क्या डायबिटीज में छाछ /मठ्ठा पी सकते है?

Last updated on जून 30th, 2023

गर्मियों के मौसम में अगर छाछ को अमृत कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा। भारत के हर घर में छाछ या मठ्ठा के स्वास्थ्य लाभ और स्वाद के कारण इसे खाने के साथ शामिल करना आम बात है। छाछ में कई पोषक तत्व होते हैं जो आपके शरीर के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होते हैं। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है की क्या डायबिटीज़ में छाछ या मट्ठा पी सकते हैं। आइए इस सवाल का जवाब इस ब्लॉग में जानते हैं।

भारत में लोग अनेक स्वास्थ्य लाभों के कारण हज़ारों वर्षों से छाछ को अपनी हेल्दी डाइट में शामिल करते आ रहे हैं। यह एक लो फैट पेय है जो फर्मेन्टड दूध से बने मक्खन को स्किम करने के बाद प्राप्त होता है। तासीर में ठंडी छाछ पेट की कई समस्याओं में राहत देती है। कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर छाछ रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करती है और आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है। छाछ की सबसे अच्छी बात इसका लो-फैट या कम वसा होना है  जो वज़न कम करने की चाह रखने वाले लोगों के लिए एक बेस्ट ड्रिंक ऑप्शन है।

छाछ दही को पानी में घोलकर मथने से बनती है। दही का प्रकार, पानी की मात्रा और उसमें मक्खन का अनुपात उसके स्वाद और गुणों को बदल सकता है। इस वजह से छाछ या मठ्ठा कई रूपों में प्राप्त होती है:

फुल क्रीम छाछ: इस तरह की छाछ फुल क्रीम दही से निकाली जाती है जिसे बिना पानी के मथा जाता है।

नो क्रीम छाछ: इसके लिए स्किम्ड मिल्क दही का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बिना पानी मिला कर मथा जाता है।

छाछ: इस प्रकार की छाछ दही को पानी से 100:25 के अनुपात में मथ कर प्राप्त की जाती है और यह सबसे आम छाछ बनाने की विधि है।

आधा पानी छाछ: जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसे मथने की प्रक्रिया के लिए 100 मिली दही और 50 मिली पानी की आवश्यकता होती है जिससे हमें आधा पानी छाछ मिलती है।

वसा रहित छाछ (Fat-free Buttermilk): इस प्रकार की छाछ मथ कर दही में से पूरा मक्खन निकाल लेने पर प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया के दौरान पानी वाले बचे हुए हिस्से में कोई मक्खन नहीं बचता है।

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छाछ/मठ्ठा का पोषण मूल्य

छाछ में मौजूदा पोषक तत्व

कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी12 के गुणों से भरपूर, छाछ कम कैलोरी और फैट के साथ सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर पेय है। छाछ में मौजूद राइबोफ्लेविन आपके शरीर के ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक है।

नीचे दी गई टेबल एक कप छाछ में मौजूद कई पोषक तत्वों और उनकी मात्रा को दर्शाती है:

छाछ का पोषण मूल्य
पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 110 kcal
फैट 3 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 13 ग्राम
फाइबर 1 ग्राम से कम
प्रोटीन 9 ग्राम
शुगर 12 ग्राम

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छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 है जो इसे डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए सुरक्षित पेय में से एक बनाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह निर्धारित करता है कि कोई भोजन डायबिटिक व्यक्ति के लिए स्वस्थ है या नहीं। यह बताता है कि किसी खाने में मौजूद कार्ब कितना शुगर लेवल बढ़ाता है।

जीआई मान के आधार पर, खाद्य पदार्थों को 0 से 100 के बीच रैंक किया जा सकता है, जहां 1 से 55 के अंतर्गत आने वाले खाद्य पदार्थों को निम्न जीआई खाद्य पदार्थ माना जाता है, 56 से 69 मध्यम जीआई जबकि 70 और इससे ऊपर को उच्च जीआई खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

