डायबिटीज किस उम्र में होता है, जानें बचाव के उपाय

Medically Reviewed By DR. ASHWINI SARODE CHANDRASHEKARA, MD Internal Medicine नवम्बर 27, 2023

डायबिटीज या शुगर को कभी बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था। लेकिन आज ये बीमारी जवानों और बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। यह बीमारी एक बार में अपना लक्षण नहीं दिखाती, बल्कि खराब लाइफस्टाइल और अन्य कारकों के चलते हमारे शरीर में धीरे-धीरे पनपती है और वक्त के साथ घातक हो जाती है। यानी डायबिटीज का इलाज आपने समय पर नहीं किया तो ये आपको धीरे-धीरे मौत के करीब पहुंचा देती है। दुनियाभर में आज डायबिटीज के करोड़ों मरीज हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 537 मिलियन यानी 53.7 करोड़ थी। सबसे बड़ी बात कि इन मरीजों की उम्र 20 से 79 साल के बीच थी। वहीं साल 2030 तक ये आंकड़ा 643 मिलियन होने का अनुमान है। जबकि 2045 तक ये आंकड़ा 78.3 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

इस ब्लॉग में हम किस उम्र के लोगों को डायबिटीज का सबसे अधिक खतरा होता है, उसको लेकर विस्तार से चर्चा करेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की रिपोर्ट क्या कहती है

डायबिटीज एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जो तब होती है जब हमारा अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या फिर जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। दरअसल इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। हाइपरग्लेसेमिया जिसे बढ़ा हुआ ब्लड ग्लूकोज या बढ़ा हुआ ब्लड शुगर भी कहा जाता है। यह अनियंत्रित डायबिटीज का एक सामान्य प्रभाव है और समय के साथ शरीर की कई प्रणालियों, खासतौर से नसों और ब्लड वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।

डब्लूएचओ(WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की कुल संख्या में से डायबिटीज से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 8.5 फीसदी थी। वहीं साल 2019 में प्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज से मरने वालों की कुल संख्या 15 लाख थी। वहीं उम्र की बात की जाय तो डायबिटीज के कारण होने वाली सभी मौतों में से 48 फीसदी मौतें 70 साल की कम उम्र वाले लोगों की हुईं। जबकि अन्य 4.60 लाख किडनी रोग से होने वाली मौतों में भी डायबिटीज का अहम रोल था।

डायबिटीज यूके की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में 40 साल से कम उम्र के डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या साल 2016-2017 में जहां 1.20 लाख थी। वहीं साल 2020-2021 में वो बढ़ कर 1.48 लाख हो गई है। यानी इसमें 23 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इन आंकडों से हम समझ सकते हैं कि डायबिटीज किस तरह हर उम्र के लोगों के लिए घातक है। अब ऐसे में ये जानना जरूरी है कि किन उम्र के लोगों में शुगर होने का अधिक जोखिम होता है।

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उम्र और डायबिटीज का खतरा:

डायबिटीज से जुड़े कई रिसर्च लगातार संकेत देते रहे हैं कि डायबिटीज का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन जेरियाट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में डायबिटीज या शुगर विकसित होने का खतरा काफी अधिक होता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर इंसुलिन को प्रोसेस करने में कम कुशल हो जाता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध और आखिरी में डायबिटीज हो जाता है।

मध्यम उम्र के लोगों में शुगर का खतरा

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, उसका शरीर पर भी असर दिखाई देने लगता है। कई मामलों में हमारी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, तो वहीं खराब लाइफस्टाइल व अन्य कारकों के चलते डायबिटीज जैसी बीमारी के चपेट में आ जाते हैं। आपको बता दें, कई रिसर्चों से यह मालूम चलता है कि एक उम्र के बीच बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज के शिकार या उनमें शुगर के लक्षण दिखाई देते हैं, वह है मध्यम आयु के लोग। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार 45 से 64 वर्ष की आयु बीच के व्यक्तियों को डायबिटीज होने का सबसे अधिक खतरा होता है। इस आयु वर्ग में 18 से 44 वर्ष की आयु वालों की तुलना में डायबिटीज होने की संभावना दोगुनी से भी अधिक होती है।

