200 शुगर होने पर क्या करें? तुरंत कंट्रोल करे इन उपायों से

शुगर होना अपने आप में एक चुनौती है, खासकर तब जब ब्लड में शुगर का लेवल अचानक बढ़ जाता है। 200 mg/dL से ज़्यादा शुगर का लेवल हाइपरग्लाइसीमिया (hyperglycemia) की तरफ इशारा करता है, जिसे नज़रअंदाज़ ना करें। अगर आपका शुगर लेवल 200 हो गया है तो घबराएं नहीं! आप हम आपको बताएंगें कि ऐसे हालात में क्या करना चाहिए। हम डाइट में बदलाव, दवाइयों के सही इस्तेमाल, ब्लड की शुगर जांचने के तरीकों और ज़रूरी आदतों के बारे में बात करेंगे, ताकि आप दोबारा से शुगर को कंट्रोल में ला सकें और हेल्दी रह सकें।

नॉर्मल शुगर लेवल

सबसे पहले समझते हैं कि आपके लिए सामान्य ब्लड शुगर लेवल क्या होना चाहिए, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको शुगर है या नहीं। आम तौर पर, ज़्यादातर लोगों के लिए ( चाहे उन्हें शुगर हो या ना हो) खाली पेट ब्लड में शुगर का लेवल (मतलब सुबह नाश्ता करने से पहले) 70 से 130 mg/dL के बीच होना चाहिए। वहीं, खाना खाने के दो घंटे बाद ये लेवल 180 mg/dL से कम होना चाहिए।  इन में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है, ये आपकी सेहत और डॉक्टर की सलाह पर भी निर्भर करता है।

इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि आप क्या खाते हैं, आपकी शारीरिक गतिविधि, तनाव, दवाइयां, और आपकी पूरी सेहत – ये सब चीज़ें मिलकर आपके ब्लड में शुगर के लेवल को प्रभावित करती हैं और दिनभर में ये लेवल ऊपर-नीचे होता रहता है। अगर आपको शुगर है तो डॉक्टर की बताई हुई सीमा के अंदर ही अपना ब्लड का शुगर रखना बहुत ज़रूरी है। इससे आप शुगर को अच्छे से मैनेज कर पाएंगे और शुगर की वजह से होने वाली परेशानियों से भी बच सकेंगे। अपने ब्लड शुगर को नियमित रूप से जांचते रहना और डॉक्टर की बताई हुई दवाइयां और खाने-पीने का प्लान फॉलो करना ही शुगर को कंट्रोल करने के सबसे कारगर तरीके हैं।

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ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर क्या होता है?

ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर क्या होता है?

आपके ब्लड में जब शुगर का लेवल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) या इससे ज़्यादा हो जाता है तो इसे हाइपरग्लाइसीमिया (hyperglycemia) कहते हैं। इससे शरीर पर कई तरह के असर हो सकते हैं:

  • ज्यादा प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना: हाइपरग्लाइसीमिया की वजह से किडनी को ज़्यादा काम करना पड़ता है ताकि ब्लड से अतिरिक्त शुगर को छानकर पेशाब के रास्ते बाहर निकाला जा सके। इससे बार-बार पेशाब आता है (पॉलीयूरिया) और साथ ही बहुत ज़्यादा प्यास लगती है (पॉलीडिप्सिया)।
  • थकान और कमज़ोरी: शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी के लिए पर्याप्त शुगर नहीं मिल पाती है, जिससे थकान और कमज़ोरी महसूस होती है क्योंकि शरीर की एनर्जी कम हो जाती है।
  • धुंधला दिखना: ब्लड में शुगर का लेवल ज़्यादा होने से आंखों के लेंस में मौजूद तरल पदार्थ कम हो सकता है। इससे आंखों को फोकस करने में परेशानी होती है और धुंधला दिखाई देता है।
  • स्किन और मुंह का सूखना: बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे स्किन और मुंह सूख जाते हैं। साथ ही स्किन में इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • वजन का कम होना या बढ़ना: कुछ मामलों में हाइपरग्लाइसीमिया की वजह से वजन कम हो सकता है क्योंकि शरीर एनर्जी के लिए फैट और प्रोटीन का इस्तेमाल करने लगता है। हालांकि, कभी-कभी शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाने और मेटाबॉलिज्म में बदलाव के कारण वजन भी बढ़ सकता है।
  • इंफेक्शन का ज़्यादा खतरा: ब्लड में शुगर का लेवल ज़्यादा होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), स्किन इंफेक्शन और फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • कीटोअसिडोसिस (टाइप 1 शुगर में): अगर ब्लड में शुगर का लेवल लगातार ऊंचा रहता है, खासकर टाइप 1 शुगर में, तो डायबिटिक कीटोअसिडोसिस (DKA) नाम की बीमारी हो सकती है। DKA एक गंभीर और जानलेवा समस्या है। इसमें ब्लड में कीटोन का लेवल बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है, जिससे मितली, उल्टी, पेट में दर्द, तेज़ी से सांस लेना और उलझन जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
  • लंबे समय की जटिलताएं: अगर हाइपरग्लाइसीमिया का सही से इलाज न किया जाए तो लंबे समय में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जैसे हृदय रोग, नसों को नुकसान (न्यूरोपैथी), किडनी रोग (नेफ्रोपैथी), आंखों को नुकसान (रेटिनोपैथी) और पैरों में समस्याएं (डायबिटिक फुट)।

इसलिए ज़रूरी है कि शुगर वाले लोग नियमित रूप से अपना ब्लड का शुगर जांचते रहें, डॉक्टर की बताई दवाइयां और खाने-पीने का प्लान फॉलो करें, ज़रूरी आदतों में बदलाव लाएं (जैसे हेल्दी खाना, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना और दवाइयां लेना) और अगर शुगर का लेवल लगातार ऊंचा रहे या किसी तरह की परेशानी हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

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ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर तुरंत क्या करें? 200 Sugar Hone Par Kya Kare

ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर तुरंत क्या करें? 

शुगर में जब ब्लड का शुगर 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) हो जाए तो उसे कम करने के लिए तुरंत कदम उठाना ज़रूरी है। ऐसा न करने पर आगे चलकर कई परेशानियां हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि आप अपना शुगर कम करने के लिए क्या कर सकते हैं:

  • पानी पिएं: खूब सारा पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें। इससे अतिरिक्त शुगर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाएगी।
  • एक्सरसाइज : हल्का व्यायाम, जैसे टहलना या स्ट्रेचिंग करने से भी ब्लड का शुगर कम करने में मदद मिलती है। इससे शरीर इंसुलिन का बेहतर इस्तेमाल कर पाता है। अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो ज़ोरदार व्यायाम करने से बचें।
  • इंसुलिन या दवा की जांच करें: अगर आप इंसुलिन या कोई और शुगर कम करने वाली दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर की बताई मात्रा में ही दवा लें। हालाँकि, अपनी दवा खुद से कम या ज़्यादा करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
  • शुगर या ज़्यादा कार्ब्स वाले खाने से बचें: मीठी चीज़ें और ज़्यादा कार्ब्स वाले खाने से ब्लड का शुगर और बढ़ सकता है, इसलिए ऐसे खाने से परहेज़ करें।
  • लक्षणों पर ध्यान दें: हाइपरग्लाइसीमिया के लक्षणों, जैसे ज़्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान या धुंधला दिखने पर ध्यान दें। अगर आपको बहुत ज़्यादा तकलीफ हो रही है या आप असमंजस में हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • आराम करें और जांच करते रहें: अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो आराम करें और अपना ब्लड का शुगर बार-बार जांचते रहें। अपने शुगर के रीडिंग्स और किसी भी लक्षण का रिकॉर्ड बनाकर रखें।
  • डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपका ब्लड का शुगर लगातार ऊंचा रहता है या आपको शुगर को कंट्रोल करने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें। वो आपकी जांच करके आपको सही इलाज बताएंगे।

याद रखें कि ये सामान्य सुझाव हैं और हर मरीज़ के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। सबसे ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर की बताई बातों को मानें और उनके निर्देशों के अनुसार ही अपना ब्लड का शुगर कंट्रोल करने का प्लान बनाएं।

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ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर लॉग टर्म कंट्रोल के लिए क्या करें? 

