क्या शुगर में घी खा सकते हैं? Sugar Me Ghee Kha Sakte Hain

Reviewed by Dietitian: Dt. SEEMA GOEL (Senior Dietitian) नवम्बर 8, 2023

शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है तो वह है डाइट, खासकर बदलते खान-पान के परिवेश में डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट के प्रति बेहद सतर्क रहने की जरूरत होती है। उन्हें अपने खाने वाली हर चीज से होने वाले लाभ और नुकसान के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके पीछे का कारण है, डाइट का ब्लड शुगर के लेवल पर बहुत प्रभाव पड़ना। उदाहरण के लिए, ‘खाना पकाने के हेल्दी तेल’ जो आमतौर पर अच्छे स्वास्थ का वादा करते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि ऐसे तेल फायदे के बजाय हमारे स्वास्थ्य का नुकसान अधिक कर रहे हैं।

बहरहाल जब बात खाने के तेलों की होती है, तो घी का जिक्र जरूरत होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या घी डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा होता है? भले ही घी में फैट की प्रचुर मात्रा होती है, फिर भी यह कई हेल्थ एक्सपर्ट की लिस्ट में घी टॉप पर होता है। परंपरागत रूप से देखा जाए तो घी का उपयोग महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते, लंबे समय से औषधीय लाभ के रूप में किया जाता रहा है। ये डायबिटीज के मरीज के ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

डायबिटीज के मरीजों के लिए घी एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ क्यों है? घी खाने से शुगर के मरीजों को क्या लाभ मिलता है? आइए इस ब्लॉग में घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब जानें।

कई न्यूट्रिएंट्स के अनुसार, “घी डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक दवा है”। जिसके पीछे का कारण बताते हैं कि घी में फैटी एसिड होते हैं, जो हाई ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर और मेटाबॉलिज़म को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा अगर चावल में घी को मिलाकर करके खाया जाए, तो डायबिटीज वाले लोगों के लिए चावल से मिलने वाले ग्लूकोज को कुशलतापूर्वक पचाना आसान हो जाता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि आप वैदिक घी का उपयोग कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए लोगों को देसी गिर गायों के दूध का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गिर गायों के दूध से बने घी से कई स्वास्थ लाभ मिल सकते हैं। 

Table of Contents

घी में मौजूद पोषक तत्व 

नीचे दिए गए टेबल में 14 ग्राम घी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों और उनकी मात्रा के बारे में बताया गया है:

घी में मौजूद पोषक तत्व

Nutritional Value of Ghee घी की न्यूट्रिशनल वैल्यू

न्यूट्रिएंट्स (14 ग्राम घी में) Its Amount इसकी राशि
कैलोरी 110
फैट 13 ग्राम
सेचुरेटेड फैट 8 ग्राम
मोनोअनसैचुरेटेड फैट 4 ग्राम
पॉलीअनसैचुरेटेड फैट 1 ग्राम
कार्ब्स और प्रोटीन कम
विटामिन A आरडीआई का 12%
विटामिन E आरडीआई का 2%

घी में सभी कैलोरी उसमें मौजूद फैट से प्राप्त होती हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि घी में कार्ब्स बेहद न के बराबर होते हैं। इसका मतलब है कि घी के सेवन से ग्लूकोज का लेवल प्रभावित नहीं होगा। इसीलिए लोग सुरक्षित रूप से अपनी डायबिटीज डाइट में घी को शामिल कर सकते हैं।

क्या घी डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी है?

भले ही घी एक फैटयुक्त और तैलीय रसोई सामग्री है लेकिन यह एक हेल्दी व्यक्ति के शरीर के लिए कई मायनों में अद्भुत रूप से लाभकारी है। लोगों को अपनी डायबिटीज डाइट प्लान में घी को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा घी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, और यह नियमित सेवन के लिए सुरक्षित माना जाता है।

घी में व्यक्ति के ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं। खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले फैट में घी सबसे टॉप पर है। घी मध्यम रूप से एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसे बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा प्रोसेस की जरूरत नहीं होती है।

घी से मिलने स्वास्थ्य लाभ

घी ट्रांस-फैट से मुक्त होतो है। हालांकि घी से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोसेस्ड तरीकों में घी अत्यधिक इस्तेमाल होता है, जिसके चलते वे प्रोडक्ट्स डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छे नहीं होते हैं। हालांकि यह कोई चिंता की बात नहीं है, क्योंकि घी अपने अन्य गुणों के चलते डायबिटीज के मरीजों को कई अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

