रमजान में हाइपोग्लाइसीमिया रिस्क को मैनेज करने के उपाय

हाइपोग्लाइसीमिया यानी लो ब्लड शुगर रोजा के दौरान लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पीए रहने से हो सकता है। जिसके चलते कमजोरी महसूस होना, चक्कर और पसीना आने लगता है।

रोजा रखने से पहले सावधानी बरतें:  जटिल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर संतुलित सहरी लें। अत्यधिक मीठा या तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें जिनसे शुगर बढ़-घट सकता है।

रोजा की प्लानिंग:  इफ्तार और सहरी के बीच खूब पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में तेजी से काम करने वाले कार्बोहाइड्रेट जैसे खजूर, ग्लूकोज की गोलियां या फलों का जूस पास रखें।

ध्यानपूर्वक रोजा खोलें:  कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, लीन प्रोटीन और सब्जियों से युक्त संतुलित भोजन के साथ रोजा खोलें। ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए मीठे से बचें।

लक्षणों की निगरानी करें:  नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें, खासकर यदि हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों का अनुभव हो। जब बात खुद से न संभले तो डॉक्टर से संपर्क करें।

जागरूक रहें:  रमजान के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया के संकेतों और जोखिमों के बारे में परिवार के सदस्यों, दोस्तों और आसपास के लोगों को जागरूक करें।

डॉक्टर से सलाह लें:  रोजा रखने से पहले किसी डॉक्टर या डायबिटीज एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें, वह आपकी स्थिति के अनुसार उचित सलाह देंगे।

इन सावधानियों और प्लानिंग को फॉलो करने से आपको हाइपोग्लाइसीमिया से बचाव में मदद मिलेगी।