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छाछ व डायबिटीज़

छाछ पोषक तत्वों, खनिज, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर सुपरफूड है। यह दूध व दही से बना फर्मेन्टड पेय है जिसमें सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित लैक्टिक एसिड होता है, जो इसे हाई न्यूट्रीशन देता है।

छाछ कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है, जिसमें कैंसर रोधी गुण, शरीर को डीटॉक्स करना, आंत के स्वास्थ्य में सुधार, मुँहासे के निशान को ठीक करना, रूसी की रोकथाम, हृदय स्वास्थ्य और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, एंटीइंफ़्लेमेट्री गुण आदि शामिल है। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।

यदि आपको डायबिटीज़ है और आप एक हाइड्रेटिंग, कोलेस्ट्रॉल-फ्री पेय की तलाश कर रहे हैं, जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम है, तो छाछ के अलावा कोई बेहतर विकल्प नहीं है।

यह पौष्टिक पेय आपको कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है इसलिए इसे पीने से पहले हिचके नहीं और गर्मियों में इस ठंडी व ताज़गी से भरी ड्रिंक का आनंद लें।

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क्या मधुमेह  में छाछ या मठ्ठा पी सकते हैं?

क्या डायबिटीज़ में मठ्ठा पी सकते हैं

अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाने वाली छाछ टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों सहित सभी के लिए फायदेमंद है। इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे ब्लड शुगर के लिए सुरक्षित बनाता है और उनके लिए भी जो अपना वज़न कम करना चाहते हैं। भले ही यह सुपर ड्रिंक कैल्शियम, आयरन, जिंक और विटामिन ए, बी, डी और ई से भरपूर है, लेकिन इसके सेवन की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसका सेवन 150 मिलीलीटर से अधिक नहीं होना चाहिए।

इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए आपको भोजन से पहले या बाद में छाछ का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज़ रोगी इसे मिड-मील स्नैक के रूप में भी ले सकते हैं।

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डायबिटीज़ में छाछ के स्वास्थ्य लाभ 

डायबिटीज़ में छाछ के स्वास्थ्य लाभ

छाछ न सिर्फ सेहत के लिहाज़ से डायबिटीज़ के लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है बल्कि इसका स्वाद भी लाजवाब होता है। डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए छाछ के कई शानदार स्वास्थ्य लाभ है। आइए जानते हैं डायबिटीज़ में छाछ के फ़ायदे:

प्रोबायोटिक्स से भरपूर जो पाचन में सहायक है

एक अध्ययन से पता चला है कि फर्मेन्टड भोजन में प्रोबायोटिक्स की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। इसलिए छाछ में अत्यधिक प्रोबायोटिक्स होते हैं जो लाभकारी बैक्टीरिया हैं जो शरीर को विभिन्न तरीकों से मदद कर सकते हैं।

प्रोबायोटिक्स पाचन के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं, क्योंकि वे पाचन तंत्र से भोजन के गुज़रने को आसान बना देत हैं। इस प्रकार, डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए प्रोबायोटिक्स महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

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कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स

छाछ में 35 का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो इसे डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए एक आदर्श पेय बनाता है।

यह वसा और कैलोरी में कम है और इसमें मध्यम मात्रा में प्रोटीन होता है, जो इसे टाइप 1, 2 या गर्भावधि डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है।

इसके अलावा, इसका लो जीआई ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करता है। इसलिए, डायबिटीज वाले लोग बिना किसी चिंता के छाछ का सेवन कर सकते हैं।

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फैट-फ्री होने की वजह से वज़न घटाने में मदद करती है 

डायबिटीज़ वाले लोगों को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने की आवश्यकता होती है जो पचाने में आसान हों, वसा में कम हों, या वसा रहित हो। ऐसे में इन गुणों से भरपूर अगर कोई पेय है तो वो है छाछ। यह बिना मक्खन या वसा के कम कैलोरी वाली ड्रिंक है जो इसे डायबिटिक लोगों के लिए एकदम सही चॉइस बनाता है।