घी में मौजूद फैटी एसिड शरीर के कार्यों और अंगों के लिए अच्छे होते हैं। साथ ही यह ब्लड शुगर के लेवल को कम रखने में भी मदद करता है। घी में मौजूद फैटी एसिड मेटाबॉलिज़म में सुधार करते हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि घी में मौजूद फैट हानिकारक नहीं होते हैं, क्योंकि इसमें हाई ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने वाले गुण होते हैं।

इसके अलावा लोग इस हेल्दी फैट को अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। जिससे भोजन अधिक प्रभावी और पचाने में आसान हो जाता है। इन गुणों के चलते हम कह सकते हैं कि किसी भी डायबिटीज के मरीज की डाइट में घी को जोड़ना एक अच्छा ऑप्शन होता है।

सारांश

अन्य हाई ग्लासेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में घी शामिल करने से उनके जीआई वैल्यू को कम करने में मदद मिलती है। लोग उन वस्तुओं पर घी लगा सकते हैं या उन्हें परांठे, चावल, डोसा और दाल में मिला कर खा सकते हैं। यह उन खाद्य पदार्थों की जीआई वैल्यू को कम करने में मदद करता है और उन्हें डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।

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अपनी रोज की डाइट में घी शामिल करने के फायदे

घी से मिलने स्वास्थ्य लाभ

घी भी मक्खन का एक बेहतर विकल्प है, इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने में किया जा सकता है। साथ ही घी में मौजूद गुण और पोषक तत्व इसे मक्खन से भी बेहतर बनाता है।

फैट का स्रोत

मक्खन या देसी घी हेल्दी फैट का एक समृद्ध स्रोत है। यह व्यक्ति द्वारा खाए गए भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और अच्छी तरीके से डायबिटीज की देखभाल होती है। इसके अलावा इसमें कार्ब की मात्रा बहुत कम होती है, और डायबिटीज-फ्रेंडली डाइट के लिए कार्ब्स का सुझाव नहीं दिया जाता है। जिसके चलते घी एक बेहतरीन ऑप्शन के रूप में कार्य करता है, जो हमें पर्याप्त रूप से अन्य हेल्दी पोषक तत्व प्रदान करता है।

पाचन को बेहतर करने में मददगार

घी हमारे आंत के हेल्थ के लिए भी लाभकारी माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी डाइट में सही मात्रा में घी शामिल करता है, तो उसे कब्ज जैसी समस्या नहीं होती हैं। अन्य खाद्य पदार्थों में घी मिलाने से पाचन में सुधार होता है। उदाहरण के लिए, चावल में घी मिलाने से इसे पचाना आसान हो जाता है। यह विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखना

घी में लिनोलिक एसिड की मौजूदगी हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना को कम करने में मददगार होती है। क्योंकि हृदय संबंधी समस्याएं डायबिटीज की सबसे आम जटिल समस्याओं में से एक हैं। यहीं पर घी का सेवन आंत हार्मोन (जीएलपी-1) के कामकाज में सुधार करने में मदद करता है।

बेहतर जीएलपी-1 कार्यप्रणाली का एक अन्य लाभ यह है कि यह कार्ब अवशोषण में देरी करने में मदद करता है। जिससे ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। इन्हीं गुणों के चलते घी को शुगर के मरीजों के लिए बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।

इंसुलिन के लेवल में सुधार

सही मात्रा में घी लेने से शरीर में जमा फैट पिघल जाता है। वहीं इस प्रक्रिया में इंसुलिन बेहतर रूप में रिलीज होता है, जिसके चलते डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद मिलती है।

विटामिन K का समृद्ध स्रोत

घी विटामिन K और अन्य एंटीऑक्सीडेंट का भी एक समृद्ध स्रोत है जो इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कार्य करता है। डायबिटीज के मरीजों में आमतौर पर इम्यून सिस्टम कमजोर होती है। विटामिन K, फैटी एसिड के साथ मिलकर, भोजन को बेहतर रूप में अवशोषित करते हैं। इन्हीं गुणों के चलते घी बेहतर मेटाबॉलिज़म को बढ़ावा देता है और ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करता है।

बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करना

ऑर्गेनिक घी बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है। वाइट ब्रेड, चावल और परांठे जैसे हाई कार्ब वाले खाद्य पदार्थों में घी शामिल करने से उनके जीआई वैल्यू को कम करने में मदद मिल सकती है और डायबिटीज के मरीजों को फायदा हो सकता है।

