Last updated on अगस्त 26th, 2023
एक डायबिटीज मरीज हमेशा अपने चीनी के सेवन के प्रति सावधान रहता है। किसी भी प्रकार की चीनी या शुगर आपके शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि आपको यह पता हो कि आप क्या खा रहे हैं। इन्हीं चीनी में से एक ऐसा नाम है जिसे ले कर मधुमेह रोगियों के मन में कई सवाल होते हैं और वह है ब्राउन शुगर। क्या शुगर में ब्राउन शुगर खा सकते हैं? आइए इस ब्लॉग में जानें कि क्या ब्राउन शुगर असल में मधुमेह में खाना सुरक्षित है या यह एक मिथक है। डायबिटीज और ब्राउन शुगर के इस संबंध को जानें इस ब्लॉग में।
डायबिटीज में एक अच्छी डायबिटिक डाइट का पालन करना बहुत ज़रूरी हो जाता है जिससे आप एक अच्छी लाइफस्टाइल जी सके। किसी भी प्रकार की चीनी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है ऐसे में अपने खाने को ले कर सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है।

ब्राउन शुगर क्या है
ब्राउन शुगर एक शुद्ध सुक्रोज है। यह गन्ने या चुकंदर के रस को प्रोसेस करके बनाई जाती है। गन्ने या चुकंदर के रस को साफ कर के, क्रिस्टलीकरण के बाद सुखाया जाता है जिससे ब्राउन शुगर बनती है। सफेद चीनी बनाने के दौरान उसमें मोलेसेस होता है, और इसे बनाने के बाद जो भूरे रंग का अवशिष्ट बचता है उसे ही ब्राउन शुगर के नाम से जाना जाता है। बाद में इसे या तो अधिक या थोड़ा कम रिफाइन करने की आवश्यकता होती है। मोलेसेस की मौजूदगी ब्राउन शुगर को एक अलग रंग, स्वाद, बनावट और कुछ पोषक तत्व देती है। ब्राउन शुगर में मोनोसैकेराइड फ्रुक्टोज, डिसैकराइड सुक्रोज और ग्लूकोज होता है।
ब्राउन शुगर के फायदों में कुछ विटामिन और खनिज जैसे पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम आदि शामिल हैं, लेकिन अंत में, यह एक चीनी ही है। इसलिए अपनी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ही इसे सीमित मात्रा में लें।

ब्राउन शुगर का पोषण मूल्य
यूएसडीए के अनुसार, 100 ग्राम ब्राउन शुगर में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं। ब्राउन शुगर के ये पोषक तत्व कुछ मामूली फ़ायदे दे सकते हैं:
पोषक तत्व | मात्रा |
ऊर्जा | 380 kcal |
प्रोटीन | 0.12 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 98.1 ग्राम |
सुक्रोज़ | 94.6 ग्राम |
ग्लुकोज़ | 1.35 ग्राम |
फ्रक्टोज़ | 1.11 ग्राम |
केल्शियम | 83 मिलीग्राम |
पोटेशियम | 133 मिलीग्राम |
सोडियम | 28 मिलीग्राम |
फोलेट | 1 माइक्रोग्राम |
ऊपर दी गई लिस्ट में हम जान सकते हैं कि ब्राउन शुगर में कुछ मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन यह एक चीनी है जिसके मधुमेह में फ़ायदों से ज़्यादा नुकसान है। ऐसे में यह चीनी का एक स्वस्थ विकल्प बिल्कुल नहीं है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों को आप किसी स्वस्थ विकल्प से प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए जितना हो सके ब्राउन शुगर के उपयोग को कम से कम रखें।
और पढ़े : नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?