टाइप 2 डायबिटीज़ के प्रमुख कारणों में से एक है अधिक वज़न होना या मोटापा। मोटापा डायबिटीज़ से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे कार्डियोमेटाबोलिक परेशानियों का खतरा भी बढ़ा देता है। ऐसे में अपने वज़न को कम व नियंत्रित रखना बहुत ज़रूरी होता है जिससे डायबिटीज़ व अन्य दिल की बीमारियों से बचा जा सके।

वजन कम करने और/या डायबिटीज़ मेनेजमेंट की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए छाछ एक बढ़िया विकल्प हो सकती है जो कैलोरी और वसा दोनों में कम होती है। स्वस्थ संतुलित आहार के साथ इस पेय का सेवन वज़न को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।

पोटेशियम कोलेस्ट्रॉल को रेगुलेट करता है 

डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को हृदय रोग होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में स्वस्थ दिल को बनाए रखने के लिए उन्हें अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए और उच्च कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये पदार्थ हृदय वाहिकाओं को बंद कर सकते हैं, जिससे स्ट्रोक हो सकता है।

इससे बचने के लिए डायबिटिक लोगों को हाई पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। छाछ में पोटेशियम बहुत अच्छी मात्रा में होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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डीहाइड्रेशन से बचाती है 

डायबिटीज़ रोगियों को अधिकतर बार-बार पैशाब की समस्या रहती है। इसमें शरीर से ग्लूकोज और विषाक्त पदार्थ बाहर से निकल जाते हैं। इसे स्थिति को “स्वीट यूरीनेशन” भी बोला जाता है। ऐसे में यह डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा कर सकता है।

ऐसे में यह ज़रूरी है कि डायबिटीज़ वाले लोग हर समय पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहें। इसलिए, उन्हें छाछ जैसे तरल पदार्थ का सेवन करना महत्वपूर्ण है।

ऐसा इसलिए क्‍योंकि छाछ में मैग्‍नीशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्‍व होते हैं, जो उन्‍हें सक्रिय और हाइड्रेटेड रख सकते हैं।

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छाछ के अन्य स्वास्थ्य लाभ

छाछ के कई स्वास्थ्य लाभ है और इसी कारण आयुर्वेद में इसके ओषधीय गुणों को बहुत महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि “वह जो प्रतिदिन छाछ का उपयोग करता है, वह रोगों से पीड़ित नहीं होता है, और इसके द्वारा ठीक किए गए रोग दोबारा नहीं होते हैं।” जैसे अमृत देवताओं के लिए है, वैसे ही मनुष्यों के लिए छाछ है।

प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत, छाछ मज़बूत मांसपेशियों, त्वचा और हड्डियों को विकसित करने में मदद करता है। छाछ में मौजूद विटामिन ए आपकी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने और आपके गुर्दे, फेफड़े और हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

छाछ के प्रोबायोटिक गुण आपके समग्र आंत स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं और पाचन और मल त्याग में बहुत मदद करते हैं। इसके असंख्य स्वास्थ्य लाभों में छाछ के कुछ प्रमुख गुण हैं जो इसे एक सुपर ड्रिंक बनाते हैं:

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एसिडिटी दूर करे 

प्रोबायोटिक्स- अच्छे बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण छाछ का उपयोग अपने एंटी-एसिडिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है, जो पुरानी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स बीमारी का इलाज करने के लिए जाने जाते हैं। साथ ही यह कुछ दवाओं के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती हैं। रोजाना छाछ पीने से उन लोगों को मदद मिल सकती है जो अक्सर एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित होते हैं।

प्रत्येक भोजन के बाद अपने दैनिक आहार में छाछ को शामिल करने से पाचन में मदद मिल सकती है और एसिडिटी कम हो सकती है। इसको और प्रभावी बनाने के लिए आप कुछ सीज़निंग भी मिला सकते हैं, जैसे कि सोंठ या काली मिर्च।

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कब्ज दूर करे

छाछ आंत की बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। छाछ में पाए जाने वाले स्वस्थ बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए भी यह एक वरदान है। छाछ का दैनिक सेवन नियमित मल त्याग को बनाए रखने में मदद करता है और इसमें मौजूद हाई फाइबर इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का इलाज करता है।

