क्या शुगर में काजू खा सकते हैं? जानिए फ़ायदे और नुक्सान | Sugar Me Kaju Kha Sakte Hai

Reviewed By Dietician DR. SOUJANYA MANTHRIPRAGADA, MBBS, DNB(Family medicine) अक्टूबर 16, 2023

आज के बदलते परिवेश और खानपान के चलते बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में डायबिटीज एक ऐसी मेडिकल प्रॉब्लम बनकर उभरी है, जिसका इलाज संभव नहीं है। हाल ही में यह कई लोगों के लिए खतरा भी बन गया है। डायबिटीज एक आजीवन बीमारी है, जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या शरीर इसके प्रति असंवेदनशील होता है। यह समस्या ब्लड शुगर के लेवल को अस्थिर कर देती है। आजकल हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज की मदद से घर पर ही डायबिटीज को मैनेज करना संभव है। एक फिट लाइफस्टाइल ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकती है। अधिकांश डॉक्टर डायबिटीज की डाइट में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नट्स या मेवे को शामिल करने की सलाह देते हैं। जो व्यक्ति अक्सर नट्स या मेवे, काजू, बादाम का सेवन करते हैं। उनमें हृदय संबंधी समस्याएं और टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम कम होता है। नट्स का सेवन हृदय की समस्याओं, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम कम होते हैं। इस ब्लॉग में बताया गया है कि मेवे ब्लड शुगर का लेवल मैनेज करने के लिए अच्छे क्यों हो सकते हैं।

ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने के लिए मेवे 

AHA के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिसऑर्डर से मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में 2-4 गुना अधिक होती है, जिन्हें यह बीमारी नहीं है। नट्स या मेवे में मौजूद हेल्दी फैट हार्ट की रक्षा करते हैं। जिससे यह हृदय संबंधी स्थितियों को कंट्रोल करते हैं।मेवे में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने का गुण भी पाया जाता है। यही वजह है कि मेवे स्नैकिंग के लिए एक अच्छे विकल्प माने जाते हैं। कार्ब युक्त खाद्य पदार्थों के साथ सेवन करने पर बादाम ब्लड शुगर रिस्पांस में देरी करता है।

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डायबिटीज के डाइट में मेवों की भूमिका

डायबिटीज के डाइट में मेवों की भूमिका

एक हेल्दी मील प्लान और लाइफस्टाइल किसी व्यक्ति के ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हेल्दी डाइट एक महत्वपूर्ण तरीका है, जिसकी मदद से डायबिटीज के मरीज अपने ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। जिससे जटिल समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा हेल्दी भोजन कोलेस्ट्रॉल के लेवल, शरीर के वजन और ब्लडप्रेशर को मैनेज करने में सहायता करता है। नट्स या मेवे अच्छे फैट और प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत होते हैं। इन सभी फायदों के कारण लोग इन्हें हेल्दी डाइट में शामिल करते हैं।

काजू निश्चित रूप से मेवे के सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है। काजू स्वाद में मीठे और गुण में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। लेकिन जब बात इसके सेवन की आती है, तो हर कोई जानना चाहता है कि क्या काजू डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सुरक्षित है? लोगों को इसकी सही जानकारी जानने के बाद आश्चर्य हो सकता है। बाजार में ऐसे कई मेवे और बीज मौजूद हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में उपयोगी होते हैं। काजू भी इन्हीं हेल्दी मेवों में से एक है। जिससे कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। काजू शरीर के ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में रखता है। ये मेवे व्यक्ति के लिए बहुत अच्छे और फायदेमंद होते हैं।

नट्स के साथ सप्लीमेंट डाइट लेने वाले व्यक्तियों में ग्लूकोज को मैनेज करने में काफी सुधार हुआ है। इसके अलावा काजू टाइप-2 डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए बेहतरीन माना जाता है। यह हेल्दी प्रोटीन और फैट से भरपूर होता है। जो ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाए बिना शरीर को एनर्जी से भरपूर बनाए रख सकता है। डायबिटीज के मरीजों को किसी भी जोखिम से बचने के लिए अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए। इसके अलावा काजू का ग्लूकोज के लेवल पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके बजाय काजू हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए भी बहुत अच्छा नट्स माना जाता है। काजू शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा काजू ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए भी अच्छा माना जाता है।

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काजू से जुड़े मिथक और भ्रांतियां