ब्राउन शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
यह गन्ने या चुकंदर से तैयार की गई परिष्कृत या प्रोसेस्ड चीनी है, जो एक उच्च ग्लाइसेमिक भोजन है। ब्राउन शुगर का जीआई लगभग 70 होता है, जो हाई जीआई खाद्य श्रेणी में आता है। इसी तरह ब्राउन शुगर का ग्लाइसेमिक लोड भी अधिक होता है। उच्च जीआई और जीएल खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं। मधुमेह रोगी को कम जीआई वाले भोजन को आहार में शामिल करना चाहिए जो ब्लड शुगर लेव को प्रभावित नहीं करता है।
जीआई मान यह निर्धारित करता है कि कोई विशेष भोजन कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर शुगर लेवल को कैसे और कितना बढ़ा सकता है। उच्च फाइबर और कम जीआई खाद्य पदार्थ शुगर के रोगी के लिए स्वस्थ विकल्प हैं। ब्राउन शुगर और मधुमेह के संबंध को ऐसे समझा जा सकता है कि यह हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और लोड चीनी आपके ब्लड शुगर के लिए सुरक्षित नहीं है।
डायबिटीज़ और ब्राउन शुगर
सफेद और भूरी चीनी दोनों गन्ने या चुकंदर के रस के निकाले गए क्रिस्टल हैं। इस रस को तीन प्रक्रियाँओं से गुजरना होता है जिसमें शामिल है: सफाई, क्रिस्टलीकरण और सुखाना। जब सफेद चीनी तैयार की जाती है, तो इसके छोटे क्रिस्टल गहरे भूरे रंग के तरल पदार्थ से अलग हो जाते हैं जिन्हें मोलेसेस कहा जाता है। इस मोलेसेस को उबालने और प्रोसेस करने के बाद ब्राउन शुगर क्रिस्टल में बदल दिया जाता है। ब्राउन शुगर एक मूल रूप है जिसकी कई किस्में हो सकती हैं, जैसे मस्कोवाडो, हल्का भूरा, गहरा भूरा और टर्बिनाडो।
चूंकि ब्राउन शुगर के फायदों में कुछ खनिज और विटामिन शामिल हैं, इसलिए कई लोग सोचते हैं कि यह सफेद चीनी की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प है, जो सच नहीं है। ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो इशारा करता हो कि ब्राउन शुगर मधुमेह या डायबिटीज के लिए स्वस्थ या कम खतरनाक है। सफेद और भूरी चीनी दोनों में सुक्रोज प्रचुर मात्रा में होता है, जो सीधे आपके शुगर लेवल को प्रभावित करता है और बढ़ाता है। ब्राउन शुगर शुगर-फ्री नहीं है। यह एक स्वीटनर है जो अंततः शुगर स्पाइक्स का कारण बनता है।
इसलिए अगर आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि क्या शुगर में ब्राउन शुगर खा सकते हैं? तो इसका जवाब है नहीं। कोशिश करें की चीनी के किसी भी रूप को अपने रोज की एक्टिव डाइट में शामिल ना करें। आप इसे कभी कभार सीमित मात्रा में ले सकते हैं लेकिन केवल तभी जब आपका बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण हो। अन्यथा इससे बचना ही सही रहता है।
कुछ लोगों को लगता है कि ब्राउन शुगर में कैलोरी कम होती है इसलिए यह स्वस्थ हो सकती है लेकिन यह सच नहीं है। यह एक सिम्पल कार्ब है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई यानि 70 है इसलिए डायबिटीज में ब्राउन शुगर साधारण चीनी जितनी ही नुकसानदायक होती है।
डायबिटीज में ब्राउन शुगर के फ़ायदे ना के बराबर हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं जो इसे किसी भी तरह से स्वस्थ या हेल्दी नहीं बनाते। इन पोषक तत्वों के लिए आप स्वस्थ और डायबिटिक-फ़्रेंडली विकल्प चुन सकते हैं।
ब्राउन शुगर की संरचना
जब डायबिटीज में ब्राउन शुगर के फायदों की बात आती है, तो 100 ग्राम चीनी में 83 मिलीग्राम कैल्शियम और थोड़ी मात्रा में पोटेशियम, सेलेनियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे अन्य खनिज होते हैं। 100 ग्राम चीनी से इतनी कम मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त करना बहुत हानिकारक है। आप इन पोषक तत्वों को फलों, सब्जियों और नट्स जैसे स्वस्थ विकल्पों से प्राप्त कर सकते हैं।
ब्राउन शुगर एक साधारण या सिम्पल कार्बोहाइड्रेट है। सरल कार्बोहाइड्रेट पचाने में सबसे आसान होते हैं, और यह जटिल कार्बोहाइड्रेट की तुलना में ब्लड में शुगर को अधिक तेजी से रिलीज करते हैं। इससे शुगर लेवल अधिक बार और तेजी से बढ़ता है। किसी भी प्रकार की चीनी से परहेज करना आपके शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा तरीका है। मध्यम मात्रा में डायबिटीज में ब्राउन शुगर का उपयोग हृदय, लिवर और किडनी सहित समग्र स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाता है। सही भोजन और सीमित सामान्य या ब्राउन शुगर का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, गैर-अल्कोहल फैटी लीवर, चयापचय से संबंधित स्थितियों आदि को रोक सकता है।
इसलिए, एक शुगर मरीज को डायबिटिक-फ़्रेंडली आहार लेना चाहिए जिसमें उच्च फाइबर, कम कार्ब्स, कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन और पोषक तत्व शामिल हो। यह शरीर में शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाएगा और आपको मधुमेह से संबंधित विभिन्न जटिलताओं को रोकने में मदद करेगा।
यदि आपका ग्लाइसेमिक नियंत्रण अच्छा है और आप स्वस्थ आहार का पालन करते हैं, तो आप मॉडरेट मात्रा में ब्राउन शुगर का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज और ब्राउन शुगर एक अच्छा और स्वस्थ कोम्बीनेशन नहीं है इसलिए कोशिश करें कि इस सिम्पल कार्बोहाईड्रेट, शुद्ध चीनी के सेवन से बचें।
क्या ब्राउन शुगर सफेद चीनी से ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है?
