स्मोकिंग और शुगर: एक जोखिम भरा कॉम्बिनेशन

इंसुलिन रजिस्टेंस में वृद्धि: स्मोकिंग इंसुलिन रजिस्टेंस में योगदान कर सकता है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल बिगड़ सकता है।

हाई ब्लड शुगर लेवल: स्मोकिंग से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज मैनेजमेंट जटिल हो सकता है।

सर्कुलेशन में कमी: स्मोकिंग ब्लड फ्लो को बाधित करता है, जिससे डायबिटीज से जुड़ी सर्कुलेशन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

उच्च हृदय संबंधी जोखिम: डायबिटीज में स्मोक करने से हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है।

फेफड़ों की कार्यप्रणाली खराब हो जाती है: स्मोकिंग सांस लेने में समस्या पैदा कर सकता है। जिससे ओवरऑल हेल्थ प्रभावित हो सकता है।

घाव भरने में देरी: स्मोकिंग घाव भरने में बाधा डालता है, जो डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए एक चिंता का विषय है।

सामान्य स्वास्थ्य पर प्रभाव: स्मोकिंग डायबिटीज से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ा देता है, जिससे कई बीमारियों का बोझ बढ़ जाता है।