जब आपका ब्लड का शुगर लगातार 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) के आसपास रहता है, तो उसे लंबे समय के लिए कंट्रोल में रखने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाना बहुत ज़रूरी है। आप ये चीज़ें कर सकते हैं:

  • डॉक्टर से सलाह लें: अपनी पूरी सेहत, डायबिटीज़ की हिस्ट्री और आपकी ज़िंदगी के हिसाब से डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकते हैं। वो आपकी दवाइयों में बदलाव कर सकते हैं, आपको ज़्यादा हेल्दी आदतें अपनाने के लिए कह सकते हैं या कुछ और टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं।
  • दवाइयां पूरी लें: डॉक्टर ने जो दवाइयां बताई हैं, उन्हें ठीक से और पूरी तरह से लें। दवाइयों को लेने में किसी भी तरह की लापरवाही ना करें। शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवाइयां नियमित रूप से लेना बहुत ज़रूरी है।
  • ब्लड का शुगर जांचते रहें: डॉक्टर की बताई गई बार-बार अपना ब्लड का शुगर जांचते रहें। इससे आप अपनी तरक्की पर नज़र रख सकते हैं और अगर शुगर में कोई उतार-चढ़ाव होता है तो पता चल सकता है। इसी के आधार पर डॉक्टर आपकी दवाइयों में भी बदलाव कर सकते हैं।
  • हेल्दी खाना खाएं: संतुलित और पौष्टिक आहार लें। साबुत अनाज, हरी सब्ज़ियां, थोड़े फल, कम फैट वाली प्रोटीन और हेल्दी फैट्स वाली चीज़ें ज़्यादा खाएं। मीठी और पैकेट वाली चीज़ों से परहेज़ करें।
  • कसरत करें: नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे टहलना, जॉगिंग करना, स्विमिंग करना या साइकिल चलाना। हफ्ते में ज़्यादातर दिन कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। व्यायाम करने से शरीर इंसुलिन का बेहतर इस्तेमाल कर पाता है और इससे शुगर लेवल कम होता है।
  • वज़न कम करें: अगर आपका वज़न ज़्यादा है या मोटापा है तो वज़न कम करने से भी आपका शुगर कंट्रोल में रह सकता है। अपनी ज़रूरत के हिसाब से वज़न कम करने का प्लान बनाने के लिए डॉक्टर या किसी डायटिशियन की मदद लें।
  • तनाव कम करें: तनाव की वजह से भी शुगर का लेवल बढ़ सकता है। इसलिए तनाव कम करने के लिए ध्यान लगाना, गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज़ करना, योग करना या कोई ऐसा शौक पालें जिससे आपको खुशी मिलती हो।
  • शराब कम पिएं: शराब भी ब्लड के शुगर को प्रभावित करती है, इसलिए शराब कम पीने की कोशिश करें या अगर पीनी ही है तो बहुत कम मात्रा में पिएं।
  • डॉक्टर को दिखाते रहें: नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाते रहें ताकि वो आपकी डायबिटीज़ के इलाज पर नज़र रख सकें और आपकी तरक्की देख सकें। अगर ज़रूरत हो तो वो आपकी दवाइयों में भी बदलाव कर सकते हैं।
  • सीखते रहें और मदद लें: डायबिटीज़ को मैनेज करने के बारे में सही जानकारी रखें। आप चाहें तो किसी डायबिटीज़ सपोर्ट ग्रुप को ज्वाइन कर सकते हैं या किसी डायबिटीज़ एजुकेटर से सीख सकते हैं ताकि आप अपनी बीमारी को और बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें।

इन सब आदतों को अपनी ज़िंदगी में शामिल करके और डॉक्टर की टीम के साथ मिलकर काम करके आप अपने ब्लड के शुगर को लंबे समय के लिए कंट्रोल में रख सकते हैं।

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ब्लड शुगर लेवल 200 होने पर क्या न करें?