ब्राउन शुगर और सफेद चीनी दोनों में मुख्य घटक के रूप में सुक्रोज होता है। तो क्या ब्राउन शुगर सफेद चीनी की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक है? इसका जवाब है नहीं। यह दोनों शर्कराएं ब्लड शुगर लेवल्स पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। हालांकि ब्राउन शुगर में मौजूद मोलेसेस उसके रंग, स्वाद और पोषण मूल्य के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन इनमें पोषण की मात्रा बहुत कम होती है। मधुमेह रोगियों के लिए ब्राउन शुगर के फ़ायदे उसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सेलेनियम आदि जैसे पोषक तत्व के आधार पर माने जा सकते है, लेकिन इनकी मात्रा बहुत कम होती है। इन पोषक तत्वों को हेल्दी फूड से प्राप्त करने का सुझाव दिया जाता है।
इसलिए डायबिटीज में ब्राउन और सफेद चीनी से परहेज करना अपनी शुगर को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा तरीका है। सही शुगर लेवल को बनाए रखते हुए, हेल्दी डाइट, एक्सर्साइज़ और तनाव मेनेज कर के आप अपने खाने में मॉडरेट मात्रा में चीनी शामिल कर सकते हैं। इससे आप अपने मीठे की इच्छा भी पूरी कर सकते हैं। लेकिन डायबिटीज में ब्राउन शुगर के सेवन के साथ याद रखें कि आहार में उच्च फाइबर भोजन, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, नट्स और स्वस्थ स्मूदी शामिल करें जो चीनी से होंए वाले नुकसान को कम कर सके।
ब्राउन शुगर के फायदे
चूंकि मधुमेह रोगियों के लिए ब्राउन शुगर अधिक हानिकारक है, इसलिए इसके बहुत सीमित और बहुत कम स्वास्थ्य लाभ हैं। इसलिए ब्राउन शुगर के इन लाभों को प्राप्त करने के लिए, आप इसके बजाय स्वस्थ विकल्पों पर स्विच कर सकते हैं। हालाँकि, यहां ब्राउन शुगर के कुछ स्वास्थ्य लाभ दिए गए हैं:
एनर्जी बूस्टर
ब्राउन शुगर के मुख्य लाभों में से एक है तत्काल ऊर्जा प्रदान करना। चूंकि ब्राउन शुगर एक साधारण कार्बोहाइड्रेट है, यह शरीर में जल्दी से ग्लूकोज में टूट जाता है और कोशिकाओं को तुरंत एनर्जी देता है। यह आपकी थकान को कम कर सकता है और आपको सक्रिय या एक्टिव बनाता है। हालाँकि, डायबिटीज में बिना शुगर लेवल बढ़ाए तेजी से ऊर्जा बढ़ाने के लिए अन्य हेल्दी ड्रिंक्स और स्मूदी जैसे विकल्प शामिल हैं। इसलिए बेहतर है कि आप स्वस्थ विकल्पों पर स्विच करें या चुनें।
पीरियड क्रैम्प के दर्द को कम करे
ब्राउन शुगर के फ़ायदों में पीरियड्स की ऐंठन के दर्द से राहत पाना भी शामिल है। मासिक धर्म में ऐंठन या मासिक धर्म के दर्द के दौरान, आप अदरक, चाय की पत्ती और ब्राउन शुगर से बनी एक हॉट टी या चाय ले सकते हैं।
और पढ़े: क्या शुगर में अंगूर खा सकते हैं?