डायबिटीज और अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग अक्सर मेवे का सेवन करने के लिए उत्सुक रहते हैं। जिससे लोग यह मान लेते हैं कि नट्स या मेवे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकते हैं। साथ ही एक और गलत धारणा यह भी है कि मेवे खाने से शरीर का वजन बढ़ता है। इसके पीछे का कारण यह माना जाता है कि मेवे फैट से से भरपूर होते है और इसलिए इनसे भरपूर ऊर्जा भी प्राप्त होती है। लेकिन सच यह है कि मेवे बहुत ही पौष्टिक होते हैं और कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। बादाम, मूंगफली, अखरोट और काजू सबसे ज्यादा लाभकारी मेवों में से एक माने जाते हैं।

सारांश

मेवे उन अनगिनत खाद्य पदार्थों में से एक हैं जिन्हें ADA ने कई बीमारियों वाले व्यक्तियों के लिए सबसे अधिक उपयोगी पाया है। मेवे में अनसेचुरेटेड फैट की उच्च मात्रा विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करती है। इनमें कोशिका वृद्धि और हृदय जैसे अंग की सुरक्षा शामिल होती है। जिसके चलते डायबिटीज के मरीज के लिए काजू सबसे अच्छे मेवों में से एक माना जाता है।

काजू और एंटी-डायबिटीक गुण

अध्ययनों के अनुसार डायबिटीज के मरीजों के लिए काजू अन्य मेवों की तुलना में बेहतर होता है। काजू के अर्क में बेहतरीन एंटी-डायबिटीक गुण भी होते हैं। इस नट्स में मीडियम रूप से हाई फैट कंटेंट होते हैं, जिनमें ज्यादातर “गुड फैट” होते हैं। गुड फैट डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी होता है। काजू में सैचुरेटेड, मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट का आइडियल फैट अनुपात 1:2:1 होता है। इस प्रकार यह नट्स “फैट में कम” होते हैं और अन्य मेवों की तुलना में प्रति सेवन में कम फैट वाले होते हैं। काजू में भरपूर डाइटरी फाइबर भी होता है। भारतीय पकवानों को बनाने में काजू का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। ये साबुत मेवे, पेस्ट या पाउडर के रूप में हो सकते हैं। इन्हें विभिन्न करी और मिठाइयों में डाला जाता है, जिसे लोग बड़े ही चाव से खाते हैं।

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कार्ब युक्त खाद्य पदार्थों की जगह काजू बेस्ट ऑप्शन

डाइट में मैदा की जगह काजू लेने से लोग रिफांइड कार्ब्स की खपत कम कर सकते हैं। इस प्रकार टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है। गुड फैट के साथ काजू में आर्जिनिन होता है। यह एक अमीनो एसिड है, जो ब्लडप्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है। साथ ही काजू में कॉपर, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। ये सभी अच्छे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करते हैं। ये सभी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को सपोर्ट करते हैं।

साथ ही काजू में ओलिक एसिड भी होता है। यह व्यक्ति के ब्लड में खराब फैट को कम करता है। ऐसा देखा गया है कि काजू में मौजूद फैट का लगभग 75% हिस्सा ओलिक एसिड होता है। काजू को कभी-कभी हार्ट-हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी कहा जाता है। यह जैतून के तेल में मौजूद फैट का एक समान रूप होता है। जब लोग रिफाइंड कार्ब खाद्य पदार्थों के बजाय इस ओलिक एसिड को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो यह हाई ट्राइग्लिसराइड या ब्लड में फैट के लेवल को कम करने में सहायता करता है। कार्ब्स से कैलोरी का होना काजू में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट द्वारा होता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में भी सहायता करता है। इसके अलावा काजू कॉपर के RDI का 100% प्रदान करता है। कॉपर एक महत्वपूर्ण मिनिरल्स होता है, जिसे शाकाहारियों के लिए अपनी डाइट में प्राप्त करना कठिन होता है। काजू अपने कच्चे रूप में उपभोग के लिए सुरक्षित हैं। साथ ही ये भारत में आसानी से उपलब्ध भी हैं। यही वजह है कि काजू को अपनी डाइट में शामिल करना आसान होता है।

सारांश

काजू लाभकारी फैट से भरपूर होते हैं, जिसके सेवन से गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। जिसके चलते मेवे हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। निश्चित रूप से ही काजू डायबिटीज वाले लोगों के लिए बेस्ट मेवों में से एक है।

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रोजाना कितना काजू खा सकते हैं?