आपका ब्लड का शुगर जब 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) के आसपास होता है, तो कुछ चीज़ों से बचना चाहिए ताकि आप परेशानियों से बच सकें और अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रख सकें। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें:

  • हाई शुगर को नज़रअंदाज़ ना करें: अगर आपने ब्लड की जांच करवाई है और शुगर ज़्यादा है तो उसे यूं ही न छोड़ें। इसे नज़रअंदाज़ करने से आगे चलकर कई परेशानियां हो सकती हैं, जैसे नसों को नुकसान (nerve damage), किडनी की समस्या (kidney problems) और दिल से जुड़ी बीमारियाँ (cardiovascular issues)। ज़रूरी है कि हाई शुगर को जल्द से जल्द कंट्रोल किया जाए।
  • दवाइयां छोड़ना ना छोड़ें: डॉक्टर ने जो दवाइयां बताई हैं, उन्हें बिना पूछे छोड़ना या कम-ज़्यादा करना बिल्कुल ना करें। दवाइयां नियम से पूरी लेना ज़रूरी है। अगर आपको कोई दिक्कत है तो डॉक्टर से ज़रूर बात करें, खुद से दवाइयों में बदलाव ना करें। वरना आपका शुगर लेवल और बिगड़ सकता है।
  • मीठी चीज़ें कम खाएं: बहुत ज़्यादा मीठी चीज़ें और मीठे पेय पदार्थ पीने से बचें। इनसे ब्लड का शुगर बहुत तेज़ी से बढ़ सकता है। हेल्दी चीज़ें खाएं और शुगर का सेवन कम से कम रखें।
  • कसरत करना ना छोड़ें: नियमित रूप से व्यायाम करना शुगर को कंट्रोल करने में बहुत ज़रूरी है। सारा दिन एक ही जगह बैठे रहने से बचें और अपनी दिनचर्या में व्यायाम को ज़रूर शामिल करें।
  • खाने-पीने में लापरवाही ना करें: डॉक्टर या डायटिशियन ने जैसा खाने-पीने का प्लान बताया है, उसका पालन करें। संतुलित और पौष्टिक आहार लें। ज़्यादा फैट और कार्ब्स वाली चीज़ें कम खाएं, वरना इससे भी शुगर बढ़ सकता है।
  • शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ ना करें: अगर आपको हाइपरग्लाइसीमिया (hyperglycemia) के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उन्हें नज़रअंदाज़ ना करें। जैसे – ज़्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान और धुंधला दिखना। अगर आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें। वो आपकी जांच करके आपको सही सलाह देंगे।
  • ब्लड की जांच में लापरवाही ना करें: नियमित रूप से ब्लड की जांच करवाना ज़रूरी है ताकि आप जान सकें कि आपका शुगर कंट्रोल में है या नहीं और आप उसी हिसाब से अपना इलाज कर सकें। अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए ये बहुत ज़रूरी है।
  • तनाव ना लें: तनाव की वजह से भी शुगर बढ़ सकता है। इसलिए तनाव कम करने की कोशिश करें। मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज़, योग या कोई ऐसा शौक पालें जिससे आपको खुशी मिलती हो।
  • डॉक्टर को दिखाते रहें: अगर आपका शुगर लगातार 200 mg/dL के आसपास रहता है और आप दवाइयां ले रहे हैं और हेल्दी आदतें अपना रहे हैं, फिर भी शुगर कम नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। वो आपकी जांच करके आपकी दवाइयों में बदलाव कर सकते हैं और आपको और भी निर्देश दे सकते हैं।

