शुगर मरीज व्रत में भावनात्मक चुनौतियों का सामना ऐसे करें

परिचय:  रोजा और नवरात्रि व्रत में भावनात्मक चुनौतियों का सामना करने के टिप्स.

भावनात्मक प्रभाव को समझें:  उपवास चिंता, निराशा या हाइपोग्लाइसीमिया के डर सहित कई तरह की भावनाओं को जगा सकता है। मानसिक स्वस्थ्य को बनाए रखने के लिए इन भावनाओं को पहचानना और उनका समाधान करना जरूरी है।

पहले से योजना बनाएं:  तनाव कम करने के लिए अपने उपवास कार्यक्रम और भोजन विकल्पों की पहले से योजना बनाएं। हेल्दी स्नैक्स और खाना तैयार करें जो स्थिर रक्त शर्करा के स्तर का समर्थन करते हैं।

समर्थन जुटाएं:  उन लोगों से जुड़ें जो शुगर के साथ उपवास की चुनौतियों को समझते हैं। प्रोत्साहन के लिए ऑनलाइन फ़ोरम, सहायता समूहों में शामिल हों या दोस्तों और परिवार से बात करें।

ध्यान का अभ्यास करें:  तनाव को प्रबंधित करने के लिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी सचेतनता तकनीकों को अपनाएं। वर्तमान क्षण में रहें और कृतज्ञता और सकारात्मकता पर ध्यान दें।

ब्लड शुगर की जांच करें:   खासकर उपवास के दौरान, नियमित रूप से ब्लड शुगर के स्तर की जांच करें। किसी भी उतार-चढ़ाव का ध्यान रखें और उसके अनुसार अपने उपवास की दिनचर्या को समायोजित करें।

लचीले रहें:  अपने शरीर की जरूरतों और प्रतिक्रिया के आधार पर अपने उपवास और भोजन योजनाओं के साथ लचीला रहें। यदि समायोजन की आवश्यकता है तो खुद पर बहुत सख्त न हों।

डॉक्टर की सलाह लें:  उपवास के दौरान आने वाली किसी भी चिंता या चुनौती पर अपने डॉक्टर से चर्चा करें ताकि उचित सलाह मिल सके।