एक्सफोलिएशन
ब्राउन शुगर के अन्य लाभों में प्राकृतिक स्क्रब या एक्सफोलिएटर के रूप में इसका उपयोग शामिल है। चमकदार और स्वस्थ त्वचा पाने के लिए आप इसे एक्सफोलिएटर के रूप में उपयोग कर सकते हैं और मृत त्वचा या डेड स्किन को हटा सकते हैं। आप इसे थोड़े से नींबू के रस के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपको ग्लोइंग स्किन मिलती है।
मधुमेह में ब्राउन शुगर खाने के दुष्प्रभाव
शुगर लेवल का बढ़ना
शुगर लेवल का बढ़ना ब्राउन शुगर खाने के प्रमुख दुष्प्रभावों में से एक है। यह सुक्रोज और सिंपल कार्ब शुगर शरीर में आसानी से पच जाता है और ग्लूकोज को रक्तप्रवाह में बहुत तेजी से छोड़ता या रिलीज करता है। इसके परिणामस्वरूप अचानक शुगर बढ़ जाती है जिसे सडन शुगर स्पाइक्स कहा जाता है। हालांकि यह कम कैलोरी वाली चीनी है, लेकिन इसका प्रभाव सफेद चीनी जितना ही हानिकारक होता है।
हृदय की समस्याएं
मधुमेह रोगियों में शर्करा का स्तर बढ़ने से दिल से जुड़ी विभिन्न स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं जैसे दिल की धड़कन बढ़ना, अनियमित दिल की धड़कन, बेचैनी, थकान, प्यास लगना आदि। इसलिए अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए मीठे से बचना काफी ज़रूरी है।
हड्डी के स्वास्थ्य पर प्रभाव
ब्राउन शुगर खाने का एक और दुष्प्रभाव यह है कि यह आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और उन्हें कमजोर कर सकता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की स्थितियों का कारण बन सकती है और हड्डियों के निर्माण या बनने को नुकसान पहुंचा सकती है।
सूजन या इंफ़्लेमेशन का कारण
अधिक चीनी का सेवन हमारे शरीर में सूजन या इंफ़्लेमेशन को बढ़ावा दे सकता है। सूजन या इंफ़्लेमेशन विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों या बीमारियों का कारण है। मीठा खाने से सूजन बढ़ सकती है, खासकर हड्डियों और जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बन सकती है। इसके साथ ही, यह लीवर को अधिक फैटी एसिड उत्पन्न करने के लिए भी प्रेरित करता है जो इंफ़्लेमेशन बढ़ाता है।
ब्राउन शुगर और हाइपोग्लाइसीमिया
आम तौर पर, सिम्पल शुगर या कार्ब वाला खाना जैसे कि ब्राउन शुगर, ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि और गिरावट का कारण बन सकते हैं, जो हाइपोग्लाइसीमिया वाले व्यक्तियों के लिए एक बड़ी समस्या हो सकती है। इसलिए, हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे चीनी का सेवन कम करें और संतुलित आहार पर ध्यान दें जिसमें जटिल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल हों। डायबिटीज में ब्राउन शुगर के सेवन में सावधानी रखें जिससे शुगर लेवल में बार-बार उतार-चढ़ाव ना आए।
साथ ही हाइपोग्लाइसीमिया के प्रबंधन के एक अच्छे डाइट प्लान का पालन करें और इसके लिए किसी अच्छे डॉक्टर या डाइटिशियन से मदद लें। समग्र स्वास्थ्य, जीवनशैली और चिकित्सा इतिहास जैसे कारकों के आधार पर हर व्यक्ति की जरूरतें अलग हो सकती है ऐसे में एक्सपर्ट आपको आपके स्वास्थ्य के आधार पर सही व आवश्यक राय देता है।
प्रीडायबिटीज़ और ब्राउन शुगर
यदि आपको प्रीडायबिटीज है, तो आपके लिए यह आवश्यक है कि आप अपने शुगर लेवल को प्रबंधित करने और टाइप 2 डायबिटीज को रोकने या देरी के लिए एक अच्छी डाइट का पालन करें। आप क्या खाते हैं यह आपके शुगर लेवल को बहुत प्रभावित करता है इसलिए वो खाएं जो आपको टाइप 2 डायबिटीज के विकास से बचाएं।
