।
इस मिश्रण को तब तक भाप में पकाएं जब तक यह अच्छे से जम कर केक जैसा न बन जाए।
स्वाद बढ़ाने के लिए राई, करी पत्ता और हरी मिर्च का तड़का लगाएं।
सूजी की पूरी सूजी में चुटकी भर नमक मिलाकर पानी से इसका आटा गूंथ लें।
छोटी-छोटी पूरियां बेलें और गोल्डन ब्राउन होने तक डीप फ्राई करें। और ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए एयरफ्रायर का उपयोग कर सकते हैं।
सूजी का पास्ता इसे सूजी पास्ता के पैकेट में बताए गए तरीके से बनाएं।
इसमें आप कई तरह की सब्जियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं और टमाटर सॉस का भी उपयोग कर सकते हैं।
फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए साबुत गेहूं या मल्टीग्रेन सूजी पास्ता का इस्तेमाल करें।
सूजी का केक (शुगर-फ्री) सूजी में बेकिंग पाउडर, दही मिलाएं। शुगर-फ्री बनाने के लिए इसमें चीनी की जगह स्टीविया मिलाएं।
स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नट्स या ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
टूथपिक साफ तरीके से निकलने तक बेक करें।

इन आसान उपायों के साथ आप इन भारतीय व्यंजनों को शुगर-फ्रेंडली तरीके से बना सकते हैं। तीखे सूजी ढोकला से लेकर कुरकुरा सूजी डोसा और सूजी केक तक। आप इन सभी व्यंजन का बिना किसी स्वास्थ्य समझौते के आनंद ले सकते हैं।

सूजी स्पेशल उपमा: उपमा भारत में काफी लोकप्रिय नाश्ता है। यह सुबह के लिए काफी अच्छा नाश्ता है। सूजी का उपमा शुगर के लिए अच्छा है क्योंकि सूजी की खूबियों के साथ-साथ उपमा में बहुत सारी सब्जियों का इस्तेमाल होता है, जिन्हें हम किसी न किसी कारण से अपने नाश्ते में आसानी से शामिल नहीं कर पाते। 

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ज्यादा सेवन से सूजी के नुकसान – Suji khane ke Nuksan

यदि सूजी से बने खाने का स्वाद लेना है तो सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। सूजी से बहुत सारे व्यंजन बनाए जाते हैं लेकिन ज्यादा सेवन किया जाए तो सूजी के नुकसान (suji ke nuksan) भी हैं।

1- ग्लूटेन:

सूजी में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन पाया जाता है लेकिन गेहूं के आटे में पाए जाने वाले ग्लूटेन से कम होता है। फिर भी सूजी में इतना ग्लूटेन पाया जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को एलर्जी है तो उसके लिए हानिकारक हो सकता है। सूजी के ज्यादा सेवन से सूजी के नुकसान (suji ke nuksan) हो सकते हैं जैसे- एलर्जी, कब्ज, पेट दर्द और सूजन आदि।

2- सीलिएक रोग से जुड़ी समस्याएं:

सीलिएक रोग ग्लूटेन के सेवन से होने वाला एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिन लोगों को इस रोग की शिकायत है उन्हें सूजी खाने से बचना चाहिए। सीलिएक रोग लगभग 1% की आबादी को प्रभावित करता है और ऐसे में सूजी खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सूजी के नुकसान (suji ke nuksan) में, छोटी आंत को नुकसान, पोषक तत्वों का सही तरीके से पाचन न होना शामिल हो सकता है।

3- ग्लूटेन सेंसटिविटी:

नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसटिविटी (एनसीजीएस) या ग्लूटेन सेंसटिविटी एक ऐसी समस्या है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। यह रोग 0.5-13% की आबादी को प्रभावित करता है। इस रोग से बीमार लोगों को ऐसी चीजों से बचना चाहिए जिसमे ग्लूटेन पाया जाता है। इसमें केवल गेहूं और मैदा ही नहीं बल्कि सूजी भी शामिल है। सूजी के ज्यादा सेवन से नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसटिविटी वाले व्यक्तियों में पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

सावधानी से काम करें और यदि आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है तो सही गाइडेंस के लिए अपने हेल्थ केयर एक्सपर्ट या डाइट एक्सपर्ट से सलाह लें।

निष्कर्ष

अगर सूजी खाने की मात्रा का ध्यान रखा जाए और हेल्दी तरीके से डाइट में इसका इस्तेमाल किया जाए तो सूजी शुगर मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा हो सकता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण सूजी रिफाइंड आटे की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। शुगर के मरीजों को अपने पोर्शन साइज और कुल कार्बोहाइड्रेट सेवन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। शुगर के मरीज अपने डाइट में सूजी को सावधानीपूर्वक शामिल कर सकते हैं और इससे बनने वाले व्यंजनो का आनंद ले सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूजी और शुगर के बीच क्या संबंध है?

शुगर में सूजी के फायदे (suji ke fayde) की बात करें तो यह एक कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन है लेकिन ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) कम होने के कारण इसे आटा और मैदा से अच्छा माना जाता है।

शुगर के लिए सूजी किस प्रकार अच्छी है?

सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) मॉडरेट लेवल का होता है और इसमें जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं इस कारण सूजी को शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को अचानक तेजी से बढ़ने से रोकता है।

सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान क्या होता है?

सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से 69 के बीच होता है। जो मॉडरेट लेवल का होता है न ज्यादा न कम। हाई-जीआई लेवल की अपेक्षा मॉडरेट जीआई लेवल ब्लड शुगर लेवल को कम प्रभावित करता है।

शुगर के मरीजों के लिए सूजी के फायदे (suji ke fayde) क्या हैं?

शुगर के मरीज सूजी को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं, लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सूजी के फायदे की बात करें तो सूजी से ऊर्जा, फाइबर और जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।

क्या शुगर में सूजी खा सकते हैं? (kya sugar me suji kha sakte hai)

हां, sugar me suji kha sakte hai लेकिन इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने के लिए सूजी को और चीजों के साथ मिलाकर बनाने से इसका ग्लाइसेमिक लोड कम हो जाता है।

शुगर के मरीजों के लिए सूजी से बनने वाले व्यंजन कौन से है?

ऐसे कई शुगर-फ्रैंडली व्यंजन हैं जो सूजी से बनते हैं। जैसे सब्जी वाला उपमा, सूजी ढोकला, या सूजी दलिया।Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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