Last updated on नवम्बर 7th, 2022
चॉकलेट किसे पसंद नहीं है? दुनिया भर में लोग चॉकलेट पसंद करते हैं। चॉकलेट कई तरह के रूपों में आती है और इसमें से एक है डार्क चॉकलेट जो स्वाद में कड़वी होती है। इस ज़्यादा कोको की मात्रा की फैन फॉलोइंग काफ़ी ज्यादा है। लेकिन क्यूंकी ज्यादातर चॉकलेट मीठी होती है तो यह सवाल उठ सकता है कि क्या डार्क चॉकलेट डायबिटीज़ के लिए अच्छी है। यदि हां, तो मधुमेह के रोगियों के लिए डार्क चॉकलेट क्या सुरक्षित है? क्या डार्क चॉकलेट ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करती है? मधुमेह रोगी प्रतिदिन कितनी मात्रा में डार्क चॉकलेट खा सकते हैं? ऐसे कई सारे सवालों के जवाब जानने के लिए आगे इस ब्लॉग को पढ़ें।

डार्क चॉकलेट v/s मिल्क चॉकलेट
चॉकलेट बड़ी रेंज में उपलब्ध है। डार्क चॉकलेट तैयार करने के लिए इसमें ज़्यादा मात्रा में कोकोआ लीकर का इस्तेमाल किया जाता हैं। डार्क चॉकलेट को सेमी या बिटरस्वीट चॉकलेट के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, इसमें चीनी/शुगर के साथ कम से कम 35% कोकोआ लीकर शामिल होती है। जबकि मिल्क चॉकलेट तब बनती है जब उसमें एक एक्स्ट्रा सामग्री के रूप में गाढ़ा या पाउडर दूध मिलाया जाता है। सफेद चॉकलेट मूल रूप से दूध, कोकोआ मक्खन और चीनी से बनी चॉकलेट है।

डार्क चॉकलेट की पोषण संबंधी जानकारी या न्यूट्रीशनल फेक्ट्स
डार्क चॉकलेट का जीआई वैल्यू 23 है जो की निम्न श्रेणी में आता है। यह वैल्यू मिल्क चॉकलेट के 42 जीआई की तुलना में बहुत कम है। यह साबित करता है कि डार्क चॉकलेट मधुमेह रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प है। 50 ग्राम डार्क चॉकलेट में मौजूद पोषक तत्व निम्नलिखित हैं:
डार्क चॉकलेट में मौजूद पोषक तत्त्व | ||||
---|---|---|---|---|
पोषण (100 ग्राम डार्क चॉकलेट में ) | मात्रा | |||
कैलोरी | 252 | |||
कुल कार्ब्स | 29.8 g | |||
शर्करा | 25.74 ग्राम | |||
कुल वसा | 17.1 g | |||
संतृप्त वसा | 10.04 | |||
मोनोअनसैचुरेटेड फैट | 5.61 ग्राम | |||
फाइबर | 2.8 ग्राम | |||
प्रोटीन | 1.95 ग्राम | |||
ट्रांस फैट | 0.495 ग्राम | |||
फास्फोरस | 102 मिलीग्राम, या डीवी का 8% | |||
पोटेशियम | 666 मिलीग्राम, या डीवी का 13% | |||
कैल्शियम | 12 मिलीग्राम | |||
सोडियम | 8 मिलीग्राम | |||
आयरन | 1.38 मिलीग्राम |
मिल्क चॉकलेट condensed दूध और चीनी से प्राप्त होती है। इसकी तुलना में, डार्क चॉकलेट में 70 से 85% कोको होता है। यह घटक डार्क चॉकलेट को हृदय के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। इसलिए, समझदारी से सही मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन करने से व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।
एक डार्क चॉकलेट बार में 10 ग्राम से अधिक फाइबर और साथ ही 7 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस के अलावा विटामिन ए, बी, ई और के भी होता है। साथ ही डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।
सारांश
डार्क चॉकलेट में विटामिन, मिनरल, पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं। ये सभी एंटीऑक्सीडेंट के समृद्ध स्रोत हैं। ये स्वास्थ्य समस्याओं और उम्र बढ़ने से यानि की एजिंग से लड़ते हैं। डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, वे इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करने में मदद करते हैं। डार्क चॉकलेट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है, जिससे दिल की समस्याओं का खतरा कम होता है। भोजन के बाद इसका एक छोटा सा टुकड़ा नया सिर्फ़ आपके मीठे की इच्छा को पूरी करेगा बल्कि साथ ही मधुमेह रोगियों या डाइबीटिक्स में शर्करा के स्तर को प्रभावित भी नहीं करेगा।