छाछ में प्रोबायोटिक सूक्ष्मजीव न केवल पाचन में सहायता करते हैं बल्कि खराब बैक्टीरिया के विकास को भी रोकते हैं जो पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

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शरीर की गर्मी कम करती है

गर्मी के मौसम में तुरंत ऊर्जा पाने और तेज गर्मी से राहत पाने के लिए छाछ का बहुत अधिक सेवन किया जाता है। इसे पीने से आपके शरीर को ठंडक मिलती है, खासकर आपके पाचन तंत्र को। उच्च तापमान से तुरंत राहत पाने के लिए एक गिलास छाछ हमेशा एक अच्छा विकल्प होता है।

बॉडी को हाइड्रेटेड रखती है

इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर, छाछ गर्मियों के समय के लिए आदर्श पेय है। छाछ में 90% पानी होता है जो आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसमें पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।

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टॉक्सिन्स को दूर करती है

छाछ में राइबोफ्लेविन भी शामिल है जिसे विटामिन बी2 के रूप में भी जाना जाता है, जो भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए जिम्मेदार है और बी कॉम्प्लेक्स श्रृंखला के मुख्य विटामिनों में से एक है। आयरन और राइबोफ्लेविन से भरपूर, छाछ लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाती है। आयरन लिवर में मौजूद टॉक्सिन को तोड़ता है और राइबोफ्लेविन  लिवर के डिटॉक्स फंक्शन में सुधार करता है।

विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर 

पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी) जैसे कई आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर छाछ विटामिन की कमी को संतुलित करने में मदद करती है। यह जिंक का भी एक अच्छा स्त्रोत है। एक छाछ में वयस्क पुरुषों के लिए रोज की ज़रूरत का 9% व महिलाओं में 13% होता है। जिंक कोशिकाओं को क्षति से बचाता है, और रक्त के थक्के और घाव भरने में मदद करता है।

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हड्डियों को मज़बूत करे  

कैल्शियम के गुणों से भरपूर, छाछ सबसे अच्छा पेय है जो आपकी हड्डियों की संरचना का ख्याल रखता है। कैल्शियम आपके शरीर के लिए सबसे आवश्यक खनिजों में से एक है जो आपकी हड्डियों, दांतों और रक्त के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यक होता है।

लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों के लिए, जो डेयरी उत्पादों से कैल्शियम की अपनी दैनिक खुराक प्राप्त नहीं कर सकते हैं, उनके लिए छाछ एक बेहतरीन विकल्प है। यह बिना एलर्जी के उनकी कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करता है। इसके अलावा, छाछ वसा रहित या फैट-फ्री होती है इसलिए यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा पेय है जो अपने वज़न को कम या नियंत्रित करना चाहते हैं।

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कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करती है

प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद में, यह कहा गया है कि छाछ का दैनिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। इसके अलावा, आधुनिक विज्ञान भी इन दावों का समर्थन करता है कि उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले व्यक्ति जो रोजाना सही मात्रा में छाछ का सेवन करते हैं, उनमें ट्राइग्लिसराइड के स्तर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी पाई गई है। इसलिए, अपनी डाइट में छाछ शामिल करना आपके दिल के लिए स्वस्थ हो सकता है क्योंकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने से आपके स्वास्थ्य को बहुत लाभ होता है और हृदय रोग या स्ट्रोक होने की संभावना कम हो जाती है।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए अच्छी है

अपने कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुणों के लिए जानी जाने वाली छाछ को हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को पीने की सलाह दी जाती है। छाछ में मौजूद बायोएक्टिव प्रोटीन ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।

संक्रमणरोधी 

छाछ में वसा के बहुत आवश्यक ग्लोब्यूल्स होते हैं जिन्हें मिल्क फैट ग्लोब्यूल मेम्ब्रेन (एमएफजीएम) के रूप में जाना जाता है और इसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-कैंसर गुणों वाले यौगिक होते हैं। इसलिए, अपने आहार में छाछ को शामिल करने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं और आपको कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। यह कई संक्रमणों को रोकने व उनसे लड़ने में मदद करती है।

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छाछ को कैसे अपने खाने में शामिल करें ?