सारांश

घी या क्लैरिफाइड मक्खन एक बेहतरीन फूड प्रोडक्ट है। इसमें प्रचुर मात्रा में औषधीय गुण पाए जाते हैं। यही कारण है कि घी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत अच्छे तरीके से काम करता है। जिससे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।

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घी से मिलने वाले कुछ असाधारण स्वास्थ्य लाभ

घी से मिलने वाले कुछ असाधारण स्वास्थ्य लाभ

शुगर के मरीजों के स्वास्थ्य लाभों के अलावा, घी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए भी फायदेमंद है। नीचे कुछ घी से मिलने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बताए गए हैं, जिसे कोई भी व्यक्ति घी के नियमित सेवन से प्राप्त कर सकता है:

इम्यूनिटी सिस्टम को सपोर्ट

घी हमारे शरीर को बेहतर इम्यून सिस्टम प्रदान करता है। घी के सेवन से पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर तरीके से बढ़ावा मिलता है। जिससे किसी भी व्यक्ति के शरीर की संपूर्ण पोषक तत्व सामग्री को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

एंटीऑक्सीडेंट

साथ ही घी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। बीटा-कैरोटीन और ब्यूटायरेट घी में मौजूद कुछ एंटीऑक्सीडेंट हैं। जो किसी व्यक्ति के शरीर पर बुरे प्रभावों से बचने में मदद करते हैं और कई पुरानी समस्याओं को रोकते हैं।

वजन को कंट्रोल में रखना

घी का नियमित और उचित रूप से सेवन करने शरीर के एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद मिलती है। बहुत अधिक वजन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। वजन कम और कंट्रोल करने में घी एक उपयोगी खाद्य पदार्थ हो सकता है।

पाचन प्रक्रिया के लिए मददगार

घी हमारे शरीर के पाचन प्रक्रिया में सुधार और बढ़ावा देता है। इसके सेवन से पाचन सरल हो जाता है और पाचन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही घी कब्ज, अपच आदि जैसी आंत संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करना

प्रीडायबिटीज या डायबिटीज से पीड़ित लोगों को घी खाने से उनके शरीर के लिए जरूरी विटामिन मिलता है। घी में विटामिन A, E, D, K और बीटा-कैरोटीन जैसे कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं। ये शरीर के कई कार्यों के लिए सकारात्मक रूप से प्रभावी पाए गए हैं।

हार्ट को हेल्दी बनाए रखना

घी में लिनोलिक एसिड होता है जो हार्ट से जुड़ी समस्याओं से लड़ने में बहुत अच्छे तरीके से काम करता है। अक्सर डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों की संभावना को कम करने के लिए घी एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ हो सकता है। इसके अलावा घी हार्ट फेल, हार्ट अटैक, ब्लॉकेज और स्ट्रोक की सेंसिटिविटी को कम करने में मदद करता है। घी में मौजूद ओमेगा-3 फैट इन समस्याओं को कंट्रोल करने में सहायता करता है।

घी में मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी होता हैं, जो हार्ट की बीमारियों से दूर रखने और उसे स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करते हैं। साथ ही घी के अच्छे और कार्बनिक रूप कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम रखने में मदद करते हैं। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को दूर रखकर हार्ट को हेल्दी बनाए रखते हैं। हालांकि इन लाभों को पाने के लिए हेल्थ कोच से सलाह लेना बेहद जरूरी होता है।

एंटी कैंसर के रूप में काम करना

घी में लिनोलिक एसिड भी होता है, जो कैंसर पैदा करने वाली जड़ों को रोकने और कंट्रोल करने के लिए पाया जाता है। घी शक्तिशाली एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर होता है। इसके अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर में एंटी-कैंसर एजेंट के रूप में काम करते हैं।

बाल और स्किन के लिए लाभकारी

घी हमारी स्किन और बालों के लिए भी एक प्रभावी पोषक तत्व प्रदान करता है। घी में प्रचुर मात्रा में फैट होता है, जो मॉइस्चराइजिंग एजेंट के रूप में काम करता है। घी हमारे मस्तिष्क के ऊपरी भाग और स्किन को हाइड्रेट रखने में जरूरी पोषण भी प्रदान करते हैं।