सभी शर्कराओं की तरह, डायबिटीज में ब्राउन शुगर का सेवन करने पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए, आमतौर पर प्रीडायबिटीज के रोगियों को ब्राउन शुगर जैसी अतिरिक्त शर्करा का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है। ज्यादा चीनी के सेवन से ब्लड शुगर में वृद्धि हो सकती है, जो इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिसटेन्स) और टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ने में योगदान कर सकती है।
ब्राउन शुगर का उपयोग करने के बजाय, प्रीडायबिटीज के रोगियों को संतुलित आहार अपनाने पर ध्यान देना चाहिए जिसमें जटिल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और लीन प्रोटीन वाले संपूर्ण खाद्य पदार्थ शामिल हों। ब्राउन शुगर के कुछ विकल्पों में सीमित मात्रा में कृत्रिम मिठास, या स्टीविया या मोंक फल जैसे प्राकृतिक मिठास का उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष
तो क्या शुगर में ब्राउन शुगर खा सकते हैं? इस ब्लॉग में हमने पढ़ा कि मधुमेह रोगियों के लिए ब्राउन शुगर एक प्रकार की चीनी है जिसका न्यूनतम या कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं है। ब्राउन शुगर में पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है जिसका स्वास्थ्य पर कोई अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए ब्राउन शुगर के लाभों को सामान्य चीनी से अलग नहीं हैं। शुगर में ब्राउन शुगर सफेद चीनी जितनी ही हानिकारक है। इसमें खनिज और विटामिन बहुत कम मात्रा में होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य में योगदान नहीं देते हैं। इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति उच्च फाइबर, लीन प्रोटीन, कम कार्ब, कम कैलोरी वाले भोजन, सब्जियां, नट्स, साबुत अनाज, स्वस्थ स्मूदी आदि जैसे स्वस्थ आहार को अपने खाने में शामिल करें। इसके अलावा, अपने शुगर लेवल को सही रखने के लिए मधुमेह रोगी एक स्वस्थ जीवन, पोषक तत्वों से भरपूर आहार, पर्याप्त व्यायाम, अच्छी नींद और तनावरहित जीवन जियें।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या ब्राउन शुगर स्वस्थ चीनी है?
क्या मैं मधुमेह में कोई चीनी खा सकता हूँ?
क्या गुड़ ब्राउन शुगर से बेहतर है?
क्या ब्राउन शुगर सफेद चीनी की तरह ही शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती है?
क्या मैं डायबिटीज में ब्राउन शुगर खा सकता हूँ?
लोग सोचते हैं कि ब्राउन शुगर मधुमेह के रोगियों को फायदा पहुंचाती है और सफेद चीनी की तुलना में यह एक स्वस्थ विकल्प है, जो सच नहीं है। डायबिटीज में ब्राउन शुगर आपके शरीर पर सफेद चीनी के समान ही प्रभाव डालती है। यह आपके शर्करा के स्तर को बढ़ाती है और शुगर स्पाइक का कारण बन सकती है। चूंकि बहुत से लोग मानते हैं कि ब्राउन शुगर में कुछ पोषक तत्व होते हैं, इसलिए यह मधुमेह के लिए सुरक्षित है, लेकिन इसके विपरीत, ब्राउन शुगर में पोषक तत्वों की मात्रा न के बराबर होती है। इसलिए उचित आहार और नियंत्रित शर्करा स्तर के साथ, कोई भी अपने आहार में मध्यम मात्रा में चीनी शामिल कर सकता है। हालाँकि, अधिक चीनी विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों जैसे हृदय की समस्याएं, फैटी लीवर, टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, उच्च शर्करा स्तर (हाई शुगर लेवल) आदि का खतरा बढ़ा सकती है।
क्या ब्राउन शुगर मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी है?
Disclaimer
The information included at this site is for educational purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional. Because of unique individual needs, the reader should consult their physician to determine the appropriateness of the information for the reader’s situation.