Last updated on सितम्बर 16th, 2023
जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है, वैसे ही लोगों की लाइफस्टाइल भी काफी व्यस्त हो गई है। जिसके चलते लोग अनहेल्दी आदतें अपनाने लगे हैं। दिनभर के तनाव के चलते लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, अत्यधिक खाना, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डिप्रेशन हो जाता है, जिसके चलते वे डायबिटीज से पीड़ित हो जाते हैं। पर चिंता की कोई बात नहीं है, डायबिटीज को रोकने में आयुर्वेदिक उपचार बहुत मददगार साबित होते हैं। “डायबिटीज के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक उपचार और दवा” के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।
आयुर्वेद विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार और ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने के लिए एक प्राचीन चिकित्सीय तरीका है। डायबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार में डायबिटीज को मैनेज करने के लिए जड़ी-बूटियों का उपयोग, जीवनशैली और डाइट में बदलाव शामिल हैं। इस ब्लॉग में प्राकृतिक उपचार के साथ-साथ डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताया गया है।
आयुर्वेद यानी आयु का वेद, एक चिकित्सा प्रणाली है जिसकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़ी हुई हैं। आयुर्वेद कई हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। इसमें बीमारियों को ठीक करने और आपके दिमाग और शरीर के स्वास्थ्य में सुधार करने के प्राकृतिक तरीके शामिल होते हैं। आयुर्वेद स्वस्थ जीवन जीने के लिए जड़ी-बूटियों और प्रथाओं का उपयोग करने के लिए प्राचीन तरीकों के साथ आधुनिक जीवनशैली और स्वस्थ आदतों का मिश्रण होता है। आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। आयुर्वेद से लाइफस्टाइल डिसऑर्डर, डायबिटीज मेलिटस समेत तमाम बीमारियों का इलाज संभव है।

आयुर्वेदिक उपचार से डायबिटीज को मैनेज करें
डायबिटीज मेलिटस एक ऐसी स्थिति है, जो आपके शरीर की इंसुलिन पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने और बल्ड शुगर के लेवल को मैनेज करने की क्षमता में बाधा डालती है। आयुर्वेद से लाखों डायबिटीज के मरीजों ने अपने बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया है। इसके साथ ही यह डायबिटीज के कारण होने वाली गंभीर जटिल समस्याओं की शुरुआत होने से बचने में भी मदद करता है। आयुर्वेद से टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज वाले दोनों लोगों का इलाज होता है। यह उन्हें डायबिटीज के कारण का पता लगाने और ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है।

डायबिटीज के इलाज के लिए लोग आयुर्वेदिक उपचार अपना रहे
वर्तमान समय में मेडिकल साइंस एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सबसे ज्यादा काम हुआ है और इसकी कई शाखाएं भी हैं, जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करती हैं। बहरहाल डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक उपचार की मांग बढ़ रही है। आयुर्वेद हर्बल औषधियों यानी जड़ी-बूटियों पर निर्भर है। आयुर्वेद व्यक्तियों के मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करता है। आयुर्वेद में डायबिटीज के उपचार की बढ़ती लोकप्रियता के मुख्य कारण हैं:
- आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- आयुर्वेदिक इलाज भले ही धीमा हो लेकिन ये लंबे समय तक असर दिखाता है।
- बीमारियों के आयुर्वेदिक उपचार से शरीर में कोई हार्मोनल असंतुलन नहीं होता है।
- आयुर्वेदिक दवाओं का फार्मूला हर्बल कंपाउंड्स से आता है। इसलिए वे प्राकृतिक हैं।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक औषधियां
1. केरला
यह डायबिटीज के मरीजों के डाइट के मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक है। यह हाइपोग्लाइसेमिक जैव रासायनिक पदार्थों से भरा हुआ होता है, जो बल्ड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव को मैनेज करने में सक्षम होता है। इसीलिए डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 वाले लोगों को हर तरह से करेले का सेवन करना चाहिए। हर सुबह करेले का जूस पीने से आपको बेहतरीन परिणाम मिलेंगे।
2. मेथी दाना
गैलेक्टोमैनन मेथी के बीज में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक कंपाउंड होता है। यह पाचन और कार्बोहाइड्रेट अवशोषण की दर को कम करने में मदद करता है। लगभग 10 ग्राम मेथी के दानों को रात भर एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसके पानी को पिएं। डायबिटीज वाले लोगों को इससे काफी लाभ मिलता है।
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3. तेजपत्ता
तेज पत्ते का आयुर्वेद में व्यापक रूप से उपयोग होता है, जिसमें डायबिटीज का उपचार भी शामिल है। तेज पत्ता, एलोवेरा जेल और हल्दी का मिश्रण तैयार करें। अपने बल्ड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भोजन से पहले इस मिश्रण का सेवन करें, काफी लाभ मिलेंगे।
4. जामुन
जामुन या ब्लैक प्लम या जावा प्लम में कई औषधीय गुण होते हैं, जिनमें बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने की क्षमता होती है। जामुन आपके शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को रेगुलेट करने और उसमें सुधार करने के लिए फायदेमंद होता है।
