शुगर के मरीजों के लिए मैदा क्यों अच्छा नहीं है?

हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स: मैदा में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है।

फाइबर की कमी: रिफाइंड होने के कारण, इसमें फाइबर की कमी होती है जो शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है।

प्रोसेस्ड आटा: मैदा अत्यधिक प्रोसेस्ड आटा होता है, जिससे साबुत अनाज में पाए जाने वाले पोषक तत्व निकल जाते हैं।

इंसुलिन प्रतिरोध: नियमित रूप से खाने से मैदा इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकता है।

कैलोरी: यह न्यूनतम पोषण मूल्य के साथ खाली कैलोरी प्रदान करता है।

वजन बढ़ना: ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि वजन बढ़ाने में योगदान कर सकती है, जो शुगर के मरीजों के लिए एक जोखिम भरा कारक है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ: मैदे का अत्यधिक सेवन शुगर के मरीजों और हृदय रोग सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है।