छाछ को कैसे अपने खाने में शामिल करें

छाछ एक ऐसी लाभकारी ड्रिंक है जिसमें दूध व दही दोनों के गुण पाए जाते हैं। इसके प्रोबायोटिक्स आपके आंत का ख्याल रखते हैं जबकि इसमें मौजूद कैल्शियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व आपके शरीर को कई अन्य तरीकों से मदद करते हैं। आपकी हड्डियों को मजबूत करने से लेकर आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने तक, गर्मियों का यह पेय कई बीमारियों के लिए रामबाण हो सकता है। इसके सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आप इसे अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं और मक्खन बनाते वक़्त मिले इस सुपर फायदेमंद ड्रिंक का उपयोग करके कई प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं। ।

छाछ का उपयोग अक्सर खाना पकाने में किया जाता है और इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसे अकेले या कुछ मसालों के साथ सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा सलाद, स्मूदी और सूप जैसे कई प्रकार के व्यंजनों में इसका उपयोग किया जा सकता है। पेय पदार्थों से लेकर भोजन तक, आइए जानें ऐसी ही कुछ रेसीपी जिन्हें छाछ का उपयोग करके बनाया जा सकता है:

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मसाला छाछ

गर्मियों में गर्मी को मात देने के लिए एक गिलास मसाला छाछ से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। पोषक तत्वों से भरपूर, मसाला छाछ न केवल आपकी प्यास बुझाती है बल्कि कई आवश्यक खनिजों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ आपके सिस्टम को पुनर्जीवित करती है। यह आपके शरीर के तापमान को कम करती है। इस जादुई पेय को बनाने के लिए आपको चाहिए:

सामग्री

  • दही: ¼ कप
  • पानी: 1 कप
  • नमक : स्वादानुसार
  • भुना जीरा पाउडर: ½ छोटा चम्मच
  • पोदीना और करी पत्ते
  • धनिए के पत्ते
  • कटा हुआ अदरक / सोंठ पाउडर: वैकल्पिक

बनाने की विधि

  • एक बर्तन में ¼ कप दही लें और उसमें एक कप ठंडा पानी डालें।
  • इसमें थोड़ा नमक और भुना हुआ जीरा पाउडर छिड़कें और मथनी या ब्लेंडर की मदद से सब कुछ मिलाएं।
  • आप इसे धनिया पत्ती, पुदीने की पत्ती या करी पत्ते से सजा सकते हैं।
  • इसे ठंडा करके सर्व करें।

छाछ के साथ मोर सांबर

छाछ से बना मोर सांबर या दही वाला सांबर दाल, दही और पिसे नारियल मसाले के पेस्ट से बनाया जाता है। सामान्य सांभर रेसिपी के बजाय, इस पारंपरिक सांबर के लिए किसी इमली की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि दही का उपयोग खट्टेपन के लिए किया जाता है।

सामग्री

  • भिंडी: 8 से 10 मध्यम आकार की, ½” में कटी हुई
  • तूअर दाल: ½ कप पीली मटर के दाने
  • दही: 1 कप गाढ़ा दही 1 कप पानी में घोला हुआ

ग्राइंडिंग के लिए

  • धनिया के बीज: 1 बड़ा चम्मच
  • चना दाल: 1 बड़ा चम्मच
  • नारियल: 3 बड़े चम्मच कसा हुआ ताजा या जमा हुआ नारियल
  • लाल मिर्च : 2

तड़के के लिए

  • तेल : 1 छोटा चम्मच
  • सरसों के बीज: ¼ छोटा चम्मच
  • मेथी के बीज (मेथी के बीज): ⅛ छोटा चम्मच
  • लाल मिर्च: 1 या 2
  • करी पत्ते: कुछ