45 की उम्र के बाद शुगर होने के कारण

45 की उम्र के बाद शुगर होने के कारण

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी: बढ़ती उम्र के साथ हमारे इंसुलिन के प्रति शरीर की सेंसिटिविटी कम हो जाती है, जिससे कोशिकाओं के लिए ग्लूकोज को कुशलतापूर्वक अवशोषित करना कठिन हो जाता है।
  • खराब लाइफस्टाइल: अक्सर मध्यम आयु या उनसे बड़ी उम्र के लोग फिजिकल एक्टिविटी से दूरी बना लेते हैं। वहीं स्वस्थ्य खान-पान के तरफ ध्यान नहीं देते हैं। जिसके चलते अनियंत्रित रूप से वजन बढ़ने लगता है। जो इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान करते हैं।
  • फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में पहले किसी को डायबिटीज रहा होता है, तो यह डायबिटीज के खतरे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री रही होती है, तो इस स्थिति में शुगर विकसित होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
  • मेटाबोलिक बदलाव: उम्र बढ़ना हमारी चयापचय में बदलावों से जुड़ा है, जिसमें शरीर की संरचना में परिवर्तन और हार्मोनल उतार-चढ़ाव शामिल हैं। जिसके चलते ब्लड शुगर रेगुलेशन में उतार-चढ़ाव होता है।
  • उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं: हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं, जो बढ़ती उम्र में अधिक आम है। इन्हीं कारणों के चलते मध्यम आयु वर्ग व उनसे ऊपर वाले वर्गों में डायबिटीज होेने का जोखिम अधिक रहता है।

बढ़ती उम्र के साथ पेनक्रियाज की नसें और मांसपेशियां डैमेज होने लगती हैं। जिसके चलते शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है। यही कारण है कि हमारी उम्र बढ़ती है तो हमारे शरीर में मेटाबॉलिजम, शारीरिक संरचना और लाइफस्टाइल में बदलाव आते हैं। जिसके चलते वजन बढ़ना, फिजिकल एक्टिविटी कम होना और मांसपेशियों में होने वाले बदलाव के चलते इंसुलिन के उत्पादन में कमी होती है। यह सभी कारण बताते हैं कि 45-64 आयु के बीच के लोग बड़ी संख्या में डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं।

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शुगर के जोखिम को कम करने के उपाय

नियमित रूप से एक्सरसाइज करना स्वस्थ रहने का मूलमंत्र है। अगर आपकी उम्र 40 और उससे अधिक की है, तो आपको अपनी खान-पान के साथ नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेना चाहिए।

  • फिजिकली एक्टिव रहें: नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से आपका वजन कंट्रोल में रहता है। जिसके चलते इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मीडियम स्पीड वाली एक्सरसाइज करना शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • स्वस्थ भोजन खाने की आदतें: ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने के लिए संतुलित और पौष्टिक डाइट अपनाना महत्वपूर्ण है। प्रोसेस्ड भोजनों को और मीठे स्नैक्स का सेवन कम करके साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, फल और सब्जियों को खाने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
  • नियमित रूप से शुगर की जांच: ब्लड ग्लूकोज टेस्ट सहित नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। जिससे शुगर के विकसित होने की जानकारी पहले मिलने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे सही समय पर डायबिटीज संबंघी ट्रीटमेंट लेने में मदद मिलती है।
  • स्ट्रेस को कम करें: लंबे समय तक किसी भी तरह का तनाव लेने से इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे बचाव व उबरने के लिए तनाव कम करने वाली एक्टिविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। जैसे- ध्यान लगाना, योग करना, या वो स्वस्थ आदतें जिससे आपको खुशी और आराम मिलता हो।

साथ ही 40 की उम्र के वयस्कों पर किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि केवल 4,000 कदम चलने की तुलना में अगर 8,000 कदम या उससे अधिक चलते हैं तो किसी भी कारणों से मृत्यु होने का जोखिम 51% कम हो जाता है। इसके लिए रोजाना टहलना, बागवानी करना, अपने पालतू जानवरों को टहलाना और लिफ्ट के बजाय सीढ़ियां चढ़ना आपके लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।

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निष्कर्ष:

ऊपर की गई चर्चा से हम समझ सकते हैं कि उम्र और डायबिटीज का सीधा संबंध है। जो हमारी लाइफस्टाइल, फैमिली हिस्ट्री और उम्र के साथ शरीर में होने वाले बदलावों के चलते डायबिटीज विकसित होता है। हालांकि कई रिसर्चों से यह भी मालूम चलता है कि 18-44 वर्ष की आयु वाले लोग भी बड़ी संख्या में डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं लेकिन तुलनात्मक रूप से देखा जाय तो 45-64 साल की आयु वर्ग वाले लोगों में डायबिटीज होने की संभावना अधिक रहती है। समय रहते शुगर से बचाव के लिए डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है, वह आपकी पर्सनल समस्याओं और स्थितियों को देखते हुए उचित इलाज व सुजाव दे सकते हैं।Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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