सारांश

घी किसी व्यक्ति के ओवरऑल डायबिटीज लाइफस्टाइल में अनगिनत लाभ लेकर आता है। ग्लूकोज के लेवल को मैनेज करने और कम करने के अलावा, यह हार्ट को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। कोई भी व्यक्ति अपनी पोषक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों में ऑर्गेनिक घी मिलाकर सेवन कर सकते हैं। फिर भी किसी के स्वास्थ्य के अनुसार घी का सेवन सीमित मात्रा में करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि किसी भी चीज की अधिकता हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसीलिए घी का बहुत अधिक सेवन करना सख्त रूप से मनाही है।

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शुगर के मरीजों के लिए घी की डेली लिमिट

घी चाहे कितना भी फायदेमंद क्यों न हो, लोगों को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए। एक महीने के घी के सेवन के लिए सुरक्षित कुल मात्रा लगभग 500 ग्राम प्रति माह होती है। अपनी डाइट में घी को जोड़ने से पहले सुनिश्चित करें कि घी की सुझाई गई मात्रा से अधिक न हो।

इसका मतलब यह है कि शुगर वाले लोगों के लिए घी की डेली लिमिट एक या दो चम्मच है। अधिकता होने पर यह ग्लूकोज के लेवल के लिए बुरा तो नहीं हो सकता है, लेकिन यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी प्रभावित कर सकता है।

शुगर के मरीज कैसे सुरक्षित रूप से घी खा सकते हैं? 

वैसे देखा जाए तो घी डायबिटीज वाले लोगों के लिए कई मायनों में सुरक्षित है, फिर भी शुगर के मरीजों को घी के सेवन से पहले कुछ बातों को ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। ये जरूरी बाते हैं:

  1. घी किसी व्यक्ति के शरीर के वजन पर काफी प्रभाव डाल सकता है। यदि कंट्रोल न किया जाए, तो धीरे-धीरे फैट के रूप में जमा होता है और वजना बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीजों को इसका ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उन्हें अपने शरीर के वजन को हेल्दी बनाए रखने और मैनेज करने के लिए अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है।
  2. बाजार से घी खरीदते समय देसी घी ही खरीदें। देसी घी अधिकतम लाभ के साथ आते हैं और न के बराबर हानिकारक होते हैं। प्राकृतिक घास खाने वाली गाय के दूध से बने घी में अचूक फायदे मौजूद होते हैं।
  3. दुकानों से घी खरीदने के बजाय, लोग इसे अपनी रसोई में भी तैयार कर सकते हैं। यह बहुत बेहतर, स्वास्थ्यप्रद और व्यावसायिक घी में मौजूद किसी भी संरक्षक या रसायन से मुक्त है।
  4. डाइट में घी को रोजाना शामिल करते समय उस व्यक्ति को भोजन लेने से पहले और बाद में ब्लड शुगर लेवल की जांच करने की सलाह दी जाती है। हालांकि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अपनी डाइट में घी को शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद माना जाता है।

सारांश

ऊपर घी को लेकर बताए गए गुणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि, क्या डायबिटीज के मरीज घी खा सकते हैं? तो इसका सटीक जवाब है, बिल्कुल हां!! डायबिटीज के मरीजों के लिए घी एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। हालांकि इसका सेवन करते समय लोगों को याद रखना चाहिए कि संयम महत्वपूर्ण होता है। घी का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि घी घर का ही बना हो और दुकान से न खरीदा गया हो। घी का सेवन करने से पहले किसी डायबिटीज एक्सपर्ट से सलाह लें, ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके। एक निश्चित मात्रा में घी का रोजाना सेवन करना शुगर के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

घी खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

सुबह-सुबह खाली पेट एक चम्मच घी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

एक दिन में कितनी मात्रा में घी खा सकते हैं?

अच्छा हेल्थ पाने के लिए औसतन तीन से छह चम्मच घी खाने की सलाह दी जाती है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि संभव हो तो वे घर पर बने हुए गाय के दूध से घी लें।

घी के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

घी से होने वाले साइड इफेक्ट दस्त, अपच आदि हो सकते हैं। अधिक वजन वाले व्यक्तियों को घी से बचना चाहिए। पीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को इसे नहीं खाना चाहिए। साथ ही हार्ट संबंधी समस्या से पीड़ित व्यक्ति को घी का सेवन किसी भी हाल में नहीं करना चाहिए।

शुगर वाले लोगों के लिए कौन सा घी सबसे अच्छा है?

औसत से अधिक हिटिंग पॉइंट पर देसी गाय के दूध से बना हुआ घी, सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को संरक्षित रखता है। इससे यह मालूम चलता है कि शुगर वाले व्यक्तियों के शरीर को ओमेगा-3 फैट और विटामिन A के अधिकांश लाभ प्राप्त होते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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