विधि 

  • प्रेशर कुकर में दाल को हल्दी पाउडर के साथ उबालें और एक तरफ रख दें। दाल का टेक्सचर गाढ़ा होना चाहिए।
  • एक चम्मच तेल का उपयोग करके कटी हुई भिंडी को कड़ाही में भूनें। 1 मिनिट भूनने के बाद इसमें थोड़ा पानी डाल दीजिए ताकि भिंडी नरम हो जाए.
  • अपने नरम भिंडी में पिसा हुआ पेस्ट और पकी हुई दाल डालें। अच्छी तरह मिलाएं और एक मिनट तक उबलने दें।
  • अब दही का मिश्रण डालें और अपने बर्नर को सिम कर दें। इसे पांच मिनट तक पकने दें जब तक कि आपका सांभर गाढ़ा न होने लगे। अब गैस बंद कर दें और धनिया पत्ती से गार्निश करें।

तड़के के लिए

  • एक कड़ाही में, मीडियम हाई फ्लेम पर तेल गरम करें। राई डालें और उन्हें फूटने दें। अब इसमें कुछ करी पत्ते, और लाल मिर्च डालें और एक सेकंड के लिए भूनें।
  • अब इस तेल को पके हुए मोर सांबर के ऊपर डालें। नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। इसे चावल के साथ सर्व करें।

छाछ के सेवन से संबंधित कुछ टिप्स

यह जानना कि क्या पीना है उतना ही महत्वपूर्ण है कि इसे कब पीना है। छाछ डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए सुरक्षित है। ऐसे में कब पीने से यह ज़्यादा लाभ देती है इसके बारे में जानें। ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि को धीमा करने के लिए भोजन के बाद छाछ पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आप दिन की शुरुआत छाछ के साथ कर सकते हैं।

स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देने के लिए यह फर्मेन्टड ड्रिंक प्रोबायोटिक्स से भरी है। छाछ पीने से आपको नियमित मल त्याग करने में मदद मिलेगी।

आइए जाने छाछ पीने से संबंधित कुछ टिप्स:

  • अगर किसी को पेट से संबंधित समस्याएं हैं तो ऐसे में छाछ को खाली पेट पियें। इससे छाछ में मौजूद लाभकारी बेक्टेरिया पाचन में फ़ायदा पहुंचाते हैं।
  • रात में छाछ पीने से इसकी कैल्शियम सामग्री और अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन के कारण बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है, जो मेलाटोनिन का उत्पादन करने में मदद करता है। मेलाटोनिन हमारे सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है।
  • सांबर, करी, स्कोन और सॉस जैसे कई व्यंजनों के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए भी छाछ का उपयोग किया जा सकता है।

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छाछ के साइड इफ़ेक्ट्स 

छाछ के साइड इफ़ेक्ट्स

इतने स्वास्थ्य लाभों के बावजूद भी छाछ के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं जिसमें से एक है एलर्जी। इसके अलावा यह लेक्टोज़ इंटोलेरेंट व्यक्तियों में भी परेशानी पैदा कर सकती है। भले ही इसमें बैक्टीरिया लैक्टोज को तोड़ने में मदद करते हैं फिर भी छाछ गैस, दस्त, और लैक्टोज असहिष्णुता या एलर्जी वाले लोगों को पेट खराब करने जैसी परेशानी पैदा कर सकती है क्योंकि आखिरकार यह एक डेयरी उत्पाद है। ऐसी समस्याओं से बचने का उपाय है कि छाछ का सेवन मध्यम या सीमित मात्रा में किया जाए।

साथ ही, जो लोग कम कैलोरी खाना चाहते हैं उन्हें इससे दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें अधिक कैलोरी होती है। इसलिए यदि आप लो कैलोरी डाइट पर हैं तो प्रत्येक दिन केवल एक या दो 8-औंस कप ही छाछ लें।

इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला सोडियम हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की समस्या वाले लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। छाछ में बहुत अधिक सोडियम होता है ऐसे में यदि आपको यह समस्या है तो आपको छाछ से बचना चाहिए।

छाछ आपकी सर्दी को और भी खराब कर सकती है इसलिए बुखार या जुकाम होने पर रात के समय इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