किसी भी खाने की चीज की अधिकता सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। अन्य मेवों की तरह काजू में मौजूद पोषक तत्वों के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे भी मीडियम मात्रा में ही खाना चाहिए। डायबिटीज के मरीज हर रोज अधिकतम 10 काजू तक खा सकते हैं। यह काजू खाने की एक सुरक्षित सीमा मानी जाती है और इससे हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। काजू की दैनिक खपत को सीमा के भीतर रखना आवश्यक है क्योंकि इनमें फैट की मात्रा अधिक होती है। इसकी अधिकता से शरीर में फैट जमा हो सकता है और यह जोखिम भरा हो सकता है। इस प्रकार काजू खाने के डेली लिमिट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

यदि आप इसे फॉलो करते हैं, तो आपको काजू खाने के कुछ इस तरह के लाभ मिल सकते हैं:

काजू खाने के लाभ

  • काजू एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। जैसे प्रोएंथोसायनिडिन्स, फ्लेवोनोल का एक रूप होता है। यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को कम करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद कॉपर शरीर को कैंसर के खतरे से भी बचाती है।
  • काजू तुरंत ऊर्जा बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ होता है। एक्सरसाइज के बाद या शाम के नाश्ते के रूप में इनका सेवन करना अच्छा होता है। एंटीऑक्सिडेंट पोषक तत्व और फाइटोकेमिकल्स की रेंज शरीर के ओवरऑल हेल्थ और इम्यूनिटी में भी सुधार करती है।
  • हर दिन काजू का सीमित मात्रा में सेवन करने से मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में मदद मिलती है और आंत के हेल्थ को बढ़ावा देता है। इससे ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह कब्ज, आंतों में संक्रमण और पेट में ऐंठन जैसी किसी भी जटिलता से बचाता है।
  • काजू व्यक्ति के शरीर को मैग्नीशियम की कमी से दूर रखता है। यह तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने और शरीर के सभी कार्यों पर नजर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • काजू HDL से भरपूर होते हैं। यह एक अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हार्ट की रक्षा करता है और हृदय संबंधी समस्याओं से दूर भी रखता है। शरीर में मैनेज कोलेस्ट्रॉल का लेवल बेहतर काम कर सकता है। इसके अलावा काजू किसी व्यक्ति के ओवरऑल ब्लडप्रेशर को मैनेज करने में मददगार साबित होते हैं

यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी व्यक्ति को ये सभी लाभ प्राप्त हों, इसके लिए काजू के सेवन की सही मात्रा का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

निष्कर्ष

काजू डायबिटीज में बेहद हेल्दी ऑप्शन होते हैं। काजू विटामिन और मिनिरल्स के एक कंप्लीट पावरहाउस होते हैं। यह हर डायबिटीज के मरीज के लिए पुरानी मान्यताओं को छोड़ने और अपने भोजन में मेवों के बीच काजू को शामिल करने का समय है। काजू को हृदय संबंधी समस्याओं और हाई ब्लडप्रेशर वाले व्यक्तियों के भोजन में भी शामिल करना चाहिए। याद रखें किसी भी चीज का लाभ पाने के लिए संयम बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा याद रखना चाहिए कि ये स्वास्थ्य लाभ केवल कच्चे अनसाल्टेड नट्स या मेवे पर लागू होते हैं। यदि काजू नमकीन, तले हुए, या अन्यथा पकाए गए हों तो इनसे स्वास्थ लाभ मिलना मुश्किल है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या काजू से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है?

काजू में अन्य मेवों की तुलना में फैट की मात्रा कम होती है। इसके अलावा इनका शुगर लेवल या वजन पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज के लिए मेवे के रूप में काजू बेस्ट ऑप्शन होता है। जिसका सीमित मात्रा में सेवन करके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ पाए जा सकते हैं।

एक व्यक्ति को रोजाना कितना काजू खाना चाहिए?

डाइट एक्सपर्ट काजू का सेवन रोजाना 5 से 10 काजू तक सीमित रखने का सुझाव देते हैं। इससे वजन बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। लोग एक दिन में 15-30 काजू खा सकते हैं। इससे उन्हें प्राइमरी फैट सोर्स के साथ-साथ सेकेंडरी प्रोटीन सोर्स भी मिलता है। सभी फैट लोगों के लिए खराब नहीं होते हैं। फैट के कुछ रूप वास्तव में हार्ट के हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं।

क्या काजू किडनी के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है?

अगर आपको किडनी में पथरी है या आसानी से बनने की संभावना होती है, तो न्यूट्रिशियनिस्ट काजू से परहेज करने की सलाह देते हैं। इनमें भरपूर मात्रा में ऑक्सलेट मौजूद होते हैं। ये खाद्य पदार्थों में मौजूद कार्बनिक क्रिस्टल होते हैं, जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकते हैं।

क्या काजू में यूरिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है?

काजू में प्यूरीन कम मात्रा में होता है। काजू में हाई प्रोटीन और मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है। साथ ही इन नट्स या मेवे में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। चूंकि इनमें प्यूरीन भी कम होता है, इसलिए गठिया से पीड़ित लोग काजू को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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