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5. आंवला
आंवला या भारतीय करौंदा विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट का एक मुख्य स्रोत है। यह आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा आंवले में क्रोमियम भी होता है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है। आप अपने बल्ड शुगर के लेवल को कम और अग्न्याशय कोशिकाओं को उत्तेजित करने के लिए इसे कच्चा खा सकते हैं या इसकी कैंडी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
6. गिलोय
गिलोय सबसे प्रभावी जड़ी-बूटियों में से एक है, जो डायबिटीज को मैनेज करने में सहायक है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट होता है, जो आपके शरीर में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है। इसके अलावा यह आपके शरीर में अतिरिक्त ब्लड ग्लूकोज को जलाने यानी उस बर्न करने में भी मदद करता है। जिसके चलते यह दो तरह से बल्ड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है।
7. नीम
नीम भी एक और जड़ी-बूटी है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। डायबिटीज की दवाओं के निर्माण में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसमें ग्लाइकोसाइड्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। डॉक्टर आपके बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए सप्लीमेंट के रूप में नीम का पानी पीने का सुझाव देते हैं।
8. विजयसार
विजयसार बल्ड शुगर के लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। इसमें एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण होते हैं, जो आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल, कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। विजयसार डायबिटीज के लक्षणों, जैसे बार-बार पेशाब आना, अंगों की इन्फ्लेमेशन और अधिक खाना खाने में सुधार करता है। यह पाचन में भी सुधार करने में मदद करता है और आपके बल्ड शुगर के लेवल को बनाए रखने के लिए आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बनाए रखता है।
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9. गुरमार
यह एक प्रकार की लकड़ी की लता होती है, जो ऑस्ट्रेलिया, भारत और अफ्रीका जैसे देशों के ट्रॉपिकल क्षेत्रों में उगती है। चीनी को खत्म करने वाला गुड़मार का प्रचलित नाम है। इसमें फ्लेवोनोल्स जैसे कंपाउंड्स होते हैं, जो डायबिटीज पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। खाना खाने के कम से कम आधे घंटे बाद एक चम्मच गुड़मार की पत्तियों का पाउडर पानी के साथ लें। यह आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
10. बरगद के पेड़ की छाल
बरगद का पेड़ डायबिटीज के इलाज के लिए एक प्रसिद्ध जड़ी बूटियों में से एख है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं क्योंकि इसमें ग्लाइकोसाइड्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं। बरगद के पेड़ की छाल प्री-डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक प्रभावी विकल्प है। इसका लाभ पाने के लिए आपको बरगद के पेड़ की छाल के एक टुकड़े को रात भर पानी में भिगोना है। फिर छाल को पानी में मिलाएं, अर्क को पीने के लिए छान लें। आप इसकी छाल को पानी के साथ पाउडर के रूप में भी ले सकते हैं।
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सारांश
प्रकृति ने मनुष्य को औषधीय मूल्यों से भरपूर बहुत सारी जड़ी-बूटियां, सामग्री और खाद्य पदार्थ दिए हैं। इनके औषधीय गुण डायबिटीज जैसी कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। मेथी के बीज, गुड़मार, गिलोय, नीम, जामुन आदि के चिकित्सीय गुण बल्ड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। ऐसी जड़ी-बूटियां और सामग्रियां इंसुलिन प्रतिरोध को बेहतर बनाने में मदजद करती हैं, साथ ही डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपके शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा भी देती हैं।
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय मौजूद होते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए आयुर्वेदिक दवाएं और सप्लीमेंट्स उपलब्ध होते हैं, जो उनके बल्ड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। विभिन्न आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं के पास बाजार में विभिन्न नामों से डायबिटीज की दवाएं हैं, जो डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करते हैं
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डायबिटीज के लिए आसान आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
सारांश
डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार में आमतौर पर घर पर उपलब्ध सामग्री का मिश्रण शामिल होता है। इनमें अदरक की चाय, गडुची और कई अन्य जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं।
आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज के मरीजों को सबसे पहले चीनी और सरल कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम करना चाहिए। ये दोनों ही आपके बल्ड शुगर के लेवल को बढ़ाने के मुख्य कारक हैं। इसके अलावा डायबिटीज के लिए कुछ आसान व सुलभ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार भी हैं। शुगर के लेवल को बनाए रखने के लिए कोई भी व्यक्ति घर पर नीचे बताए गए समाधान तैयार कर सकता है:
- कुटकी, पुनर्नवा, गुडूची और शारदुनिका को मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दो या तीन बार लें। यह आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करेगा।
- सुबह खाली पेट गर्म हल्दी वाला पानी पिएं। आपको सुबह अपना पहला पेय तैयार करने के लिए एक गिलास गुनगुना पानी लेना होगा और उसमें एक या दो चुटकी हल्दी मिलानी होगी।
- अदरक की चाय आपके बल्ड शुगर के लेवल को स्थिर बनाए रखने में मददगार है। आप अतिरिक्त कफ को कम करने और बल्ड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अदरक की चाय पी सकते हैं।
- एक और सरल उपाय है, जो आप अपने डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए तैयार कर सकते हैं वह है रात में तांबे के बर्तन में थोड़ा पानी रखें। इसे रात भर ऐसे ही छोड़ दें और रोजाना सुबह इस पानी को पिएं।
- डायबिटीज के लिए कई भारतीय जड़ी-बूटियों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। डायबिटीज को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने के लिए आप पेय और भोज्य पदार्थ में हींग, हल्दी, दालचीनी, सरसों और धनिया का उपयोग कर सकते हैं।
- अपने डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए भांग के बीज, आंवला, एलोवेरा, नीम और करेले जैसी कड़वी सामग्री का जूस पियें। आयुर्वेद के अनुसार अपने शरीर को कड़वे तत्वों से भर देना और मीठे से परहेज करना भी डायबिटीज के इलाज का एक प्रभावी तरीका है।
ऊपर बताए गए सुझावों व तरीकों को फॉलो करने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखें, डायबिटीज टाइप 2 के लिए कोई आयुर्वेदिक दवा या डायबिटीज (टाइप -1 या टाइप -2) के लिए एक मेडिकल एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यह आपके डॉक्टर को वर्तमान औषधीय नुस्खे के साथ परस्पर क्रिया को रोकने के लिए दवाओं की सही खुराक निर्धारित करने में मदद करेगा।
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डायबिटीज के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल को कैसे मैनेज करें
आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज वाले लोगों में फैटयुक्त भोजन, असमान नींद के पैटर्न, व्यायाम की कमी और अनुचित डाइट के कारण ऐसा होता है। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां या तरीके जो डायबिटीज वाले लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं:
- तेज चलना, दौड़ना, तैरना, योग करना, एरोबिक्स और सांस लेने के एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
- अपनी डाइट में सही भोजन को शामिल करें। फैट रहित और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ और फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर भोजन आपके लिए अच्छे होते हैं।
- जितना संभव हो सके, उतना फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं।
- अजमोड़ा, अर्जुन, अदरक, करेला, कलौंजी (काला जीरा) और कोकम का अर्क कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है।
- गिंग्को, लहसुन, जटामांसी और तुलसी जैसी कुछ जड़ी-बूटियां भी डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मैनेज करने में मददगार साबित होते हैं।
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डायबिटीज से जुड़ी आंखों की समस्याओं का आयुर्वेदिक उपचार
आंखों की समस्या डायबिटीज की महत्वपूर्ण जटिल समस्याओं में से एक है। बहुत से डायबिटीज के मरीजों को बल्ड शुगर का लेवल बढ़ने पर धुंधला दिखाई देने का अनुभव होता है। हाई बल्ड शुगर से ग्लूकोमा, मोतियाबिंद और रेटिनोपैथी भी हो सकती है। पर अच्छी बात यह भी है कि आयुर्वेद के पास डायबिटीज से जुड़ी आंखों की सभी समस्याओं का समाधान है।
डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक उपचार आपकी आंखों की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे भविष्य में न हों। आंखों की समस्याओं के इलाज में मदद करने वाली कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक तरीके हैं:
- अपनी आंखों के अंदरूनी कोनों से होते हुए कमजोर धारा में हर्बल औषधि डालें।
- आंखों में छाछ की कुछ बूंदें डालें।
- अपने माथे पर धीरे-धीरे औषधीय या हर्बल तेल डालें।
- माथे पर जड़ी-बूटियों से बना औषधीय लेप लगाएं।
- आंखों के चारों ओर काले चने के लेप से खोखला कुएं का आकार बनाए और उन कुओं में औषधीय तेल डालें।
डायबिटीज से संबंधित आंखों की समस्याओं के लिए ऊपर बताए गए तकनीक और तरीकों को आजमाने से पहले किसी डॉक्टर या अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। चिकित्सीय सलाह लेने से हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
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Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal
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