चूंकि छाछ डेयरी उत्पाद से निकाला जाता है, इसमें कई गुण होते हैं जो दूध और दही में होते हैं। नतीजतन, जिन लोगों को दूध से एलर्जी है उन्हें इससे बचना चाहिए क्योंकि यह दूध उत्पाद दूध एलर्जी के समान एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने कर सकती है जैसे मतली, उल्टी, घरघराहट, पित्ती, पेट खराब और एनाफिलेक्सिस।

एक और समस्या इसकी मंथन प्रक्रिया या ब्लेनडिंग प्रोसेस है क्योंकि इसे बनाते व्यक्त यह काई प्रकार के सूक्ष्मजीवों से संपर्क में आती है जो बच्चों में गले के संक्रमण और सर्दी का कारण बन सकते हैं।

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निष्कर्ष

कैल्शियम, आयरन, जिंक और विटामिन ए, बी, डी और ई जैसे पोषक तत्वों से भरपूर छाछ एक लोकप्रिय डेयरी उत्पाद है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। छाछ शरीर के सही वज़न को बनाने में मदद करती है, बोन डेंसीटी बढ़ाती है, ब्लड प्रेशर कम करती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन में सहायता करते हैं और आपके पाचन तंत्र की बहुत अच्छी देखभाल करते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से सेवन करने पर छाछ पेट के कई विकारों के विकास को रोकने के लिए जानी जाती है, जिनमें इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, पेट में संक्रमण, अनियमित मल त्याग, लैक्टोज इंटोलेरेन्स और पेट के कैंसर शामिल हैं। छाछ में मौजूद फाइबर और एसिड पाचन में मदद करते हैं और आपके पेट को खाली करने में मदद करते हैं।

यह लोकप्रिय समर ड्रिंक आपको गर्मी से लड़ने में मदद करती है और आपके शरीर के लिए आवश्यक खनिजों की पूर्ति करती है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ छाछ डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।

जिन लोगों को डेयरी उत्पादों से एलर्जी है या पराग से एलर्जी है या साइनस है, इसलिए उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है ऐसे में बिना डॉक्टर या डायटीशियन से परामर्श किये छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Question

क्या रोज़ाना छाछ पी सकते हैं?

हां, हर दिन की हेल्दी डाइट में छाछ को शामिल करना एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह विटामिन और खनिजों का एक अद्भुत स्रोत है जो आपके शरीर को कई तरह से मदद करता है। छाछ में मौजूद कई आवश्यक घटक जैसे कैल्शियम और राइबोफ्लेविन आपके दांतों और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, लगभग 8 औंस या 235ml छाछ का सेवन करने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

क्या रात में छाछ नहीं पीनी चाहिए?

रात के खाने के बाद एक गिलास छाछ पाचन, नींद और अन्य चीजों में मदद कर सकता है। हालांकि जिन लोगों को पोलेन एलर्जी या जुकाम है उन्हें रात में छाछ पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे गले में खराश हो सकती है।

क्या छाछ वज़न घटाने में मदद करती है?

जो लोग अपना वज़न कम करना चाहते हो उन्हें छाछ का सेवन करना चाहिए। इसमें कैलोरी व फैट दोनों कम होते हैं। जिम जाने वालों या फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए भी छाछ एक अच्छा विकल्प है, जो कम कैलोरी वाले पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी ड्रिंक पीना चाहते हो। हालाँकि, इसके सारे लाभ उठाने के लिए इसे सीमित मात्रा में ही पियें। इसकी क्वान्टिटी प्रति दिन 150 मिलीलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 

छाछ व रेगुलर दूध में से क्या स्वस्थ है?

दूध में वसा की मात्रा अधिक होने के कारण यह आपके पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है, वहीं दूसरी ओर छाछ मक्खन को स्किम करके प्राप्त किया जाता है, इसलिए यह आपके पेट के लिए हल्का होता है और पचाने में आसान होता है। साथ ही इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स छाछ को दूध की तुलना में ज़्यादा हेल्दी ऑप्शन बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, छाछ मिल्क प्रोडक्ट के कारण होने वाली एसिडिटी को कम करने में सहायता करती है।

 

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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