मधुमेह रोगियों के लिए चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान
आपके मीठे की क्रेविंग को पूरा करने के साथ, चॉकलेट खाने के कई फायदे भी हो सकते हैं, खासकर डार्क चॉकलेट खाने के।
संभावित लाभ
फ्लेवोनोइड्स के रूप में जाने जाने वाले प्लांट केमिकल्स इंसुलिन सेन्सिटिविटी में सुधार और इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा, डार्क चॉकलेट रक्त के थक्के को कम करने में मदद कर सकती है। डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनोइड से मिलने वाले कुछ फ़ायदे हैं:
- इंसुलिन प्रतिरोध को कम करना
- एंडोथेलियल फ़ंक्शन में सुधार करना
- भविष्य में होने वाली हृदय समस्याओं के जोखिम को कम करना
एंडोथेलियम एक व्यक्ति के हृदय और रक्त वाहिकाओं को लाइन करता है। एंडोथेलियल डिसफंक्शन में, स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं का अधिक खतरा होता है।
डार्क चॉकलेट में पॉलीफेनोल्स होते हैं। पॉलीफेनोल्स ऐसे यौगिक हैं जिनमें अच्छे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स से उत्पन्न ऑक्सीडेटिव तनाव और टिश्यू लॉस से लड़ते हैं। इसके अलावा, वे शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन का अधिक कुशलता से उपयोग करने में सहायता करते हैं। नतीजतन, डार्क चॉकलेट इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करती है।
इसके अलावा इससे होने वाले लाभ हैं:
- रक्तचाप या ब्लड प्रेशर कम करता है
- शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है
- रक्त प्रवाह में सुधार करता है
- हृदय रोग के जोखिम को कम करता है
- धूप से त्वचा की रक्षा करता है
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है
- मस्तिष्क के काम में सुधार करता है
- रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है
एक साथ, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स इंसुलिन के प्रभावी उत्पादन और उपयोग में सुधार करते हैं। नतीजतन, ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करने में मदद करते है।
सारांश
डार्क चॉकलेट एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। यह उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्तियों में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है। नतीजतन, यह हृदय संबंधी विकारों के जोखिम को कम करता है। डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनोइड्स रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट उम्र बढ़ने और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार फ्री रेडिकल्स से निपटते हैं। इसका मतलब है कि डार्क चॉकलेट में मजबूत एंटी-एजिंग गुण होते हैं। डार्क चॉकलेट का निम्न जीआई इसे मधुमेह वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।
मधुमेह रोगियों के लिए डार्क चॉकलेट के नुकसान
सभी चॉकलेट एक जैसे नहीं होते हैं। मिल्क ओर व्हाइट चॉकलेट में डार्क चॉकलेट जैसे लाभ नहीं मिलते हैं। इसके अलावा अगर आप डार्क चॉकलेट के एक छोटे से टुकड़े के बजाय उससे बने केक या कुकीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो उससे वैसे लाभ नहीं मिलते। अधिक मात्रा में चॉकलेट के सेवन से वजन बढ़ने और ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है।
संतुलित आहार या बैलेन्स्ड डाइट
संतुलित भोजन में फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल हैं। मछली, जैतून का तेल, एवोकैडो, बीज और नट्स जैसे हृदय-स्वस्थ वसा वाले उत्पादों को अपनी संतुलित डाइट में जोड़ने से आपको बहुत लाभ मिलते हैं। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हें आपको सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए जैसे:
- उच्च जीआई खाद्य पदार्थ
- संतृप्त वसा और ट्रांस वसा
- सफेद चावल जैसे परिष्कृत अनाज
मधुमेह रोगी को स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। यह न केवल एक समग्र स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है, बल्कि यह ट्रीटमेंट प्लान का भी एक हिस्सा है। संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि से शुगर लेवल्स को सामान्य रखा जा सकता है। साथ ही ये व्यक्ति के वज़न को भी नियंत्रित रखते हैं। स्वस्थ वज़न उचित ग्लूकोज नियंत्रण में सहायता करता है और मधुमेह के कारण होने वाली जटिलताओं के रिस्क को कम करता है।
मधुमेह नियंत्रण निम्न तरह से किया जाता है:
- अपने खाने-पीने की निगरानी रखना या मॉनीटर करना
- आपको बताई गई एंटी-डाइबीटिक दवाओं का सेवन करना
- नियमित शारीरिक गतिविधि व व्यायाम
मधुमेह रोगियों के लिए चॉकलेट से बने स्वस्थ व्यंजन
आप अगर डार्क चॉकलेट के फैन हैं और इसे खाना चाहते हैं तो आप उसे कई तरीके से खा सकते हैं:
कुकीज़
अगर आपको कूकीज़ खाने की इच्छा होती है तो हाई-फाइबर चोको चिप के रूप में ग्लूटेन-मुक्त क्विनोआ चोको चिप कुकीज सबसे बेहतर विकल्प है।
चॉकलेट केक
अगर कोई व्यक्ति केक खाने के मूड में है, तो ग्लूटेन-फ्री चोको मग केक से अच्छी कोई चॉइस नहीं है। यह चॉकलेट के स्वाद देने के साथ अपने हाई फाइबर कंटेन्ट की वजह से ब्लड ग्लुकोज़ को नियंत्रित रखता है।
चोको ब्राउनी
आप अगर ब्राउ खाना चाहते हैं तो ग्लूटेन-मुक्त, उच्च-फाइबर ब्राउनी आपके मीठे खाने की इच्छा को पूरा करती है। साथ ही इसमें भरपूर पोषण भी पाया जाता है।
चॉकलेट और पीनट बटर
यदि कोई व्यक्ति इस विशिष्ट रेसिपी के मूड में है, तो पीनट बटर के साथ इन नो-बेक चोको बाइट को आज़माएँ।
इनमें से अधिकतर व्यंजन या स्नैक्स ग्लूटेन से मुक्त होते हैं। हालांकि डाइबीटिक लोगों को ग्लूटेन से परहेज़ करने की आवश्यकता नहीं है जब तक उन्हें सीलिएक डिसॉर्डर ना हो।
सारांश
डाइबीटिक लोग खाने के बाद मीठे के तौर पर डार्क चॉकलेट का थोड़ा सा हिस्सा ले सकते है। दोपहर के भोजन के बाद और रात के खाने के बाद आप इसे दो बार खा सकते है। कोशिश करें की हमेशा इसकी कड़वी वैराइटी को चुनें जिसमें 70 से 85% कोको हो। डार्क चॉकलेट में मौजूद कार्ब इसमें मौजूद चीनी की मात्रा को बताता है इसलिए एक सर्विंग में इसकी मात्रा 15 ग्राम से 30 ग्राम तक सीमित रखें। कद्दूकस की हुई डार्क चॉकलेट को स्मूदी, ओटमील और दही में डालने पर यह एक बहुत टैस्टी कोम्बीनेशन बनाता है।
जीवनशैली में बदलाव क्यों ज़रूरी है
ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल में रखना, डाईबिटीज़ मेनेजमेंट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सही डाइट, दवाओं और शारीरिक गतिविधि के साथ प्राप्त किया जा सकता है। यह सभी कारक अच्छे स्वास्थ्य के साथ मधुमेह की जटिलताओं से बचने में मदद करते हैं। सही डाइट और रेगुलर एक्सर्साइज़ से आपको कई फ़ायदे मिलते हैं जैसे:
- रक्त प्रवाह में सुधार
- वैट मेनेजमेंट द्वारा सही वज़न बनाए रखना
- मधुमेह की जटिलताओं से बचाएं या उनमें देरी करे
- अतिरिक्त कैलोरी बर्न करें
- रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को स्थिर करें
- अधिक ऊर्जा प्रदान करे
- मूड में सुधार
एक व्यक्ति का आहार या उसकी डाइट इंसुलिन या अन्य मधुमेह दवाओं पर आधारित होती है। इसलिए डॉक्टर आपकी कार्ब की ज़रूरत के हिसाब से आपका डाइट प्लान तैयार करता है। जीवनशैली में कुछ बदलावों को शामिल करना आसान नहीं है, लेकिन यह करके आप अपनी हेल्थ में सुधार कर सकते हैं।
और पढ़े: मधुमेह में कौन से फल खाये?