इन बातों को ध्यान में रखकर और डायबिटीज़ को मैनेज करने के लिए सही तरीके अपनाकर आप अपने ब्लड के शुगर को कंट्रोल में रख सकते हैं और डायबिटीज़ की वजह से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं।

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निष्कर्ष

डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए ब्लड का शुगर कंट्रोल में रखना बहुत ज़रूरी है, खासकर तब जब शुगर 200 mg/dL या उससे ज़्यादा हो। तुरंत कुछ कदम उठाकर, अपनी आदतों में बदलाव करके, संतुलित आहार लेकर, डॉक्टर की बताई दवाइयां पूरी तरह से लेने और नियमित रूप से जांच करवाकर आप अपनी डायबिटीज़ को कंट्रोल में रख सकते हैं। इससे आप डायबिटीज़ की वजह से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं और एक ज़्यादा स्वस्थ और खुशहाल ज़िंदगी जी सकते हैं, भले ही आपको डायबिटीज़ हो।

और पढ़े: पेशाब में शुगर के लक्षण

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

अगर मेरा ब्लड का शुगर लगातार 200 mg/dL रहता है तो क्या डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर शुगर लेवल लगातार ऊंचा रहता है और दवाइयां खाने या परहेज़ करने के बाद भी कम नहीं होता है या आपको हाइपरग्लाइसीमिया के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सही जांच और इलाज के लिए डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, ब्लड का शुगर नियमित रूप से जांच करवाना, बताई गई दवाइयां लेना, तनाव कम करना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और संतुलित आहार लेना ब्लड का शुगर 200 mg/dL तक जाने से रोकने में मदद कर सकता है।

क्या तनाव या बीमारी की वजह से ब्लड का शुगर 200 mg/dL हो सकता है?

तनाव, बीमारी, कुछ दवाइयां और आपकी आदतें (lifestyle factors) ब्लड के शुगर को अस्थायी रूप से बढ़ा सकती हैं। तनाव कम करना, शरीर में पानी की कमी ना होने देना और डॉक्टर की बताई बातों को मानना बहुत ज़रूरी है। लंबे समय तक हाइपरग्लाइसीमिया रहने से नसों को नुकसान (nerve damage), किडनी की बीमारी (kidney disease), दिल से जुड़ी बीमारियाँ (cardiovascular issues), आंखों की समस्याएं (eye problems) और इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

अगर मेरा ब्लड का शुगर लगातार 200 mg/dL या उससे ज़्यादा रहता है तो मुझे क्या करना चाहिए?

अपनी डॉक्टर की बताई बातों को मानना बहुत ज़रूरी है। तुरंत उठाए जाने वाले कदमों में पानी पीना, हल्की फुर्ती करना, लक्षणों पर नज़र रखना और बताई गई दवाइयां या इंसुलिन लेना शामिल हो सकता है। इसे सही करने की कोशिशों में शरीर में पानी की कमी ना होने देना, संतुलित आहार लेना जिसमें शुगर और कार्ब्स कम हों, नियमित व्यायाम करना, बताई गई दवाइयां लेना और ब्लड का शुगर बार-बार जांच करवाना शामिल है।

ब्लड का शुगर 200 mg/dL होने का क्या मतलब है?

ब्लड का शुगर 200 mg/dL से ज़्यादा होना हाइपरग्लाइसीमिया (hyperglycemia) की तरफ इशारा करता है। ये नॉर्मल रेंज से ज़्यादा है। खासकर डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए इस पर ध्यान देना और इसे कंट्रोल में रखना ज़रूरी है। इसके लक्षणों में ज़्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, धुंधला दिखना और कुछ मामलों में मितली या पेट में परेशानी शामिल हो सकती है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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