मधुमेह रोगियों के लिए चॉकलेट के अधिक सेवन के जोखिम
डार्क चॉकलेट के अत्यधिक सेवन से रक्त शर्करा या ब्लड शुगर के स्तर और वज़न में वृद्धि हो सकती है। कोको में कैफीन भी होता है, जिससे अधिक पेशाब आना, नींद न आना, दिल की धड़कन तेज़ होना और घबराहट हो सकती है। मिश्रित चॉकलेट का सेवन न करें क्योंकि इसमें पाम और सोया जैसे वनस्पति तेल होते हैं, न कि कोकोआ मक्खन, जिससे मधुमेह रोगियों के लिए इसे पचाना मुश्किल हो जाता है।
आपके लिए एक सही डाइबीटिक डाइट क्या है इसे जानने के लिए ब्रीद वेलबीइंग ऐप का उपयोग कर के आप एक्स्पर्ट्स से सलाह ले सकते हैं। यह एक बहुत अच्छा डाईबिटीज़ रिवर्सल प्लेटफॉर्म है। यह नेचुरल तरीकों से डाईबिटीज़ रिवर्स करता है।
सारांश
यदि आपको डाईबिटीज़ है तो आपको चॉकलेट से पूरी तरह से दूर रहने की ज़रूरत नहीं है, बस इसे कम मात्रा में सेवन करें। सभी चॉकलेट समान नहीं होते हैं, और डार्क चॉकलेट में कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं जो अन्य प्रकार के चॉकलेट में नहीं होते हैं। इसके अलावा, चॉकलेट खाने से पहले अपनी लाइफस्टाइल और फिज़िकल ऐक्टिविटी पर भी ध्यान दें। यदि आप अपनी डाइट में चॉकलेट को शामिल करना चाहते हैं, तो ऐसा करने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
FAQs:
क्या डार्क चॉकलेट रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाती है?
किसी व्यक्ति के आहार में कोको को शामिल करने का एक आसान तरीका डार्क चॉकलेट है। हालांकि, इसकी अधिकता से रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है। इसलिए डार्क चॉकलेट को लिमिट में रखने की सलाह दी जाती है।
मधुमेह वाले लोगों के लिए कौन सी डार्क चॉकलेट सुरक्षित है?
‘डायबिटिक’ चॉकलेट के बजाय, उच्च गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट चुनें। डाइबीटिक लोगों के लिए 70% कोको युक्त डार्क चॉकलेट सबसे अच्छा विकल्प है। मिल्क चॉकलेट की तुलना में इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, इसलिए इसे आप ज़्यादा मात्रा में खा भी नहीं पाएंगें।
एक मधुमेह रोगी कितनी डार्क चॉकलेट खा सकता है?
डार्क चॉकलेट के साथ, संयम महत्वपूर्ण है। मधुमेह के लिए डार्क चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा (20-30 ग्राम) एकदम सही है। कई बड़े और छोटे ब्रांड समान रूप से विशेष रूप से बनी हुई डायबिटिक चॉकलेट बेचते हैं। इसलिए कोई भी चॉकलेट खरीदते समय उसमें मौजूद कोको और शुगर कंटेन्ट की लेबल पर जाँच करें।
क्या डार्क चॉकलेट में चीनी या शुगर कम होती है?
अलग-अलग चॉकलेट में शुगर की मात्रा अलग होती है। डार्क चॉकलेट, जिसमें उच्च मात्रा में कोको होता है, उसमें दूध या सफेद चॉकलेट की तुलना में बहुत कम चीनी या शुगर होती है।
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